Bahan Chudai Ki Kami Mahsus Kar Rahi Thi
चांदनी मेरी बहन है, वहां उस दिन कुछ ज्यादा ही परेशान थी वह मुझे कहने लगी भैया आजकल मेरे पति का अफेयर किसी और से ही चल रहा है और ना जाने उनके दिल में अब क्या चल रहा है मैं तो उनके साथ बिल्कुल भी खुश नहीं हूं मैंने चांदनी से कहा तुम आज घर पर ही रुक जाओ। वह बहुत ज्यादा परेशान थी मैंने चांदनी से कहा तुम चिंता मत करो चांदनी की जिम्मेदारी मुझ पर ही है क्योंकि उसका मेरे सिवा इस दुनिया में कोई और नहीं है मेरे माता-पिता का देहांत काफी समय पहले ही हो चुका था. Bahan Chudai Ki Kami Mahsus Kar Rahi Thi.
और सारी जिम्मेदारी मेरे कंधों पर ही थी मेरी शादी को भी कुछ ही समय हुआ था। मैं अभी अच्छे से कमाने भी नहीं लगा था की चांदनी कि जिंदगी में परेशानी आने लगी थी उस दिन तो वह हमारे घर पर ही रुक गई लेकिन रात भर मैं सिर्फ इसी बारे में सोचता रहा कि क्या चांदनी के जीवन में दोबारा से खुशियां आ पाएगी क्योंकि वह बहुत दुखी थी और उसके दुख को मैं बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था।
मैंने यह बात अपनी पत्नी से भी कहीं तो वह कहने लगी आप बिल्कुल भी चिंता ना कीजिए सब कुछ ठीक हो जाएगा जब उसने मुझसे यह सब कहा तो मैंने उसे कहा लेकिन मेरे ऊपर तो इतनी जिम्मेदारी आन पड़ी है कि मैं उसे अच्छे से शायद निभा भी ना पाऊं मेरे ऊपर अपने घर की जिम्मेदारियां हैं और अब चांदनी की भी जिम्मेदारी मेरे कंधों पर ही है क्योंकि उसका मेरे सिवा इस दुनिया में कोई भी नहीं है उस रात मुझे रात भर नींद नहीं आई मैं बहुत ज्यादा बेचैन था।
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अगले दिन मैंने चांदनी के पति गणेश से बात करने की सोची मैंने जब गणेश को फोन किया तो वह कहने लगा हां कहिये मैंने उसे सारी बात बताई और कहा चांदनी को तुम खुश नहीं रख पा रहे हो क्या तुम दोनों के बीच में झगड़े हो रहे हैं तो गणेश मुझे कहने लगा है ऐसा तो कुछ भी नहीं है हम दोनों के बीच सब कुछ नॉर्मल है। मैंने गणेश से कहा लेकिन मुझे तो चांदनी बता रही थी कि तुम्हारा अफेयर किसी और के साथ ही चल रहा है और तुम दोनों के बीच में बहुत मतभेद हैं जिससे कि तुम दोनों के बीच अब दूरियां पैदा हो गई है गणेश मुझे कहने लगा ऐसा कुछ भी नहीं है हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश हैं। “Bahan Chudai Ki Kami”
गणेश अपनी गलती को स्वीकार करने को तैयार ही नहीं था और चांदनी भी गणेश के साथ शायद रहना ही नहीं चाहती थी लेकिन मैंने चांदनी से कहा तुम कुछ दिनों के लिए अपने ससुराल चले जाओ चांदनी मेरे कहने पर अपने ससुराल चली गई कुछ सालों तक तो सब कुछ ठीक रहा मैं उसे हमेशा फोन किया करता था यदि मैं कभी उसे फोन नहीं करता तो वह मुझे फोन कर दिया करती थी। अब मैं थोड़ा निश्चिंत था क्यों कि गणेश और चांदनी के बीच में अब झगड़े नहीं थे और वह अब चांदनी का ध्यान रख रहा था क्योंकि मेरे कहने पर शायद वह अपनी गलती को मान चुका था परंतु उसने अपने मुंह से अपनी गलती को स्वीकार नहीं किया था लेकिन अब वह चांदनी का ध्यान रखने लगा था। मैं हर रोज चांदनी को फोन किया करता तो वह खुश नजर आती लेकिन एक दिन चांदनी फोन पर बहुत ज्यादा रो रही थी मैंने उसे समझाया और कहा तुम आज इतना क्यों रो रही हो वह कहने लगी भैया मैं आपको क्या बताऊं अब यह मुझसे बात भी नहीं करते हैं और हमेशा ही यह उस लड़की के बारे में कहते रहते हैं। “Bahan Chudai Ki Kami”
