2 Boond Lund Ka Pilaya Pulse Polio Wali Aunty Ko
ये बात तब की है, जब मैं घर से बाहर दूसरे शहर में पढ़ाई के लिए गया हुआ था। जिस घर में मुझे रहने के लिए एक कमरा मिला था। उनका एक 4 साल का एक बच्चा रोहित था। जो अक्सर मेरे साथ खेलने मेरे कमरे में आ जाता था। 2 Boond Lund Ka Pilaya Pulse Polio Wali Aunty Ko.
एक बार रविवार के दिन जब मैं बाजार से कुछ जरूरी सामान लेकर लौटा ही था तो हमारे एरिया में प्लस पोलियो बूथ वाली मैडम बच्चों को पोलियो की बूंदे पिलाने आई हुई थी। गर्मी का दिन था और पूरा परिवार पड़ोस की लड़की की शादी जो के पैलेस में हो रही थी, वहाँ गया हुआ था।
बुलाया तो मुझे भी गया था पर एग्जाम की तैयारी की वजह से मैंने घर पे रहकर पढना उचित समझा। मैं दरवाजा बन्द करके पढ़ाई कर रहा था। तो दरवाजे की घंटी ने मेरा ध्यान किताब से तोडा। मैंने उठकर दरवाजा खोला तो देखा एक 30 साल के करीब उम्र की औरत जिसके कन्धे पे एक बक्सा टांगा हुआ था। “2 Boond Lund Ka Pilaya”
वो – नमस्ते जी !!
मैं – नमस्ते!! हांजी, कहिये कैसे आना हुआ?
वो – जी, हम सरकारी अस्पताल से 5 साल से कम उमर के बच्चों को पोलियो की बूंदे पिलाने आये है। क्या आपके घर में कोई छोटा बच्चा है?
मैं – हांजी बच्चा तो है, पर अभी घर पे नही है।
वो – क्यों किधर गया है, घर पे नही है तो?
मैं – वो दरअसल पड़ोस में शादी हो रही है, उसमे उसके माँ बाप भी शामिल हुए है। तो वो भी उनके साथ ही है। वो तो शाम तक वापिस आयेंगे।
वो – ह्म्म्म… अच्छा। क्या एक पानी का गिलास मिलेगा।
मैं – हांजी क्यों नही, आइये अंदर आइये।
वो – थैंक्स।
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अंदर आकर वो मेरे सिंगल बैड पे ही बैठ गयी। मैंने उसे घड़े से ठंडा पानी निकाल कर गिलास भरके दिया। वो शायद बहुत प्यासी थी। उसने जल्दी जल्दी गिलास खाली कर दिया। मेने और पानी उसके गिलास में डाला, वो भी पी गयी। पानी पीकर गिलास वापिस करती हुई बोली,” बहुत बहुत धन्यवाद आपका, मेरा प्यास से गला सूख रहा था। “2 Boond Lund Ka Pilaya”
मैं गिलास धोकर वापिस रख कर उसके पास आकर बैठ गया। यह कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी पर पढ़ रहे हैं।
वो – बात दरअसल यह है, मेरी ड्यूटी आपके एरिये में लगी है। मतलब आपके इलाके में मेरा आज पहला दिन है। मैं ज्यादा वाकिफ नही हूँ इस एरिया की, कृप्या आप मुझे बताएंगे किन किन घरो में छोटे बच्चे है?
मैं – मैडम, मैं भी यहाँ का मालिक नही हूँ, मैं भी यहाँ अजनबी हूँ, मेरा अपना शहर कोई और है। मैं यहां किराये पे रहता हूँ। सो माफ़ करना आपकी इस मामले में कोई खास मदद नही कर पाउगा।
वो (थोड़ा उदास सी होकर) – चलो कोई बात नही जी, कोई और घर देखती हूँ। आप तो खुद मेरे जैसे हो।
मैं – मैडम उदास मत होइए, बैठो चाय पानी पीकर जाइये, वैसे भी बाहर धूप बहुत है। थोडा टाइम आराम कर लीजिये। बाद में चले जाना। यहाँ कोनसा किसी को जानती हो, जो उसके पास बैठ जाओगे। सभी लोग घरो को अंदर से लॉक लगाकर सोये होंगे। शाम होनें दो थोड़ा फेर लोग दरवाजे खोलेंगे। “2 Boond Lund Ka Pilaya”
वो – बात तो आपकी ठीक है!!
