Teen Girl Chudai Kahani
मेरा नाम अंशु है। ये कहानी तब की है जब मै बहुत छोटा था शायद पांचवी मे पढ़ता था। मेरे घर मे मै और मम्मी पापा रहते थे। मेरे बगल के घर मे ही एक परिवार रहता था जिसमे दिव्या और डॉली दो बहने और उसके मम्मी पापा रहते थे। Teen Girl Chudai Kahani
ये बात शायद 2005 की गर्मी की छुट्टी की है। मै इस बार नानी घर नही जा रहा था ना कोई मेरे घर आ रहा था। मै गर्मी के छुट्टियों मे बोर हो रहा था। दिव्या और डॉली भी बोर हो रही थीं हमारे मम्मी पापा दोनो जॉब करते हैं तो दिन भर हम अकेले ही रहते थे।
उस जमाने मे इंटरटेनमेंट के साधन भी कुछ नही हुआ करते थे बस टीवी देखो वो भी ब्लैक एंड व्हाइट और गर्मी के लू से एंटिना हिल जाता था अलग और बिजली किस चिड़ियां का नाम होता है वो तो छोटे शहरों वालो को पता ही होगा। दोनो के पैरेंट्स 9 बजे तक चले जाते और शाम 5 बजे या 7 बजे तक आते।
हम तीनो घर पर अकेले रहते कभी एक दुसरे के घर जाते कैरम या लुडो खेल हम बोर हो गए थे। हम कभी अपने खिलौनों की शादी करवाते कभी खुद घर घर खेलते। जब हम फैमिली वाला खेलते तो दिव्या मेरी मां बनती और डॉली मेरी बीबी।
हम सब कुछ करते पहले मै छोटा बच्चा बनता दिव्या गोद मे सिर रख सुलाती कभी सीने से लगा दूध पिलाती लेकीन कपड़ों के ऊपर से ही। फिर हम बड़े बनते स्कूल जाते फिर डॉली से मेरी शादी होती। कभी कभी मै और डॉली पति पत्नी होते थे तो गाल पर चूम लिया करते। हम ये खेल काफ़ी एन्जॉय करते।
मै और डॉली 10 या 11 साल के थे एक ही स्कूल और एक ही क्लास मे पढ़ते थे हमे पता नही था हम क्या कर रहे हैं लेकीन दिव्या हमसे 4साल बड़ी थी और उसे शायद सब पता ही होगा। दिव्या के तो बूब्स भी हो चूके थे वो नवमी मे पढ़ती थी मेरे ना तो झांट उगे थे ना कुछ पता था डॉली के भी सेम हालात थे मेरे जैसे एक दम सपाट।
लेकीन एक बात थी मेरी और डॉली की जोड़ी जबर्दस्त बनती थी दोनो एक साथ खड़े होते तो सभी मजाक मे भी कहते कि बडे़ होने पर दोनो की शादी करा देगें। हम रोज ही फैमिली वाला खेलते एक दोपहर मै डॉली के घर गया।
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मै: चल फैमिली फैमिली खेलते हैं।
डॉली: नही, मै नही खेलूंगी।
मै: क्यों?
डॉली: अगर खेलूंगी तो मै मम्मी बनूगी,।
मै: क्यों?
डॉली: ये तुम्हारी मम्मी बनती है फिर मेरी तुमसे शादी होती है तो ये मेरी सास बन जाती और मुझसे काम करवाती है। मुझसे चापाकाल चलवाती है किचन मे पोछा मरवाती है। और रात को पैर दबवाती है।
दिव्या:(हंसते हुए) अरे बहू का तो फर्ज होता है सास की सेवा करना, तू सीरियल मे नही देखती क्या।
मै:(डायलॉग बोलते हुए) मम्मी तुम मेरी बीबी से काम मत करवाया करो।
दिव्या: ये महारानी नही तो कौन करेगा घर का काम, मुझसे इस उम्र मे काम नही होता।
मै: तुमसे नही होता तो, मै काम वाली रखवा देता हूं।
दिव्या: हूं,बड़ा आया नौकरानी रखने वाला जोरू का गुलाम।
हम तीनो हंस पड़े बहुत मजा आया।
मै: देख कितना अच्छा लगा, चल खेलते हैं।
डॉली: नही मै मम्मी बनूगी तो ही खेलूंगी।
मै: पर अपनी जोड़ी तो बेस्ट है ना।
डॉली: नही मै मम्मी बनूंगी।
दिव्या: तू मम्मी कैसे बन सकती है तेरे तो दूदू ही नही हैं बच्चे को क्या पिलाएगी।
डॉली: तू क्या पिलाती है बस ऐसे कर साड़ी से ढंक लेती है।
दिव्या: फिर भी मेरे दूदू तो हैं मै मम्मी के जैसी लगती हूं।
डॉली: कहां हैं तेरे मम्मी जैसे दिखा?
दिव्या भी जोश जोश मे अपना टॉप खोल अपनी एक बड़ी सी चूंची निकाल कर दिखा देती है। एक दम छोटे से मौसमी के जैसे थे ऊपर हल्का गुलाबी घेरा। मै एक पल ही देख पाया उसने अंदर कर लिया। कुछ देर सब चुप रहे।
मै: अच्छा चल कैरम खेलते हैं।
थोड़ी देर हमने कैरम खेली। उसके बाद दिव्या सोने जाने लगी तो मै और डॉली मेरे घर आ गए। मेरे घर पर मै कपड़ों को इधर उधर कर टेंट जैसा बनाया हुआ था जिसमे कभी कभी दोपहर मे हम सोते थे। हम आए और लेट गए।
मै: कल खेलेगी ना फैमिली फैमिली।
डॉली कुछ देर चुप रही।
मै: क्या हुआ?
डॉली: नही, मै मम्मी बनूंगी तो ही खेलूंगी।
मै: अरे जब तेरे दूदू बड़े हो जायेगे तो तू मम्मी बनना ना।
डॉली कुछ देर चुप रही।
डॉली: एक चीज देखेगा?
मै: क्या?
डॉली अपना फ्रॉक कन्धे से नीचे उतार दी और अपनी गंजी भी हटा दी।
डॉली: देख मेरे भी दूदू हो रहे हैं।
उसके एक दम नींबू जैसे उगने ही शुरू हुए थे। मै उसके सीने पर हाथ फेरने लगा।
डॉली: आह छू मत दर्द होता है।
मै:(खुश होते हुए) बहुत अच्छे हैं ये। अब एक दो साल मे तो तू दिव्या को पीछे छोड़ देगी तब तू मम्मी बनना और वो तेरी बहू और खूब काम करवाना।
डॉली:(अपनी फ्रॉक सही करते हुए) हां और तु भी खूब काम करवाना।
हम दोनो हंसने लगे और कुछ देर बात करते हुए सो गए। अब हमारी छुट्टी यूंही खेलते हुए कट गई। अब दिन गुजरते गुजरते सर्दी आ गई थी एक सन्डे मेरे पैरेंट्स किसी रिश्तेदार के यहां गए थे मै अकेला था। दोपहर मे डॉली आई। हम कुछ देर खेले और फिर पति पत्नी वाला खेलने लगे। दोनो मेरे कमरे मे बेड पर रजाई मे लेटे थे। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
डॉली: कल रात मै एक अजीब चीज देखी।
मै: क्या?
