Black Magic Sex
मेरा नाम दीक्षा सिंह है, मैं 30 साल की विवाहित महिला हूँ और मैं उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। दिखने में तो मैं गोरी नारी और कामुक होने के साथ सुडौल और आकर्षित भी हूँ, मेरी कद 5’6″ हैं और मेरी फिगर 36–30–40 हैं। मेरे शादी को अब चार साल हो चुके हैं, लेकिन मेरे पति मुझे उन चार सालों में एक बार भी गर्भवती नहीं कर पाए। Black Magic Sex
उसके पीछे का कारण ये था, की मेरे पति ने अपनी पहली पत्नी पे ही सारा पानी छोड़ दिया था और मेरी चूत में उनका पानी एक भी बीज बो ना सका। मेरे ससुराल वालों ने मुझे काई ऋषि मुनियों के पास लेकर गए थे, लेकिन दोष मेरी कुंडली में नहीं था।
दोष था तो मेरे पति के कुंडली में, क्यों की मेरे पति ने अपनी पहली पत्नी को तलाक दे दिया था और वो भी इसलिए की वो ना बेटे दे सकी। शायद उसी औरत का शाप लगा था, तो मैं सोची की कहीं मेरे पति मुझे भी घर से ना निकल दे, इसीलिए मैं मेरी चाची से बात की।
तब मेरी चाची मुझे एक तांत्रिक के बारे में बताई, जिसके पास हर समस्या का समाधान होता है। तो मैं मेरे पति को बताई उस तांत्रिक के बारे में, तो मेरे पति ने भी मुझे कहा की, ”चलो देख लेते है उस तांत्रिक को भी।” तो मैं और मेरे पति अक्टूबर के महीने में गाँव गए थे, तो शाम में मैं, मेरे पति और चाची, उस तांत्रिक के पास गए थे।
उस तांत्रिक का सही उम्र तो कह नहीं सकती, लेकिन वो मुझे 50 साल का लग रहा था, लेकिन शारीरिक से वो 40–42 साल का लग रहा था। और उस तांत्रिक का कद काठी 6′ होगा और उसके घर के आस–पास कोई घर नहीं है, बस एक तालाब है, जिसमें उसके अलावा कोई और नहीं नहाता।
तो मेरे पति खैनी खाते है और वो उस तांत्रिक के चौखट लांघने वाले थे, की उस तांत्रिक ने मेरे पति से कहा,” खैनी बहार छोड़ कर आओ।”
तो मेरे पति चौंक गए, यहाँ तक की मैं भी, क्यों की मेरे पति खैनी अपने पॉकेट में रखे हुए थे जो सिर्फ मेरे पति को ही पता था।
तो मेरे पति चौंक गए और तांत्रिक को बोलने लगे,” वाह! बाबा आप तो सच में चमत्कारी लगते हैं।”
तो वो तांत्रिक मेरे पति से बोला की, “क्या समस्या है बच्चे जिसके लिए तुम यहाँ तक आए हो?”
तो मेरे पति बोलने लगे की,” बाबा!… हमे एक औलाद चाहिए, साल भर से कोशिश कर रहे है, कोई बेटा नहीं हुआ अब तक।”
तो उस तांत्रिक ने मेरे पति को पास बुलाए और फिर मेरे पति का हाँथ देखने लगे और उस तांत्रिक को कुछ समस्या दिखा। तो उस तांत्रिक ने मुझे और चाची को बहार जाने के लिए बोले और फिर उस तांत्रिक ने दरवाज़ा बंद कर दिया अंदर से करीब 20 मिनट के लिए।
20 मिनट के बाद मेरे पति बहार आये और मुझे अंदर जाने के लिए बोले और फिर से उस तांत्रिक ने दरवाज़ा बंद किया। और फिर उस तांत्रिक बाबा ने मुझ पर कुछ धुआँ सा छोड़ा और उसके बाद तो जैसे मेरी आँखों में अँधेरा सा छा गया था।
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लेकिन अचानक से मेरी आँखों में से वो अँधेरा चला गया और फिर उस तांत्रिक ने मुझे खड़े होने के लिए कहा। तो मैं खड़ी हो गई और तब उस तांत्रिक ने मुझे कहा की,” अब तुम्हें दशहरा तक, रोज़ रात में मुझे फल या मांसाहारी भोजन देने आना होगा।”
तो मैं सोचने लगी की, ये क्या बोल रहे है तांत्रिक जी, तो मैं पूछ ली की,” क्या मैं दिन में नहीं आ सकती?”
