Devar Bhabhi Sex Kahani
मेरा नाम रुपेश है और मेरी उम्र 56 साल है, लेकिन मेरा लंड मजबूत और फुर्तीला है. यह कहानी तब की है, जब में 18 साल का था. हम लोग एक बहुत ही बड़ी फेमिली से थे और कुछ दिनों के लिए दूर-दूर के रिश्तेदार गर्मियों की छुट्टियों में एक साथ हो जाते थे. Devar Bhabhi Sex Kahani
में अपने कज़िन ब्रदर के साथ रहता था, मेरे कज़िन बहुत ही अच्छे मिज़ाज़ के थे इसलिए सारे रिश्तेदार उनके पास आना चाहते थे. उनमें से एक मेरी दूर की भाभी थी यानि कि मेरे कज़िन की पत्नी और उनके घर में लोग उनको वर्षा कहते थे, लेकिन में सिर्फ़ भाभी कहता था, जब मेरी उम्र 18 साल थी और भाभी 37 साल की थी.
उनके एक 16 साल की बेटी थी कीर्ति, जो मुझे बहुत अच्छी लगती थी, जब उसके बदन पर जवानी का असर शुरू हो रहा था. में अक्सर मज़ाक में उसके शरीर के हिस्सों को छूकर मज़ा लेता था और कभी खेल-खेल में उसे गले लगाकर उसकी उभरती हुई चूचियों को कसकर जकड़ लेता था और फिर बाद में उसको सोचकर मुठ मारता था, वो भी मुझको चाहती थी.
मैंने कई बार अकेले में अंधेरे में उसको चूमा और फ्रेंच किस किया था और उसकी चूत भी सहलाई थी, वो भी मेरे लंड को सहलाती थी, लेकिन मुझे उसे चोदने का कोई मौका ही नहीं मिला था. एक बार गर्मियों की छुट्टियों में हम लोग मेरे कज़िन के घर (इंदौर) से वर्षा भाभी के घर (छिन्दवाड़ा) गये.
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भाभी के पति (मतलब मेरे कज़िन का साला) टूर पर कही बाहर दूसरे शहर में गया था और साथ में कीर्ति, उसका छोटा भाई स्वप्निल और मेरी उम्र का उसक एक कज़िन अंकित था. अब बस से जाते समय कीर्ति, अंकित और रमेश एक साथ बैठे थे, में और भाभी एक सीट पर थे.
अब रात को सोते-सोते भाभी का सर मेरे कंधों पर आ जाता था, जो मुझे बहुत अच्छा लगता था और मेरा लंड तन जाता था, लेकिन वर्षा भाभी गहरी नींद में थी. फिर मैंने चुपके से उनका हाथ उठाकर अपने लंड के ऊपर अपनी पेंट पर रख दिया, तो उनको नींद में कुछ पता नहीं चला.
फिर थोड़ी देर के बाद वो नींद में ही मेरा लंड दबाने लगी और जब उनको एकदम से महसूस हुआ कि वो क्या कर रही थी? तो वो सकपका कर ठीक से बैठ गयी. अब मुझे उनकी इस अदा पर बहुत प्यार आ रहा था. मैंने पहली बार देखा था कि मेरी 37 साल की भाभी कितनी सुंदर है, मुझे ऐसा लगा कि अभी ही चूम लूँ, लेकिन में मन मारकर रह गया.
फिर हम सुबह छिन्दवाड़ा पहुँचे तो मैंने भाभी को महसूस ही नहीं होने दिया कि रात की लंड वाली बात में जानता था. फिर घर पहुँचकर नहा धोकर खाना खाया और केरम बोर्ड गेम खेलते रहे. फिर मैंने नोटीस किया कि जब हम अकेले होते तो भाभी मेरे शरीर से अपना शरीर एक्सिडेंट के बहाने रगड़ देती थी.
