Village Incest Sex Kahani
मेरा नाम विजय है. मेरा गाँव मणिपुर में है जहाँ मेरी कामुक चाची और चाचा व उनका एक पुत्र रहता है और जब मैं 22 वर्ष का हुआ तो पहली बार गाँव देखने और भ्रमण करने की जिज्ञासा हुयी तो ग्रीष्मावकाश के समय मेने दिल्ली से मणिपुर प्रस्थान किया, सुबह 7 बजे मणिपुर बस स्टैंड पहुचने पर मैंने वहां से अपने गाँव के लिए लोकल बस पकड़ी और 9 बजे अपने गाँव पहुच गया. Village Incest Sex Kahani
हरे भरे घने जंगलों के बीच, स्वच्छ वातावरण के मध्य मेरा गाँव मुझे भा गया. सेक्सी मौसम, हरियाली, और प्रदूषण रहित गाँव देखकर मुझे यकीन नहीं हुआ कि मैं इसी दुनिया में हूँ. दिल्ली के गर्मी भरे, प्रदूषण से लबालब हुए मौसम की तुलना में गाँव का मौसम हजार गुना बेहतर था.
मैं अपने पुराने घर में पहुंचा जहाँ मेरी 38 वर्षीय चाची, माधुरी और 45 वर्षीय दिमाग से पागल चाचा, दिनू अपने 15 वर्षीय पुत्र, रितेश के साथ जीवनयापन कर रहे थे. गाँव में यह बात प्रचलित है कि जंगल में एक डायन रहती है उसने चाचा की ये दुर्दशा की है.
वैसे मेरी और चाची की व्हाटसएप पर बात होती रहती है, परंतु आज गाँव में सजीव देखने का अवसर मिला. मेरी चाची दूध की तरह एक गोरी चिट्टी व थोड़ा मोटी-सुडौल औरत है. गाँव की वेशभूषा उसके मादक शरीर पर काफी जच रही थी. चाची का काम-वासना के लिए तड़पता बदन और चेहरे पर चुदने की आकांक्षा स्पष्ट प्रतीत हो रही थी.
चाची की ऐसी हरी भरी जवानी में पागल चाचा ने एक प्रकार से चाची का चुदाई साथ छोड़ ही दिया था और अब चुदाई सुख से वंचित मेरी चाची का सहारा केवल गाजर, मूली, शलजम, लौकी, करेला, केला, बैंगन व अन्य प्रकार की सब्जियां व नाना प्रकार के फल ही रह गए थे. चाची के उभरे हुए सख्त उरोज तथा उसमे चमकते काले निप्पल, बड़ा गोरा पेट, मोटी गांड, व फूली हुयी झाँटों से भरी चूत उसकी सुंदरता और कामुक शरीर का भली भांति परिचय दे रहे थे व उसमें चार चांद लगा रहे थे.
चाची के लंबे घने काले बाल उसके नितम्बों को पूरी तरह से ढक रहे थे, बड़े बड़े होंठ, बड़ी बड़ी डब्बे जैसी आँखें ऐसी प्रतीत होती है कि किसी भी बूढ़े या नपुंसक का लण्ड भी हिचकोले खाने लगे. वहीँ दूसरी ओर पागल चाचा, जिसका नाम तो दिनू है परंतु चाची के जवानी भरे सुखी जीवन में दुःख भर दिया है.
सुबह से शाम तक कुर्सी पर बैठा रहता है, दिन-दुनिया का कुछ पता नहीं कि क्या चल रहा है. पागलों की तरह जंगल में देखते रहता है. चाची का बेटा रितेश स्कूल गया हुआ है जो दोपहर 2 बजे बाद ही घर आता है. मुझे चाचा के पागल होने की वजह को जानने की जिज्ञासा होने लगी. मैं इस चूतियापे भरी घटना के बारे में जानना चाहता था.
मस्त हिंदी सेक्स स्टोरी : जंगल में रंडी ने मेरे सेक्स का बुखार उतारा
मैं- चाची, मुझे जंगल में जाना है, देखना है कि वहां ऐसा क्या था कि चाचा पागल हो गया.