तो तांत्रिक मुझे बताने लगे की,” इस टोटका को लोगों के नज़रों से बचा कर करना होता है, जब कोई तुम्हें देखे नहीं, नहीं तो ये टोटका किसी काम का नहीं है।”
और तब मुझे ये बात थोड़ी अजीब लगी थी, लेकिन मैं सोची की अगर ऐसा करने से मुझे औलाद प्राप्त हो सकता है तो मैं करुँगी। फिर हम तांत्रिक के घर से अपने घर आ गए और तब रात भी हो चुकी थी, तो मैं और चाची रसोई में खाना बनाने गई थी।
और मेरे पति और चाचा जी दोनों बैठ कर शराब पि रहे थे, तो 30–35 मिनट के बाद खाना बन गया था और फिर हम खाना खाने बैठे। और फिर खाना खाने के बाद मैं और मेरे पति कमरे में गए, तब मेरे पति ने मुझे कहा की,” ज़रा क्रीम लगाना छोड़ कर मेरे पास आओ।”
तो मैं सोची की मेरे पति को रोमांस करने का मन कर रहा है तो मैं मुस्कुराते हुए अपने पति के पास गई, तब मेरे पति बिस्तर पर बैठे हुए थे। तो मैं मेरे पति के सामने खाड़ी थी तभी मेरे पति मेरी गदराई गांड को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर दबाने लगे।
और मुझे मेरे पति बोलने लगे की,” मुझे तुम्हारी बहुत याद आएगी मेरी जान।”
तो मैं पूछी की,” ऐसा क्यों बोल रहे है आप? कहीं जा तो नहीं रहे?”
तो मेरे पति मुझे बोले की,” अरे! तुम्हें तो पता है, मेरा काम कितना ज़रूरी है, लेकिन तुम मुझे याद करती रहो उसके लिए मैं कुछ लाया हूँ।”
और ये बोलते हुए मेरे पति ने मुझे अपने पैंट के पॉकेट से एक चांदी बेली चेन दिखाया और मैं हैरान थी की मेरे पति ने ये पहले क्यों नहीं दिया।
तो मेरे पति मुझे बोले की,” तनिक अपनी नाईटी तो ऊपर करो मेरी जान, मुझे ये बेली चेन पहनना है।”
तो मैं उस समय रोमांटिक मूड में थी, इसीलिए मैं मेरे पति के सामने अपनी नाईटी ऊपर उठा ली और बोली,” लीजिए पहना दीजिये मुझे।”
और फिर मेरे पति मेरी कमर पर वो बेली चेन पहनते हुए बोले,” उफ्फ्फ… तुम्हारी ये पतली कमर उउममहह… बहुत जल्द फूल जाएगी उउममहह…”
ये बोलते हुए मेरे पति मेरी नाभि को चूमे जा रहे थे और मैं ईईईसस… उउफफफ… करते हुए सिसक रही थी, जैसे तन में आग लगने लगी हो। और फिर मेरे पति मेरी कमर पकड़ कर मेरी नाभि चूमते चाटते हुए मेरी पेंटी को खींचते हुए नीचे उतार दिए।
और फिर मेरे पति अपने तौलिया को खोल दिए और नंगे हो गए और फिर वो वापस से बिस्तर पर बैठ गई और मुझे बोले,” देखो मेरी जान, कितना बौखलाया हुआ है।”
वैसे तो मेरे पति का लंड ज्यादा बड़ा नहीं है, लेकिन मुझे उनके खड़े लंड और बड़े टट्टों को देख बहुत मज़ा आता है।
तो मैं मेरे पति से बोली की,” उफ्फ्फ… सचमें मुझे भी आपकी बहुत याद आएगी, जानू!”
