Bathroom Hard Chudai Kahani
दोस्तों एक बार हुआ यूँ कि में अपने किसी मिलने वाले की एक शादी में गया हुआ था, वहाँ पर मुझे एक लड़की दिखी, जो दिखने बहुत सुंदर थी और उसने पीले कलर का पटियाला सलवार सूट पहना हुआ था और वो उन कपड़ो में बहुत हॉट, सेक्सी लग रही थी, मेरा लंड तो उसे देखते ही तुरंत खड़ा हो गया और पेंट के बाहर आने को बेताब हो गया. Bathroom Hard Chudai Kahani
लेकिन वहाँ पर उस समय बहुत सारे लोग थे तो मुझे कुछ शर्म भी आ रही थी और मैंने जैसे तैसे अपने आप को कंट्रोल किया, लेकिन फिर भी मेरे दिमाग में बस उस लड़की को चोदने का भूत सवार था. अब मन ही मन बहुत सोचने लगा कि ऐसा क्या किया जाए, जिससे मुझे इसकी चुदाई का मौका मिल जाए?
फिर में उस लड़की पर ध्यान देने लगा और अपनी पूरी नज़र रखने लगा था. तभी मैंने देखा कि वो शादीशुदा थी और उसका पति उससे कुछ बात कर रहा था और अब मैंने मन ही मन विचार करके उसके पति से दोस्ती करने की बात मन में ठान ली और अब में उस मौक़े की तलाश में लग गया.
तभी कुछ देर बाद मैंने देखा कि उसका पति अब हमारे एक जानने वाले से बात करने लगा था. फिर में भी सही मौका देखकर तुरंत वहाँ पर पहुंच गया और अब में भी उनके साथ गप शप करने लगा था और हम सभी के बीच बहुत हंसी मजाक हुआ और हम सभी बहुत हंस हंसकर बातें कर रहे थे.
और तब बातों ही बातों में उसने मुझे बताया कि उसकी शादी को दो साल हो गये है और अभी तक उनका कोई बच्चा नहीं है और उन्होंने उसके लिए बहुत बार कोशिश की है, लेकिन हमेशा नाकाम रहे, वो इस बात को लेकर बहुत दुखी थे, क्योंकि वो जब यह बात हमे बता रहे थे, तब उनका चेहरा थोड़ा उतरा हुआ सा था, वो मुझे बहुत दुखी उदास से नजर आने लगे थे.
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दोस्तों फिर हमने उन्हें बहुत समझाया और कहा कि यह सब उस ऊपर वाले के हाथ है, हम तो बस मेहनत कर सकते है. दोस्तों मेरी अच्छी किस्मत से वो मेरे घर से क़रीब चार किलोमीटर दूर ही रहते थे और अब हमारे बीच बहुत ज्यादा बातचीत होने लगी थी.
फिर हमने एक दूसरे से एक दूसरे का मोबाईल नंबर ले लिया और हमारी बहुत पक्की दोस्ती हो गई. उसके बाद कुछ देर रुकने के बाद में अपने घर पर आ गया और फिर में आकर उस लड़की को सोच सोचकर उसके नाम की मुठ मारने लगा था, मेरे दिमाग से उसका चेहरा निकलने को तैयार ही नहीं था.
और सच पूछो तो मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन अब भी मुझे पूरा सुकून नहीं मिल पा रहा था. कुछ दिन बाद मैंने उसके पति अंकित को फ़ोन किया और उसने मुझे तुरंत पहचान लिया. उसके बाद हमारे बीच बहुत देर तक बातें होती रही और थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद मैंने उससे भाभी के बारे में भी पूछा.
तो उसने मुझे बताया कि उनकी तबियत खराब है और वो इस समय घर पर ही आराम कर रही है. दोस्तों मैंने मन ही मन सोचा कि यह बहुत अच्छा मौक़ा है और इस वजह से मुझे उनके घर के अंदर जाने का मौका तो मिल ही जाएगा. अब मैंने उनसे पूछा कि आप आपका घर का पता मुझे बताए तो उन्होंने मुझसे कहा कि आपको तकलीफ़ करने में कोई ज़रूरत नहीं है?
तो मैंने कहा कि मुझे आपसे नहीं मिलना, किसी बीमार को देखने जाना यही तो एक इंसानियत है. फिर उन्होंने मुझे अपने घर का पता दे दिया और में बहुत खुश था. अब शाम होने का इंतज़ार करने लगा और चार बजे में तैयार होकर उनके घर के पास पहुंच गया और मैंने उन्हें फ़ोन किया तो अंकित मुझे लेने बाहर सड़क पर आ गये.