चाची- नहीं विजय, तू नहीं जा सकता, वहां कोई भी नहीं जाता है, और जो जाता है या तो वो कभी लौट कर नहीं आता या तेरे चाचा की तरह पागल हो जाता है.
मैं- ये सब अंधविश्वास है चाची, मैं एक दिन जाकर जरूर पता लगाऊंगा कि क्या राज़ है.
चाची- प्लीज विजय, मत जाना, तुझे मेरी कसम, अब तेरे सिवा मेरा इस दुनिया में और कौन है, तेरे चाचा तो अब मुर्दे के समान हैं, मेरी तो जिंदगी बर्बाद हो गयी, मैंने इन्हें मना भी किया था कि मत जाओ, मत जाओ, लेकिन यह नहीं माने.
मैं- अरे चाची, काहे घबराती हो, मैं चाचा के जैसे रात में थोड़े ही जाऊंगा, दिन मैं जाऊंगा. मैं हमेशा तेरे साथ रहूँगा, तुझे कभी नहीं छोड़ूंगा.
चाची- मेरा राजा भतीजा, कितना सुन्दर और बड़ा हो गया है तू, किसी की नजर न लगे तुझे.
(और फिर चाची मेरे सीने से लग जाती है और हम दोनों कुछ देर ऐसे ही एक दूसरे से चिपके रहते हैं, मेरी ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं था, मेरे बदन में अजीब सी सुरसुरी हो गयी, जिस वजह से मेरे लण्ड पर दबाव पड़ता है और वो चाची के बदन स्पर्श से खड़ा हो जाता है और चाची के पेट पर झटके मारता है और चाची को चुभने लगता है. जब चाची को मेरे लण्ड-दबाव का आभास होता है तो वो मुझ से अलग हो जाती है और शैतानी, कमीनेपन और कामुकता से भरी मुस्कान देती है, नाश्ता करने के बाद मैं चाची के कमरे में जाता हूं.) “Village Incest Sex Kahani”
चाची- और सुना भतीजे, दिल्ली में क्या चल रहा है.
मैं- बस चाची, आजकल तो टाइम पास हो रहा है, तेरी याद आती है दिल्ली में.
चाची- चल हट बदमाश, चाची से मजाक करता है.
मैं- मजाक नही है चाची, तेरी कसम, रात को सोते वक्त तेरी याद आती है दिल्ली में.
चाची- तभी व्हाट्सएप पर इतनी बातें करता था, है ना? और वो फोटो क्यों भेजी तूने, गन्दी वाली.
मैं- सॉरी चाची, वो किसी और को सेंड कर रहा था, गलती से तुझे हो गयी.
चाची- अरे फोटो से कोई दिक्कत नहीं थी, वो दरअसल रितेश ने देख ली थी, उस समय मोबाइल उसके पास था, तो उसे शक हो गया था.
मैं- ओह, सो सोरी चाची, माफ़ करदे.
चाची- चल कोई बात नहीं, हो जाता है, अब लड़का जवान भी तो हो गया, तुझे मेने अपनी शादी के वक्त देखा था भतीजे, जब तू 7 साल का था. और आज कितना बड़ा हो गया तू, गबरू सा. एक दम हीरो जैसा.
मैं- अब बड़ा तो होना ही है, वैसे आप भी काफी अच्छे और सुन्दर हो गए पहले से.
चाची- फिर मजाक शुरू, झूठा कहीं का.
मैं- चाची तेरी सौगंध. तू एक दम हीरोइन के जैसी लगती है.
चाची- हाये माँ, मेरी झूठी कसम ना खा रे भतीजे, खानी है तो चाचा की ही खा ले, कब तक पालूंगी इसे. छी ये तो बोझ ही बन गया मेरे ऊपर, मैं परेशान हो गयी सही में बहुत ज्यादा.
