Desi Village Suhagrat
मेरा नाम अभिषेक है और मेरी हाईट 5 फीट 9 इंच है.. मैं सुंदर स्लिम शरीर का मालिक हूँ. मैं ग्राम पंचायत सचिव हूँ. अब मैं आप लोगों का ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए अपनी कहानी की तरफ आता हूँ. दोस्तों यह बात आज से कोई दो महीने पहले की है. मैं अपने ऑफिस के किसी काम से एक गावं में गया हुआ था और वहाँ पर मुझे उस गावं के प्रधान से मिलना था. Desi Village Suhagrat
मैं जब उस प्रधान के घर गया और दरवाजे पर दस्तक दी.. तो एक 28 साल की बहुत ही खुबसूरत सी औरत बाहर आई और मैं उसको देखता ही रह गया. उसकी हाईट करीब 5 फीट 6 इंच और रंग गोरा था. उसने नीले कलर की साड़ी पहनी हुई थी. फिर मैंने उसको बताया कि मैं प्रधान साहब से मिलना चाहता हूँ..
तो उसने मुझको अंदर आने को कहा और अंदर एक रूम में ले जाकर बैठाया और बोली कि आप यहाँ पर बैठिये प्रधान साहब अभी आते हैं. थोड़ी देर में वो मेरे लिए पानी लेकर आई और मुझे पानी देकर चली गयी और कुछ देर के बाद प्रधान रूम मैं आया और मैंने उसको बताया कि मैं क्यों आया था और बहुत देर तक हमारी बातचीत होती रही.
प्रधान ने मुझसे कहा कि आप को जो भी मदद चाहिए मैं करूँगा. फिर मैंने प्रधान को कहा कि इस काम के सिलसिले में मुझे कुछ दिन इस गावं में रहना पड़ेगा. आप मेरे लिए एक कमरे का इंतज़ाम कर दो और साथ एक आदमी का भी.. जो मेरे लिए खाना बना सके और मेरे कपड़े धो सके.
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तो प्रधान ने मुझसे कहा कि इंतज़ाम हो जाएगा और फिर मैं प्रधान के साथ मकान देखने गया.. वो मुझे पसंद आ गया.. क्योंकि वो बिल्कुल अलग सा बना हुआ था और मैं वहाँ पर जैसे भी रहूँ.. किसी को कोई परेशानी नहीं होने वाली थी. तो मैंने मकान के लिए हाँ कह दिया और पूछा कि खाने और कपड़े धोने का भी कोई इंतज़ाम है या नहीं.
तो उसने कहा कि जनाब यह काम तो मेरी नौकरानी कर देगी.. वो आपके लिए खाना भी बना देगी और आपके कपड़े भी धो देगी. इस तरह मेरे लिए मकान और खाने का इंतज़ाम हो गया और मैं अगले दिन ही अपना सामान लेकर वापस उस गावं में रहने आ गया.
मैं शाम को पहुँचा था और मैंने वहाँ पर आकर देखा तो प्रधान के साथ कुछ आदमी खड़े थे और उन सभी ने मेरा सामान घर मैं सेट कर दिया और इसी दौरान रात के 9 बज गये थे और फिर प्रधान ने कहा कि मैं जाकर अपनी नौकरानी को भेजता हूँ.. तब तक आप नहा लीजिए और प्रधान वहाँ से चला गया.
तो मैंने दरवाज़ा बंद किया और नहाने के लिए बाथरूम मैं चला गया और मैंने नहाकर एक टी-शर्ट और हाफ पेंट पहन ली और कमरे में टीवी देखने लगा. तभी दरवाज़े पर हुई तो मैंने जैसे ही दरवाज़ा खोला तो देखा कि उसी दिन वाली वो औरत दरवाज़े के बाहर खड़ी थी..
लेकिन आज उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कराहट थी और वो मुस्कुराती हुई बोली कि साहब मैं आपके लिए खाना लाई हूँ और मैंने खुद बनाया है.. अब क्या पता आप शहर वालों को पसंद आएगा भी या नहीं? फिर मैंने उसे अंदर आने को कहा.. वो अंदर आ गई और मेरे लिए खाना रखने लगी.
फिर जितनी देर वो खाना लगा रही थी मैं उसके जिस्म को ही देखता रहा.. क्या मस्त जवानी थी और मेरा मन कर रहा था कि अभी इसको अपनी बाहों मैं भर लूँ और खाना खाने की जगह इसको ही खा जाऊँ.. लेकिन मैंने अपने आपको कंट्रोल किया और खाना खाने लगा.