फिर हम दोनों उनके घर पर चले गये. मैंने वहाँ पर पहुंचकर देखा तो वो बहुत ही सुंदर फ्लेट था, जिसमें वो रह रहे थे और मुझे ड्राइंगरूम में बैठाकर वो पानी लेने चले गये और उन्होंने मेरे लिए पानी लाकर दे दिया, लेकिन में अब बैठा हुआ इधर उधर भाभी को ही ढूंड रहा था.
तभी इतने में अंकित ने आवाज़ लगाई और बोला कि आरुषी यहाँ आओ देखो राजू भाई आपकी तबियत के बारे में पूछने के लिए आए है. फिर कुछ देर बाद वो उठकर बाहर आई तो मैंने देखा कि उसने सिल्वर कलर का जालीदार गाउन पहना हुआ था, वो उसमें क्या मस्त बला हॉट सेक्सी लग रही थी? ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
में आप सभी को अपने किसी भी शब्दों में बता नहीं सकता कि वो उस समय कैसी दिख रही थी. फिर उन्हें देखकर मेरा लंड तुरंत तनकर खड़ा हो गया और जैसे तैसे मैंने उसे कंट्रोल किया. फिर मैंने उनसे उनकी तबियत के बारे में पूछा और तब उन्होंने मुझे बताया कि अब में थोड़ी ठीक हूँ. फिर वो मेरे लिए नाश्ता लेने चली गयी.
फिर अंकित ने मुझे बताया कि वो चार महीने पहले ही यहाँ पर आया है, क्योंकि वो यहाँ पर किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है और अब उसका तबादला यहाँ पर हो गया है और वो यहाँ पर अकेला ही रहता है. दोस्तों सच पूछो तो उसके मुहं से यह बात सुनकर मुझे मन ही मन बहुत खुशी हुई और में ना जाने क्या क्या सोचने लगा?
अब उसके आगे अंकित ने मुझे बताया कि मेरी कंपनी गुड़गावं में है और में हर दिन सुबह अपनी कंपनी में जाता हूँ और रात को 8 बजे तक वापस आ पाता हूँ, इसलिए भाभी को घर पर अकेले रहने में बहुत समस्या होती है, उन्हें कुछ सामान वगेरा लाना है तो घर से बहुत दूर जाना पड़ता है और यहाँ पर उनका कोई रिश्तेदार भी नहीं है, जो मेरे चले जाने के बाद उनकी किसी भी छोटे बड़े कामों में उनका हाथ बंटा दे.
तभी मैंने उनकी बात खत्म होने से पहले ही जल्दी से कहा कि कोई बात नहीं वो काम मुझे बता दिया करो, में इनको वो सभी जरूरी सामान लेकर दे जाया करूँगा और वैसे भी मेरे पास अपनी खुद की बाईक तो है ही बस आप बता दिया करो, में पांच मिनट में पहुंचा दिया करूँगा.
फिर उसने पहले तो मुझसे मना किया कहा कि नहीं यार मेरी वजह से तुम परेशान ना हो, लेकिन मेरे बार बार कहने पर वो राज़ी हो गये और एक बार फिर से मैंने उसकी तबियत के लिए पूछा तो उन्होंने बताया कि हाँ अब में ठीक हूँ. फिर अंकित ने मुझे खाने को कहा, लेकिन मैंने साफ मना कर दिया.
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मैंने उससे कहा कि अभी में थोड़ा जल्दी में हूँ, मुझे और किसी काम से भी जाना है और में फिर कभी आ जाऊंगा और में इतना कहकर अपने घर पर वापस आ गया, लेकिन में अब बहुत खुश था कि मेरा आरुषी के घर आना जाना शुरू हो गया था. अब मुझसे ज्यादा सब्र भी नहीं हो रहा था और में हमेशा रात दिन सुबह शाम बस उनके बारे में सोचने लगा और उनसे मिलने के सपने देखने लगा था.
और करीब 10-15 दिन ही गुज़रे होंगे कि एक दिन मेरे पास अंजान नंबर से फोन आया. फिर मैंने बात करना शुरू किया और दूसरी तरफ से मुझे किसी औरत की बहुत मीठी आवाज़ सुनाई दी कौन राजू? तो मैंने कहा कि हाँ में बोल रहा हूँ, लेकिन आप कौन हो? तब उन्होंने मुझसे कहा कि में आरुषी बोल रही हूँ.