मैं- परेशान ना हो चाची, अब तेरा भतीजा आ गया है, सब कुछ ठीक हो जायेगा.
चाची- लेकिन तू तो कुछ दिनों के लिए आया है ना? फिर वापस दिल्ली चला जायेगा.
चुदाई की गरम देसी कहानी : अनुभवी रंडी की तरह लंड चूस रही आंटी
मैं- अगर यहाँ मेरा मन लग गया तो यहीं रहूँगा चाची, वैसे भी मेरा गाँव है ये और अगर मन नही लगा तो तुझे भी दिल्ली ले चलूंगा अपने साथ.
चाची- मैं कैसे जा सकती हूँ, तेरे चाचा जब तक हैं तब तक तो बिलकुल नहीं.
मैं- अरे चाचा को डायन के पास छोड़ दूंगा. तू चिंता मत कर.
चाची- और रितेश?
मैं- चाची वो यहीं गाँव की जमीन और घर को संभाल लेगा, जब उसकी पढ़ाई पूरी हो जायेगी तो हम उसे बुला लेंगे, और वैसे भी घर में कोई तो होना चाहिए.
चाची- हाँ ऐसा हो सकता है, लेकन पहले चाचा का देख कुछ, क्या करना है.
मैं- तू बिलकुल टेंशन मत ले चाची.
(मुझे आश्चर्य हुआ कि चाची इतनी जल्दी मान जायेगी, दरअसल चाची भी काफी परेशान हो गयी थी, अब उसे भी आजादी चाहिए थी, चाची इतने सालों से पिंजरे में कैद हुयी पंछी के समान थी जो खुले आसमा में उड़ने का भरपूर आनंद लेना चाहती थी, और वो मेरे सीने से लिपट गयी. मैने चाची के माथे में चुम दिया जिससे वो लज्जा गयी और उसका गोरा दमकता हुआ चेहरा शर्म से लाल हो गया.) “Village Incest Sex Kahani”
मैं- क्या हुआ चाची, चेहरा इतना लाल काहे हो गया?
चाची- इतने वर्षों बाद किसी ने चुम्बन दिया है भतीजे, तू मुझे ऐसे ही प्यार करते रहना, मैं प्यार की भूकी हूँ, मुझे धन दौलत नहीं चाहिए, बस प्यार चाहिए जो तेरे चाचा मुझे न दे सके.
मैं- मैं वादा करता हूँ चाची, ऐसे ही तुझे प्यार करता रहूंगा और किसी चीज़ की कमी नहीं होने दूंगा, हर समय तुझे खुश रखूँगा.
चाची- विजय अब तू बड़ा हो गया है, एक औरत की जरूरत क्या होती है? जिसका पति इतने सालों से बीमार हो, तुझे पता होना चाहिए. क्या तू वो सब कुछ मुझे दे पाएगा जो तेरे चाचा ने नही दिया?
मैं- हां चाची, सब कुछ दूंगा, जितना मुझ से हो सकेगा.
(इतने में रितेश स्कूल से आ जाता है और मुझे देखकर खुश हो जाता है)
रितेश- भाई नमस्ते, कैसा है?
मैं- भाई मैं तो मस्त हूँ, तू सुना.
फिर रितेश के साथ गप्पे शप्पे चलती है, रात होती है तो रितेश, मैं और चाची टाइम पास करने हेतु केरम खेलते हैं, चाची ने गुलाबी रंग की मखमली नाईटी पहनी है, जिसमे अंदर उसने ब्रा नहीं डाला है इसका पता उसके उरोजों में दमकते सख्त निप्पल बता हैं. चाची झुक कर शॉट मारती है तो उसके उरोजों की काली संकरी घाटी का वीभत्स नज़ारा देखकर मेरे पैजामे में मेरा दो कौड़ी का लण्ड झटके मारने लगता है.