डॉली: पापा मम्मी पर चढ़े हुए थे और कुद रहे थे।
मै: शायद झगड़ा हुआ होगा।
डॉली: नही, मम्मी आई लव यू बोल रही थी शायद प्यार कर रहे थे। क्या पति पत्नी ऐसे भी प्यार करते हैं?
मै: पता नही?
डॉली: हम भी वैसा करें।
कुछ देर मे हम भी वैसे हो गए। मै डॉली पर लेट गया। वो हमारे ऊपर रजाई डाल ली और मेरे कमर को पैरों से लपेट ली। हमे कुछ समझ नही आ रहा था कि हम कर क्या रहे हैं। कुछ देर मे वो दबने लगी तो हट जाने बोली। अब हम लेटे थे।
उस समय मुझे मालूम नही था लेकिन जब बड़ा हुआ तो समझ गया कि डॉली ने अपने मम्मी पापा को चूदाई करते देखा होगा क्यूंकि वो उनके ही कमरे मे सोती थी जबकि दिव्या अलग कमरे मे। डॉली मुझे कभी कभी अपने सीने को नंगा कर दिखाती और पूछती की देख कर बता बडे़ हो रहे हैं ना।
अब कुछ महीने मे हमे कुछ कुछ समझ आने लगा और सब बन्द हो गया सब धीरे धीरे बड़े हो गए। अब मै 10थ मे था मुझे अब थोड़ा बहुत ज्ञान हो गया था दिव्या मेडिकल साइंस की स्टुडेंट थी। एक सन्डे मै घर पर अकेला था दिव्या तभी आई। हमने थोड़ी देर बात करी उसने पढ़ाई लिखाई के बारे मे पूछा। अब उसने पूछा कि 10थ के बाद क्या करोगे कौन सा सब्जेक्ट लोगे। मैने सोचा नही था कुछ।
दिव्या: मेरी तरह मेडिकल ले सकता है।
फिर वो कुछ बताने लगी मेडिकल साइंस के बारे मे। वो पहले भी बताती रहती थी कभी स्थेस्टेस्कॉप लगा जांच भी करती थी कभी पंजरे की हड्डी भी गिनती थी। लेकीन आज उसने कुछ अलग ही बात निकाल दी।
दिव्या: अच्छा एक बात बता मुझे ये तो पता है कि लड़कियों का सेक्स ऑर्गन अलग और लड़कों का अलग होता है लेकिन कभी लड़कों का देखी नही हुं और ना ही ये समझ आता है कि जब स्पर्म टेस्टीकल मे होता है तो निकलता कैसे है।
मै शर्मा गया और कुछ नही बोला।
दिव्या: मेरा एक काम करेगा।
मै: क्या?
दिव्या: मुझे अपना ऑर्गन दिखाएगा।
मै: पागल है क्या।
दिव्या: यार शरमा मत दिखा ना, नही तो मै इस सब्जेक्ट मे फेल हो जाऊंगी।
कुछ देर मनाने पर मै मान गया।
मै: ठीक है लेकिन जब मै साइंस लूंगा तो मुझे भी अपना दिखाना होगा और अपना 12थ के नोट्स भी मुझे देना होगा।
दिव्या:(खुश होते हुए) ठीक है तु जो जो बोलेगा वो वो करूंगी।
अब दिव्या मेरा पेंट उतार देती है मेरा अकड़ा हुआ झांटों से भरा लन्ड उसे देख सलामी मारने लगता है एक दम तना हुआ।
दिव्या: बाप रि, ये ऐसा क्यों है।
मै: पता नही।
दिव्या: स्पर्म तो इसमें होता है तो इससे कैसे निकलता है, तूझे पता है क्या।
मुझे उस टाइम तक सब पता था मूठ मारना सब लेकीन मै नही बोला।
दिव्या: तुझे पता है क्या इससे स्पर्म कैसे निकलता है।
मै: ये स्पर्म क्या है और इससे तो सूसू निकलता है।
मै मासूमियत से बोला।
दिव्या: नही स्पर्म भी निकलता है।
उसने कुछ देर देखा। और जाने लगी।
मै: हां याद आया,एक रात को कुछ तो निकल गया था।
दिव्या: (वापस बेड पर बैठते हुए) देखा बोली थी ना।
वो चहक उठी।
दिव्या: कैसा था वो।
मै: कुछ पैंट मे चिपचिप कर रहा था मुझे तो पहले लगा कि सूसू हो गया लेकिन बाद मे बड़ा अजीब लगा।
दिव्या:(चहकते हुए) कैसे निकलता है,अभी निकाल सकता है क्या?
मै: पता नही मैने कभी निकाला नही। कैसे निकलता है।
दिव्या कुछ देर सोची फिर धीरे से लन्ड पकड़ ली और सहलाने लगी मेरी आह निकल गई।
दिव्या: क्या हुआ?
