Chhoti Sister Ko Chod Kar Aurat Bana Diya Uncle Ne
Hindi Sex Story दोस्तों हमारा घर एक बहुत सुंदर शहर में है जहाँ हमें किसी भी बात की कोई कमी नहीं है, इसलिए हमारे दिन बड़े मज़े से हंसी ख़ुशी से निकल रहे थे, हम सभी एक मध्यमवर्गीय परिवार से है और हमारा घर छोटा था जिसमें सिर्फ तीन कमरे ही थे, लेकिन वो हमारे लिए बहुत था. Chhoti Sister Ko Chod Kar Aurat Bana Diya Uncle Ne.
मेरे पापा और मम्मी दोनों ही नौकरी करते थे और हमारा पांच लोगों का परिवार है, जिसमें मेरी मम्मी, पापा, में और मेरी छोटी बहनें, एक का नाम दामिनी और दूसरी का नाम रजनी है, मेरी बहन दामिनी की उम्र 21 साल है और रजनी अभी 18 साल की है.
दोस्तों हमारे घर में पांच बराबर के लोग होने की वजह से अब मेरे पापा मम्मी की कमाई भी कम पड़ने लगी थी और इसलिए हम सभी की मर्जी से हम लोगों ने हमारा एक कमरा किराए पर दे रखा था. हमारे उस कमरे में तब एक अंकल जिनकी उम्र करीब 34 साल थी.
वो बिल्कुल अकेले ही रहते थे और वो एक प्राइवेट बैंक में नौकरी किया करते थे. उनका अच्छा हंसमुख मिलनसार व्यहवार देखकर उनके हमारे घर वालों से कुछ दिनों में ही बहुत अच्छे संबंध बन चुके थे और हमेशा ही मेरी मम्मी उनके लिए भी खाना बनाकर कभी मेरे हाथ से तो कभी मेरी बहन के हाथ से उनके पास भिजवा देती थी, जिसका भी हमें किराए के साथ साथ पैसा मिलता था.
एक बार अचानक से गाँव में मेरी दादी की तबीयत कुछ ज्यादा ही खराब हो गयी जिसकी वजह से तुरंत ही मेरे पापा, मम्मी को हमारे गाँव जाना पड़ा. वो लोग उसी दिन सुबह करीब दस बजे हमारे घर से गाँव के लिए निकल गए और जाने से पहले मेरी माँ हम सभी के लिए पहले से ही पूरे दिन का खाना बनाकर गई थी, इसलिए हम सभी ने साथ में बैठकर खाना खाया और कुछ देर हम आराम करने लगे, क्योंकि अब हम भाई बहन ही अकेले घर में रह गये थे.
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फिर शाम को में करीब पांच बजे के बाद सोकर उठा और मेरी बहन ने मुझे चाय बनाकर दी और उसके बाद मेरी बहन दामिनी ने खाना बनाया और फिर वो रजनी से बोली कि जा जल्दी से यह खाना अंकल को देकर आजा. फिर मेरी बहन रजनी अपने साथ खाना लेकर हमारे किराएदार अंकल को देने चली गयी और उसके जाने के बाद हम दोनों भाई बहन टीवी देखते रहे.
करीब तीस मिनट के बाद मेरी बहन रजनी खाना देकर आई और तब मैंने उससे पूछा कि तुमने इतनी देर क्यों लगा दी? तुम क्या कर रही थी? तो वो कहने लगी कि अंकल मुझसे मेरे स्कूल के बारे में कुछ बातें पूछने लगे थे, इसलिए मुझे उनसे बातें करते हुए समय का पता ही नहीं चला और में अब वहां से सीधी दौड़कर आ रही हूँ.
फिर मैंने उससे कहा कि चल अब ठीक है हाथ धोकर आओ हमे खाना भी खाना है. फिर हमने एक साथ में बैठकर खाना खाया और उसके बाद हम कुछ इधर उधर की बातें करने के बाद ना जाने कब हम सो गये, लेकिन कुछ देर बाद में उठ गया.