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मैंने गणेश को उसी वक्त फोन किया और कहा तुम यदि चांदनी का ध्यान नहीं रख सकते तो तुम उसे घर भेज दो उसने मुझे कुछ जवाब नहीं दिया और मेरा फोन काट दिया उसी शाम चांदनी घर लौट आई और जब वह घर आई तो वह बहुत ज्यादा दुखी थी मैंने उससे कुछ भी बात नहीं की, मैंने अपनी पत्नी से कहा तुम चांदनी का ध्यान रखना। अगले दिन मैं गणेश से मिलने चला गया मैंने उससे पूछा तुम्हारे और चांदनी के बीच में किस बात को लेकर मतभेद हैं जो तुम दोनों इतने झगड़े करते हो चांदनी ने मुझे तुम्हारे अफेयर के बारे में बताया है और मुझे पूरा यकीन है कि तुम ही गलत हो लेकिन उसकी सजा मेरी बहन को भुगतनी पड़ रही है।
गणेश मुझे कहने लगा मैंने कोई गलती नहीं की है मैंने चांदनी को पूरा प्यार दिया है और मैं उसका अच्छे से ध्यान रखता हूं लेकिन वह बेवजह ही मुझ पर शक करती रहती है। मुझे पता नहीं चल रहा था कि कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ बोल रहा है लेकिन इसका खामियाजा तो मेरी बहन चांदनी को भी भुगतना पड़ रहा था और उसकी जिंदगी अब पूरी तरीके से बर्बाद हो चुकी थी मैंने बहुत कोशिश की गणेश और चांदनी का रिश्ता एक हो जाए लेकिन वह दोनों एक हो ही नहीं पाए उन दोनों का अब एक साथ रहना मुश्किल ही था और वह दोनों अलग हो गए। चांदनी हमारे साथ ही रहती थी चांदनी घर पर ही रहती थी और वह बहुत ज्यादा परेशान नजर आती मैंने उसे कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं समझी थी, “Bahan Chudai Ki Kami”
उन दोनों के बीच में अब बिल्कुल भी बातचीत नहीं होती थी और वह दोनों एक दूसरे से पूरी तरीके से अलग हो चुके थे। मेरे कंधों पर अब सुहाने की जिम्मेदारी आन पड़ी थी लेकिन मैं उसकी जिम्मेदारी से दूर नहीं भाग सकता था इसलिए मैंने उसकी जिम्मेदारी उठाई चांदनी ने अपना ग्रेजुएशन पूरा कर लिया था लेकिन वह चाहती थी कि वह अपना पोस्ट ग्रेजुएशन भी पूरा करें इसलिए उसने पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने की सोची और फिर उसने एडमिशन ले लिया वह अब कॉलेज जाया करती थी। मैंने उसे कभी किसी चीज की कमी महसूस नहीं होने दी मैंने उसे वही प्यार दिया जो मेरे मां बाप उसे देते थे और उसकी पढ़ाई भी अब पूरी होने लगी थी। “Bahan Chudai Ki Kami”
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जब उसकी पढ़ाई पूरी हो गई तो उसने जॉब करने की सोची क्योंकि वह घर में ही रहती थी तो उसने मुझसे एक दिन यह कहा कि भैया मैं नौकरी करना चाहती हूं, वह अब नौकरी करना चाहती थी मैंने भी उसे रोक नहीं और उसने भी कंपनी में जॉब के लिए अप्लाई कर दिया और उसका वहां सिलेक्शन हो गया। जब उसका सिलेक्शन उस कंपनी में हुआ तो वह मुझे कहने लगी भैया मेरा सिलेक्शन हो चुका है वह उस दिन बहुत ज्यादा खुश थी उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था मैंने उसे कहा तुम्हारी खुशी में ही मेरी खुशी है। चांदनी बहुत ज्यादा खुश थी मैंने उसे गले लगाते हुए कहा तुम्हें अब किसी भी चीज की कमी कभी महसूस नहीं होगी तुम अपने पैरों पर खुद खड़ी हो चुकी हो और अपने बलबूते तुमने यह नौकरी हासिल की है। गणेश का उसके जीवन में अब कोई लेना देना नहीं था वह उसके जीवन से बहुत दूर जा चुका था वह उसके जीवन से इतना दूर हो चुका था कि शायद चांदनी गणेश को भूल चुकी थी.