मै; आह कुछ हो रहा है।
थोड़ा और उसने किया तो मेरा सुपाड़ा थोड़ा बाहर आया।
दिव्या: कितना गुलाबी है।
वो लन्ड छोड़ सुपाड़े को देखने लगी।
मै: आह लगाता है कुछ निकलने वाला है।
दिव्या: लगता है ऐसे करने से निकल जाएगा।
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वो खुश होते हुए बोली और वापस लन्ड सहलाने लगी। मै आह आह करते हुए मजे लेता रहा। वो मूठ मारती रही। कुछ 10 मिनट बाद मेरा पानी निकल गया जो कुछ उसके हाथ और बाकि जमीन पर फैल गया। वो अपने हाथ मे लगे स्पर्म को गौर से देख रही थी और चकित थी एक बार उसने सूंघा और हाथ धोने चली गई मै भी साफ कर नहा लिया।
अब महीने मे एक दो बार वो मेरा मूठ मार ही देती। अब मेरा और डॉली का 10थ का एग्जाम खत्म हो गया हम रिजल्ट का वेट कर रहे थे डॉली अपने नानी घर चली गई थी। मै और दिव्या अकेले थे। एक दिन वो कॉलेज से घर आई मै दोपहर मे उसके घर गया। वो थोड़ा पढ़ाई लिखाई की बात की। “Teen Girl Chudai Kahani”
मै: अच्छा मुझे अपने सारे नोट्स दे दो मै भी मेडिकल ही लेता हूं।
दिव्या: अच्छा ठीक है।
अब वो मुझे अपने नोट्स दिखाने लगी क्या क्या पढ़ना पड़ता है बताने लगी। एक विमेन रिप्रोडक्टिव सिस्टम का फोटो दिखा समझाने लगी।
मै: मुझे कुछ समझ नही आ रहा है।
दिव्या: अच्छा मै तुझे दिखा कर ही समझाती हूं।
अब वो अपना स्कर्ट ऊपर कर दी और पैन्टी उतार जमीन पर बैठ गई टांगे खोलकर। मै उसकी गुलाबी बूर देख भौंचका रह गया। एक दम चिकनी कर रखी थी उसने। अब मुझे भी बैठा लिया सामने और अपनी बूर के बारे मे बताने लगी इसे ये कहते हैं इसे वो कहते हैं।
कुछ देर मे मेरा हाथ पकड़ ऊंगली से बूर को छुआ पुछने लगी सब। मेरा तो हाथ कांप रहा था। बूर बहुत मुलायम और गीली थी। वो पेसाब के बारे मे बताई कि इस छेद से सूसू आता है अब बूर फैला बोली की इससे बच्चा बाहर आता है।
मै: इतनी छोटी जगह से बच्चा आ कैसे जाता है।
दिव्या: अरे ये छोटी अभी है ना लेकिन जब पेनिस आता जाता होगा तब बड़ा हो जाता होगा।
कुछ देर मे वो मेरा भी पैंट उतरवा दी और मुझे भी टांगें खोल बैठा दी मेरा लन्ड एक दम खड़ा हो चुका था। वो मेरा लन्ड पकड़ ली और मुझे और करीब कर ली इतना करीब की दोनो की जांघों का जोड़ सट गया था। वो मेरे लन्ड को अपनी बूर पर घिस रही थी उसके होंठ घिस रही थी और सी सी कर रही थी अपने होंठ काट रही थी आंखें बन्द कर रही थी।
मुझे काफी मजा आ रहा था मेरी भी आह निकल रही थी। कभी कभी वो सुपाड़े को अपनी बूर की फांकों मे जोड़ से घिसती। वो काफी देर ऐसा करती रही फिर अचानक पीठ के बल अकड़ती हुई लेट गई। मै एक दो बार पुछा कि क्या हुआ तो वो अपनी सांसें सही कर उठी और वापस मेरे लन्ड को पकड़ आगे पीछे करने लगी।
मै आह आह करने लगा तो वो रूक गई और जल्दी से दौड़ कर अपने बैग से एक सीसी निकाल उसमे मेरा स्पर्म भर ली। अब मै अपने कपड़े सही कर वापस घर आ गया। अब रोज ही हम ऐसा करने लगे क्योंकि डॉली थी नही। एक दिन मैने बोला कि दूध कैसे बनता है। तो उसने कुछ बताया। “Teen Girl Chudai Kahani”
मै: तेरे दूदू तो बहुत बड़े हो गए हैं पहले से।
दिव्या: हां, देखेगा।
मै: हां।
वो टॉप ऊपर कर ब्रा मे से चूंचे निकाल दिए। मै भौँचका रह गया एक दम सफेद मम्मे जिसपर नीली नीली नसें उभरी हुई थी। एक दम कसे हुए थे।
मै: वाओ कितने प्यारे हैं।
दिव्या: प्यारे हैं तो प्यार कर!
मै: क्या?
दिव्या: कुछ नही। पियेगा।
मै: अभी तो तुमने बताया कि दूध बच्चा होने के बाद ही आता है तो पिऊंगा क्या।
दिव्या: तू पी ना।
वो मेरा सिर पकड़ मम्मे से लगा दी। मै निप्पल चूसने लगा वो सिसकारी भरने लगी।
दिव्या: इन सब जगह चूस और दोनो को पीना।
मै अब दोनो मम्मों को चूसने लगा इनके बीच चूसता उन्हें दबाकर चूसता, क्लेवेज चूसता। बहुत देर वो मुझे मम्मे चुस्वाती रही मै भी मजे ले चूसता रहा। जब दोनो मम्मे उसके लाल हो गए तो मैने उसे छोड़ा। अब कुछ दिन मे डॉली आ गई तो सब बन्द हो गया।
अब हमारी पढ़ाई चलने लगी। मैने और डॉली ने बायो ही लिया और पढ़ने लगे। एक ही क्लासेज मे। अब बायो का टीचर उतना खुल कर नही पढ़ा पाता रिप्रोडक्टिव सिस्टम। मै एक दिन अपने एक दोस्त को ये सब समझा रहा था क्योंकि मुझे दिव्या ने सब बता रखा था मेरे आगे के बेंच पर ही डॉली बैठी थी जिसने सब सुन लिया था।
अब लड़के तो बात करते हैं तो भाषा तो आपको पता ही है। अब घर आ डॉली मुझसे कहने लगी कि मुझे भी समझाओ वो सब। अब मै एक लड़की को ये सब कैसे समझाता मै बहाना बना दिया। जिससे उसने मुझसे बोलना बन्द कर दिया।
शायद 15 साल से हम पड़ोसी थे लेकिन पहली बार हमारे बीच बोल चाल बन्द हुई थी। हम साथ ही पढ़े खेले बड़े हुए सब हमे मोहल्ले मे मिया बीबी ही कहकर बुलाते थे। क्लासेज मे भी सब हमे गर्लफ्रेंड ब्वॉयफ्रेंड समझते थे। लेकीन अब हम अलग अलग ही क्लास जाते। “Teen Girl Chudai Kahani”
एक दिन तो उसकी मम्मी ने मजाक मे बोल दिया कि क्या हुआ मिया बीबी मे झगड़ा हो गया क्या। सब अब मोहल्ले मे कहने लगे थे कि मिया बीबी का तलाक हो गया है। एक शाम डॉली छत पर थी मै उसके घर गया और छत पर गया वो मुझे देख नीचे आने लगी। मै उसे रोक लिया और उसके गाल पर किस कर दिया।
मै: अच्छा अब माफ भी कर दो, सब समझा दूंगा।
वो मुस्कुरा कर मेरे गले लग गई। एक दिन हम घर पर अकेले थे वो मेरे घर आई।
डॉली: चलो अब समझा दो।
मै उसे एक चार्ट निकाल समझाने लगा। कुछ डायग्राम दिखाया। सब के नाम बताने लगा। पहले मेल का फिर फीमेल का समझाया।
डॉली: इसको वजाईना बोलते हैं पर दोस्तों को तो तुम कुछ और ही बता रहे थे।
मै: हां वो थोड़ा हिन्दी मे।
डॉली: हिन्दी मे योनी कहते हैं लेकिन तुम तो कुछ और बोल रहे थे।
मै: छोड़ ना वो सब क्या करेगी जान कर।
डॉली: नही बताओ मुझे भी।
मै: अरे बूर बोल रहा था और कुछ सुनना है।
डॉली हंसने लगी। अब कुछ दिन यूं ही गुजर गए। एक दिन डॉली को बुलाने गया क्लास जाने के लिए तो उस टाईम दिव्या बाथरूम से नहा कर निकल रही थी। वो सिर्फ ब्रा मे थी और नीचे टॉवेल लपेटे थी मै उसके बड़े बड़े मम्मे देख चौंक गया। अब मै और डॉली क्लास जा रहे थे तो मै चुप चाप था। “Teen Girl Chudai Kahani”
डॉली: क्या हुआ, क्या सोच रहे हो।
मै: दिव्या के दूदू बहुत बडे़ हो गए हैं पहले से भी बडे़।
डॉली कुछ नही बोली। अब एक शाम मै पढ़ाई कर रहा था। डॉली मेरे कमरे मे आई.