केरम खेलते-खेलते बीच में मैं चाची को आँख मारता हूँ और अपने होंठो में किसी हवसी के जैसे जीभ फेरता हूँ, तो चाची सकपका जाती है और कमिनीपूर्ण मुस्कान देती है. आधा घंटा केरम खेलने के बाद और डिनर करने के पश्चात हम सोने की तैयारी करते हैं, रितेश अपने कमरे में गहरी नींद में सो जाता है, चाचा को मैं उठाकर बेड पर पटक देता हूँ.
चाची- तू हमारे साथ ही सो जा भतीजे.
मैं- लेकिन एक बेड पर हम तीनो कैसे आएंगे चाची?
चाची- अरे बाहर मच्छर बहुत हैं, फिर मत बोलना.
मैं- ठीक है चाची, चाचा बीच में ही सोयेगा या साइड में कर दूँ?
चाची- किनारे कर दे चाचा को, मैं बीच में सो जाती हूँ और तू मेरे बगल में लेट जा.
मस्तराम की गन्दी चुदाई की कहानी : Papa Ka Driver Meri Sexy Maa Ko Bhi Chalane Laga
फिर चाची कमरे की बत्ती बुझा देती है और हलकी बत्ती वाला बल्ब जला देती है, हम बिस्तर पर लेट जाते हैं. मेरा और चाची का चेहरा एक ही तरफ था, हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे, चाची के सांस लेने के साथ साथ उनके उरोज ऊपर नीचे हो रहे थे. “Village Incest Sex Kahani”
यह विहंगम दृश्य देखकर मेरे लोड़े ने हरकत करनी शुरू करदी और अपनी औकात में आ गया. ज्यादा जगह न होने की वजह से हम काफी चिपके हुए थे तो मेरा लण्ड खड़ा होकर सीधा चाची के पेट से टकराया और झटके के साथ साथ पेट को छूता हुआ आनंद ले रहा था.
चाची- उईईई माँ, ये क्या है?
मैं- सॉरी चाची, इसे पता नहीं क्या हो गया.
चाची- अच्छा जी, बहुत भोला बन रहा है, बता कैसे खड़ा हुआ ये और क्यों?
मैं- ये कभी कभी ऐसे ही खड़ा हो जाता है चाची.
चाची- तो बैठता कैसे है फिर?
मैं- मैं जब हिलाता हूँ तो बैठ जता है.
चाची- अच्छा जी, तो अभी हिलाएगा तू?
मैं- हाँ चाची, लेकिन बाथरूम में जाकर, तेरे सामने नहीं.
चाची- तुझे पता है जब तू 7 साल का था तो पूरे घर में नंगा ही घूमता था, मैंने तुझे नंगा देखा है विजय, चाची से कैसी शर्म, चल अपना पैजामा उतार.
मैं- लेकिन चाची, उस समय मैं छोटा था, अब बड़ा हो गया हूँ.
चाची- लेकिन वेकिन कुछ नहीं, चाची का आदेश है, उतार पैजामा.
मैं- ठीक है रानी साहिबा.
(और मैं अपना पैजामा उतार देता हूँ, मेरा खड़ा लण्ड झटके मारते हुए सीधा चाची को सलामी देने लगता है जिसे देखकर चाची का मुख आश्चर्य से खुला का खुला रह जाता है, मेरा विशालकाय शिश्न देखकर चाची घबरा जाती है.)
चाची- हाये दय्या, ये क्या सपोला है रे, कैसे पालता है तू इतने बड़े सपोले को विजय. हाये रे, इसे तो बिल में डालकर रखना चाहिए.
मैं- बिल में कैसे चाची?
चाची- अरे लल्लू, बेवकूफ लड़के, नेवले या सपोले के लिए एक बिल की जरुरत होती है, वैसे ही तेरे सपोले के लिए भी बिल चाहिए, और वो भी गहरा बिल.
मैं- तो ये बिल कहाँ मिलेगा चाची?
चाची- कितना भोला है भतीजे तू, बिल लड़की के पास होता है, लेकिन लड़की का बिल तेरे सपोले के लिए छोटा होगा इसलिए इसे किसी प्रौढ़ औरत का बिल चाहिए जहाँ यह आराम से रह सके और आ जा सके, समझा लल्लू राम?