फिर खाना खाते वक़्त मैंने ऐसे ही उसके साथ थोड़ी बहुत बात की और उसके खाने की बहुत तारीफ भी की और ऐसे ही कुछ दिन गुज़र गये और अब वो मुझसे बहुत ज्यादा घुल गयी थी और मुझसे हँसी मज़ाक भी कर लेती थी. उसका नाम ज्योति था.
एक दिन जब वो सुबह मेरे लिए चाय और नाश्ता लेकर आई तो मैंने दरवाज़ा खोला और फिर वापस बेड पर आकर लेट गया. तभी उसने पूछा कि क्या हुआ साहब? आज आप कुछ ठीक नहीं लग रहे हैं. तो मैंने कहा कि आज मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं है और मेरा सारा बदन दर्द कर रहा है और सर भारी सा हो रहा है.
तो वो मेरा सर छूकर देखने लगी और बोली कि बुखार तो नहीं है.. लगता है आप बहुत थक गये हैं. आइए मैं आपकी मालिश कर दूँ.. इससे आपको बहुत आराम मिलेगा. फिर मैंने उसको मना किया.. लेकिन वो नहीं मानी और तेल लेकर आ गयी. उसने ज़मीन पर एक चटाई बिछाई और बोली कि इस पर टी शर्ट उतारकर लेट जाइए.
फिर मैंने वैसा ही किया और सिर्फ़ शोट्स पहनकर लेट गया.. वो मेरे पैरों मैं मालिश करने लगी. उसने उस वक़्त एक गुलाबी कलर की साड़ी पहनी हुई थी और वो थोड़ा झुककर मेरे पैरों पर तेल लगा रही थी.. जिससे उसके बूब्स ब्लाउज से बाहर आ रहे थे.
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यह देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और फिर मैंने देखा कि वो तिरछी निगाह से मेरे लंड को देख रही थी. मैंने ऐसे ही उससे बातें करते हुए उसको पूछा कि ज्योति तुम्हारी उम्र क्या है? तो वो बोली कि 28 साल. फिर मैंने कहा कि क्या तुम्हारा मन नहीं करता कि तुम्हारी दोबारा से शादी हो?
तो वो बोली कि साहब कौन सी औरत यह नहीं चाहती कि उसको उसका मर्द प्यार करे और मैं भी तो एक औरत हूँ.. लेकिन मेरा मर्द तो मुझे छूता भी नहीं और अब तो लगता है कि ऐसे ही ज़िंदगी काटनी पड़ेगी.. मुझे तरसते रहना पड़ेगा. फिर मैंने कहा कि क्या शादी के बिना प्यार नहीं हो सकता?
तो वो बोली कि आप तो जानते हैं कि मैं गावं में रहती हूँ और इस गावं मैं कोई ऐसा है ही नहीं.. जो मुझे प्यार कर सके. तब मैंने कहा कि क्या मैं भी नही? तो वो बोली धत.. आप क्यों मुझ जैसी गावं की लड़की को प्यार करेंगे? फिर मैं कुछ नहीं बोला और उठकर बैठ गया और उसकी आँखो मैं देखने लगा.
वो कुछ देर तो मुझे देखती रही और फिर उसने शरमाकर अपनी आँखें बंद कर ली. मैंने उसको पकड़कर सीने से लगा लिया उसके बूब्स मेरी छाती से दब रहे थे.. लेकिन वो कुछ नहीं बोली और उसने भी मुझे कसकर पकड़ लिया. तो मैंने उसके गरम होंठो पर अपने होंठ रखकर उनको चूसना शुरू कर दिया और मेरा एक हाथ उसके नरम नरम बूब्स को सहलाने लगा..
तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली कि प्लीज़ अभी यह मत करो क्योंकि मैं बिल्कुल कुँवारी हूँ और मेरा एक अरमान था कि जब भी मैं पहली बार चुदाई करवाऊँ तो वो बिल्कुल सुहागरात की तरह हो. आज मेरा पति दोपहर के वक़्त मेरे एक रिश्तेदार के घर चला जाएगा. मैं रात को आपका खाना लेकर आऊंगी तब यह सब.. क्योंकि घर पर कोई और रोकने वाला नहीं होगा. तब आप मुझे अपनी दुल्हन बनाकर बहुत सारा प्यार करना.