डॉली: किताब बन्द कर ना मुझे तूझे कुछ दिखाना है।
मै: क्या?
डॉली: मेरे भी दूदू बड़े हो गए हैं।
मै:(हंसते हुए) वो तो दिख ही रहा है।
डॉली: अच्छे से देख कर बता, दीदी से अच्छे हैं या नही।
दिव्या अपनी टी शर्ट ऊपर कर दिखाई अब वो ब्रा ऊपर कर दी। उसके सेब जैसे मम्मे एक दम गोरे और कड़क थे। मै शर्म से नजरें हटा लिया।
डॉली: देख ना। बता कैसे हैं।
मै: बहुत प्यारे हैं।
डॉली: दिव्या दीदी से कैसे हैं।
मै: उसके तो बडे़ हैं पर तेरे ज्यादा प्यारे हैं।
डॉली: (खुश होते हुए) सच, अब उसे बताऊंगी।
मै: पागल ऐसे किसी को बताना दिखाना नही चाहिए, नजर लग जाएगी। ला तूझे नजर का टीका लगा देता हूं।
ऐसा बोलते हुए मै उसके आंखों से काजल ले उसके मम्मे पर ऊंगली से लगा दिया। ऊंगली लगने से वो सिहर गई और आह कर उठी।
मै: सॉरी, दर्द हुआ क्या?
डॉली: नही?
मै: पहले तो तुझे छुने से दर्द होता था ना अब कैसा लगता है?
डॉली: छू कर देखो।
मै उसके दोनो मम्मो को हाथ लगा सहलाने लगा।
मै: कैसा लग रहा है।
डॉली: आह बहुत अच्छा।
उसकी मादक सिसकियों से कमरा गूंज उठा। इतने मे किसी के आने की आवाज आई तो मै उसका टी शर्ट नीचे कर दिया। अब समय जल्दी से बीता और हमारा 12थ खत्म हो गया। अब हम दोनो का नीट तीसरा अटेम्प्ट मे क्लीयर हुआ उधर दिव्या की भी डिग्री पुरी हो गई थी और वो एक ग्य्नोकोलोगिस्ट बनने वाली थी। अभी एक क्लिनिक मे असिस्ट करती थी।
जिस हफ्ते हमारा रिजल्ट हुआ उसी हफ्ते हमारे पैरेंट के साथ काम करने वाले लोगो के लिए पार्टी रखी थी किसी होटल मे। हमारे रिजल्ट की खुशी मे पार्टी रखी गई थी। हम तीनो रात मे घर पर अकेले थे, तो मैने दोनो को अपने ही घर सोने के लिए बुला लिया। हम तीनो खाना खा बैठे थे और ऐसे ही इधर उधर की बात चित कर रहे थे। कुछ देर मे हम बचपन की बात करने लगे और हंसने लगे। “Teen Girl Chudai Kahani”
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डॉली: बचपन मे कितना मजा आता था हम फैमिली वाला खेल खेलते थे।
दिव्या: हां बहुत मजा आता था।
मै: मै लड़का बनता था तु मेरी मम्मी और ये मेरी बीबी।
दिव्या:(हंसते हुए) और फिर मै इसकी सास बन इससे काम करवाती थी।
डॉली: हां, और इसलिए ये कभी मुझे मम्मी बनने नही देती थी।
मै: एक आईडिया है, क्या हम फिर वो गेम खेलें।
डॉली: हां बहुत मजा आएगा।
दिव्या:(हंसते हुए) अरे अब हम बडे़ हो गए हैं।
मै: तो क्या हो गया, प्लीज खेलो ना।
दिव्या: अच्छा ठीक है, लेकिन मै मम्मी ही बनूँगी।
मै: ठीक है।
दिव्या: अच्छा, बहू जरा एक ग्लास पानी तो ला।
वो बूढ़ी जैसी आवाज मे बोली।
डॉली: फिरसे देख काम करवाने लगी। मै नही लाउंगी।
मै: जा ले आ ना।
डॉली पानी ला कर दी।
दिव्या: बहू जरा मेरे पैर तो दबा दे।
डॉली: ये चीटिंग है मेरे से सारे काम करवा ले।
सब हंसने लगे।
डॉली: तू मुझसे काम करवाने के लिए ही मम्मी बनती है।
दिव्या: अरे नही तुम दोनो की मिया बीबी की जोड़ी झकास लगती है।
ऐसे ही हम बात करते हुए बेड पर लेट गए।
मै: अरे अब शुरू से शुरू करते हैं पहले मै पैदा होऊंगा, पढूंगा, शादी.
दिव्या बीच मे ही टोकते हुए।
दिव्या: नही, समझ शादी वादी हो गई है अब चुप चाप सो जा।
हम बेड पर लेट गए तभी मुझे एक बात याद आई।
मै: डॉली, तुझे याद है तूने एक बार अपने मम्मी पापा को कुछ करते देखा था।
दिव्या: क्या करते देखा था।
डॉली समझ गई।
डॉली: अरे मत बताओ ये सब।
दिव्या: बता ना।
मै: यार बताने दे ना यहां सब अपने हैं।
डॉली मुझे मना करती है फिर भी मै बताना चाहता था।
दिव्या: तू बता ना।
मै: इसने ना एक बार उनको सेक्स करते देखा था।
दिव्या:(हंसते हुए) ओह ये बात है, ये तो नोर्मल है।
मै: (हंसते हुए) और उसके बाद ना हम दोनो ने ना नादानी मे वैसा करने का ट्राय किए थे।
दिव्या:(चौंकते हुए और हंसते हुए) क्या, क्या किया था तुम दोनो ने।
मै: अरे घबराने की जरूरत नही है कुछ नही किया था बस इसने मुझे खुद के ऊपर कुछ देर लिटा लिया था।
डॉली मुझे मारने लगी हंसी मजाक मे। मै उसके ऊपर चढ़ गया जैसे बचपन मे चढ़ा था पहले तो वो हटाने लगी लेकिन अगले पल जब दिव्या हटने को कहने लगी तो वो मुझे खुद के ऊपर दबा ली और पैरों का घेरा बना भी बना ली। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है. “Teen Girl Chudai Kahani”
दिव्या:(हंसते हुए) ओए उतर उधर से।
डॉली: नही उतरेगा मेरा पति है।
मै और डॉली मस्ती कर रहे थे।
मै;(डॉली के माथे पर चूम लिया) हा हा देख बूढ़ी अम्मा को जलन हो रही है, अपनी बहू से।
मै और डॉली हंस रहे थे मै उसके ऊपर ही लेटा था। दिव्या साईड मे लेट कुछ देर हमे देखती है।
दिव्या: तुम दोनो साथ मे कितने अच्छे लगते हो, पढ़ाई खत्म कर तुम दोनो एक दुसरे से शादी कर लेना।
हम उसकी बात सुन थोड़ा चौंक गए उसके मुंह से भी ये सब अचानक ही निकल गया था।
दिव्या: ओह सॉरी मै,,,,,,,, अगर ना मन हो तो मत करना मै तो बस ऐसे ही बोल दी।
मै डॉली की आंखों मे देखा उसने मुस्कुरा कर शरमा कर नजरें नीची कर ली। मै डॉली के होंठ पर होंठ लगा दिया और चुसने लगा।
दिव्या:( मुझे धक्का दे डॉली के ऊपर से उतारते हुए) ओए बदमाश ये क्या कर रहा है।
मै:(हंसते हुए) तुमने ही तो कहा अभी की शादी कर लेना तो कर ली, मुबारक हो कबूल है।
दिव्या: हट।
डॉली:(मुझे और जोर से भींचते हुए) रहने दे ना मेरा पति है।
दिव्या: ओहो अब मै समझी, तुम दोनो के बीच पहले से खिचड़ी पक रही होगी और आज दोनो को मौका मिल गया मुझसे कहने को।
डॉली:(हंसते हुए) कौन सी खिचड़ी, क्या बोल रही है।
दिव्या: हा हा हा, अब मै तुम दोनो की पोल खोलूंगी।
मै: कौन सा पोल खोलेगी। अरे पोल से याद आया रूक मै तेरी पोल खोलता हूं।
डॉली: कौन सा?