उस समय वो दोनों अपने कमरे में थी और में अपने पापा, मम्मी के कमरे में सोने आ गया, क्योंकि मुझे बहुत दिन के बाद उस दिन मुठ मारने का मौका मिला था, जिसका मुझे पूरा पूरा फायदा उठाना था, इसलिए में मन ही मन बहुत खुश होने के साथ साथ रोमांचित भी था और फिर मैंने तुरंत ही अंदर से कमरे को ठीक तरह से बंद कर लिया और उसके बाद मैंने अपना पज़ामा उतार दिया उसके बाद में बड़े आराम से बेड पर बैठकर अपने लंड को एक हाथ में लेकर हिलाने लगा था, लेकिन वो एकदम सूखा पड़ा था इसलिए मुझे इतना मज़ा नहीं आ रहा था और उस समय में पूरा नंगा था.
अब मुझे उसी समय अपने मन में एक बहुत ही मस्त विचार आ गया, जिसकी वजह से मेरा लंड भी ख़ुशी से झूमने लगा था और फिर मैंने धीरे से अपने कमरे के दरवाजा खोला और में वैसे ही पूरा नंगा कमरे से बाहर निकल आया और में सीधा बाथरूम में घुस गया. मैंने देखा कि वहाँ पर दामिनी की पेंटी और ब्रा रखी हुई थी जिसको देखकर मेरी ख़ुशी पहले से ज्यादा बढ़ गई.
अब मैंने तुरंत उसकी पेंटी को उठाया और में सूंघने लगा. उसको सूंघते ही मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया उसकी सुगंध से मुझे मदहोशी सी छाने लगी थी इसलिए मेरा लंड अब पहले से भी ज्यादा जोश में आ गया और मैंने बिना देर किए दामिनी की पेंटी को पहन लिया. वो एकदम पतली सी पेंटी होने की वजह मेरा लंड उसकी पेंटी को ऊपर उठाए हुए था, जिसकी वजह से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और उसके बाद में बाथरूम से बाहर निकलकर सीधा अपनी बहन के कमरे की तरफ बढ़ गया.
मैंने देखा कि कमरे का दरवाजा उस समय खुला हुआ है और अंदर झांककर देखने पर मुझे पता चला कि मेरी बहन रजनी वहाँ पर नहीं थी और उसका बिस्तर खाली था.
यह देखकर में बड़ा चकित होकर मन ही मन में सोचने लगा कि यह इतनी रात को अपने बिस्तर से उठकर कहाँ गई? यह बातें सोचकर अब मुझे कुछ उसके ऊपर शक हुआ और में अब सीधा बिना कुछ सोचे समझे अपने उस अंकल के कमरे की तरफ बढ़ गया, लेकिन तभी मुझे कुछ आवाज़ आने लगी और उसी समय में तुरंत ही पीछे की तरफ वाली खिड़की से अंदर देखने लगा तो उसके बाद मैंने जो सब कुछ देखा, उसको देखकर मेरी आखें फटी की फटी रह गई. में एकदम चकित था, क्योंकि मैंने देखा कि मेरी छोटी बहन रजनी उस समय कमरे के अंदर ही थी और वो अंकल के साथ बेड पर लेटी हुई उनसे लिपट रही थी और अंकल उसके होंठ चूस रहे थे.
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अब यह सब सेक्सी द्रश्य देखकर मेरा लंड फाड़फड़ाने लगा और उन लोगों ने एक शॉल ओढ़ी हुई थी.
फिर अंकल ने उससे कहा कि मेरी रानी आजा मेरे पास, में तुझे आज लड़की से एक औरत बना देता हूँ और तेरी इस प्यासी जवानी का असली मज़ा तू मुझे एक बार लेने दे, देख उसके बाद में तुझे कितने मज़े देता हूँ. तू सारी दुनिया को भूल जाएगी, बस तुझे हमेशा मेरी ही याद आएगी और इतना कहकर उन्होंने अपना वो शॉल हटा लिया और फिर उसके नीचे का द्रश्य देखकर तो मेरे होश ही बिल्कुल उड़ गये!
क्योंकि मेरी छोटी बहन रजनी की सलवार उस समय उसके घुटनों से नीचे सरकी हुई थी और उसका वो कुर्ता भी उसकी ब्रा के ऊपर तक चढ़ा हुआ था, जिसकी वजह से मुझे उसकी काली रंग की पेंटी और लाल कलर की ब्रा मुझे साफ नजर आ रही थी. अब अंकल उससे बोले कि चल अब तू जल्दी से अपने कपड़े उतार दे रंडी साली और मेरे साथ अपनी चुदाई के असली मज़े ले, इसके बाद तू पूरी दुनिया को हमेशा के लिए भूल जाएगी. बस तुझे इसके अलावा कोई काम करना अच्छा नहीं लगेगा और तू हमेशा ही मेरे पास अपनी चुदाई के लिए बार बार आकर मुझसे तेरी चुदाई करने के लिए आग्रह किया करेगी.
