Maa Ka Nazayaj Rishta Pados Ke Doctor Ke Sath
हिंदी सेक्स स्टोरी मेरा नाम कमल है और आज में जो स्टोरी आपसे शेयर करने जा रहा हूँ वो मेरी माँ की है, उनका नाम माधुरी है और फिगर 38-34-40 है, उनके बूब्स एकदम गोल-गोल है और मुश्किल से एक हाथ में एक ही आयेगा. वैसे तो यह कहानी काफ़ी पुरानी है, लेकिन असली घटना 3 से 4 महीने पहले हुई. मैंने उनके बारे में कभी बुरा नहीं सोचा था, जब उन्होंने रात को अलग अलग ड्रेस पहनना शुरू किया था तो उनका वो गुलाबी कुर्ता जो कि उन्होंने काफ़ी टाईम से नहीं पहना था, क्योंकि वो टाईट था, अब उसे उन्होंने नाईट ड्रेस बना लिया था वो भी बिना ब्रा के. यह पहली बार होगा जब मैंने उनको बिना ब्रा के देखा होगा. उनके वो बड़े गोल-गोल बूब्स उस गुलाबी ड्रेस में इतने बड़े लग रहे थे की क्या बताऊँ? फिर कुछ टाईम तक ऐसे ही चलता रहा और में रोज उनको देखकर मज़ा लेता रहा, फिर जो हुआ वो कमाल का था और कभी-कभी माँ पापा का सेक्स भी देख लेता था. Maa Ka Nazayaj Rishta Pados Ke Doctor Ke Sath.
एक दिन हमें अचानक मेरी नानी के वहाँ जाना पड़ा, क्योंकि उनकी हालत खराब थी. और कुछ दिन मेरे पापा भी वहाँ रहे और अब सब नॉर्मल चल रहा था और कुछ दिन के बाद सिर्फ़ में और माँ वहाँ रह गये और पापा चले गये. अब जो घटना आगे हुई मुझे नहीं मालूम वो घटना थी या नहीं. फिर अगली सुबह जब में बाथरूम में गया तो वहाँ बाल्टी नहीं थी तो मैंने माँ को आवाज़ लगाई और पूछा तो उन्होंने मुझसे कहा कि बाल्टी दूसरे बाथरूम में है, जो कि खुले टाईप का बाथरूम है और हम उसे वॉटर स्टोर के लिए प्रयोग करते है. फिर जैसे ही में वहां बाल्टी लेने गया तो में देखता हूँ कि वहां माँ नहा रही थी वैसे तो वो बैठी हुई थी और ज्यादा कुछ नहीं दिख रहा था.
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फिर भी वो पूरी नंगी थी और उसका एक बूब्स उसकी साईड से बाहर आ रहा था. वैसे तो मैंने उनको चेंज करते देखा था, लेकिन ऐसे आमने सामने पहली बार था. अब पूरा दिन नॉर्मल ही था कुछ भी अलग या स्पेशल नहीं हुआ, लेकिन रात को माँ ने मेरे लिए नया सर्प्राइज़ रखा था. रात के करीब 8 बज रहे थे और में टी.वी देख रहा था कि माँ खाना लेकर मेरे रूम में आती है और में क्या देखता कि माँ टॉपलेस है और बूब्स को कवर करने के लिए सिर्फ़ दुपट्टा था और मुझे उनके बड़े-बड़े बूब्स दुपट्टे से साफ दिख रहे थे.
अब कुछ दिन तक माँ का यही सीन चला और कभी-कभी जब वो किचन में होती तो दुपट्टा भी निकाल देती थी और में उन्हें खिड़की से देखता रहता था, लेकिन यह कहानी भी कुछ ही दिन चली और फिर हम अपने घर आ गये और माँ के बूब्स दर्शन भी बंद हो गये.