उसने अपना दवाई वाला बक्सा पास पड़े टेबल पर दुबारा रख दिया और बैठकर बाते करने लगी। मेने रूम में रखे हीटर पे दो कप चाय चढ़ा दी और बाते करने लगा। करीब 5 मिनट बाद चाय बन गयी और दो कपो में डाल ली, एक कप मैडम को पकड़ाया और एक खुद ले लिया।
वो – इसकी क्या ज़रूरत थी? ऐसे ही परेशानी उठाई आपने!!
मैं – इसमें परेशानी वाली कोनसी बात है। आप इस वकत एक मेहमान हो और मेहमान को चाय पिलाना हमारा फ़र्ज़ है। वैसे भी मुझे पढ़ाई के वक़्त नींद न आये इस लिए चाय बनाई है। वैसे आप कहाँ की हो मैडम और आपका नाम क्या है?
वो – मेरा नाम अनीता शर्मा है और मैं हरियाणा से हूँ। मेरी ड्यूटी आपके शहर के 5 साल से कम उमर के तमाम बच्चों को पोलियो की बूंदे पिलाने की लगी है। कोई भी बच्चा इन बूंदो सर वंचित नही रहना चाहिए। एक बच्चा भी रह गया तो पोलियो का शिकार हो जायेगा। इसलिए आपसे मदद मांगी थी। “2 Boond Lund Ka Pilaya”
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मैं – मैडम है आप हरयाणा की और नौकरी पंजाब में यह बात कुछ समझ से बाहर है।
वो – दरअसल बात यह है के हरियाणा के अस्पताल में नौकरी करती हूँ। वहां से मेरी बदली यहां की कर दी गयी है। मुझे घर से आये हुए एक हफ्ते का समय ही हुआ है। मेरा सुसराल उधर ही है।
मैं – क्या बोला आपने सुसराल? लगती तो है नी आप के शादीशुदा हों।
वो – शादी को दो साल हो गए है मेरी, मेरा पति बिजली विभाग हरियाणा में कर्मचारी है।
मैं – फेर तो मैडम आपका बेबी भी होगा कोई?
वो (मेरी बात सुनकर थोड़ी उदास सी हो गयी) – नही बेबी एक भी नही है।
और फक फक करके रोने लगी।
मैं – मैडम क्या हुआ, मैंने कुछ गलत पूछ लिया क्या? ऍम सॉरी प्लीज़ !!!
वो – नही नही आपने कुछ गलत नही पूछा!
मैं – तो इसने रोने वाली कोनसी बात है, बताइये?
वो – वो दरअसल बात ये है के हम दोनों को इकठे रहने का समय बहुत कम मिलता है। क्या कहना महीने में दो तीन दिन इकठे सो जाये।
मैं – ऐसा क्यों मैडम, आपकी ड्यूटी तो एक ही जगह की है। शाम को आपके पति घर आते ही होंगे।
वो – हांजी घर भी आते है रोज़ाना, पर दिन के काम के थके खाना खाकर जल्दी से सो जाते है। यदि कई बार उनको सेक्स का बोलू भी तो कल को करने का वादा करके मेरी तरफ पीठ करके सो जाते है। मैं प्यासी ही सो जाती हूँ। गुस्सा भी बहुत आता है, पर घर का माहोल न बिगड़े इस लिए यही बात दिल में दबाकर सो जाती हूँ। “2 Boond Lund Ka Pilaya”
मैं – ह्म्म्म… बात तो थोड़ी सीरीयस है। क्या इस मामले में मैं आपकी कोई मदद कर सकता हूँ तो बताओ?
वो – मदद तो कर सकते हो, पर मेरे उसूल मुझे इज़ाज़त नही देते।
मैं – मतलब?