और उसने अब अपने नए जीवन की शुरुआत कर ली थी। मैंने चांदनी से कहा तुम दूसरी शादी कर लो अभी तुम्हारी उम्र बहुत कम है तो वह कहने लगी नहीं भैया मैं अब शादी नहीं करना चाहती मैं अपने जीवन को अपने तरीके से ही जीना चाहती हूं। मैंने भी उस दिन के बाद कभी चांदनी को इस बारे में नहीं कहा और वह अपने तरीके से अपने जीवन को जीने लगी वह अपने ऑफिस के काम में बहुत ज्यादा बिजी रहती उसे घर पर कम ही समय मिल पाता था लेकिन जब भी हम लोग एक साथ होते तो हम लोग अच्छा समय बिताया करते थे मेरी पत्नी भी चांदनी का हमेशा सपोर्ट किया करती थी। चांदनी ज्यादातर बिजी रहती थी वह अपने पुराने रिश्ते को भूलने लगी थी और वह शादी भी नहीं करना चाहती थी परंतु मुझे उसकी हमेशा चिंता होती थी। उसे शादी कर लेनी चाहिए लेकिन वह तो शादी करने को तैयार ही नहीं थी, एक दिन मैंने देखा वह अपने कमरे में बैठी हुई थी और बहुत ज्यादा उदास थी। “Bahan Chudai Ki Kami”
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मुझे समझ नहीं आया कि वह इतने उदास क्यों है मैंने चांदनी से पूछा तो चांदनी का चेहरा लटका हुआ था वह मुझे कहने लगी भैया आपसे क्या कहूं बस कभी-कभार बहुत अकेला महसूस होता है और मैं अपने दिल की बात किसी को बयां नहीं कर सकती। मैंने चांदनी से कहा तुम मुझसे और अपनी भाभी से तो कह सकती हो वह कहने लगी आप नहीं समझ पाएंगे मैंने चांदनी से कहा ऐसी कौन सी बात है जो मैं समझ नहीं पाऊंगा। मैं उस वक्त उसकी बात को नहीं समझ पाया था लेकिन जब रात को चांदनी अपने बिस्तर में लेटे हुए थी मुझे लगा वह आराम से लेटी हुई होगी, मैं उसके पास जाकर बैठ गया वह चादर के अंदर थी। “Bahan Chudai Ki Kami”
मैं उसके बगल में बैठा हुआ था मैंने चादर को उठाया तो मैंने देखा उसने कुछ भी नहीं पहना हुआ था उसकी चिकनी चूत को देखकर मैं उत्तेजित होने लगा। मै भूल गया कि चांदनी मेरी बहन है मैंने उसकी योनि को अपनी उंगली से सहलाना शुरू कर दिया मुझे भी बहुत मजा आ रहा था इसीलिए मैं उसकी योनि को बहुत देर तक सहलाता रहा। जब मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर प्रवेश करवाया तो वह चिल्ला उठी वह कहने लगी इतने समय बाद किसी ने अपने मोटे लंड को मेरी योनि पर सटाया है।
वह सेक्स की भूखी थी वह कहने लगी इतने समय से मैं यही चाहती थी मुझे नहीं पता था कि चांदनी इतनी भूखी बैठी हुई है मैंने उसकी इच्छाओं को बड़े अच्छे से पूरा किया, उसकी टाइट चूत को मैंने बड़े अच्छे से मारा। उसकी योनि में एक भी बाल नहीं था जिससे कि मेरे अंदर की गर्मी और ज्यादा बढ़ जाती है मैं बड़ी तेज गति से उसे धक्के देता जाता। मेरे धक्के इतने तेज होते कि उसका शरीर हिल जाता वह अपने आप पर काबू नहीं कर पाती। “Bahan Chudai Ki Kami”
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जैसे ही मेरा वीर्य उसकी योनि के अंदर गिरा तो चांदनी मुझसे लिपट गई और कहने लगी भैया आपका थैंक यू आपने मेरी इच्छा को समझा और मेरी इच्छा को आपने पूरा किया मैं आपका कैसे धन्यवाद कहूं। मैंने चांदनी से कहा कोई बात नहीं तुम्हे जब भी जरूरत पड़े तो तुम मुझे अपने कमरे में बुला लिया करना मैं तुम्हारी इच्छा पूरी कर दूंगा। चांदनी कहने लगी मैं यही तो चाहती थी कितने समय से मे तड़प रही थी। “Bahan Chudai Ki Kami”