फिर में बस इतना सा शब्द सुनते ही तुरंत खिल उठा और में बहुत खुश था, मुझे जिसका इंतज़ार था वही हुआ. फिर मैंने उनसे पूछा कि सब ठीक तो है ना भाभी जी, बताए आज आपने मुझे कैसे याद किया? तब उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक ठाक है, लेकिन अभी अचानक से एक छोटी सी समस्या आ गई है.
फिर मैंने पूछा कि हाँ आप मुझे बेझिझक बता सकती है, मेरे पास आपकी हर एक समस्या का हल है और तब उसने मुझे बताया कि शायद उसके घर पर तार की थोड़ी दिक्कत है, इसलिए पूरे घर की लाईट चली गयी है और अंकित भी रात तक घर पर आएँगे और तब तक सभी लाईट वालोँ की दुकान भी बंद हो जाएगी, प्लीज आप आकर किसी लाईट वाले को बोल दो तो वो हमारे घर की लाईट सही कर देगा.
फिर मैंने कहाँ कि ठीक है, में अभी कुछ मिनट में आता हूँ और यह बात कहकर में जल्दी से तैयार हुआ और फिर उनके घर पर पहुंच गया. मैंने पहुंचकर देखा कि वो उस समय घर पर अकेली थी और मैंने उनसे कहा कि पहले में खुद देख लेता हूँ, अगर मुझसे नहीं हुआ तो में किसी लाईट वाले को बुलाकर ले आऊंगा.
फिर मैंने बोर्ड में देखा तो उसमें सप्लाई नहीं थी और जब मैंने थोड़ा आगे बढ़कर दूसरे बोर्ड में देखा तो वहां पर भी वही समस्या थी. अब में मीटर के पास वाले बोर्ड पर पहुंच गया, जहाँ पर जाकर मैंने देखा कि किसी कारण से एम.सी.बी. नीचे हो गयी थी. मैंने तुरंत उसे ऊपर किया तो लाईट आ गयी और आरुषी खुश हो गयी. “Bathroom Hard Chudai Kahani”
फिर उन्होंने मुझसे कहा कि चलो आपने मेरे पैसे बचा दिए और ये कहकर उन्होंने मुझे अब बैठने के लिए कहा और में तुरंत बैठ गया. इतनी देर में उसके पास अंकित का फ़ोन आ गया और उसने आरुषी से पूछा कि क्या काम हो गया? आरुषी ने उसे बताया कि हाँ मैंने राजू को फोन करके बता दिया था तो उसने वो ठीक कर दिया है.
अब अंकित ने आरुषी से कहा कि तुम आज राजू को खाना खिलाकर ही उसके घर पर जाने देना, उसे ऐसे ही नहीं जाने देना और आरुषी ने भी कहा कि हाँ ठीक है. फिर कुछ देर बाद उनकी बात खत्म हो गई और तब आरुषी ने मुझसे कहा कि आज आप खाना खाकर ही जाना, उन्होंने मुझसे आपको खाना खिलाकर ही जाने के लिए कहा.
फिर में भी उसकी वो बात तुरंत मान गया और अब वो जल्दी जल्दी खाना बनाने के लिए किचन में चली गई और में अकेला बैठकर टी.वी. देखने लगा. बहुत देर बाद मैंने आवाज़ देकर पूछा कि आरुषी बाथरूम कहाँ है? तब उन्होंने मुझे बताया कि अंदर बेडरूम के पास है और में उठकर चला गया.
मैंने बाथरूम में पेशाब वगेरा किया और बाहर आने लगा, लेकिन तभी मेरी नज़र वहाँ पर लटके हुए आरुषी के कपड़ो पर पड़ी, वहां पर उसके जालीदार सलवार क़मीज़ लटक रहे थे, जिनको देखकर में अब बिल्कुल पागल हो गया था. मैंने तुरंत उस सलवार को उठाकर अपनी नाक पर लगा लिया, वाह क्या खुशबू आ रही थी, में आप लोगों को अपने किसी भी शब्दों में नहीं बता सकता.