मै:(हंसते हुए) डॉली इसने ना बचपन मे मेरा यौन शोषण किया है।
दिव्या: बचपन मे? कमिने दसवीं मे था तू।
डॉली: यौन शोषण वो कैसे, बताओ बताओ पूरा डिटेल मे बताओ।
मै: इसने ना मुझे साइंस सिखाने के बहाने, मुझसे क्या ना क्या गन्दा काम करवाई है, अगर सही समय पर तुम नानी के यहां से नही आती तो मै तो कहीं मूंह दिखाने लायक नही रहता।
मै नौटंकी वाली फिल्मों की तरह बोला।
दिव्या:(मुझे मारते हुए) तूने भी बेटा नादान बन कर बहुत मजे लिए हैं। और तू कोई बच्चा नही था दसवीं पास था तू साले।
हम सभी हंसने लगे।
डॉली: क्या क्या करवाई थी।
मै: अब क्या बताऊं तुम्हें।
दिव्या: (बात काटते हुए) अच्छा तुम दोनो सच मे शादी करोगे क्या।
मै: हां।
अब हटा ना इसे अपने ऊपर से दब नही रही है क्या?
डॉली:(हंसते हुए) नही नही दब रही हूं।
दिव्या: मेरी तो जान निकल जाएगी थोड़ी देर मे।
मै और डॉली अब होंठ चूसने लगे और स्मूच करने लगे।
दिव्या:(हम दोनो को स्मूच करने से रोकते हुए) ओए हट तू, बड़ा स्मूच कर रहा है। ये किसने सिखाया तुझे।
मै और डॉली जान बूझकर और करने लगते हैं।
डॉली और मै एक साथ बोले: कुछ चीजें सिखाई नही जाती अपने आप हो जाती हैं।
दोनो हंसने लगे।
दिव्या: आज तक मै कभी स्मूच नही करी हूं मै तेरी बड़ी बहन हूं चल अब मुझे ट्राय करने दे।
डॉली:(हंसते हुए) ठीक है ट्राय कर ले।
मै अब डॉली पर से उतर कर दिव्या पर चढ़ गया वैसे ही।
दिव्या:(हंसते हुए) हट बदमाश ये क्या कर रहा है।
मै: मै ऐसे ही करुंगा, नही तो नही करुंगा।
दिव्या: चल ठीक है।
मै अब पहले दिव्या के गाल चूमा उसके नाक चूमा अब उसके होंठ चूसने लगा कुछ एक मिनट बाद रुका।
मै: कैसा लगा।
दिव्या:( मदहोश हो गई थी) बहुत अच्छा।
मै उसे वापस स्मूच किया।
मै: बुरा ना लगे तो एक बात बोलूं। देख हम सबको पता है यहां हम तीनो वर्जिन हैं। तो क्यों ना आज हम सब मिलकर सेक्स करते हैं।
डॉली:(खुश होते हुए) हां ठीक है।
मै: तू क्या बोलती है।
दिव्या: यार कह तो तू ठीक रहा है मै भी बहुत दिन से सोच रही थी किसी के साथ करूं क्योंकि गाइनो बन गई हूं और खुद का कुछ एक्सपेरिंस नही है।
मै; मुझे पता है तू मेरा ही शोषण करती।
दिव्या:(हंसते हुए) हां, हां तू ही तो है एक दोस्त जिसके साथ कुछ भी कर सकती हूं।
मै: अच्छा चल अब तीनो मिलकर करते हैं धूम मचा देगें।
दिव्या: लेकिन पहले मै करूंगी।
डॉली: ठीक है तू ही कर।
मै अब दिव्या को स्मूच करने लगा उसके गाल कान माथे आंख सब जगह चूसने लगा वो सिसकारी भरने लगी। अब गले गर्दन पर चूसने लगा।
दिव्या: ये सब कहां से सीखा तूने।
मै: तू चुप चाप एन्जॉय कर ना।
मै अब उसके गाउन के बटन खोलने लगा। उसने लाल रंग का घुटने तक का गाउन पहन रखा था जो पहले ही सरक कर कमर तक आ गया था।
दिव्या: आह खोल मत।
अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरीज : पापा के सामने सेक्सी ब्रा पेंटी पहन कर गई
मै दिव्या के होंठ चूस चुप रहने का इशारा करता हूं। उसके गाउन के बटन खोल उसके ब्रा को खोलने लगा वो रोकी पर खोलने दी वापस हाथ ले जा ब्रा निकाल दी। मै उस पर लेटे हुए ही उसके मम्मों से खेलने लगा उन्हें चूसने लगा।
मै: देख कितने बड़े हैं।
मै डॉली को दिखाते हुए बोला। दोनो हंसने लगी। मै दोनो मम्मे को खूब चूसा।।
मै: चल अब गाउन उतार दे।
दिव्या: नही पागल है क्या।
मै: अच्छा अब ये दिखा।
मै उसके गाउन को कमर से उठाने लगा उसकी पैंटी देखने के लिए लेकिन वो ढंक देती थी कुछ देर मे उसका गाउन पेट पर कर दिया।
मै: तेरी पैन्टी तो गीली हो गई है तूने सूसू कर दिया क्या।
मै मजाक करते हुए बोला। वो मेरा बाल खींच दी। मै अब उसके पेट को चूमने चूसने लगा उसकी नाभि चूसने लगा उसकी कमर को चुसने लगा। उसे गुदगुदी करने लगा। अब थोड़ा नखरा कर वो पैन्टी उतारने दी। उसकी बूर पर एक भी बाल नहीं थे एक दम गोरी और चिकनी बूर थी। “Teen Girl Chudai Kahani”
मै: वाओ क्या है ये।
वो शरमा कर ढकने लगी। मै अब उसके पैर चूमने लगा। मै उसे टांग खोलने बोला तो वो शरमा कर नही खोल रही थी।
मै: देख मै क्या करता हूं अब।
मै अब उसके पैरो पर लेट सीधा उसके बूर पर मूंह लगा दिया। उसके पेडू पर और उसके नीचे चूमने चूसने लगा उसकी बूर के ऊपर चूस रहा था वो मेरा सर हटा रही थी।
मै: यार ऐसे मत कर दिखा ना।
दिव्या:(हंसते हुए) तूने ये सब कहां से सिखा बता।
डॉली: हां, हां बताओ।
मै: अच्छा बताऊंगा तो अच्छे से करने देगी ना।
दिव्या: हां ठीक है।
मै: मैने ना एक जगह फोटो देखी थी और पढ़ा भी तो है ओरल सेक्स के बारे मे।