तो मैंने कहा कि ठीक है.. लेकिन अभी जब शुरुवात हो गयी है तो कम से कम कुछ पिला तो दो और फिर मैंने उसका ब्लाउज सरकाकर उसका एक बूब्स बाहर निकालकर बहुत ज़ोर से चूस लिया.. वो आअहह करने लगी. उसके बाद वो अपने घर चली गयी.
शाम को 6 बजे मेरा दरवाज़ा नॉक हुआ तो मैंने दरवाज़ा खोलकर देखा तो बाहर एक आदमी खड़ा हुआ था और उसके हाथ में एक बहुत बड़ा सा पैकेट था. उसने कहा कि ज्योति के घर से यह सामान लाया हूँ.. उन्होंने आप को देने को कहा था.
तो मैं वो पेकेट लेकर अंदर आ गया और जब खोला तो देखा कि उसमे बहुत से फूल थे और एक चिठ्ठी थी जिसमे ज्योति ने लिखा था कि यह फूल भेज रही हूँ.. अपनी सुहागरात मानने के लिए इन फूलों से मेरी सुहागरात को यादगार बना देना.
फिर मैंने अंदर बेडरूम में बेड पर एक नई सफेद बेडशीट बिछाई और वो फूल उस पर डाल दिए और पूरा कमरा ऐसे सजा दिया जैसे सुहागरात में सजाया जाता है और खुद भी नहाकर शेव की और कुर्ता पायजामा पहनकर तैयार हो गया. रात को करीब 8:30 बजे ज्योति आई और मैंने उसको किस करने की कोशिश की तो वो मुस्कुराते हुए बोली कि जानू थोड़ा इंतज़ार तो करो.
उसके हाथ में एक छोटा सा बेग था और वो मुझसे बोली कि सब्र करो.. सब्र का फल मीठा होता है और मैं जब आपको बोलूंगी तब कमरे मैं आना.. तब तक इधर देखना भी नहीं और वो कमरे में चली गयी. फिर मैं बाहर बैठा इंतज़ार करता रहा. फिर आधे घंटे बाद अंदर से आवाज़ आई.. जानू आओ ना.
मैं उठकर कमरे में गया तो उसको देखता ही रह गया.. उसने एक लाल साड़ी पहनी हुई थी और थोड़े से गहने और बहुत अच्छा मेकअप करके वो बिल्कुल दुल्हन बनी हुई थी और बेड पर थोड़ा सा घूँघट निकाल कर बैठी हुई थी. तो मैंने दरवाज़ा अंदर से बंद किया और उसके पास जाकर बेड पर बैठ गया और उसका घूँघट उठाया.
उसने शरम से अपनी नज़रें झुका रखी थी और फिर मैंने उसकी आँखों पर अपने होंठ रख दिए तो उसने अपना बदन ढीला छोड़ दिया.. मैंने उसको किस करके सीने से लगा लिया और थोड़ी देर ऐसे ही बैठा रहा. उसकी धड़कन बहुत तेज चल रही थी..
फिर वो उठी और पास से गरम दूध का ग्लास उठाकर मुझे कहने लगी कि इसको पी लीजिए. फिर मैंने वो दूध का ग्लास उसके हाथ से लेकर साईड में रख दिया और उसको कहा कि जानू इस वक़्त यह दूध पीने का वक़्त नहीं है.. मुझे तो कुछ और पीना है. तो उसने शरमाकर धीरे से पूछा और क्या पीना है?
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तो मैंने उसके दोनों बूब्स को सहलाते हुए कहा कि यह पीना है. तो उसने शरमाकर धत बोला और कहा कि आप तो बहुत वो है. तो मैंने ऐसे ही बूब्स को सहलाते हुए उसको गरम करना शुरू किया और धीरे धीरे उसका पल्लू हटाकर उसके ब्लाउज के बटन खोलने लगा. “Desi Village Suhagrat”
तो उसने अपने हाथों से अपना चेहरा ढक लिया और बोली कि मुझे शरम आ रही है. तो मैंने उसका पूरा ब्लाउज उतार दिया और फिर साड़ी भी खोल दी.. अब वो पेटीकोट और ब्रा में थी.. उसने सफेद कलर की ब्रा पहनी हुई थी. फिर मैंने उसको किस किया और पीछे से उसके ब्रा का हुक भी खोल दिया.