दोस्तों मुझे ध्यान से देखने पर लगा कि जैसे रजनी उस समय कुछ डरी हुई थी, क्योंकि उसके चेहरे से मुझे उसके मन की कुछ बातें समझ में आ रही थी और मुझे लगा कि अंकल उसको उस समय डरा धमकाकर उसके साथ सेक्स करना चाहते थे, लेकिन में उनके बीच का वो खेल बिना किसी रुकावट के देखना चाहता था.
में चाहता था कि अगर में उनके बीच में चला गया तो पूरा काम बिगड़ जाएगा, इसलिए जब मुझे उनके बीच में जाने की जरूरत महसूस होगी तब में जाऊंगा और तब तक में बस देखता हूँ और तभी उन्होंने रजनी को उठाकर खड़ा कर दिया, जिसकी वजह से रजनी की सलवार उसके पैरों तक आकर नीचे गिर गयी.
फिर मैंने देखा कि दूसरी तरफ अंकल ने भी बिना देर किए अपनी लुंगी को खोल दिया, जिसकी वजह से उनका सात इंच लंबा और तीन इंच मोटा लंड बाहर निकलकर अब वो मेरी कुँवारी बहन की चूत को अच्छी तरह से फाड़ने के लिए तनकर खड़ा हो चुका था और वो हल्के हल्के झटके भी लगातार दे रहा था. मेरी आखें उस इतने मोटे बलशाली लंड को पहली बार देखकर बड़ी चकित हो चुकी थी और मेरा मुहं भी फटा का फटा रह गया.
अब अंकल कहने लगे कि साली रंडी ऐसे क्या तू मेरे लंड को घूर घूरकर देखती है, चल अब तू जल्दी से आजा और तुरंत मेरी गोद में बैठ जा, तो यह बात सुनकर रजनी थोड़ा सा डरते हुए चुपचाप अंकल के पास आ गयी और वो उनकी गोद में बैठ गयी.
उस समय उसकी सलवार पूरी बाहर निकलकर नीचे जमीन पर पड़ी हुई थी. अब अंकल ने उसका कुर्ता उठाया और उसको भी उतार दिया, जिसकी वजह से अब मेरी बहन सिर्फ ब्रा और पेंटी में अंकल की गोद में बैठी हुई थी. तो मैंने देखा कि अब अंकल के दोनों हाथ रजनी के बूब्स को दबा सहला रहे थे और वो उसके होंठ भी चूस रहे थे.
कुछ देर बाद उन्होंने रजनी की ब्रा की डोरी को खोल दिया, जिसकी वजह से उसकी ब्रा तुरंत ही नीचे गिर गयी और उसके वो दोनों संतरे जैसे बूब्स बाहर निकलकर तन गए और खुली हवा में साँस लेने लगे थे. दोनों बूब्स की निप्पल एकदम तनकर खड़ी थी जैसे वो बहुत जोश में हो.
अब में उसके वो दोनों नंगे बूब्स को पहली बार देखकर बड़ा चकित होने के साथ साथ उत्साहित भी था इसलिए मेरा लंड भी अब वो द्रश्य देखकर फड़फड़ाने लगा और में भी बाहर खड़ा होकर अपने लंड को अपने एक हाथ से सहलाने हिलाने लगा था. “Chhoti Sister Ko Chod”
मैंने देखा कि अंकल ने एक बार फिर से रजनी की पेंटी को थोड़ा सा नीचे सरका दिया जिसकी वजह से रजनी थोड़ा सी घबरा गई उसकी घबराहट को समझकर अंकल ने उससे कहा कि चुपकर साली रंडी नहीं तो अभी तेरी इतनी चुदाई करूँगा कि तेरी चूत फट जाएगी और वो अंकल के मुहं से यह बात सुनकर एकदम से डर गयी. अब अंकल ने उसकी पेंटी को पूरा उतार दिया और फिर तुरंत उसके दोनों पैरों को पूरा फैला दिया, जिसकी वजह से अब मुझे रजनी की चूत एकदम साफ साफ नज़र आ रही थी, अंकल उठे और रजनी को बेड पर लेटा दिया इसके बाद वो उसके मुहं में अपना लंड देने लगे. वो कसमसाई तो अंकल उससे बोले कि साली रंडी अब तू ज्यादा नाटक मत कर, चल अब तू जल्दी से मेरे लंड को चूस ले.