और एक बार तो भाभी ने उनकी चूत वाला हिस्सा जानबूझ कर मेरे हाथ से रगड़ दिया और मुस्कुरा उठी. अब में एकदम भ्रमित हो रहा था, लेकिन मुझे अच्छा लग रहा था. फिर रात को हम लोग घर के आँगन में जमीन पर बिस्तर लगाकर सोने लगे. भाभी ने ऐसा किया कि पहले कीर्ति, फिर अंकित, फिर में, फिर स्वप्निल (9 साल) और फिर भाभी सोई और फिर हम सब बात करते- करते सो गये.
फिर मैंने रात को आधी नींद में नोटीस किया कि भाभी उठकर मेरे और स्वप्निल के बीच में आकर लेट गयी. अब मेरा लंड खड़ा होने लगा था, लेकिन में सोने का नाटक करके लेटा रहा. फिर थोड़ी देर के बाद भाभी ने मेरा हाथ अपने हाथ में ले लिया और उसे धीरे-धीरे मसलने लगी, जिससे मेरा लंड और तन गया था.
फिर मैंने भी उनका हाथ मसला तो वो समझ गयी कि में जाग गया हूँ. अब बाकी सब लोग गहरी नींद में सो रहे थे. फिर भाभी ने मेरा हाथ अपनी चूची पर रख दिया. मैंने आज तक किसी औरत की चूचियाँ छुई नहीं थी. (कीर्ति की चूचियाँ तो थोड़ी सी उभरी थी, लेकिन भाभी जितनी अच्छी नहीं थी). ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
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फिर में उनकी चूचियों को ब्रा और ब्लाउज के ऊपर से ही सहलाने लगा और भाभी की तरफ करवट कर ली. फिर भाभी भी मेरी तरफ करवट करके बोली कि ओह मेरे रुपेश और मेरे होंठ चूसने लगी. अब मेरे लंड का हाल तो आप लोग खुद ही सोच सकते हो.
फिर में और ज़ोर-ज़ोर से उनकी चूचियाँ मसलने लगा, तो वो मुझसे लिपट गयी और हम दोनों की साँसे फूलने लगी. अब बाकी सब सो रहे थे, लेकिन फिर भी हम दोनों को डर लग रहा था, लेकिन फिर भी मैंने भाभी का ब्लाउज खोल दिया और उनकी चूचियों को ब्रा के ऊपर से सहलाने लगा.
अब में बहुत कोशिश करने के बाद भी उनकी ब्रा का हुक नहीं खोल पा रहा था. अब भाभी अपने दाँत से मेरे दाँत रगड़ रही थी. तभी मैंने महसूस किया कि भाभी मेरे पजामे के नाड़े को खोलकर मेरे लंड को सहला रही थी. अब मुझे मज़ा भी आ रहा था और डर भी लग रहा था.
फिर भाभी ने मेरे कान में कहा कि तुम आज मुझे नहीं चोद सकते हो, कल अच्छा प्लान बनाकर हम अकेले घर में रहेगें कहकर मेरा हाथ अपनी साड़ी के अंदर अपनी चूत पर ले गयी और मेरे लंड को हिलाने लगी. अब में हैरान था कि औरतों की चूत पर बाल भी होते है.
(उन दिनों यह सब बातें 18 साल की उम्र में पता नहीं होती थी, इंटरनेट तो था नहीं) फिर में भी उसकी चूत को सहलाता रहा और फिर वो मुझसे एकदम से चिपक गयी और में उसके हाथों में ही झड़ गया. फिर वो मेरे वीर्य को चाटते हुए अधनंगी अवस्था में बाथरूम में चली गयी और फिर वापस आकर अपनी जगह पर सो गयी.
और अब भाभी और मेरे बीच में स्वप्निल सो रहा था. फिर दूसरे दिन सुबह में सोच रहा था कि भाभी का क्या प्लान है? जो हम दोनों अकेले घर पर रहेगें. तभी भाभी ने कीर्ति से कहा कि तुम सब लोग शॉपिंग करने चले जाओ, अंकित और रुपेश (मतलब में) को बुकस्टोर और स्वप्निल (9 साल) को टॉय स्टोर ले जाओ.