मैं- तो आप भी तो औरत हो, आपके पास गहरा बिल है क्या?
चाची- हाये दय्या, मैं तो लड़की हूँ अभी, लेकिन फिर भी मेरा बिल काफी गहरा है.
मैं- तो दिखाओ ना चाची अपना बिल, प्लीज.
चाची- चाची का बिल देखेगा भतीजा? गहराई तो सपोले से नापनी होगी भतीजे.
मैं- तो उसमें क्या, नाप लूंगा वो भी.
हमारी ये सब अश्लील बातें दूसरी ओर लेटे पागल चाचा सुन रहे थे, तभी चाची ने अपनी नाईटी अपने पेट तक उठा दी और अपनी मनमोहक बालों से लबालब भरी हुई फुद्दी के दर्शन करवा दिए, हालाँकि चूत स्पष्ट दिख नही रही थी परंतु झाँटों को फाड़ते हुए चूत से झूलता हुआ चमड़ा साफ़ दिख रहा था.
मोटी मोटी मखमली गोरी जंघाएँ लोडा खड़ा कर देने वाली थी, जिसे देखकर शायद चाचा का लण्ड भी फूल गया था. अब मेरी आँखों के सामने चाची की झाँटों से छिपी हुई चूत पुकार रही थी- “विजय, भतीजे आओ, जल्दी आओ, और चाटो, जी भर कर रसपान करो, फाड़ डालो, चोद डालो, कच्चमर बना डालो, चटनी बना दो भतीजे”.
अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरीज : Bhabhi Ki Badi Chuchiya Matakti Gand Ne Aag Lagai
मैं- वाव चाची, इतनी बड़ी झाँटें, और चमड़ा, वाव.
चाची- भतीजे, असली सुरंग तो अंदर है, ये तो द्वार है मेरे लाल.
(मैं अपने कांपते हुए हाथों से झाँटों को हटाकर, चाची की चूत के चमड़े रूपी द्वार को दो उँगलियों से खोलता हूँ तो लाल रंग का गर्म हुयी भट्टी समान मांस चिपचिपे पानी से चमक रहा था, जिसे देखकर मैं दंग रह गया.)
चाची- भतीजे, अह्ह्ह्ह… पहले अपनी जीभ से गहराई नाप फिर सपोले को डालना और अपना बसेरा बना देना.
मैं- जो हुकुम मेरी रानी.
और आदेशानुसार मेने अपना मुख चाची की योनी के ऊपर रखा और जीभ चोदन प्रारंभ किया, चाची के गर्म लाल मांस के कारण मेरी जीभ भी बहुत गर्म हो गयी. मैं चाची की चूत को जीभ से रगड़ रगड़ कर चोदे जा रहा था.
चाची भी सिसकारियां भरने लगी और मेरी जीभ इतनी लंबी थी की चाची की बच्चादानी से स्पर्श हो रही थी और चाची भी पागल हुए जा रही थी. यह सब कुकर्म चाचा लेटे लेटे देखे जा रहे थे और उनकी आँखों में आंसू थे. “Village Incest Sex Kahani”
चाची- अह्ह्ह्हह्ह.. उम्ममम्मम्म.. भतीजे, ऐसे ही, अह्ह्ह्हह्ह.. उईईईई.. गयीईईई… मैं उहुहुहुहुहु.. मेरा राजा भतीजा.. मैं गाईय्य्य्य्य.. उर्रर्रर्रर्रर्र.. मैं झड़ने वाली हूँ मेरे लाल, अह्ह्हह्ह्ह्ह.. मैं एआईईईई.. चोद चोद भदद.. ययययययय..
(और कामुकता से भरी आहें भरते हुए, चारमोतकर्ष पर पहुँच कर चाची अपनी चूत से नमकीन पानी का फव्वारा मेरे मुह पर छोड़ देती है और मेरे मुह को कस कर अपनी चूत पर चिपका देती है.)