दिव्या: कहीं तू वो सब वाली फिल्मे तो नही देखता।
मै ब्लू फिल्म देख कर और कहानी पढ़ सब सीख चूका था लेकिन मै उन्हें बोल देता हूं कि कभी नही देखा। मै अब उसके पैर खोलने की कोशिश करता हूं तो वो थोड़ा खोल देती है मै दिव्या के बूर पर टूट पड़ता हूं और उसे चुसने लगता हूं वो आह आह करने लगती है उसे गुदगुदी सी हो रही थी। “Teen Girl Chudai Kahani”
मै उसके जांघ को चूस रहा था उसकी चिकनी बूर के दाने और होंठ चूस रहा था। कुछ देर बाद दिव्या हांफने लगी और मुझे ऊपर खींच स्मूच करने लगी और मेरा टी शर्ट निकाल दी और अपने पैरों से मेरा पेंट भी निकाल दी अब मै पुरा नंगा दिव्या के ऊपर लेटा था वो मुझे स्मूच कर रही थी। डॉली हमे बगल मे लेटे हुए देख रही थी उसकी भी सासें चढ़ गईं थीं। दिव्या जोश मे मेरी कमर को अपनी ओर खींच रही थी मेरा लन्ड उसकी बूर से टकरा रहा था।
मै: मै डालूँ अब।
दिव्या मेरे लन्ड को पकड़ अपनी बूर पर लगाती है।।
दिव्या: हां अब डालो।
मै लन्ड दबाता हुं उसकी सिसकी निकल जाती है।
दिव्या: आह आराम से।
मै थोड़ा और दबाता हुं तो लन्ड आधा चला जाता है और दिव्या की चीख निकल जाती है वो रोने जैसी हो गई। मै उसे प्यार से स्मूच कर उसे सहलाता हूं तो वो शान्त होती है उसके गाल गले कान होंठ चूसता हुं। जब वो शान्त हो गई तो अपनी गांड़ उठाने लगी. “Teen Girl Chudai Kahani”
तो मै हल्का धक्का दिया तो लन्ड पूरा चला गया उसे दर्द हुआ। मै उसे चुप करा प्यार करने लगा। कुछ देर बाद वो शान्त हुई तो कमर ऊपर नीचे कर चोदने लगा उसे अब अच्छा लग रहा था। वो बहुत ही ज्यादा कामुक आवाज निकालने लगी और मेरे होंठ कान गले को चुसने लगी।
कुछ देर बाद पच पच की आवाज आने लगी उसकी बूर से गर्म पानी निकला और मेरे लन्ड को पिघला दिया जिससे मै भी उसके अंदर झड़ गया। कुछ देर हम वैसे ही पड़े रहे बाद मे उठे तो बेडशीट खून और पानी से गिला हो गया था उसकी बूर दर्द कर रही थी और मेरा भी लन्ड छिल गया था।
मै: (दिव्या की बूर सहलाते हुए) दर्द हो रहा है।
दिव्या:(शर्माते हुए) हां।
मै: मुझे भी।
दिव्या:(हंसते हुए) तेरा तो छिल गया रि।
डॉली भी मेरे लन्ड को देख हंसने लगी वो लाल हो गया था। दिव्या और मै अब बाथरुम जा खुद को साफ कर आते हैं और अपने कपड़े पहन सो जाते हैं मै बीच मे सो रहा था। अब रात मे मेरी जब नींद खुलती है तो डॉली जाग रही थी मै वाशरूम से आ कर लेटा। कुछ देर मे हम करीब आ गए और स्मूच करने लगे। “Teen Girl Chudai Kahani”
हम दोनो कुछ देर मे बहुत जोश मे आ गए एक दूसरे पर चढ़ स्मूच करते हुए इधर उधर लोटने लगे जिससे हम बेड से गिरते गिरते बचे और नीचे बैठ गए। जब हमारी नजरें मिली तो मै हंसने लगा। डॉली मेरे होंठ पर होंठ लगा दी और चुप रहने को कहा।
अब वो मुझे फर्श पर ही लिटा स्मूच करने लगी मै उसके गले कान गर्दन सब जगह चूसने लगा उसने अब टी शर्ट सीने से उठा अपने मम्मे मेरे मूंह से लगा दी। मै 30 के उसके मम्मे मुंह मे भर पीने लगा वो सिसकारी भरने लगी। उसके दोनो मम्मे को खूब चूसा प्यार किया।
दोनो मेरे हाथ मे अच्छी तरह बैठ रहे थे दिव्या के शायद 32 या 34 रहे होंगे वो हाथ मे नही आते थे। डॉली के मौसमी जैसे थे दिव्या के बड़े संतरे जैसे। मै खूब दूध पिया निप्पल चूसा। अब उसे नीचे लिटा उसके पेट नाभि को चूसने लगा उसकी स्कर्ट उठा उसकी पतली पैन्टी उतार उसके बूर पर जीभ फिरा दिया वो सीत्कार उठी।
डॉली की बूर एक दम गीली हो चुकी थी उसके बूर का रस बहुत अच्छा लग रहा था जी कर रहा था खा जाऊं कुछ 10 मिनट की चुसाई मे उसने अपना रस मेरे मूंह पर छोड़ दिया जिसे मै पी गया। अब उसके ऊपर आ अपना पैंट उतार उसके बूर पर लन्ड घिसने लगा वो सिसकने लगी। “Teen Girl Chudai Kahani”
कुछ देर मे सुपाड़ा घुस गया वो मेरे होंठ चूसते हुए मेरी कमर को दबाने लगी जिससे लन्ड और घुस गया। वो दर्द से सीत्कार उठी लेकीन आवाज ज्यादा ना हो जिससे मेरे होंठ चूसती रही। कुछ देर उसके मम्मे चूसने सहलाने से उसे अच्छा लगने लगा तो थोड़ा जोड़ लगा पूरा लन्ड घुसा दिया वो थोड़ा छटपटाई लेकीन चिलाई नही।
अब उसके आंसू पीते हुए उसे प्यार करने लगा चूसने चाटने लगा। जिससे गर्म हो वो कमर उचकाने लगी। अब धीरे धीरे मै उसकी चूदाई करने लगा वो सिसकारी भरती रही। उसकी बूर मे मेरा लन्ड निचुड रहा था वो तो भला हो उसकी बूर का की वो पानी छोड़ रही थी जिससे थोड़ा आराम से अन्दर बाहर हो रहा था।