वो – मतलब के मैं पतिव्रता स्त्री हूँ, मैं ये हरगिज़ नही चाहती के मेरी कोख में किसी और का बच्चा पले।
मैं – मैं यह तो नही कह रहा के मुझसे सम्बन्ध बनाओ, पर बच्चे के लिए सेक्स तो करना पड़ेगा ना आखिर कब तक इस आग में जलती रहोगे। हर बात की एक हद होती है।
वो – बात तो आपकी ठीक है।। पर मैं करू भी तो क्या? बोलती हूँ तो घर का माहोल खराब होता है।
मैं – आप कुछ न करो, आप जब भी इकठे सोवो तो उन्हें सेक्स के लिए एक बार निमंत्रण दो, आगे मानना या ना मानना उनकी मर्ज़ी है।
वो – वो तो हर बार करती हूँ, पर यदि उनका मूड बन भी जाये तो अपना पानी निकालकर सो जाते है। मेरी कोई परवाह नही करते। आप ही बताओ क्या मेरी कोई भावना नही है। क्या मेरा दिल नही करता होगा सेक्स में संतुष्टि को, उनका क्या है वो तो दिन भर कम पे रहते है शाम को आकर सो जाते है। इधर आस पड़ोस की औरते बार बार पूछती है कब पार्टी दे रहे हो बच्चा होने की? मैं बस उनको कोई न कोई बहाना बनाकर टाल देती हूँ। आस पड़ोस में हमारी बहुत इज्ज़त बनी हुई है। सो ऐसा गलत काम सोचने में भी डर लगता है। किसी को पता चल गया तो अनर्थ हो जायेगा। आप ही बताईये क्या करूँ मैं, बच्चा हर हाल में चाहिए मुझे!! “2 Boond Lund Ka Pilaya”
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मैं – अब मैं क्या बोलू आपको।
मेरा इशारा कुछ कुछ समझ गयी वो।
फेर बोली क्या आप मेरी मदद कर दोगे।
मैं – वो कैसे मैडम?
वो – अब ज्यादा बनो मत, सब जानते हो आप कैसे मदद कर सकते हो।
मैं – हाँ मैडम जानता हूँ,पर आप तो पतिव्रता स्त्री हो और आपके उसूल आपको कभी इज़ाज़त नही देंगे।
वो – दफा करो उसूलो को मुझे बस औरत से माँ बनना है।
पता नही उसे क्या हुआ एक मिनट में ही उसने इतना बडा फैसला ले लिया। मेने अपना हाथ उसके हाथ पे रखा वो कुछ नही बोली। मेने हल्के से उसका हाथ दबाया फेर भी कुछ नही बोली। “2 Boond Lund Ka Pilaya”
एक बार मेरी आँखों में आँखे डालकर देखा फेर नज़र नीची करके बैठी रही। मैं उसकी जांघ को सहलाने लगा। वो धीरे धीरे मौन करने लगी और उसकी आँखे बन्द हो रही थी। एक ममता में अंधी होने के कारण वो कुछ भी करने को तैयार हो गई थी। उसकी आँखों में काम वेग देखने लायक था।
मेने उठकर गली वाला दरवाजा अच्छी तरह से बन्द किया और वापिस उसके पास आकर उसको बेड पे लिटाकर चूमने लगा। उसके दिमाग में पता नही क्या आया एक बार भी मेरा विरोध नही किया। मैं उसके पतले हल्के गुलाबी गुलाब की पत्तियो जैसे होंठ अपने होंठो में लेकर चूस रहा था। वो भी आँखे बन्द किये मेरे होंठ चूस रही थी।
करीब 10 मिनट तक उसके मुलायम होंठ चूसने के बाद उसकी कमीज़ ऊपर उठाकर उसके गोरे चिट्टे मम्में हाथो में लेकर दबाने और मुह में लेकर चूसने लगा। क्या गज़ब का स्वाद था, कहने सुनने से परे। यह कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी पर पढ़ रहे हैं।
वो लडखडाती अवाज़ में बोली – जल्दी से डाल दो प्लीज़.. कही ये न हो कोई ऊपर से आ जाये और हम दोनों इस हाल्त में पकड़े जाये।