ये बोलते हुए मैं घुटनो पर आ गई और मेरी पति के जांघों को फैलाते हुए उनके बड़े टट्टों को सूंघते हुए, पति के लंड को अपनी मुँह में लेकर कर चूसने लगी।
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और मेरे पति मेरे मुख-मैथुन का मज़ा लेने लगे सिसकियाँ लेते हुए,” ईईईसस… उउफफफ… ईईईसस… आह! और चुसो मेरी जान ईईईसस…”
और मैं मेरे पति के लंड को पूरा मुँह में घुसा के चूसे जा रही थी और पति के लंड को अपनी लार से लथपथ किये जा रही थी। और मेरी पति मेरी बाल पकड़ कर नीचे से धक्के भी दे रहे थे, करीब 10 मिनट तक खूब चुसवाया पति ने अपने लंड को।
और फिर मेरे पति ने मेरी नाईटी के ऊपर उठाते हुए मुझे पूरी नंगी कर दिए और मुझे अपने लंड की सवारी करने के लिए बोले। तो मैं पति के गोद में बैठते हुए पति के लंड को अपनी चूत में घुसा ली और फिर उछलने लगी और मेरे पति मेरी गदराई गांड को पकड़ कर फैलाए हुए थे।
और साथ ही मेरी चूचियों को चाट रहे थे, जिससे मैं मदमस्त हो कर सिसक रही थी ईईईसस… अअआह… ईईईसस… आह… फिर मेरे पति मुझे रोके और मेरी चूचियों को चूसने लगे और मेरी गांड की दरार में हाँथ फेरते हुए मेरी गांड की छेद में ऊँगली करने लगे।
ईईईसस… उउउहह… मुझे तो मज़ा ही आ जाती है, जब भी मेरे पति मेरी चूचियों को चूसते हुए मेरी गांड की छेद में ऊँगली करते है तब। और फिर मेरे पति ने मुझे अपने सिने से लगते हुए लेट गए और फिर मेरी चूत में घुसे लंड को नीचे से धकेलने लगे।
और मेरे पति उस समय मेरी चूतड़ों को पूरा फैलाए हुए थे और अपने लंड को धकेलते हुए मुझे चोदे जा रहे थे। और मैं ईईईसस… उउउहह… ईईईसस… करते हुए सिसकते जा रही थी और मुझे पसीना भी आ रही थी और मुझे मज़ा आ रही थी।
मुझे मेरे पति से चुदवाने में इतना मज़ा आ रही थी कि, जब मेरे पति नीचे से धक्के देते थक गए थे, तब मैं उनके लंड सवारी करने लगी थी। और मेरे पति मेरी दोनों चूचियों को कस के पकड़ रखे थे और पूरा ज़ोर–ज़ोर से दबा रहे थे और मैं अअआह… ईईईसस… आह! करते हुए सिसकती जा रही थी। “Black Magic Sex”
तब मेरे पति ने मुझे दूसरे तरफ गिरा दिया और मुझे घोड़ी बना कर पहले तो मेरी गांड फैला कर मेरी गांड की छेद को खूब चाटने लगे। और मैं ईईईसस… उउफफफ… ईईईसस… करते हुए खूब मज़े लेकर सिसकती रही और फिर मेरे पति मेरे ऊपर चढ़ गए।
और फिर मेरी गांड की छेद में अपने लंड के टोपा को रगड़ते हुए पहले टुंपा को धकेले ईईईसस… अअआह… और फिर मेरी दोनों कन्धों पर हाँथ रख कर मेरी गांड चुदाई करने लगे, और तब मैं अअआह… आह!… आह!… करती जा रही थी।
क्यों की गांड में मुझे गांड में लेने में ज्यादा मज़ा आ रही थी और मैं मज़े से सिसक रही थी अअआह… अअआह… तब मेरे पति को भी मज़ा आ रहा था और वो मुझे बोलने लगे,” ईईईसस… आह!… आज तो मेरा पानी यहीं छोड़ दूंगा आह!…”