अब में परेशान था कि असल में यह क्या था? माँ चाहती क्या थी? मैंने नेट पर इसके बारे में बहुत कमेन्ट डाले और लोगों से पूछा, लेकिन कोई सही जबाब नहीं मिला, क्या मैंने एक सुनहरा मौका खो दिया था? में हमेशा यही सोचता और धीरे धीरे माँ का एक्सपोज़ भी कम होने लगा और में अपने काम में और माँ नानी के पास ज्यादा रहने लगी. अब तो में यही सोचता था कि वो वहां अब टॉपलेस होगी, फिर मैंने माँ को पापा से चुदते देखा था तो थोड़ा बहुत तो मुझे मालूम था. अब मेरे दिमाग में ख्याल आने लगे कि क्या मेरी माँ चालू हो सकती है? क्योंकि दोस्तों बस में लेडीस को कैसे गर्म करते है यह सब में अपने दोस्तों से शेयर करता रहता था और इन्जॉय करता था और अब मुझे मेरे चान्स कम ही लग रहे थे तो मैंने सोचा क्यों ना किसी दोस्त की सहायता से माँ को गर्म करूँ? और उसे चुदवाऊं, क्योंकि मेरा तो कोई चान्स ही नहीं था.
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फिर कुछ लोगों ने उसे फोन किया, लेकिन किसी को कोई पॉज़िटिव रेस्पॉन्स नहीं मिला, इसका मतलब मेरी माँ शरीफ औरत थी और मेरा ही दिमाग गन्दा था और यह कहानी ख़त्म हो गई. फिर एक दिन मेरा कॉलेज भी ख़त्म हो गया था तो अब में फिर से नानी के वहां रहने चला गया, इस उम्मीद से कि शायद कुछ दिख जाए.
फिर वो रात भी आई जब मुझे माँ का कुछ दिखा, लेकिन पहले जैसा नहीं, लेकिन एक चीज स्पेशल ज़रूर थी और वो थी मेरी माँ की नानी के डॉक्टर से दोस्ती. वैसे तो वो एक टाईप से मेरा मामा ही था, क्योंकि वो मेरे मामा का दोस्त था और माँ को दीदी बुलाता था. वैसे तो सब नॉर्मल ही था, लेकिन एक दिन माँ उस डॉक्टर के पास दवाई लेने गई और काफ़ी टाईम तक वापस नहीं आई तो में वहां देखने गया, लेकिन क्लिनिक तो बंद था और में वापस आ जाता हूँ. फिर में माँ को कॉल करता हूँ, लेकिन रिप्लाई नहीं मिला और फिर थोड़ी देर बाद जब जवाब दिया तो मुझे उनकी आवाज़ से वो थकी हुई लगी और ऐसा कुछ दिन तक चला और अब माँ के अंडरगार्मेंट्स भी थोड़े स्टाइलिश हो रहे थे और मेरा कमीना दिमाग तो वही सोच रहा था.
फिर मैंने जानने की बहुत कोशिश की, लेकिन कुछ पता नहीं चल रहा था तो मैंने सोचा क्यों ना डॉक्टर और माँ को एक दूसरे से दूर रखूं? और जब कभी मौका मिलता में डॉक्टर से दवाई लेने चला जाता, लेकिन माँ में कुछ बदलाव नहीं आया. मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि हो क्या रहा है? अब कहानी को और लंबा ना ले जाते हुए में सीधा अपनी बात पर आता हूँ वो सोमवार का दिन था और डॉक्टर किसी की शादी में गया था तो माँ उसके घर पर दवाई लेने गई, लेकिन वो फिर से लेट हो गई.
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मैंने सोचा आज पता किया ही जाए कि बात क्या है? लेकिन में वहां पहुँचा तो क्लिनिक बंद और घर भी बंद था, मेरे कुछ समझ में नहीं आया. फिर मैंने अन्दर क्लिनिक में से अचानक से थोड़ी आवाज़े सुनी और पास जाकर देखा तो डॉक्टर मेरी माँ की चुदाई कर रहा था. उनके नंगे बूब्स क्या लग रहे थे? और टेबल पर प्रेस हो रहे थे और वो साला मेरी माँ को घोड़ी बनाकर चोदने में लगा था और माँ बीच-बीच में आवाज़े निकाल रही थी और मजे ले रही थी. दोस्तों में अब सब समझ चुका था और सब कुछ जानकार भी आज तक अनजान बना हुआ हूँ. मैंने किसी को कुछ नहीं बताया है और मेरी माँ अभी भी उस नाजायज रिश्ते को पूरी ईमानदारी से निभा रही है.