फिर मैंने देखा कि वहाँ पर आरुषी की मुलायम सिल्की ब्रा भी लटकी हुई थी. मैंने उसे भी उठा लिया और सूंघने लगा. कुछ ही देर में मेरा लंड अब तनकर खड़ा हो चुका था और उस दर्द से फटा जा रहा था. फिर मैंने जल्दी से अपनी पेंट को उतारकर उसकी सलवार पर मुठ ही मारने लगा. “Bathroom Hard Chudai Kahani”
जहाँ पर चूत की जगह होती है, में अब उस जगह को अपने लंड पर रखकर धीरे धीरे मसलने लगा और कुछ देर बाद मेरा वीर्य निकल गया. मुझे इस बात का बिल्कुल भी पता ही नहीं चला और में बिल्कुल मदहोश हो चुका था, मुझे कुछ भी पता नहीं था. दोस्तों अब मुझे बहुत देर हो गई थी.
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इतने में आरुषी ने मुझे बाहर से आवाज़ दी और में उसकी आवाज को सुनकर अचानक से बहुत घबरा गया और इससे पहले कि में कुछ भी समझ पाता, मैंने पीछे की तरफ पलटकर देखा तो बाथरूम का दरवाज़ा खुला हुआ था और आरुषी वहाँ पर ठीक मेरे सामने खड़ी हुई वो मुझे घूर घूरकर देख रही थी. ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
दोस्तों में जल्दी में बाथरूम का दरवाज़ा बंद करना ही भूल गया था. अब तो मेरे जिस्म में जैसे जान ही नहीं थी और में बहुत घबरा गया था और में जल्दी से सलवार और ब्रा को अपनी जगह पर लटकाकर में तुरंत बाहर आ गया और फिर अपने घर पर जाने के लिए में उसके घर से बाहर निकल गया.
तभी पीछे से मुझे आरुषी की आवाज़ आई कि राजू तुम कहाँ जा रहे हो? खाना तो खाकर जाओ. अब मैंने जब इतना सुना तो तब जाकर मेरी कुछ जान में जान आई, में कुछ सेकिंड रुककर सोचने लगा कि जाऊँ या नहीं? फिर आरुषी ने मुझे एक बार फिर से आवाज़ दी और में लौटकर वापस अंदर चला गया. “Bathroom Hard Chudai Kahani”
आरुषी मेरे लिए खाना लेकर आ गई, लेकिन अब मुझे उससे बहुत डर लग रहा था, में मन ही मन सोचने लगा था कि अब क्या होगा? में बिल्कुल चुपचाप बैठा हुआ था. तभी आरुषी ने मुझसे कहा कि खाना तो खा लो, तुम डरो नहीं और उसके कहने पर मैंने अपना सर नीचे करके चुपचाप खाना खाया और अब चुपचाप बैठ गया.
तभी आरुषी ने मुझसे कहा कि तुम इतना घबराए हुए क्यों हो? अब मैंने झट से उसको सॉरी कहा तो आरुषी मेरी वो बात सुनकर हंसी और वो मुझसे पूछने लगी कि तुम मुझसे माफ़ी किस बात की मांग रहे हो? तो उससे मैंने कहा कि अभी कुछ देर पहले तुमने मुझे उस हालत में देख लिया था.
तभी उसने मुझसे कहा कि कोई बात नहीं, तुम उस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो, यह बात यहीं पर रहेगी, लेकिन मेरी तुमसे एक शर्त है और में दोबारा घबरा गया. तब आरुषी ने मुझसे पूछा कि तुम मुझे सच सच यह बात बताओ कि तुम मुझे चाहते हो या नहीं?
मैंने साफ मना कर दिया और फिर आरुषी ने मुझसे कहा कि नहीं तो तुम मेरी सलवार को क्यों चाट रहे थे? दोस्तों में उसके मुहं से यह बात सुनकर शरमा गया और फिर मैंने कहा कि हाँ में तुम्हें चाहता हूँ और उस दिन से जब से मैंने तुम्हें शादी में पहली बार देखा था, जब तुम पीले रंग की उस ड्रेस में थी और तुम बहुत ही सुंदर लग रही थी, में उस दिन से तुम्हें चाहने लगा था और तुम्हें किसी भी तरह से में पाना चाहता था. “Bathroom Hard Chudai Kahani”
दोस्तों अब अचानक से मेरी पूरी बात को सुनकर आरुषी ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और फिर उसने मुझे भी अपने जीवन की वो पूरी कहानी सुनाई और उसने मुझसे कहा कि अंकित के साथ वो बहुत खुश है, लेकिन आज तक उसके एक भी औलाद नहीं हुई है और वो अब थोड़ा उदास सी हो गई.