तो मैं मेरे पति से बोलने लगी,” अअआह… ईईईसस… आह!…पूरा भर दिज्ये उस छेद में आपका खट्टा पानी अअआह…” और तो मेरे पति इतने जोश में आ गए थे की, उन्होंने मेरे कन्धों में से हाँथ छोड़ा और मेरी बाल पकड़ लिए।
और फिर मेरी बाल को खींचते हुए पीछे से मेरी गांड की छेद को अपने लंड से ड्रिल करने लगे और मैं अअअईईई… अअआह… करते हुए सिसकती जा रही थी। मेरे पति मेरी गदराई गांड पूरा चोद–चोद के पूरी तरह से नष्ट कर देना चाहते थे ऐसा चोदन कर रहे थे और फिर मेरे पति 3–4 ज़ोर के झटके दिए।
और मेरे पति के गरम मुठ को मैं अपनी गांड की छेद में महसूस की और फिर मैं पूरी लेट गई और मेरे पति भी मेरे ऊपर लेट गए। उस रात मैं बहुत थक गई थी और गहरी नींद में सोइ थी, उसी दौरान मुझे बहुत अजीब सा सपना आया था और बहुत गंदा सपना भी था। “Black Magic Sex”
और पता है मैं उस सपने में उसी तांत्रिक को देखि और वो भी मेरे साथ संभोग करते हुए बहुत ही गंदे तरीके से चोद रहा था, वो तांत्रिक मुझे। फिर मैं चौंक कर जब आंख खोली तो देखि की सुबह के 4 बजे है और फिर मैं तारो ताज़ा होने गई और फिर रसोई में नाश्ता बनाने गई।
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लेकिन मैं अपने पति को उस सपने के बारे में नहीं बताई थी या यूँ कहूँ की मैं भूल गई थी और लोग कहते है की सुबह का सपना सच होता है. मैं मेरी चाची के साथ शाम में बाजार गई थी फल खरीदने और मुझे उस रात की चिंता हो रही थी, जिस रात मैं उस तांत्रिक के पास जाने वाली थी।
तो मैं मेरी चाची से बोली की,” चाची मुझे तो बहुत अजीब लग रही है उस तांत्रिक के पास रात में जाने के लिए।”
तो मेरी चाची मुझे बोली की,” अजीब तो लगेगा दीक्षा, लेकिन तू बस ये सोच की, तुझे एक बेटा चाहिए, वरना दामाद जी तुझे भी घर से निकल देंगे।”
तो मैं मेरी चाची से बोली की,” हाँ!… चाची तुम ठीक बोल रही हो, मैं कुछ ज्यादा ही सोच रही हूँ।”
और फिर हम घर आ गए, उसके बाद जैसे–जैसे सूरज की रोशनी कम होती जा रही थी, वैसे–वैसे मेरी बेचैनी बढ़ती जा रही थी। फिर शाम हुई और शाम से रात, मैं रात का खाना खाने के बाद अपने कमरे में चली गई थी और कुछ देर के लिए आंख बंद कर के लेटी हुई थी। “Black Magic Sex”
तभी मुझे वही सपना फिर से आया जो सुबह में आया था, जिसमें मैं उस तांत्रिक के बाहों में लिपटी हुई हूँ पूरी नंगी। और वो तांत्रिक मुझे चोद भी रहा था, मेरी बेचैनी इतनी बढ़ गई थी की, मैं अकबकाते हुए उठ गई और फिर मैं उठ कर समय देखि।
