हरामी दोस्त जबरदस्ती पेलने लगा मेरी सेक्सी माँ को
Free Maa Ki Antarvasna Chudai, XXX Sexy Kahani, मेरा नाम गौरव है और में मुंबई से हूँ. मेरी उम्र 18 साल है और हम घर में तीन लोग है में मेरी माँ और मेरे पापा. मेरे पापा जिनका नाम संजय है, वो एक किसान है और हम लोग मुंबई में रहते है, लेकिन हमारा फार्म बहुत दूर एक गाँव में है, इसलिए मेरे पापा ज़्यादातर वहीं पर रहते है और घर पर में और मेरी माँ रहती है. हरामी दोस्त जबरदस्ती पेलने लगा मेरी सेक्सी माँ को.
मेरी माँ का नाम पायल है, उसकी उम्र 37 है और वो दिखने में बड़ी ही हॉट सेक्सी लगती है, लेकिन वो चेहरे से उम्र में थोड़ी छोटी दिखती है, उसकी लम्बाई 5.5 है और उनका फिगर देखकर तो किसी का भी लंड टाईट हो जाए. उनका फिगर 36-30-38 है और उनके 36 के बड़े बड़े बूब्स है और वो हमेशा साड़ी पहनती है, जिससे उनके बूब्स हमेशा एक तरफ से बड़े दिखते है और जब वो चलती है तो उसके बड़े बड़े कूल्हे हिलते है, क्योंकि उनके कूल्हे बहुत बड़े है और सभी लोग उनको पीछे से घूरते रहते है और उनकी मटकती हुई गांड के बहुत मज़े लेते है और हर कोई उनको चोदना चाहता है.
दोस्तों अब में अपनी कहानी पर आता हूँ और वो सच्ची घटना आप सभी सभी चाहने वालों को विस्तार से सुनाता हूँ, जिसमें मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त ने मेरे सामने मेरी माँ को चोदकर उसकी चुदाई के मज़े लिए और में बस देखता रहा और वो चोदता रहा.
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दोस्तों यह घटना करीब एक महीने पहले की है. में 12th क्लास में पड़ता हूँ और मेरी क्लास में मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है, जिसका नाम प्रकाश है और वो दिखने में बहुत हट्टा कट्टा है और हम दोनों कुछ समय पहले तक बहुत पक्के दोस्त थे और हमारे बीच बहुत बनती थी.
हम एक दूसरे के साथ बहुत अच्छी तरह से रहते और मज़े करते और घूमते फिरते थे, लेकिन एक दिन किसी बात को लेकर मेरा और उसका बहुत झगड़ा हुआ और उसने मुझे बहुत मारा, जिसकी वजह से मेरी नाक से खून निकलने लगा था. फिर जब में अपने घर पर गया तो मेरी माँ मुझे इस हालत में देखकर अचानक से बहुत परेशान हो गई और वो मुझसे बोली.
माँ : अरे गौरव यह क्या हुआ तुम्हारा क्या कोई एक्सिडेंट हो गया? देखो कितना खून निकल रहा है क्या हुआ?
में : नहीं माँ, मेरे साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है जैसा आप सोच रही हो, मुझे प्रकाश ने बहुत मारा, मेरा और उनका झगड़ा हो गया था.
माँ : तुम यह क्या बोल रहे हो? में जाकर उनसे बात करूँगी.
में : नहीं माँ, तुम मत जाना, वरना वो मुझे फिर से मारेगा.
माँ : देखो तुम्हारी नाक से कितना खून निकल रहा है और तुम मुझसे कह रहे हो कि में ना जाऊँ, में प्रकाश से जरुर बात करूँगी कि उसने तुम्हारे साथ ऐसा क्यों किया, तुम्हारी क्या गलती थी, जिसकी वजह से उसने तुम्हें इतना बेरहमी से मारा है.
फिर माँ मुझे पास ही के एक डॉक्टर के पास ले गई और उस डॉक्टर ने मेरा इलाज किया. फिर दूसरे ही दिन सुबह माँ प्रकाश के घर पर जाने वाली थी और वो सुबह मुझे उठाने आई. दोस्तों में तो उसे देखकर एकदम दंग रह गया, क्योंकि माँ ने उस समय काली और लाल रंग की डिजाईन वाली साड़ी पहन रखी थी और उनका वो ब्लाउज पीछे से इतना छोटा था कि उनकी गोरी गोरी नंगी पीठ साफ साफ दिख रही थी. उनके बूब्स एकदम तने हुए थे, जिसको देखकर हर किसी की नियत खराब हो जाए. फिर वो मेरे मना करने के बाद भी मुझसे कहकर चली गई.