मेरी बहन ने डर की वजह से उनका लंड अपने मुहं में डाल लिया और वो उसको चूसने लगी, अंकल उसके बालों को पीछे से पकड़कर रजनी के मुहं में धक्के मार रहे थे, थोड़ी देर बाद वो अकड़ने लगे और फिर उन्होंने अपना सारा वीर्य मेरी बहन के मुहं में डाल दिया रजनी को भी शायद अब यह सब उनके साथ करके मज़ा आने लगा था और वो उनका सारा वीर्य बड़े मज़े लेकर चूसती चाटती हुई पी गयी.
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उसके कुछ देर बाद वो दोनों बेड पर लेट गये और अंकल अब मेरी बहन के बूब्स से कुछ देर खेलते रहे और मेरी बहन रजनी भी उनका लंड हिला रही थी और उसका हाथ लंड के ऊपर नीचे लगातार हो रहा था, जिसकी वजह से कुछ ही देर में उनका लंड एक बार फिर से टाइट होकर तनकर खड़ा हो गया और उन दोनों को ऐसा करने में शायद बड़ा मज़ा आ रहा था.
अब अंकल ने बिना देर किए तुरंत ही रजनी को अपने सामने कुतिया बनाकर बेड पर बैठा दिया और वो उसके पीछे आकर उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगे. फिर कुछ देर बाद उन्होंने चूत के एकदम ठीक निशाने पर अपने लंड को रखकर रजनी की कमर को कसकर पकड़ा और एक ज़ोर का झटका दे दिया, जिसकी वजह से उनका लंड आधे से ज्यादा अंदर चला गया था.
रजनी अब उस दर्द की वजह से बड़ी ज़ोर से चीख उठी आईईईईइ माँ में मर गई मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज अब आप अपना लंड बाहर निकालो ऊऊईईईईइ आह्ह्ह्ह देखो मेरी चूत फट जाएगी मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है, प्लीज मुझ पर थोड़ा सा रहम करो देखो में इस दर्द से मर जाउंगी आह्ह्ह अब बहुत हुआ.
अंकल उसके बूब्स को मसलते सहलाते हुए कि बोले तू थोड़ा सा और अपने अंदर ले ले, उसके बाद तू अभी कुछ देर में बिल्कुल शांत हो जाएगी तेरा यह दर्द कम होकर तुझे असली मज़ा देने लगेगा और इतना कहकर थोड़ी देर के बाद अंकल ने एक बार फिर से उसको धक्के मारने शुरू किये, जिसकी वजह से मेरी बहन दर्द से मचलने लगी थी, लेकिन अंकल को उसके दर्द से कोई भी मतलब नहीं था उन्होंने एक बार फिर से दोबारा ज़ोर का झटका दिया, जिसकी वजह से उनका सात इंच का मोटा लंबा लंड अब पूरा का पूरा मेरी बहन की चूत में गहराइयों में समा गया और वो दर्द की वजह से चिल्लाने लगी और इधर बाहर खड़ा होकर में यह चुदाई का द्रश्य देखकर मुठ मारे जा रहा था. “Chhoti Sister Ko Chod”
फिर मैंने देखा कि अब अंकल ने रजनी को अपने धीरे धीरे धक्को से चोदना शुरू किया और अब रजनी भी मज़े से अपनी गांड उछाल उछालकर लंड का मज़े ले रही थी. उसका मज़ा देखकर अंकल ने अपने धक्को की रफ़्तार को पहले से भी अब ज्यादा तेज कर दिया था और अब हर एक धक्के के साथ रजनी चीख रही थी, उसके मुहं से ऊऊईईईई हाँ फाड़ दे साले कुत्ते फाड़ दे तू आज मेरी इस चूत को हाँ और ज़ोर से धक्के देकर चोद आज तू इसका हलवा बना दे, वाह मज़ा आ गया हाँ पूरा अंदर तक जाने दे, ऐसी मस्त मजेदार चुदाई का मुझे कब से इंतजार था, वाह तेरे लंड में बहुत दम मुझे लगता है, इसने मेरी चूत को कुछ धक्को में ही चुदाई का वो मज़ा दिया है, जिसके लिए मेरी यह चूत बनी है.