दोस्तों में तुरंत समझ गया कि आरुषी मुझसे अब क्या कहना चाहती है? मैंने उससे पूछा कि क्या तुमने किसी डॉक्टर को दिखाया? तब उसने कहा कि हाँ अंकित में कुछ कमी है, जिस वजह से मेरे औलाद नहीं हो रही है. फिर में बोला कि तो तुम उस बीमारी का इलाज करा लो.
तब उसने कहा कि उसे जो बीमारी है उसका कोई इलाज नहीं है और फिर मैंने तुरंत उससे पूछ लिया कि अब आप क्या करोगी? तो आरुषी ने कहा हाँ कुछ तो करना होगा वर्ना में बगैर औलाद के में भी क्या करूँगी? और में अंकित को भी कभी छोड़ नहीं सकती हूँ, क्योंकि में उनसे बहुत प्यार करती हूँ, इस काम में क्या तुम मेरी मदद करोगे?
दोस्तों में उसके मुहं से यह शब्द सुनकर बहुत खुश हो गया, क्योंकि आज मेरी माँगी मुराद पूरी होने जा रही थी. मैंने तुरंत हाँ कर दी और तभी वो मुझसे कहने लगी कि राजू यह बात हम दोनों के बीच में ही रहनी चाहिए, किसी को भी इसके बारे में पता चला तो मेरी ज़िंदगी बर्बाद हो जाएगी. “Bathroom Hard Chudai Kahani”
अब मैंने आरुषी को अपनी तरफ से पूरा पूरा भरोसा दिला दिया. मैंने उससे कहा कि यह बात कभी भी किसी को पता नहीं चलेगी और फिर आरुषी अपने बेडरूम में चली गयी और कुछ देर बाद उसने आवाज़ दी. फिर राजू ने कहा कि हाँ तो आरुषी ने मुझे अपने बेडरूम में बुला लिया, में तभी उसे देखकर एकदम से चौंक गया था.
क्योंकि आरुषी पीले रंग की ड्रेस वही जो मैंने शादी में पहली बार उसे पहने हुए देखा था, वो सजीधजी मेकप करके बेड पर बैठी हुई थी और में उसको देखकर बिल्कुल पागल हुआ जा रहा था, में अंदर गया और बेड पर बैठ गया. उसने बहुत ही अच्छा पाउडर लगाया हुआ था.
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में अब पागल हुआ जा रहा था, उसके बूब्स बहुत बड़े बड़े थे और उस ड्रेस से साफ साफ नज़र आ रहे थे. मैंने हिम्मत करके आरुषी को अपने पास खींच लिया, वो मेरे ऊपर ही गिर गयी और उसके बालों की खुशबू में आपको क्या बताऊँ? मैंने आरुषी को अब गले से लगा लिया और उसके माथे पर किस करने लगा.
और अब आरुषी भी धीरे धीरे गरम हो रही तो उसने भी मेरे गाल पर किस करना शुरू किया. मैंने उसके होंठो पर किस करना शुरू किया और अब में उसकी जीभ को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा. मेरा लंड तो मानो अब किसी भी समय फट ही जाएगा. मैंने जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए.
और में अब तक उसके सामने बिल्कुल नंगा हो चुका था और फिर आरुषी मेरे तनकर खड़े लंड को देखकर बहुत खुश हो गई. मेरा लंड ज़्यादा बड़ा तो नहीं, लेकिन टाईट बहुत था. मैंने अब आरुषी के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाना निचोड़ना शुरू किया, वो बहुत गरम हो चुकी थी और बहुत ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी. “Bathroom Hard Chudai Kahani”
मैंने जल्दी से आरुषी की सलवार के ऊपर से ही लंड को अब रगड़ना शुरू कर दिया था और मैंने महसूस किया कि अब तक उसकी चूत बहुत गरम हो चुकी थी, वो बिल्कुल पागल हो रही थी और उसने मेरे सर को पकड़कर अपनी रूमाली पर ज़ोर से झटका दे दिया और अब लंड को चूत से लगा लिया.
फिर मुझसे अब बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मैंने जल्दी से आरुषी के कपड़े उतार दिए. अब वो जालीदार ब्रा में मेरे सामने नंगी थी और मैंने ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को चूसना शुरू कर दिया और उसकी सिसकियों की आवाज उस पूरे कमरे में गूँज रही थी.