मु्झे उसकी बात जच गयी और सीधा उसकी सलवार का नाडा खींचकर खोल दिया और सलवार टांगो से बाहर निकाल दी। उसकी टांगे चौड़ी करवाकर देखा, एक दम क्लीनशेव चूत थी। जिसमे से उसके कामरस की बूंदे बेह रही थी। “2 Boond Lund Ka Pilaya”
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इधर मेने जल्दी से अपनी निकर उतारकर जैसे ही खड़ा लण्ड उसकी तरफ किया तो वो बोली – सॉरी मैं आपका लण्ड नही चूस सकती। मुझे उलटी आ जाती है। माफ़ करना आप को शायद बुरा भी लगेगा,। पर हाँ यदि आप कहो तो इसकी तेल या वैसलिन से मालिश कर सकती हूँ।
मेने बेड से निचे उतरकर बाथरूम में से तेल की शीशी ले आया और उसे पकडा दी। उसने अपनी हथेली पे थोडा सा तेल डाला ओर दूसरे बचे तेल को ढक्कन लगाकर साइड पे रख दिया। हथेली पे पड़े तेल से वो हल्की हल्की मेरे लण्ड को मालिश करने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
करीब 2 मिनट मालिश के बाद उसे रोक दिया तांजो मेरा उसके हाथ से ही न रस्खलन हो जाये। उसे मेने लेटने का इशारा किया।
वो लेट गयी और उसकी दोनों टंगे अपने कन्धों पे रखकर लण्ड को उसकी चूत के मुह पे सेट करके जेसे ही पहली हिट मारी, लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत में घुस गया। उसकी दर्द से आह निकल गयी। दो मिनट उसी हाल्त में लेटा रहा।
जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ फेर एक हिट मारी इस बार आधा लण्ड उसकी चूत ने निगल लिया था, वो दर्द से बैड की चदर नोच रही थी। जब तीसरा हिट लगाया तो जड़ तक लण्ड उसकी चूत के अंदर घुस चूका था।
वो दर्द से छटपटा रही थी और उससे अच्छी तरह से बोला भी नही जा रहा था। जब उसका दर्द बिलकुल खत्म हो गया तो मेने अपने कूल्हे हिलाने चालू किया। अब उसका दर्द मज़े में बदलने लगा। उसकी टांगे उन्ची उठी होने की वजह से मेरा लण्ड उसकी बच्चेदानी को छूकर वापिस आ रहा था। वोह भी गांड हिला हिलाकर लण्ड को ले चूत में रही थी। “2 Boond Lund Ka Pilaya”
करीब 10 मिनट बाद हम दोनों एक साथ रस्खलित हुए और ऐसे ही आधा घण्टा उसी हालत में पड़े रहे। उसके चेहरे पे संतुष्टि के भाव देखने लायक थे। फेर हम उठे बाथरूम में जाकर शावर के निचे नहाये और हम कपड़े पहन के वापिस बैड पे आकर बैठ गए और गली वाला दरवाजा भी खोल दिया।
फिर उसने मुझे धन्यावाद बोला और मेरा मोबाइल नम्बर माँगा। मेने उसे अपना नम्बर बोला तो उसने अपने मोबाइल से मिस कॉल करदी। हम दोनों ने अपने अपने मोबाइलो में सेव कर लिया। इतने में भाई, भाबी और उनका 4 साल का बेटा भी आ गए।
उन्होंने मुझस इशारे में उसके बारे में पूछा। जिसपे वो इशारा समझ कर खुद ही बोल पड़ी के मैं 5 साल से कम उमर के बच्चो को पोलियो की बूंदे पिलाने आई थी। आपका बेटा घर पे नही था। सो मेने उसका इंतज़ार करना बेहतर समझा। अब जो आ गया है इसे मेरे पास लाओ, इसे बूंदे पिला देती हूँ।
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भाभी उसे उठाकर मैडम के पास ले यी और मैडम ने बच्चे को दवाई पिलाई और उसकी ऊँगली पे पेन से स्याही लगदी।
उसके बाद मैडम हम सबको नमस्ते बोलकर अपना बैग लेकर बाहर अन्य घरो में दवाई पिलाने चली गयी। “2 Boond Lund Ka Pilaya”