अब बाहर से चिड़ियों की आवाज़ आने लगी थी शायद सुबह होने को थी। मै घापा घप चोद रहा था। कुछ 30 मिनट की चूदाई मे डॉली दो बार झड़ चुकी थी और तीसरी बार झड़ते हुए उसने मुझे अपनी टांगों से इतनी जोर से कसा की मै भी उसकी बूर मे झड़ गया।
कुछ देर वैसे ही एक दूसरे को प्यार करते रहे तभी मेरे पैर से दिव्या का पैर टकराया वो आधी नींद मे आंखें मलते हुए वाशरूम जा रही थी। दिव्या हमे इस हालत मे देख चीख उठी मम्मी। फिर धीरे से मुसकुराते हुए बाथरूम चली गई। हम कुछ देर एक दूसरे को चूमते रहे उसके बाद उठ एक दूसरे को बेडशीट से पोंछा कपड़े पहने। “Teen Girl Chudai Kahani”
कुछ ही देर मे हमारे मम्मी पापा आ गए तो वो दोनो अपने घर चली गई। अब समय बीतने लगा उसके बाद हम पढ़ाई मे बिज़ी हो गए हमे इस बारे मे बात करने का मौका ही नही मिला। अब एक बार मै और डॉली क्लास मे थे तो उसने बताया कि दिव्या के लिए कोई अमेरिका से रिश्ता आया है और उसने हां कर दिया है और शायद वो शादी के बाद अमेरिका चली जाएगी।
मै:(बूझे हुए मन से) हां तो ठीक ही है ना कभी ना कभी तो शादी करनी ही थी।
डॉली: वो चली जाएगी तो हमारा मन नही लगेगा, तुम बोलो ना की वो इस रिश्ते के लिए मना कर दे।
अब हम कॉलेज से सीधा उसके घर गए। दिव्या दो बजे क्लिनिक से वापस आ जाती है तो वो घर पर ही थी। और रजाई के अंदर लेटी थी। मै सीधा गया और उसकी रजाई खींच दिया।
दिव्या: (गुस्सा करते हुए) क्या कर रहा है।
मै: सुना है तूने अमरिका वाले लड़के को हां कर दिया है और शादी के बाद तू चली जाएगी।
दिव्या: हां तो।
मै: यार तू ऐसा कैसे कर सकती है हमसे इतनी दूर कैसे जा सकती है।
दिव्या: जाऊं नही तो क्या करूं।
मै: यार फिर हमारी तिगड़म टूट जाएगी।
दिव्या: ना बेटा हमारी तिगडम है कहां। तुम दोनो के पास मेरे लिए टाईम कहां है तुम दोनो तो आपस मे ही सारा दिन लगे रहते हो मुझे बस एक बार कर किनारे कर दिया।
वो ये बुदबुदाते हुए बोली लेकिन मै समझ गया।
मै: यार हम ऐसा वैसा कुछ नही करते दिन भर साथ रहते हुए भी तू विश्वास कर। सारे टाईम पढ़ाई करते हैं।
दिव्या: जा झूठे खा मेरी कसम।
मै: तेरी कसम हमने उस दिन के बाद कुछ नही किया, टाईम ही नही मिला और ना इतना मन करता है।
दरअसल बचपन से साथ रहे हैं तो सबकी आदत वैसी ही है।
दिव्या: यार तेरा मन नही करता पर मेरा तो करता है, इसलिए शादी कर रही हूं।
मै: (हंसते हुए) तेरा मन करता है किसके साथ करने का मेरे साथ।
दिव्या अजीब तरीके से हां कहती है। मुझे हंसी आ जाती है मै उसके ऊपर लेट जाता हूं और उसकी टांगें चौड़ी कर उसे ड्राई धक्के देने लगता हूं।
दिव्या:(नखरे करते हुए) आह छोड़ मुझे!
जब मै हटने लगता हूं तो वो मुझे अपने ऊपर खींच अपने पैरों से मेरा कमर लपेट लेती है और मेरे गाल और होंठ चूसने लगती है मै भी उसे चूमने लगा। वो मुझे खुद पर लिटाए थी।
मै: इस शादी के लिए मना कर दे ना प्लीज, और तू ना यहीं किसी अच्छे लड़के से शादी कर ले और अपना क्लीनिक खोल ले। और फिर मै डॉली से शादी कर तूझे साली बनाऊंगा। और तूझे खूब प्यार करुंगा।
दिव्या: (हंसते हुए) ठीक है लेकिन जब मेरा प्यार करने का मन हो तूझे मुझे प्यार करना होगा।
मै: ठीक है।
दिव्या: तो कर अभी प्यार।
मै उसे स्मूच करने लगा उसके गले गर्दन को चूसने लगा उसके सूट उतार उसके मम्मे पीने लगा और उन्हें लाल कर दिया। वो आह आह करने लगी। अब उसके मम्मे पीते हुए पेट नाभि चूसा अब सलवार उतार रजाई मे सीधा उसके बूर पर मुंह लगा चूसने लगा वो आह आह करने लगी। मेरे सिर को टांगों मे जकड़ने लगी। कुछ ही देर की चुसाई मे वो झड़ गई मै सारा रस पी गया। इतने मे डॉली अंदर आई। “Teen Girl Chudai Kahani”
डॉली: क्या हुआ मान गई ये।
मै: हां।
वो आकर हमारे गले लग गई खुशी से।
मै: अच्छा अब मै चलता हूं मेरी मम्मी के आने का टाईम हो गया है।
दिव्या: अच्छा ठीक लेकिन रात को आना पड़ेगा।
मै: यार रात मे कैसे।
दिव्या: वो सब मै नही जानती मै दरवाजा खोल 11 बजे इंतजार करूंगी।
वो दोनों मुझे मना लेती हैं। अब रात को खाना खा मै उसके दरवाजे पर जाता हूं 11बजे वो मुझे अंदर ले जाती है मै पहली बार उसके घर चोरों की तरह जा रहा था मुझे काफी डर लग रहा था धीरे धीरे चलते हुए दिव्या मुझे अपने कमरे मे ले जाती है।
अब दरवाजा बंद कर वो दोनो मुझ पर टूट पड़ती है मुझे रजाई मे बीच मे लिटा दोनों बहने मेरे गाल कान गले गर्दन को चूसती है अब टी शर्ट निकाल सीने और निप्पल को चूसती है मेरी आह निकल गई। अब मै दोनो के कपड़े निकालता हूं दोनो को बारी बारी से स्मूच करता.