माँ : गौरव में प्रकाश के घर जा रही हूँ, क्या तुम भी मेरे साथ चलोगे?
में : नहीं माँ कोई कहीं नहीं जाएगा, मुझे नहीं आना आपके साथ.
माँ : नहीं मैंने बोला ना उठना.
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माँ नहीं मानी और में भी तैयार हो गया और हम दोनों घर के बाहर निकले और जाने के लिए रिक्शा ढूँढने लगे और तब मैंने गौर किया कि सभी लोग मेरी माँ की गांड को देख रहे थे. उनके हिलते हुए कूल्हों पर सबकी नज़र थी. फिर हम ऑटो में बैठ गये और प्रकाश के घर चले गये और उस समय प्रकाश घर पर अकेला था, माँ ने बाहर से ही उसे आवाज़ लगाई.
माँ : प्रकाश कहाँ गया तू बाहर निकल.
फिर प्रकाश बाहर आ गया, उसने बनियान और पेंट पहनी हुई थी और उसकी नज़र मेरी माँ के ऊपर पड़ते ही वो तो बिल्कुल पागल ही हो गया और वो माँ को बहुत घूर रहा था, उसने इससे पहले कभी भी मेरी माँ को नहीं देखा था.
प्रकाश : हाँ क्या हुआ आंटी?
दोस्तों यह बात पूछते ही माँ ने उसे दो जोरदार थप्पड़ लगाए, जिसकी वजह से वो तो बिल्कुल पागल हो गया और अब वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगा.
प्रकाश : यह क्या कर रही हो आप, आपने मुझे क्यों मारा?
माँ : देख मेरे बेटे को कोई इस तरह किसी को मारता है, इसकी नाक से कल बहुत खून बह रहा था.
प्रकाश : आप पहले एक बार सोच लो मुझसे दुश्मनी अच्छी नहीं है.
दोस्तों अब वो मेरी माँ पर बहुत गुस्सा करने लगा और वो मेरी माँ से बोला.
प्रकाश : में इस दो थप्पड़ का बदला आपसे जरुर लेकर रहूँगा.
माँ : तू क्या मुझे धमकी दे रहा है, बुला बाहर कहाँ गये तेरे माता पिता, बुला उन्हें.
प्रकाश का गुस्सा देखकर में बहुत डर गया, इसलिए में अपनी माँ को वहां से वापस ले आया. अब मुझे घर पर भी बहुत डर लग रहा था कि प्रकाश मुझे वापस जरुर मारेगा, क्योंकि उसका गुस्सा बहुत खराब है और वो जो भी बात कहता है वो काम जरुर करता है.
फिर दूसरे दिन रविवार था और सुबह के 10 बजे थे, माँ ने घर पर उस समय बड़े गले की मेक्सी पहनी हुई थी और उसने अंदर काली कलर की ब्रा पहनी हुई थी और जिसकी वजह से उसके बड़े बड़े बूब्स बहुत टाईट लग रहे थे, तभी अचानक घंटी बजी और मैंने दरवाज़ा खोलकर देखा तो बाहर प्रकाश खड़ा हुआ था. उसने दरवाज़े पर ही मुझे ज़ोर की लात मारकर नीचे गिरा दिया और फिर उसने दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया, वो मुझे अब बहुत गंदी गंदी गालियाँ देने लगा था और में बहुत डर रहा था.
प्रकाश : साले मादरचोद बता मुझे तेरी वो रंडी माँ कहाँ है, आज तो में उसको बहुत मारूँगा और तुझे भी.
माँ : अरे यह सब क्या है गौरव क्या हुआ है तुम्हें? प्रकाश क्या तुमने मारा है गौरव को?
प्रकाश : साली भोसड़ी, आज तो में तुझे रुला रुलाकर मारूंगा और चोदूंगा भी.
दोस्तों प्रकाश बहुत गुस्से में था और उसने आज अपने मन में ठान ही लिया था, कि वो मेरी माँ से उसके थप्पड़ का बदला जरुर लेगा और वो मेरे साथ साथ आज उन्हें भी मारेगा.
माँ : तुम यह क्या बोल रहे हो बेशर्म हरामी?
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दोस्तों प्रकाश तो मेरी माँ को देखकर पागल ही हो रहा था. वो मेरी माँ के तने हुए बूब्स को लगातार गंदी गंदी नजरों से घूरता ही जा रहा था. वो मेरी माँ को खा जाने वाली नजरों से देख रहा था और मुझे उससे बहुत डर लग रहा था.