अब मैं उसकी पीठ को सहला रहा था और उसकी गर्दन पर अपने होंठ रगड़ रहा था और उसके मुहं से हल्की हल्की आहह निकल रही थी. मैंने उसकी पीठ को सहलाते हुए अपना हाथ उसके पेटिकोट में डालते हुए उसकी गांड को भी सहलाना शुरू कर दिया और ऐसे ही मैंने ज़ोर लगाकर उसका नाड़ा तोड़ दिया और जैसे ही नाड़ा टूटा तो उसका पेटीकोट नीचे गिर गया.
अब वो सिर्फ़ पेंटी में थी. मैंने उसको ऐसे ही बेड पर लेटा दिया और खुद खड़ा होकर अपने कपड़े उतारने लगा और खुद भी सिर्फ़ अंडरवियर मैं आ गया और धीरे से उसके ऊपर लेटकर होंठो से होंठ मिला दिए. उसके दोनों हाथ उसके सर के ऊपर ले जाकर उंगलियों मैं उंगलियाँ फंसाकर कसकर पकड़ लिया था और उसके होंठो का रस पीने लगा.
ऐसे ही पीते पीते मेरा खड़ा लंड उसकी चूत के ऊपर पेंटी को रगड़ रहा था. उसने अपनी आँखों को बंद किया हुआ था और फिर मैंने एक हाथ से अपनी अंडरवियर उतार दी और पूरा नंगा हो गया. उसके बाद मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी और फिर ऐसे ही उसके ऊपर लेट गया. “Desi Village Suhagrat”
फिर उसके सर पर उसको चूमना शुरू किया और नीचे की तरफ आने लगा.. जैसे ही मेरे होंठ उसकी चूत तक पहुंचे तो उसने दोनों हाथों से मेरा सर पकड़ लिया और उसके मुहं से सिसकारियाँ निकलने लगी. उसकी चूत बिल्कुल गुलाबी कलर की थी और बिल्कुल साफ थी.
शायद उसने यहाँ आने से पहले ही अपनी चूत के बाल साफ किए थे. फिर उसकी चूत से हल्का सा पानी निकल रहा था.. तो मैंने उसकी चूत को सहलाना शुरू किया और थोड़ी देर बाद मैं खड़ा हुआ और उसके सर की तरफ जाकर उसके सर के नीचे एक हाथ रखकर उसका सर थोड़ा सा उठाया और उसके होंठ पर अपना लंड रगड़ दिया और उसने ऐसा करते ही अपना हल्का सा मुहं खोला.
तो मैंने अपना लंड उसके मुहं में दे दिया.. जिसको उसने बहुत प्यार से चूसना शुरू कर दिया और मैं उसके बूब्स को सहला रहा था. फिर ऐसे ही कोई 10 मिनट तक मैं उसको अपना लंड चुसवाता रहा. फिर मैंने उसको बेड पर सीधा लेटाया और उसके पैर घुटनो से घुमाकर उसके दोनों हाथों मैं अपने लंड को पकड़ा दिया और मैं उसके दोनों पैरों के बीच आ गया और उसको बोला कि अब थोड़ा सा बर्दाश्त करना.. तुमको हल्का सा दर्द होगा. “Desi Village Suhagrat”
तो वो बोली कि मैं तैयार हूँ और उसके बाद मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत के दाने पर रगड़ा तो उसके मुहं से अह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ की आवाज निकलने लगी और उसके पूरे जिस्म ने एक झटका खाया.. फिर मैंने एक हाथ से उसकी कमर को पकड़ा और दूसरे हाथ से अपना लंड पकड़कर उसके टोपे को उसकी चूत के छेद पर रखा.
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फिर मैंने उसके दोनों कंधे पकड़कर हल्का सा धक्का मारा.. जिससे मेरे लंड का टोपा उसकी चूत में घुस गया और उसके मुहं से चीख निकल गयी. तो मैंने अपने लंड को वैसे ही रहने दिया और झुककर उसके निप्पल चूसने लगा.. वो दर्द से आहह आहह कर रही थी.
फिर थोड़ी देर बाद उसका दर्द कुछ कम हो गया तो मैंने उसके बूब्स सहलाते हुए धीरे धीरे लंड को थोड़ा और अंदर किया. अंदर जाने के बाद मेरा लंड किसी चीज से टकराकर रुक गया.. वो उसकी चूत की सील थी जिससे मैं समझ गया कि अब वो और ज़ोर से चिल्लाने वाली है.