चाची- अह्ह्ह्हह्ह.. अह्ह्ह्हह्ह.. मेरे लाल उयीईईई.. हाय दय्या अह्ह्हह्ह्ह्ह.. क्या मस्त जीभचोदन करता है रे तू, गहराई नापी या नही?
मैं- चाची गहराई भली भांति नाप दी है, अब मेरा सपोला हिचकोले मार रहा है, उसे बेसब्री से बिल में घुसने का इंतज़ार है.
चाची- तो देर किस बात की मेरे राजा, आज ग्रह प्रवेश कर दे.
और माधुरी अपनी नाईटी अपने बदन से अलग कर देती है, और जीवन में पहली बार मेने चाची के गोरे बड़े विशालकाय स्तनों को देखा था और उन्हें देखकर मैं पागल हो गया. इतने गोरे, सुडौल बूब्स जिनमे सुर्ख काले रंग के खड़े निप्पल मेरे लण्ड की नसें फाड़ने को बेकाबू थे, मैं चाची के उरोजों पर झपट गया और निप्पल चूसने लगा और बूब्स कस कस कर दबाने लगा, चाची को भी मस्ती चढ़ गयी.
चाची- चूस चूस, मेरे भतीजे, अह्ह्हह्ह्ह्ह.. उयीईईई.. माँ अह्ह्हह्ह्ह्ह.. दूध पी जा पूरा हरामी..
मैं- अह्ह्ह्ह्ह्ह.. माधुरी, भेन की लॉड़ी, रंडी, इतने बड़े पहाड़ कहाँ छुपा कर रखे थे माँ की लॉड़ी?
चाची- अह्ह्ह्हह्ह.. गाली देता है हरआआआमी साले, उयीईईई.. रगड़ दिए आज तो तूने मेरे स्तन भेंचो.
मैं- अभी तो सपोला भी जायेगा अंदर साली.
चाची- तो जल्दी डाल मादरचोद, अह्ह्ह्ह.. बहस काहे कर रहा है लण्ड..
इतना सुनते ही मेने अपना लण्ड, चमड़े के अंदर फिट किया और जोरदार धक्का लगाकर चोदन क्रीड़ा आरम्भ करी और फिर शुरुआत हुई धक्के पर धक्के की, आक्रोश और ज्वाला से भरा मेरा सपोला अपनी ही चाची के बिल की यात्रा कर रहा था.
चाची भी एक धर्मपत्नी जैसा मेरा साथ दे रही थी, अपने दोनों पैरों को मेरी पीठ से बांधें, होठ से होठ मिलाये हुए, कामाग्नि में डूबी चाची मेरे बालों को खींचते हये चुदाई का आनंद ले रही थी. उसके हाथों की चूड़ियों की खनखनाहट और पैरों की पायल की धुन से मेरा जोश और भी ज्यादा बढ़ गया और मैने तेज़ तेज़ तीव्र गति में चूत में धक्के लगाने शुरू किये.
जिसके फलस्वरूप पूरा बेड हिलने लगा और चाचा तो जमीन पर गिर गया जिसकी हम दोनों कामाग्नि में डूबे चाची-भतीजे को कोई फ़िक्र नही थी. हम चरमोत्कर्ष पर थे और अब बस झड़ना चाहते थे. चाहे कोई भी विघ्न या बड़े संकट से क्यों न गुजरना पड़े, हमारी साँसे एक दूसरे से टकरा रही थी और हम आपस में बड़बड़ाये जा रहे थे. “Village Incest Sex Kahani”
कामुकता हिंदी सेक्स स्टोरी : Friend Ki Badi Sister Ka Skirt Utha Kar Chut Dekha 1
मैं- अह्ह्हह्ह्ह्ह.. चाची, मेरी जान, माधुरी, आज तेरी कोख भर दूंगा.