फिर मैंने तुरंत अपना लंड आरुषी के मुहं के सामने कर दिया और उसने जल्दी से लंड को पूरा अपने मुहं में ले लिया और उसने अब लंड को चूसना शुरू कर दिया, जैसे कोई लोलीपोप चूसते है, वो ऐसे मेरे लंड को चूस रही थी, जिसकी वजह से उसके साथ साथ अब मुझे भी बहुत अच्छा लगने लगा था.
उसके कुछ देर चूसने के बाद मेरा पानी निकलने लगा था, जो मैंने उसके मुहं में ही भर दिया और आरुषी ने उसे पी लिया. अब में बिल्कुल निढाल सा हो रहा था. फिर मैंने आरुषी से कहा कि अब तुम मुझे कुछ देर आराम करने दो तो आरुषी तुरंत उठकर खड़ी हो गई और वो ऐसे ही पूरी नंगी ही मेरे लिए चाय बनाने किचन में चली गई.
में उसकी मटकती हुई गांड को देखने लगा, वो पीछे से भी बहुत सेक्सी दिख रही थी और वो कुछ देर बाद वापस चाय लेकर आ गई. अब तक मेरा लंड एक बार फिर से तैयार होकर खड़ा हो चुका था. मैंने चाय पी और फिर आरुषी को नीचे लेटाकर मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ को डाल दिया और चूत को चाटने चूसने लगा था. “Bathroom Hard Chudai Kahani”
जिसकी वजह से वो एक बार फिर से सिसकियाँ भरने लगी थी और अपने चूतड़ को उठाकर जीभ को पूरी अंदर तक लेने लगी थी, वो उस समय बहुत जोश में थी. तभी कुछ देर बाद अचानक से उसकी चूत से कुछ सफेद सफेद पानी निकलने लगा था, जिसकी वजह से चूत पूरी गीली हो चुकी थी.
फिर अच्छा मौका देखकर में जल्दी से उठा और मैंने अपना लंड आरुषी की चूत के मुहं पर रखकर एक ज़ोर से धक्का देकर पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड अब फिसलता हुआ उसकी चूत के अंदर था और अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था और में आरुषी को उठा उठाकर धक्के देकर चोद रहा था.
फिर मैंने कुछ देर धक्के देने के बाद लंड को चूत से बाहर निकाल लिया और फिर मैंने आरुषी को अपने ऊपर बैठने के लिए कहा. आरुषी उठकर तुरंत मेरे ऊपर आकर बैठ गई. मैंने अपना लंड चूत के मुहं पर पकड़े रखा और वो धीरे धीरे उस पर बैठती हुई लंड को अंदर लेने लगी. ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
अब वो लंड पर ज़ोर ज़ोर से लगातार उछल उछलकर अपनी चुदाई वो खुद करने लगी थी. दोस्तों उसको लंड पर उछलते हुए देखकर मुझे ऐसा लगने लगा था, जैसे कि उसे इस काम में बहुत अनुभव है और शायद वो अपने पति के साथ हर एक तरीके से अपनी चुदाई करवा चुकी है. “Bathroom Hard Chudai Kahani”
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फिर में भी नीचे से उसे धक्के देता रहा और लगातार कुछ देर धक्के देने के बाद ही मेरा वीर्य निकलने लगा था और मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में निकाल दिया, वो अब भी मेरे ऊपर ही बैठी रही और अब हम दोनों बहुत थक चुके थे. फिर मैंने टाईम देखा तो उस समय शाम के 6 बज चुके थे और में कुछ देर बाद उठकर बाथरूम में फ्रेश होने चला गया.
मेरे पीछे से आरुषी भी आ गई और अब हम दोनों मिलकर बहुत देर तक एक साथ नहाते रहे और इस बीच में मैंने आरुषी को खड़े होकर भी एक बार चोदा. हम दोनों ने नहाते समय भी चुदाई के मज़े लिए और फिर कुछ देर बाद बाथरूम से बाहर आकर कपड़े पहनकर में आरुषी से विदा हुआ और वो मेरा बहुत अच्छा अनुभव था. मैंने उसको अपनी चुदाई से एकदम संतुष्ट कर दिया, उसने मुझे उस चुदाई के लिए धन्यवाद कहा.
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