तो मैंने उसको कसकर पकड़ लिया और अपने होंठ को उसके होंठो पर दबा दिये.. जिससे वो ज्यादा ज़ोर से चिल्ला ना पाए और पूरी ताक़त से एक ज़ोर का धक्का मार दिया. तो मेरा लंड उसकी चूत की सील तोड़ता हुआ पूरा अंदर घुस गया और वो दर्द से बिल्कुल तड़पने लगी और अपना मुहं मेरे होंठो से छुड़ाने की कोशिश करने लगी.. “Desi Village Suhagrat”
लेकिन मैंने उसको कसकर पकड़े रखा और अपना लंड भी अंदर डालकर कुछ देर रुका रहा. दर्द से उसकी आँखों से आँसू निकल आए थे. फिर जब धीरे धीरे उसे आराम हो गया तो फिर मैंने उसके होंठो को आज़ाद किया और बूब्स पीने लगा..
उसके मुहं से अब करहाने की आवाज़े निकल रही थी और अब मैंने धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया और धीरे धीरे स्पीड बढ़ाता गया और अब उसको भी मज़ा आने लगा था और वो अपनी गांड उछाल उछाल कर चुदवाने लगी थी.
फिर ऐसे ही मैं उसको कोई 10 मिनट तक चोदता रहा और इतनी देर में वो एक बार झड़ चुकी थी और अब उसको बहुत मज़ा आ रहा था और वो कह रही थी आहह और ज़ोर से चोदो.. मेरी 28 साल की उम्र में इतनी खुशी मुझे कभी नहीं मिली.. आअहह मुझे पूरा निचोड़ दो मुझे. “Desi Village Suhagrat”
मैंने फिर उसकी चूत से लंड को बाहर निकाला और देखा कि बेडशीट खून से भर चुकी है.. फिर मैंने उसको घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी गांड को पकड़कर फिर लंड उसकी चूत में डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा और अब मैंने अपने हाथ उसकी साइड से डालकर उसके दोनों बूब्स पकड़ लिए थे..
जो कि मेरे धक्को से बहुत बुरी तरह हिल रहे थे और ऐसे ही उसको धक्के देकर लगातार चोदता रहा. वो मज़े से सिसकारियाँ लेकर मुझसे चुदवा रही थी. तभी अचानक वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई कि मैं झड़ने वाली हूँ और ज़ोर से चोदो और इतना बोलते ही उसके जिस्म को एक झटका लगा और वो फिर से झड़ गयी.
फिर थोड़ी देर के बाद मुझे लगा कि अब मैं भी झड़ने वाला हूँ तो मैंने लंड को चूत से बाहर निकालकर उसकी गांड के ऊपर पिचकारी छोड़ दी.. क्योंकि मैंने कंडोम नहीं लगाया था. उसके बाद हम ऐसे ही नंगे कुछ देर एक दूसरे को किस करके लेट गये. फिर उसके बाद वो उठकर बाथरूम गयी.. “Desi Village Suhagrat”
उससे ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था.. क्योंकि उसकी चूत फट गयी थी. तो मैं भी उसके पीछे पीछे बाथरूम गया और उसको बोला कि मेरा भी लंड साफ करो. फिर उसने अपनी चूत और मेरा लंड पानी से धोकर साफ किया.. जिससे मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा और मैंने उसे लंड चूसने के लिए कहा.
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तो वो मेरे पैरों के पास ज़मीन पर बैठकर मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी. फिर मैंने उसको गोद में उठाया और बेडरूम में ले आया और बेडरूम में एक टेबल पर उसकी गांड टिकाकर उसके दोनों पैर ऊपर उठाकर अपने कंधों पर रखकर उसके सामने खड़ा होकर उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और फिर से उसको बहुत बुरी तरह से चोदने लगा.
और इस चुदाई में उसे भी बहुत मज़ा आया और इस तरह उस रात हमने अपनी सुहागरात में 4 बार सेक्स किया.. लेकिन सुबह उसकी ऐसी हालत हो चुकी थी कि वो बिल्कुल भी चल नहीं पा रही थी.. बहुत मुश्किल से वो अपने घर गयी. फिर उसका पति तीन दिन बाद वापस आने वाला था और दिन के वक़्त मैं भी अपने काम के सिलसिले में व्यस्त था.. इसलिए वो तीन दिन तक रोज़ रात को आकर मेरी बीवी बन जाती थी और हम बहुत चुदाई करते थे. अब मैं जब भी उसके गावं में जाता हूँ तो वो मेरी बीवी बनकर आ जाती है और मेरे लंड की प्यास बुझा देती है..
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