अब में हैरान हो गया था कि हम सब चले गये तो भाभी तो अकेली होगी. फिर थोड़ी देर में वो मुझसे बोली कि जब सब लोग जाने लगे तो तुम बहाना बना देना कि तुम्हारे सर में दर्द हो रहा है और मत जाना. फिर मैंने कहा कि वाह मेरी प्यारी भाभी और उनके बूब्स धीरे से मसल दिए.
तभी मैंने नोटीस किया कि भाभी ने अंदर ब्रा नहीं पहनी है और फिर मुझे रात की ब्रा ना खुल पाने की बात याद करके हँसी आ गयी. फिर मैंने नोटीस किया कि भाभी सब खिड़कियाँ बंद कर रही थी और कीर्ति से बोली कि कितनी मक्खियाँ अंदर आ रही है.
अब में सब समझ गया था कि भाभी चुदने का प्लान बना रही है और अब मेरा लंड थोड़ा-थोड़ा खड़ा हो चला था. फिर मैंने आखरी टाईम पर सर दर्द का बहाना बनाया तो कीर्ति, अंकित और स्वप्निल शॉपिंग के लिए चल पड़े. फिर भाभी ने जब देखा तो वो लोग काफ़ी दूर जा चुके थे, तो भाभी ने तुरंत दरवाजा भी बंद कर दिया.
अब हम दोनों घर में अकेले थे और सारे दरवाजे और खिड़कियाँ बंद थी. फिर में भाभी से जाकर चिपक गया. अब भाभी पहले से अपने ब्लाउज के बटन खोले हुई थी और मुझको चूम रही थी और बोली कि अब अपने पास बहुत टाईम है, अब यह लोग लगभग 2 घंटे तक नहीं आने वाले है और मेरे पजामे के ऊपर से मेरा लंड सहलाने लगी.
फिर मैंने भी उनका पेटिकोट और साड़ी पूरी कमर से ऊपर कर दी और मैंने पहली बार नंगी चूत देखी, ओह यारो मेरी प्यारी भाभी की पतली लकीर वाली चूत का क्या नज़ारा था? मुझे आज भी याद आता है तो भाभी पर प्यार आ जाता है. फिर में उनकी चूत के लिप्स खोलने लगा.
तो भाभी बोली कि चलो बिस्तर पर आराम से करेगें और मुझे फ्रेंच किस देने लगी. फिर मैंने उनकी साड़ी निकाल दी और उनका ब्लाउज तो पहले से खुला था. फिर भाभी ने मेरा साथ देते हुए अपने पेटिकोट का नाड़ा ढीला कर दिया तो उनका पेटिकोट भी नीचे गिर गया.
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अब वो मेरे सामने सिर्फ़ आधे खुले ब्लाउज को पहने खड़ी थी और में कुर्ता पजामा पहने था, में अभी नंगा नहीं था. फिर भाभी ने अपना ब्लाउज उतार फेंका और मुझसे नंगी ही लिपट गयी. फिर मैंने उनकी गांड को सहलाते हुए अपनी गोद में उठाया (उनकी हाईट सिर्फ 5 फुट थी और मेरी हाईट 5 फुट 10 इंच थी).
फिर भाभी मेरे गले में अपना हाथ डालकर सिमट गयी और मुझे फ्रेंच किस देती रही. फिर में उन्हें अपनी गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया और उन्हें बिस्तर पर लेटा दिया. फिर भाभी ने मुझसे कहा कि रुपेश तुम भी नंगे होकर आ जाओ, यह तो आपको ही करना होगा और फिर में कुर्ता पजामा पहने ही नंगी भाभी के बगल में लेट गया.