उनके कान कन्धे गले होंठ सब जगह चूसा दोनो के मम्मे खूब पिया अब चूतड चाटा चूसा और बूर चूस कर पूरा गिला कर दिया अब पहले डॉली की बूर मे लन्ड घुसाया फिर बाहर निकाला और दिव्या मे घुसाया। दोनो को साथ लिटा कभी इसके तो कभी उसके बूर मे अंदर बाहर करता रहा।
कुछ देर बाद दिव्या की चूदाई करता रहा वो झड़ गई पर फिर भी मुझे हटने नही दी तो मै लगातार चोदता रहा और उसके अंदर ही झड़ गया अब डॉली की बूर चोदने लगा और दो बार उसके झड़ने पर तीसरी बार मै भी उसके साथ झड़ गया। हम तीनो बूरी तरह थक गए थे तो वैसे ही सो गए।
अब सुबह मेरी नींद खुली तब जब उसकी मम्मी हमे जगाने आई मेरा तो डर के मारे प्राण सूख गया। दरअसल डॉली सुबह बाथरूम चली गई और गलती से दरवाजा बन्द नही की होगी। तो उसकी मम्मी झाड़ू मारते हुए अंदर आ गई।
खैर दिव्या भी जागी थी और मुझे रजाई से ढंक रखी थी और मुझे बाहों मे भर रखी थी मै भी डर से पैर मोड़ लिया था। इसके वजह से उसकी मम्मी ने मुझे डॉली समझा जो रजाई के अंदर दिव्या के साथ लेटी है। दिव्या मम्मी को थोड़ी देर मे उठने को बोल देती है। तो वो चली जाती हैं। “Teen Girl Chudai Kahani”
अब मै चुपके से उठ कपड़े पहन अपने घर चला आता हूं। अब कुछ समय बाद दिव्या की शादी एक डॉक्टर से हो जाती है वो दूर किसी शहर का था लेकिन इसी शहर मे हॉस्पिटल मे था। उसके पहले हम तीनो हमेशा मौका देख थ्रीसम कर लेते थे।
दिव्या की शादी मे तो बहुत मजा आया। उसके जाने के कुछ दिन हमारा मन नही लगा तो डॉली ने उसके पापा को मना अपने शहर मे ही दिव्या के लिए एक क्लिनिक खुलवा ली जिससे दिव्या भी अब यहीं आ गई। अब दिव्या अपने पति के फ्लैट पर रहती थी इसी शहर मे और कभी कभी जब हमारा मन होता तो वो यहां आ जाती और हम जम कर चूदाई करते।
कुछ टाईम बाद दिव्या एक बच्चे को जन्म दी तो उसकी खुशी मे पार्टी थी बहुत सारे मेहमान आए हुए थे। दिव्या के ससुराल से भी उसका देवर उसकी ननद आई थी। डॉली ने उस शाम बताया कि उसके दीदी के देवर ने उसे प्रपोज किया है। दरअसल वो दिव्या के शादी के टाईम से ही उसपर लट्टू था। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
वो हम से एक दो साल छोटा था। मै डॉली से बोला कि रात मे उसे छत पर बुलाना उसके मजे लेंगे वो हंस कर हां बोल दी। अब शाम मे दिव्या के घर पार्टी हो रही थी और अब खाना शुरू हो गया था। उसका देवर डॉली के पीछे पीछे घूम रहा था। डॉली अब मेरे घर के गार्डेन मे आई जहां कोई नही था मै अकेला छुपा था उसके पीछे देवर भी आ गया। “Teen Girl Chudai Kahani”
डॉली: क्या बात है मेरा पीछा क्यों कर रहे हैं।
देवर: हम आपसे प्यार करते हैं।
इतने मे मै अंधेरे से बाहर आ गया तो वो डर गया।
मै: क्या हो रहा है इधर।
डॉली: ये बोल रहा है कि ये हमसे प्यार करता है।
मै: (उसे डराते हुए) हां जी यही सब करते हो।
देवर:(वो डरा हुआ था, लेकीन हिम्मत करके बोला) ये हमारा मैटर है तुमसे मतलब।
मुझे थोड़ा गुस्सा आ गया।
मै: देख बाबू हमारी बीबी है ये और इधर नजर मत डाल।
देवर: झूठ बोल रहे हो।
मै: अच्छा अभी इधर गली मे देख 100 लोग होगें उनमें किसी से भी पुछ ले की इसका मेरा रिश्ता क्या है। वो और बहस करने लगा। मै अब गुस्से मे उसे पकड़ लिया।
मै: बहुत हुआ मेहमान का सम्मान चल बहुत दिनो से किसी की गांड़ नही मारी है चल आज इसकी मारता हूं।
कामुकता हिंदी सेक्स स्टोरी : लंड पर थूक लगा कर चोदा ताई जी को
मै अपना बेल्ट खोलने लगा। अब वो डर गया और पैर पकड़ माफी मांगने लगा। डॉली हंस कर उसे जाने को बोली और उसके सामने ही मुझे स्मूच करने लगी तो वो भाग गया। अब रात को बहुत सारे गेस्ट हो गए तो कुछ गेस्ट मेरे घर भी सोने वाले थे।
दिव्या मुझे बुलाकर बोली की उसके देवर, ननद को अपने कमरे मे सुला लूं। अब मै डॉली उसका देवर और उसकी ननद मेरे कमरे मे आ गए। ननद बोली की मै और उसका भाई बेड पर सो जाऊं लेकीन मै उसके भाई को पहले ही बोल दिया था कि मेरे साथ सोए तो रात मे गान्ड मार लूंगा.
तो वो डर कर मेरे साथ नही सोया तो मै डॉली नीचे गद्दा बिछा सो गए और वो दोनो भाई बहन ऊपर। अब रात मे बारिश हुई तो ठंड की वजह से मै और डॉली एक दुसरे की बाहों मे भर लिए और सो गए उन दोनो ने ये देख लिया लेकिन कुछ नही बोला। अब जब हम दोनो का एमबीबीएस पूरा हुआ तो हमने भी शादी करने की सोची और जब घर वालों को बताई तो सभी हक्का बक्का रह गए। मै हम दोनो के पैरेंट्स को साथ मे लाया।
मै: बचपन से तो आप लोग ही कहते थे कि ये दोनो मिया बीबी हैं तो हमने भी सोचा की चलो कर लेते हैं।
सभी हंसने लगे फिर सब मान गए शादी के लिए। शादी के बाद तो हमने धूम मचा दी चूदाई की हर दिन चूदाई। साल मे कम से कम 400 + बार चूदाई करी मौका मिलता वीक मे एक बार तो दिव्या के साथ मिल थ्री सम भी कर लेते। कहानी पुरी पढ़ने के लिए धन्यवाद। आप अपना प्यार हमेशा बनाए रखें।
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