उस समय रात के 10:30 बजे थे और मैं सोचने लगी, वो क्या था? बहुत ही अजीब सा सपना था, फिर मैं उठ कर साड़ी पहनने लगी। और उसके बाद मैं रसोई में गई और थाली में केला, अंगूर और सेब लेकर उस तांत्रिक के घर के लिए रवाना हो गई।
उतनी रात में तो गाँव का कोई भी आदमी दिखाई नहीं दे रहा था, जो की बहुत अच्छी बात थी और मैं 20 मिनट के बाद पहुँच गई। और उस तांत्रिक के दरवाज़े पर दस्तक दी और फिर वो तांत्रिक दरवाज़ा खोला और वो मुझे अंदर आने के लिए बोला।
मैं अंदर आयी और फिर उस तांत्रिक ने दरवाज़ा बंद करते हुए मुझे बैठने के लिए कहा, और वो तांत्रिक एक अजीब सा धुआँ वाला अगरबत्ती जलाया। और उस तांत्रिक ने मुझे सुंघाया, पता नहीं किस चीज का अगरबत्ती था उसे सूंघते ही मुझे नाश सा छ गया था।
और तब उस तांत्रिक ने मेरे हांथों से फल वाली थाली लेते हुए कहा,” अब अपने सारे कपड़े मेरे सामने खोलो।”
मेरे मन में हज़ारों सवाल उठ रहे थे, जैसे; मैं क्यों खोलूं कपड़े? वो भी तुम्हारे सामने? लेकिन तब भी मैं अपनी साड़ी खोल रही थी और ब्लाउज। मैं अपनी साड़ी, ब्लाउज खोल कर ब्रा, पेटीकोट और अपनी पेंटी भी उतार दी और पूरी नंगी हो गई, जो की मैं होना नहीं चाहती थी। “Black Magic Sex”
जब मैं पूरी तरह नंगी हो गई थी, तब वो तांत्रिक केला और सेब खा रहा था और वो भी मुझे देखते हुए, बहुत अजीब लग रही थी। और फिर वो तांत्रिक केला और सेब खा कर खड़ा हुआ और मेरे पास आते हुए बोला,” अब मेरा तौलिया उतरो और मेरे लिंग राज को प्यार करो।”
तब मैं उस तांत्रिक से नशे की हालात में बोलने लगी,” क्या? मैं ऐसा क्यों करूँ? आप मुझसे क्या करवाना चाहते हैं?”
मैं ये बोलते जा रही थी और अपने घुटनो पर आ रही थी और मैं तांत्रिक के तौलिया को खोलने लगी थी और मैं तांत्रिक के तौलिया को खोल दी। तौलिया खोलते ही उस तांत्रिक का मोटा और भारी लंड मेरी मुँह के सामने आ गया, जिसे देख मैं बौखला कर मेरी मुँह खुल गई थी।
और उसी समय उस तांत्रिक ने अपना लंड पकड़ा और मेरी मुँह में अपना मोटा और भारी लंड घुसा और मेरी बाल पकड़ के चुसवाने लगा। उस समय वो तांत्रिक मुझे बोले जा रहा था,” ईईईसस… चूस मेरे लोवडे को, पूरा चूस–चूस के गिला कर दे।”
मैं चाह कर भी उस तांत्रिक के लंड को चूसना नहीं छोड़ रही थी और मैं चूसे जा रही थी, जैसे की मैं को चोकोबार चूस रही हूँ। 8–10 मिनट तक मैं उस तांत्रिक के लंड को चुस्ती रही और फिर उस तांत्रिक ने मेरी मुँह से अपना चिपचिपा लंड निकलते हुए लंड को ऊपर उठाया।
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और फिर उस तांत्रिक ने मुझे अपने भरी टट्टों को दिखते हुए बोला,” अब इन्हें भी चूस–चाट और गिला कर दे।”