अब सामने फुल साईज़ कांच में हमारा सेक्स का सीन दिख रहा था, ओह क्या समां था यारो? फिर भाभी ने जल्दी-जल्दी मेरा पजामा उतारा तो मैंने भी उनका साथ देते हुए अपना कुर्ता उतार दिया. भाभी मुझसे 19 साल बड़ी थी, लेकिन क्या चीज़ दिख रही थी? ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
फिर हम लोग थोड़ी देर तक एक दूसरे की बाहों में लिपटे हुए एक दूसरे के शरीर से खेलते रहे और इधर उधर किस करते रहे. फिर मैंने कहा कि भाभी आपकी चूत अच्छे से देखनी है. फिर भाभी बोली कि तो देखो ना, पूछते क्या हो? कहकर अपनी दोनों टागें फैला दी ओह यारो, क्या दृश्या था? उनकी चूत का हीरा चमक रहा था. “Devar Bhabhi Sex Kahani”
फिर मैंने भाभी की चूत फैलाकर जहाँ तक चूत के अंदर निगाह जा सकी अच्छे से दर्शन किया. फिर भाभी ने मेरा सर अपनी चूत की तरफ खींचकर कहा कि चूम लो इसे रुपेश. फिर में ऑश भाभी कहकर चूमने लगा और अपने आप ही उनकी चूत को चाटने लगा.
अब भाभी भी अपनी गांड उठा-उठाकर अपनी चूत चटवा रही थी. फिर में चिल्लाया आआआहहहहहह भाभीईईईईई, तो भाभी बोली कि भाभी नहीं वर्षा कहो रुपेश. अब में उनकी को चूत चाटते हुए उनके बूब्स भी रगड़ रहा था और बोला कि आहहहहह मेरी प्यारी वर्षा.
फिर भाभी ने अपनी दोनों टागों से मेरा सर जकड़ लिया और अपनी गांड उचका-उचकाकर मेरे बाल सहलाने लगी. अब मेरा लंड प्यास से तड़प रहा था. फिर मैंने कहा कि वर्षा लंड का कुछ करो प्लीज. फिर भाभी बोली कि अपने लंड से मेरी चूत की प्यास बुझाओ और एकदम सीधी लेट गयी.
फिर में भाभी के शरीर के ऊपर चढ़ गया और अपना लंड को उनकी चूत में फँसा दिया. फिर भाभी ने मेरी कमर अपनी टागों से जकड़ ली और मेरी जीभ चूसने लगी. फिर मेरे लंड को उनकी चूत का छेद अपने आप मिल गया और मेरा लंड आसानी से भाभी की चिकनी चूत में घुस गया. “Devar Bhabhi Sex Kahani”
तो भाभी ज़ोर-ज़ोर से उचकने लगी और में भी उनकी रफ़्तार से अपनी कमर हिलाने लगा. फिर भाभी बोली कि ओह रुपेश पहली बार किसी को चोद रहे हो, लेकिन कितने एक्सपर्ट के समान चोद रहे हो. अब में उनकी चूचियाँ चूसे जा रहा था, ओह हम दोनों के रस की क्या सुगंध आ रही थी.
फिर 25-30 धक्कों के बाद भाभी और में एक साथ ही झड़ गये और में भाभी की बड़ी-बड़ी चूचियों पर ही ढेर हो गया. फिर हम करवट लेकर एक दूसरे की बाहों में आ गये और मेरा लंड उनकी चूत में डाले-डाले आधी नींद में सो गये. अब में आधी नींद में बोल रहा था ओह वर्षा, मेरी प्यारी भाभी.
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और भाभी की बंद आँखों को चूम रहा था और भाभी भी मेरी निपल्स से खेल रही थी. फिर इसी तरह हम लोग एकदम आराम से 15-20 मिनट तक सोते रहे. फिर भाभी ने एकदम से करवट ली और अपनी गांड मेरी तरफ करके आधी नींद में सो गयी. फिर मैंने उनकी गांड में अपना लंड फँसा दिया.