दोस्तों में अपनी बहन के मुहं से ऐसी गंदी गंदी बातें सुनकर पहले तो बड़ा चकित हुआ और अब मेरा लंड भी ज़ोर से फनफना रहा था और उसी समय मैंने ध्यान से देखा कि अब रजनी की चूत से पानी सा कुछ प्रदार्थ टपक रहा है और वो धीरे धीरे शांत होकर निढाल हो रही थी, जिसका मतलब साफ था कि उसने अपना पानी छोड़ दिया था, लेकिन अंकल तो अभी तक भी वैसे ही धक्के मेरी बहन को चोदने में लगे हुए थे और यह उनका धक्के देने का काम बस कुछ देर ही चला.
मैंने देखा कि अब एक तेज झटके के साथ अंकल ने रजनी को पकड़ लिया और वो उसके बाद उसकी पीठ पर झुक गये. तब में तुरंत समझ गया कि अंकल ने अपना वीर्य उस तेज धक्के के साथ मेरी बहन की चूत में छोड़ दिया है और अब मेरी प्यारी सी छोटी बहन अंकल के लंड का पानी पीकर लड़की से एक औरत बन चुकी है.
अब अंकल रजनी की पीठ पर वैसे ही कुछ देर तक लेटे रहे अंकल का लंड अब भी मेरी बहन की चूत में ही था और वो लंड डाले पड़े रहे और अब मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं गया और पहली बार मैंने भी अपनी बहन की मस्त चूत के नाम पर अपने लंड को तेज गति से हिलाते हुए अपना गाढ़ा सफेद गरम पानी छोड़ दिया वो सारा का सारा वीर्य मेरी बहन दामिनी की पेंटी में था, जिसको उस समय मैंने पहन रखी थी में तब भी वहीं पर खड़ा रहा और थोड़ी देर के बाद अंकल ने अपना लंड मेरी बहन की छोटी फटी हुई चूत से बाहर निकाला और उन्होंने अपने लंड को रजनी को चूसने के लिए बोला. “Chhoti Sister Ko Chod”
मैंने देखा कि अब मेरी बहन उसके लंड को अपने मुहं में लेकर किसी लोलीपोप की तरह चूस रही थी, जिसकी वजह से धीरे धीरे अंकल का लंड एक बार फिर से तन गया और उसी समय अंकल उसको बोले कि चल मेरी रानी आज में तेरी गांड को भी अपने लंड का दर्शन करवाकर इसके भी मज़े तुझे दे दूँ तू भी क्या याद रखेगी.
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रजनी कहने लगी कि नहीं अंकल गांड में तो आज रहने ही दो मुझे इससे भी ज्यादा दर्द होगा, इसलिए तुम मेरी चूत में ही दोबारा अपना यह लंड डालकर मुझे चाहो तो चोद दो. अब अंकल उससे बोले कि अरे इससे बस तुम्हे थोड़ा सा ही दर्द होगा, जिसको तू बड़े आराम से सह सकती है.
फिर इतना कहकर वो उठे और पास वाली टेबल से उन्होंने एक क्रीम बाहर निकाली और उसको उन्होंने अपने लंड पर लगा लिया. उसके बाद थोड़ा सा क्रीम अपनी उंगली में लेकर उन्होंने रजनी की गांड में भी लगा दिया जिसकी वजह से उन दोनों का लंड गांड एकदम चिकने हो चुके थे.
अंकल ने अपना लंड मेरी बहन की गांड के छेद पर रख दिया और एक धक्का मारा, जिसकी वजह से थोड़ा सा लंड मेरी बहन की गांड में अंदर घुस गया और यह देखकर मेरा लंड एक बार फिर से तनकर खड़ा हो गया, क्योंकि अंकल उधर मेरी बहन की गांड मार रहे थे और इधर मुझसे रहा नहीं गया तो में वापस दामिनी के कमरे में आ गया. मैंने देखा कि वो उस समय सो रही थी और उसने अपनी काली रंग की मेक्सी पहनी हुई थी. “Chhoti Sister Ko Chod”
मैंने दामिनी के ऊपर से शॉल को हल्का सा खींचा और फिर धीरे धीरे से मैंने पूरा ही शॉल हटा दिया और उसकी मेक्सी छोटी थी, इसलिए वो उसके घुटनों के ऊपर तक आ गयी थी. अब मैंने हिम्मत करके धीरे से उसकी मेक्सी को नीचे से पकड़ा और में उसको ऊपर सरकाने लगा. मेरी उस कोशिश की वजह से उसकी मेक्सी अब उसकी जाँघ तक ऊपर उठ चुकी थी, जिसकी वजह से अब मुझे उसकी सफेद रंग की पेंटी और उसकी भरी हुई गोरी गोरी जांघे भी साफ साफ दिखने लगी थी. मैंने उस समय देखा कि उसकी चूत फूली हुई थी, जिसका मतलब यह था कि दामिनी ने भी अपनी चूत को पहले से ही मरवा रखी थी.