तांत्रिक ये बोलते हुए मेरे चेहरे को अपने टट्टों से लगा कर रगड़ने लगा और मज़बूरन मुझे उस तांत्रिक के टट्टों को चूसना, चाटना पड़ा। बहुत शर्मनाक पल था वो मेरे लिए, क्यों की मैं किसी और के टट्टों को चूस रही थी और वो भी ऐसे जैसे कोई आम का गुठली हो। “Black Magic Sex”
और वो तांत्रिक मज़े से सिसक रहा था ये बोलते हुए की,” ईईईसस… अअआह… मस्त चुस्ती है रे तू, चुस्ती रह ईईईसस…।”
मैं लगभग मिनट तक खूब चुस्ती रही और फिर उस तांत्रिक ने मुझे एक गद्दा बिछाया हुआ था, तो उसने मुझे वहां लेटा दिया। और फिर वो तांत्रिक मेरी टांगों को फैलाते हुए मेरी झाटों वाली चूत को चाटने लगा अअअईईई… ईईईसस… उउफफफ…।
मैं तो पूरी बावरी होने लगी थी और उस तांत्रिक से नशे में बोलने लगी,” ईईईसस… नहीं–नहीं रुक जाइये ना अअआह!…
लेकिन वो बदमाश तांत्रिक मेरी एक भी ना सुना और मेरी दोनों टांगों को फैलाए हुए मेरी चूत के दाने को चूसे जा रहा था। और वो तांत्रिक मेरी चूत को चाट–चाट के अपने लार से गिला करता जा रहा था और मैं अअआह… उउउहह… ईईईसस… करते हुए सिसकती जा रही थी। “Black Magic Sex”
और फिर तांत्रिक मेरी चूत चाट कर घुटनो में आया और मेरी बाएं टांग को पकड़े हुए ऊपर उठाया और मेरी चूत में लंड रगड़ने लगा। ईईईसस… उउफफफ… उस तांत्रिक के उस हरकत से मैं पागल हुए जा रही थी और सिसक रही थी ईईईसस…।
और तभी उस तांत्रिक ने मेरी चूत में अपने लंड को धक्का देते हुए पूरा घुसा दिया अअआह… ईईईसस… और वो मुझे चोदने लगे। मैं अअअईईई… अअआह… ईईईसस… करते हुए सिसकती जा रही थी और तांत्रिक पुरे जोश के साथ मेरी चूत में लंड पेले जा रहे थे।
ऐसा लग रहा था की, मैं कोई चुदाई की गुड़िया हूँ और मैं सिर्फ इस्तेमाल होने के अलावा कुछ कर नहीं सकती, ईईईसस…ईईईसस… अअआह…। वो तांत्रिक मेरी एक टांग तो उठाया हुआ ही था और उसने दूसरा टांग भी उठा लिया और साथ में जोड़ के मेरी चूत में लंड धकेले जा रहा था।
और उसके घर के अंदर उस तांत्रिक के टट्टों के थपेड़े से थप थप थप की आवाज़ सुनाई दे रही थी और मेरी अअआह… ईईईसस… सिसकने की। फिर उस तांत्रिक ने मेरी चूत में लंड पेले हुए ही मेरी चूचियों को दबाने लगा और मैं आह!… आह!… ईईईसस… करते हुए सिसका रही थी। “Black Magic Sex”
एसा लग रहा था, जैसे की वो तांत्रिक मेरी चूचियों को पूरा निचोड़ देना चाहता था और तभी वो तांत्रिक मेरी दोनों टांगों को छोड़ा। और मेरे ऊपर चढ़ आया और अपने लंड को मेरी चूचियों के बिच रखते हुए पेलन शुरू कर दिया और मैं उस तांत्रिक को क्या ही बोलती।
लेकिन वो तांत्रिक मुझे बोलने लगा की,” ईईईसस… आह!… लड़का ही पैदा करवाना है न, उसके लिए तुझे भी पतुरिया की तरह मज़ा लेना होगा।
तो मैं उस तांत्रिक से बोलने लगी की,” क्या सचमें मुझे लड़का होगा? क्या मैं सचमें एक बेटे को जनम दे पाऊँगी?