फिर भाभी ने पूछा कि पहले कभी किसी की गांड मारी है? तो मैंने कहा कि हाँ मेरे एक दोस्त की मारी है, लेकिन आप में जो मज़ा है वो और किसी में नहीं है. फिर भाभी रुको कहकर उठी और क्रीम लेकर मेरे लंड पर लगाने लगी और फिर अपनी गांड मेरी तरफ करके लेट गयी. “Devar Bhabhi Sex Kahani”
फिर मैंने थोड़ी क्रीम उनकी गांड में लगाकर धीरे-धीरे अपना लंड उनकी गांड में डाला. भाभी अक्सर अपने पति से गांड मरवाती थी, इसलिए मेरा लंड आसानी से उनकी गांड में चला गया आह्ह्ह क्या गांड थी भाभी की? उस दिन यारो मेरे लंड को क्या मज़ा आया था?
अब में उनकी गांड मारते-मारते पीछे से उनकी चूचियाँ और चूत भी सहला रहा था. अब में भाभी की पीठ पर किस दे देकर उनकी गांड मार रहा था. अब भाभी भी आहहहह म्म्म्मममम आअहह की आवाजे करके मज़े ले रही थी. फिर गांड मारने के बाद मैंने भाभी से कहा कि भूख लग रही है.
तो वर्षा और में दोनों नंगे ही किचन में गये और एक दूसरे को कुछ खाना खिलाया. अब हम खाना खाते समय भी एक दूसरे के गुप्तांगों से खेल रहे थे. अब मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि वो मुझसे 19 साल बड़ी है. मेरी वर्षा भाभी एकदम जवान दिख रही थी.
और फिर पेशाब करने के बाद हम लोग फिर से बेडरूम में आ गये और अभी उन सबको आने में लगभग 1 घंटा बाकि था तो हमें कोई डर नहीं था. फिर भाभी ने कहा कि बिस्तर के किनारे जाकर बैठ जाओ, तो मैंने वैसा ही किया. फिर भाभी नंगी ही मेरी गोद में बैठ गयी और मुझे किस देने लगी. “Devar Bhabhi Sex Kahani”
फिर मैंने हम दोनों के प्यार की इस अवस्था को कांच में देखा तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और अब में भाभी की चूचियाँ मसलने लगा था. फिर भाभी ने अपनी गांड सरका कर अपनी चूत के छेद को मेरे लंड के पास कर दिया, लेकिन छेद मिलने के बाद भी इस पोज़िशन में मेरा लंड उनकी चूत में ठीक से नहीं जा पा रहा था. ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
फिर भाभी ने रुको कहकर और खड़े होकर अपने दोनों पैर फैलाकर मेरी गोद में आ गयी. अब मेरा लंड आसानी से उनकी चूत में जा रहा था, लेकिन बैठे-बैठे चोदने में परेशानी हो रही थी तो हम दोनों खड़े हो गये और भाभी उचक कर मेरी कमर से लिपट गयी और अपने कूल्हें हिला-हिलाकर चुदने लगी.
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अब हम दोनों कांच में अपनी इस पोजिशन को देख-देखकर और उत्तेजित हो रहे थे. फिर मैंने भाभी की गांड को सहलाते-सहलाते अपनी एक उंगली उनकी गांड के छेद में अंदर डाल दी और फिर करीब 15-20 धक्कों के बाद हम फिर से झड़ गये और मेरा लंड उनकी चूत में डाले डाले ही बिस्तर पर ढेर हो गये और फिर थोड़ी देर तक सोते रहे.
फिर बाकी सबके आने से पहले अच्छे से कपड़े पहनकर लिविंग रूम में जाकर केरम बोर्ड खेलने लगे. फिर हम दोनों ने बाकि सबके आने तक केरम खेलते-खेलते खूब चूमा चाटी की और इस तरह मेरा पहला सेक्स अनुभव वर्षा भाभी के साथ हुआ. फिर इसके बाद अक्सर रात को जब भी मेरी नींद खुलती और भाभी मेरे बगल में होती तो में बेझिझक उनकी साड़ी उठाकर अपना लंड उनकी चूत या गांड में डाल देता था.
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