मैंने उसके बूब्स को देखने के लिए उसकी मेक्सी को ऊपर से थोड़ा सा एक तरफ किया तब मुझे उसके बूब्स थोड़े थोड़े नजर आने लगे थे क्योंकि उसने उस समय ब्रा नहीं पहनी थी इसलिए मुझे थोड़ी मेहनत करने के बाद अब उसके बूब्स के निप्पल भी साफ नजर आने लगे थे और इतना सब देखकर मैंने हिम्मत करके उसके हाथ पर धीरे से अपना एक लंड रख दिया, लेकिन उसकी तरफ से मुझे तब भी कोई हलचल नहीं महसूस हुई और अब मैंने उसी समय उसके हाथ को पकड़कर अपना लंड सहलवाने लगा, वो अभी तक सोई पड़ी थी.
अब में उसके ऊपर झुका और मैंने अपने दोनों पैरों को उसके दोनों तरफ रखकर अपना लंड उसके मुहं के पास ले आया और फिर मैंने अपने लंड का गरम टोपा उसके नरम गुलाबी होंठो पर रख दिया. दोस्तों उसके होंठो को अपने लंड से छूने के बाद मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरा लंड उसकी रुई जैसी मुलायम गरम चूत में ही घुसा हो. मैंने वहीं पर बैठे बैठे मुठ मारना शुरू कर दिया और मुझे कुछ देर बाद लगा कि में अब झड़ ही जाऊंगा. “Chhoti Sister Ko Chod”
में तुरंत ही धीरे से उसके ऊपर से उठ गया और बेड के पास में खड़ा होकर मैंने अपने लंड को एक हाथ में लेकर हिलाकर अपना पूरा वीर्य उसके बेड पर गिरा दिया, जिसकी वजह से मेरे पूरे शरीर को शांति मिल गई मेरा लंड भी धीरे धीरे छोटा होकर मुरझाने लगा था वीर्य के बाहर निकलते ही उसका आकार छोटा होता चला गया. फिर मैंने उसकी मेक्सी से अपना लंड साफ कर लिया और उसके बाद में ठंडा होकर उसकी पेंटी को मैंने उतारकर चुपके से बाथरूम में रख दिया.
तभी अचानक मुझे रजनी के आने की आवाज़ आई और में तुरंत अपने कमरे के दरवाजे के पीछे से छुपकर अब देखने लगा तो देखा कि रजनी पूरी नंगी होकर आ बड़ी धीरे धीरे चलते हुए रही थी शायद कुछ देर पहले हुए उसकी दमदार चुदाई की वजह से उससे ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था और उसकी चाल बिल्कुल बदल चुकी थी, वो बहुत ही धीरे धीरे अपनी गांड को मटकाती हुई चल रही थी, शायद उसकी गांड, चूत दोनों में ही बड़ा दर्द था, लेकिन उसके चेहरे से मुझे उस चुदाई की वजह से बहुत ख़ुशी पूरी तरह से संतुष्टि भी साफ साफ नजर आ रही थी.
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वो मुझे किसी अनुभवी रंडी बाजारू औरत नजर आ रही थी में उन दोनों का वो रूप देखकर बड़ा चकित था क्योंकि में कभी सपनों में भी नहीं सोच सकता था कि चेहरे से इतनी मासूम मेरी दोनों बहने एक दिन मुझे अपना वो रूप दिखाएगी या वो दोनों ऐसी भी हो सकती है. दोस्तों यह थी मेरी देखी हुई अपनी बहन की सच्ची चुदाई की कहानी. “Chhoti Sister Ko Chod”