चाची- आह्ह्ह्ह.. भतीजे, मेरे लाल, मेरे राजा, ऊयीईईई.. गायिईईईई.. उम्ममम्मम्म.. झाड़ दे अपना माल मेरी बच्चादानी में, बना दे मुझे माँ, दे दे मुझे एक और औलाद मेरे स्वामी अह्ह्ह्हह्ह.. तेरा लण्ड अह्ह्ह्हह्ह.. मेरी बच्चा दानी से टकरा रहा है जान, हाय अह्ह्ह्ह.. मममम.. कितना बड़ा है तेरा, उफ्फ्फ्फ्फ.. उर्रर्रर्र..
मैं- अह्ह्ह्हह्ह….. माधुरी, मैं आया रांड, मैं आया मेरी जान, अह्ह्ह्ह्ह्ह.. मैं झड़ने वाला हूँ चाची, उयीईईई.. अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह..
चाची- मैं भी आई मेरे राजा, एक साथ झड़ेंगे मेरे लाल, अह्ह्हह्ह्ह्ह.. गायिईईईई.. मैं उम्म्ममम्म.. अंदर ही कोख भर दे मेरी मेरे स्वामी, अह्ह्ह्ह्ह्ह.. गयी मैं अह्ह्ह्ह्ह्ह..
चाची और मैं एक साथ दो जिस्म एक जान बनकर फारिक हो जाते हैं और चाची कामाग्नि में डूबकर बुरी तरह कांपने लगती है, मेरा वीर्य चाची की चूत के अंदर घनी घाटी में समा गया था, हम ऐसे ही नंगें एक दूसरे के ऊपर लेटेे एक दूसरे को किस किये जा रहे थे, और नंगे ही सो गए. जब सुबह उठे तो देखा कि चाचा जमीन पर गिरे हुए थे, और हम दोनो पागल चाचा को देखकर हंसने लगे.
करीब एक महीना गाँव में रहकर मेने चाची की खूब चुदाई करी, और एक रात मेने चुपके से चाचा को उसी जंगल में छोड़ दिया जहाँ डायन रहती थी उसके बाद चाचा का कहीं पता नहीं चला कि कहाँ गए, पुलिस में भी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई लेकिन पुलिस भी चाचा को ढूंढने में नाकाम रही.
करीब 1 साल बाद मैं चाची को अपने साथ शहर ले गया जहाँ चाची और मैने गुप्त विवाह कर लिया, चाची को मैने हीरोइन जैसे मॉडर्न बना दिया है, अब शहर के सभी आदमी चाची को देखकर मुठ मारते हैं. आजकल हमारे घर एक नन्ही परी ने जन्म लिया है, जो रितेश की सौतेली बहन है, उसका नाम हमने गुनगुन रखा है. लेकिन रितेश अभी कंफ्यूज है कि उसकी बहन का बाप कौन है? लेकिन जो भी हो, अब रितेश हमारे साथ ही रहता है और वक्त आने पर वो सब कुछ समझ जायेगा.
Sahil Kumar says
Hey grils bhabhi jo Mera sath enjoy Karna chati h to muje what’s app kre 7590091474
Raman deep says
कोई लड़की भाभी आंटी तलाकशुदा महिला जिसकी चूत प्यासी हो ओर मोटे लड से चुदवाना चाहती हो तो मुझे कॉल और व्हाट्सएप करे 7707981551 सिर्फ महिलाएं….लड़के कॉल ना करे
http://Wa.me/917707981551?text=Hiii
Rohit says
Maharashtra me kisi girl, bhabhi, aunty, badi ourat ya kisi vidhava ko maze karni ho to connect my whatsapp number 7058939556
Frankly Samar says
Koi chudasi hai to call karo
9984265948
Pradeep says
कोई लड़की भाभी आंटी तलाकशुदा महिला जिसकी चूत प्यासी हो ओर मोटे लड से चुदवाना चाहती हो तो मुझे कॉल और व्हाट्सएप करे 9717063053 सिर्फ महिलाएं….लड़के कॉल ना करे
Harish says
Delhi se koi girl bhabhi aunty mera land legi 9289047970