तो उस तांत्रिक ने मुझे कहा की,” हाँ, देख मेरी काली ज़ुबान, मैं एक डॉम हूँ जिसे वरदान मिला है, मैं कुछ भी कर सकता हूँ, करवा सकता हूँ।”
और फिर वो तांत्रिक मेरे ऊपर से उठा और मुझे अपने गोद में बैठते हुए, मेरी चूत में अपने लंड को घुसा दिया। अअअईईई… ईईईसस… उउफफफ… और फिर मुझे उछलते हुए चुदवाने लगा और मेरी गांड पर थापड़ मारे जा रहा था।
जिससे मैं आह!… आह!… करते हुए दर्द में उछाल रही थी और उस तांत्रिक के गोद में अपनी गांड पटके जा रही थी और चूत में लंड अंदर–बहार हो रही थी। और फिर वो तांत्रिक मुझे देर तक उसी आसान में मेरी चूत चोदता रहा और फिर वो तांत्रिक मुझे चटाई पर लेटा दिया।
और मैं अपनी सर पकड़ कर बौराई जा रही थी, पता नहीं उस समय मुझे भी कुछ–कुछ होने लगी थी और मैं अपनी चूत को सहलाने लगी थी। तो वो तांत्रिक उठ कर अंगूर का गुच्छा लेकर आया और अपने लंड में लटका कर मेरे मुँह के पास लगा और मुझे खाने के लिए बोला।
और मैं अंगूर खाने लगी और साथ ही वो तांत्रिक मेरी मुँह में अपना लंड पेल देता था और मैं चूसने लग जाती थी, तो उस तांत्रिक को लगा की मैं जोशिया रही हूँ। तो उस तांत्रिक ने क्या किया की, कुछ अंगूर को उस तांत्रिक ने हाँथ मेरी लिया और मेरी चूत में मसल दिया।
मेरी चूत मीठे रास से पूरा गिला हो गया और तब वो तांत्रिक मेरे ऊपर चढ़ा 69 पोज़ में, जिसमें मैं नीचे थी और वो ऊपर था। मैं उस तांत्रिक के लंड को चूस रही थी और वो तांत्रिक मेरी चूत को ऐसे ही चूसा–चाटी देर तक चला, मैं तांत्रिक के लंड को चूस चूस के लतपत कर दी थी। “Black Magic Sex”
और तब तक उस तांत्रिक ने मुझे एक दम मस्त कर दिया था, लंड चुसवा–चुसवा के और फिर मुझे उस तांत्रिक ने घोड़ी बनाया। और मेरी चूत में ज़ोर–ज़ोर से ऊँगली करने लगे ईईईसस… अअआह… ईईईसस… ऐसा लग रहा था की, मेरी चूत से पानी निकल जाएगी।
और मैं सिसकते ही जा रही थी और बोले जा रही थी,” ईईईसस… अअआह… नहीं–नहीं रुक जाइये न अअआह…उफ्फ्फ…”
तो वो तांत्रिक मुझे बोलने लगा,” ईईईसस… चूत को पूरा गरम करने के बाद चोदन में जो मज़ा हैं ऊफ्फ… मज़ा आ जाएगा तुझे।”
और एक दम से वो तांत्रिक मेरी चूत की छेद में अपने लंड को सेट किये और पूरा लंड धकेल के ज़ालिम चोदन चोदना शुरू कर दिया। और मैं पूरी दर्द से बोलने लगी,” अअअईईई… अअआह… ईईईसस… मर गई रे अअआह… ईईईसस…”
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और वो तांत्रिक मेरी चूत पेलते समय मेरी गांड की छेद में ऊँगली किये जा रहा था जिससे मैं और ईईईसस… उउउहह… ईईईसस… सिसक रही थी। तांत्रिक ने मेरी चूत में लंड के ज़ोरदार शॉट लगाए जा रहा था, वो भी पुरे अंदर तक और मेरी हालात ख़राब कर दे रहा था। “Black Magic Sex”
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उस रात मैं बजे तांत्रिक के घर से गई थी और वो भी बड़ी मुश्किल से, क्यों की मैं सही से चल भी नहीं पा रही थी। लेकिन फिर भी मैं उस तांत्रिक के घर दशहरा तक जाती रही, हर रात वो तांत्रिक मुझे पेलता था और मेरी पेट में बीज छोड़ता था। और उसी तांत्रिक के वजह से आज मैं गर्भवती हुई हूँ और डॉक्टर ने पुष्टि की है कि बच्चा लड़का है।
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