तभी उसने मुझे एक साईड में दोबारा धक्का देकर वो मेरी माँ पर टूट पड़ा और उसने तुरंत माँ को एक थप्पड़ मारकर नीचे ज़मीन पर गिरा दिया और वो अब उसके ऊपर लेट गया और वो मेरी माँ को अब मेरे ही सामने बहुत बेरहमी से चूमने लगा था, उसने एक ही जोरदार झटके से मेरी माँ की मेक्सी को फाड़कर निकाल दिया था, जिसकी वजह से अब मेरी माँ सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और मुझसे यह सब देखा नहीं जा रहा था. में प्रकाश को रोकने के लिए उसको पकड़कर दूर करने लगा, लेकिन उसकी ताक़त के सामने में कुछ भी नहीं कर सका और उसने मुझे एक मुक्का मार दिया.
अब वो माँ को और मुझे घसीटकर बेडरूम में ले गया, वहां पर उसने माँ को बेड पर फेंक दिया और मुझे पकड़कर सामने वाली कुर्सी पर बाँध दिया, जिसकी वजह से में अब बिल्कुल भी हिल नहीं पा रहा था. फिर वो माँ को बेड पर ले जाकर वो खुद उनके ऊपर लेट गया और वो अब माँ को बहुत बेरहमी से मारने लगा, लेकिन में कुछ भी नहीं कर सकता था. “हरामी दोस्त जबरदस्ती पेलने”
फिर उसने अपने कपड़े उतार दिए, वो सिर्फ़ अंडरवियर में था और उसका लंड इतना टाईट हो गया था कि उसकी अंडरवियर टेंट की तरह खड़ी हो गई थी और अब वो माँ के ऊपर कूद पड़ा और माँ ज़ोर ज़ोर से रोए जा रही थी.
माँ : प्लीज मुझे माफ़ कर दो, प्लीज मुझसे ग़लती हो गई थी, प्लीज तुम मेरे साथ ऐसा मत करो.
प्रकाश : नहीं भडवी तेरे जैसी चीज़ मुझे कहाँ मिलेगी.
अब उसने माँ की ब्रा का हुक खोलने की कोशिश की, लेकिन माँ उसे नहीं खोलने दे रही, तभी उसने ब्रा को एक जोरदार झटका देकर तुरंत फाड़ दिया, जिसकी वजह से अचानक से उनके दोनों बड़े आकार के बूब्स बाहर निकल आए.
दोस्तों जो मैंने उस समय देखा वो क्या मस्त नज़ारा था? मुझे बिल्कुल भी मालूम नहीं था कि मेरी माँ के इतने बड़े बड़े बूब्स होंगे, क्योंकि मैंने आज तक उन्हें कपड़ो के अंदर ही देखा था और बाहर से में आज पहली बार देख रहा था, मेरी आखें उन्हें देखकर बहुत चकित थी.
प्रकाश : वाह मेरी रंडी तेरे यह बड़े बड़े बूब्स तो आज मेरी जान ही ले लेंगे, में आज पहली बार इतने सुंदर बड़े आकार के मुलायम बूब्स देख रहा हूँ, वाह मज़ा आ गया.
फिर उसने ज़ोर से बूब्स को पकड़ा और मसलने लगा, वो बहुत बेरहमी से बूब्स को निचोड़ने लगा था, जिसकी वजह से दोनों बूब्स एकदम लाल हो गये थे और माँ रोते हुए उससे बोल रही थी.
माँ : हुउऊउ आहहह प्लीज अब तो मुझे छोड़ दो, आह्ह्ह अब मत करो, मेरे बूब्स में बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज छोड़ दो उनको आईईइ माँ मर गई.
दोस्तों लेकिन प्रकाश ने माँ की एक भी बात नहीं सुनी और उसने दबाकर मसलकर उनके बूब्स को पूरे लाल कर दिए थे. तभी कुछ देर बाद उसने बूब्स का पीछा छोड़ दिया और अब वो नीचे की तरफ बढ़ने लगा. और फिर उसने तुरंत मेरी माँ की पेंटी को उतार जिसकी वजह से मेरी माँ की चूत अब उसके ठीक सामने थी. और वो लगातार चूत को घूर घूरकर देख रहा था, उसकी नजर चूत से हटने को तैयार नहीं थी. और में भी अपनी माँ की चूत को देखकर चकित हो गया, क्योंकि वो एकदम साफ चमकती हुई और उभरी हुई थी, जिससे थोड़ा थोड़ा पानी बाहर आ रहा था.
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प्रकाश : अफ वाह क्या मजेदार है तेरी यह मुलायम चूत, आज देख में कैसे इसको चोद चोदकर इसका भोसड़ा बनाता हूँ, इसको चोदने में तो मुझे वाह मज़ा ही आ जाएगा, वाह क्या चूत है तेरी एकदम मस्त. “हरामी दोस्त जबरदस्ती पेलने”
दोस्तों अब वो माँ की चूत में उंगली डालकर शुरू हो गया, वो बहुत बेरहमी से ज़ोर ज़ोर से अपनी उंगली को चूत में अंदर बाहर कर रहा था और माँ उस दर्द से चीखते हुए करहाते हुए तड़पने लगी थी, लेकिन उसके ऊपर कोई भी असर नहीं था, वो तो अपनी मस्ती में मस्त था.
माँ : आहहह उफ्फ्फ्फ़ में मर गई नहीं प्लीज अब बस करो, मुझे माफ़ कर दो माफ़ कर दो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, आह्ह्ह अब में कभी भी ऐसा नहीं करूंगी, मुझे माफ़ कर दो.
दोस्तों प्रकाश उसकी कोई भी बात को ना सुनते हुए चूत को लगातार चाटता, चूसता जा रहा था और उंगली भी कर रहा था, माँ आह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह माँ मर गई कि आवाजे निकालती हुई अपनी चूत को उससे चटवा रही थी.
दोस्तों कुछ देर बाद मैंने गौर किया कि माँ का विरोध करना अब धीरे धीरे सिसकियों में बदल रहा था. वो अब शांत होती जा रही थी, शायद उनको अब अपनी चूत को उससे उसकी जीभ से चुदवाने में थोड़ा मज़ा आने लगा था. और वो मेरे वहां पर होने की वजह से थोड़ा सा नाटक उछलकूद कर रही थी, क्योंकि उसने मेरी माँ की चूत को बहुत जमकर जोश में आकर चूसा. जिसकी वजह से अब माँ भी गरम होने लगी थी.
फिर प्रकाश ने सही मौका देखकर अपनी अंडरवियर को उतार दिया तो माँ की आखें एकदम से बाहर आ गई थी, क्योंकि अंडरवियर से बाहर निकला वो लंड करीब 7 इंच बड़ा था, जिसको देखकर उनकी आखें फटी की फटी रह गई थी.
माँ : उफ्फ्फ्फ़ नहीं नहीं यह मुझसे नहीं होगा, यह तो बहुत लंबा मोटा है, मुझे इससे बहुत दर्द होगा, में इसको नहीं ले सकती, प्लीज छोड़ दो मुझे, में मर जाउंगी.
दोस्तों यह शब्द बोलकर वो तुरंत उठ गई और अपने दोनों नंगे बूब्स को हिला हिलाकर भागने लगी. लेकिन प्रकाश ने एकदम से उन्हें पकड़कर बेड पर बैठा दिया और फिर उसने अपना लंड मेरी माँ के मुहं के पास रख दिया और बोला.
प्रकाश : साली मादरचोद ले मुहं मे पूरा.
फिर उसने माँ की नाक बंद कर दी और माँ का मुहं खुलते ही उसने अपना पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से उनका सर पकड़कर हिला रहा था. और फिर मेरी तरफ प्रकाश ने देखा और बोला. “हरामी दोस्त जबरदस्ती पेलने”
प्रकाश : देख मादरचोद तेरी माँ आज कैसे मज़े से लंड चूस रही है, यह बहुत ज़्यादा समझदारी दिखा रही थी. आज इसका हाल बहुत बेहाल होगा भड़वे साले.
में : नहीं प्रकाश ऐसा मत करो, यह सब गलत है प्लीज अब मेरी माँ को छोड़ दो.
फिर वो नहीं माना. फिर लंड मुहं से बाहर निकाला और उसने माँ को उठाकर पटक दिया और वो उनके ऊपर चड़ गया. उसने बीच में आकर माँ की दोनों जांघो को कसकर पकड़ा और दूर कर दिया और अपने लंड को चूत के मुहं पर रख दिया. और एक ही जोरदार धक्का देते हुए उसने चूत में अपना 6 इंच का लंड पूरा ही अंदर डाल दिया. लंड गीली चूत को फाड़ता हुआ अंदर चला गया.
दोस्तों मेरी माँ बहुत दिनों से नहीं चुदी थी, इसलिए वो तो अचानक से हुए उस वार से कराह उठी और अब वो ज़ोर ज़ोर से चीख रही थी और पूरे रूम में उनकी आवाज सुनाई दे रही थी, वो लंड को बाहर निकालने की नाकाम कोशिश कर रही थी.
माँ : आह्ह्ह्हह हाए में मर गई प्लीज बाहर निकालो, आअहहहह उईईई माँ प्रकाश नहीं नहीं प्रकाश आहह्ह्ह में मर जाउंगी, प्लीज अब छोड़ दो मुझे आहहहह हटो दूर मुझसे ऊईईईइ.
दोस्तों वो अब प्रकाश का उछल उछलकर विरोध करने लगी थी, लेकिन प्रकाश बिना कुछ सुने ज़ोर ज़ोर से अपने लंड को उसकी चूत पर धक्के मारे जा रहा था. और उन्हें ऐसे ही चुदाई करते हुए पूरा आधा घंटा हो गया था. माँ शायद इस बीच झड़ जाने के बाद थोड़ी ढीली पड़ गई थी और वो अब उसके धक्को का मज़ा लेती हुई अपनी चूत को उससे चुदवा रही थी, मुझे वो बहुत संतुष्ट सी नजर आ रही थी, लेकिन प्रकाश का लंड अभी भी बिल्कुल टाईट था.
प्रकाश : आहहह चल भड़वी अब तू जल्दी से पीछे घूम जा.
दोस्तों यह बात कहकर उसने तुरंत माँ को उसी जगह पर उल्टा कर दिया और अब वो उनके बड़े बड़े कूल्हों पर लगातार थप्पड़ मारने लगा था. फिर माँ अब उसकी ऐसी हरकते देखकर समझ गई थी कि अब वो उनकी गांड को मारने वाला है. अब उनकी गांड भी उस मोटे लंड को लेने के लिए बिल्कुल तैयार उनके चेहरे से वो खुश नजर आ रही थी, लेकिन मेरे सामने वो मुझे दिखाने के लिए विरोध कर रही थी. “हरामी दोस्त जबरदस्ती पेलने”
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माँ : उह्ह्ह्ह अब मुझमें इतनी ताक़त नहीं है. में तुम्हारे इस जानवर जैसे हथियार को दोबारा अपने अंदर नहीं ले सकती, में मर जाउंगी प्लीज ऐसा मत करना, प्लीज मैंने आज तक कभी भी पीछे नहीं लिया है, अब बस करो.
प्रकाश : मेरी जान, अभी तो तेरी गांड की ठुकाई बाकी है.
फिर ऐसा कहकर उसने सीधा अपने लंड को गांड के मुहं पर रख दिया और एक जोरदार धक्का मार दिया, जिसकी वजह से लंड अंदर चला गया और माँ उस दर्द से एक बार फिर से तड़पने लगी और चिल्ला उठी.
माँ : उउईईईईइइ माँ में मर गई, नहीं प्लीज ऐसा मत करो में तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ, आहह हाआहह ओईईइ माँ.
दोस्तों प्रकाश अब बहुत ज़ोर ज़ोर से मेरी माँ की गांड को लगातार धक्के मारे जा रहा था. उसका लंड मुझे छेद से अंदर बाहर होता हुआ साफ साफ नजर आ रहा था. तभी कुछ देर बाद मैंने देखा कि लंड के अंदर बाहर होने के साथ साथ अब उनकी गांड से खून भी बाहर निकल रहा था. और अब माँ बेहोश सी होने लगी थी और वो करीब 20 मिनट तक बिना रुके गांड में लंड को धक्के मारे जा रहा था. “हरामी दोस्त जबरदस्ती पेलने”
फिर कुछ देर बाद माँ धीरे धीरे अपने होश में आई तो उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और अपना वीर्य उसने मेरी माँ के चेहरे पर निकाल दिया. उसके लंड से बहुत सारा लावा निकला और माँ चेहरे से पूरी रंडी की तरह लग रही थी, वो बिल्कुल संतुष्ट एकदम निढाल होकर पड़ी हुई थी. उसने अपना मोबाईल एक कोने में रखकर वो सब कुछ रिकॉर्ड कर लिया था.
प्रकाश : वाह भडवी मज़ा आ गया, अब तो तेरी वीडियो भी मेरे पास है, अब जब भी में तुम्हें बुलाऊँ तब तुम मुझे खुश करने चुपचाप आ जाना वरना में तुमको बदनाम कर दूँगा.
दोस्तों माँ रो रही थी और उनकी आखों से आंसू बाहर आ रहे थे, तभी प्रकाश उठकर मेरे पास आ गया.
प्रकाश : साले तेरी माँ मेरी रखेल है तू यह बात तेरे बाप को मत बोलना वरना वो तुझे बहुत मारेगा.
फिर उसने मुझे रस्सी खोलकर आजाद कर दिया और फिर मेरी माँ ने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए और प्रकाश भी कपड़े पहनकर अपने घर पर चला गया.
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