Didi Ki Sexy Jawani
मेरा नाम अरुण है। मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं। मैं आपका ज़्यादा टाइम ना लेते हुए कहानी पर आता हूं। ये कहानी सच है और कोई बनाई हुई कहानी नहीं है। सबसे पहले मैं अपने परिवार के बारे में बता देता हूं। मेरी चार बहनें है, और माता-पिता है। मेरा घर भी काफी बड़ा है। Didi Ki Sexy Jawani
चार बहनों में से उस समय दो की शादी हो चुकी थी और दो बहनें रह गई थी। मेरे पिता जी मज़दूर हैं और मां ग्रहणी हैं। मैं अपने और दीदी के बारे मैं बता देता हूं। अब मेरी उम्र 23 साल है और मेरी बहन की उम्र 31 साल है। उनकी 2016 में शादी हो चुकी है और एक बच्चा भी है।
सबसे पहले मैं अपने बारे में बता दूं। उस समय मेरी उम्र 18 साल थी। मैं दिखने स्मार्ट था और मेरी हाइट 5’8″ थी। मेरे लंड का साइज़, 6.3 इंच लंबाई और 3 इंच मोटाई थी। उसके चारों ओर सुनहरी बाल थे। और मेरी बहन जिसका नाम प्रिया है, उनकी उम्र उस समय 25 या 26 रही होगी।
उनके फिगर की बात करे, तो उनके चूचे 36″ के, कमर 29″ की, चूतड़ 36″ के थे। उनका रंग सफेद था और बच्चा होने के बाद भी, अभी भी वो ऐसी ही है। । बात तब की है, जब मैं 1st year में था। प्रिया दीदी तब पार्लर का काम करती थी (उन्होंने ज़्यादा पढ़ाई नहीं करी थी, इसलिए प्रिया दीदी ने पार्लर का काम शुरू किया था)। उनका सफेद जिस्म देख कर कोई भी उस जिस्म की तमन्ना करेगा। क्योंकि मेरी बहन थी ही इतनी सुंदर।
मैं शुरू से ही प्रिया दीदी के साथ ही सोता था। उनसे छोटी जो बहन थी, वो भी जवानी में कदम रख रही थी और वो भी पास ही सोती थी। जब दीदी पार्लर से आती थी, तो हमेशा खाने के लिए कुछ ना कुछ लाती थी। क्योंकि मैं घर में सबसे छोटा था, तो दीदी मुझे पैसे भी देती थी। प्रिया दीदी को मैं बहुत प्यार करता था।
फिर धीरे-धीरे मैं बड़ा हुआ, उम्र 18 का। तब भी दीदी और मैं एक ही बेड पर सोते थे। प्रिया दीदी से छोटी दीदी जिसकी उम्र 19 होगी, वो अलग सोने लगी, क्योंकि वो देर रात तक टीवी देखती थी। दीदी घर पर सिलाई का कुछ काम अलग से करती थी।
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मैं पढ़ता था, तो दीदी और मैं एक कमरे में सोते थे। कमरे में बाथरूम और लैट्रिन साथ में ही थे। हमारा कमरा कोने में अंदर की साइड था, जिसकी आवाज़ बाहर नहीं जाती थी। बराबर में छोटी बहन टीवी देखती थी। बाहर एक बैठक थी, उसमें पापा सोते थे और मां कभी हाल या छत पर सोती थी ।
मैं रात को हाफ निक्कर और टी-शर्ट में सोता था । मैं अंदर कुछ नही पहनता था। मुझे प्रिया दीदी ने ही बताया था, कि अंदर कुछ नही पहनते सोते वक़्त। रात को दीदी भी ऐसे ही सोती थी। वो लोअर और टी-शर्ट में सोती थी और अंदर ब्रा-पैंटी नहीं पहनती थी। जब वो नाईटी पहन के सोती थी, तब भी उसके अंदर पैंटी नहीं पहनती थी।
ये सब मैं पहले नहीं जानता था, क्योंकि मेरी तब छोटी लुल्ली थी, जो अब विशाल लंड में बदल चुकी थी। मेरी दीदी ऐसे ही सोती थी, चाहे कोई भी मौसम हो। जब मैं 11th में था, तो मैं 16 साल का था। मैं साइकिल से स्कूल से घर आ रहा था और बारिश हो रही थी। रास्ते में एक औरत छाता लेकर जा रही थी।
मैंने साइकिल उसकी साइड से निकाली, तो मैं उससे टकरा गया और पास की नाली में मेरा एक पैर जांघ तक घुस गया। मेरे पैर में और थोड़ा लंड में लग गई, क्योंकि नाले में पूरा पैर घुसने पर दोनों टांगे खुल गई थी मेरी। फिर पास के एक दुकानदार ने मुझे निकाला और मेरे हाथ धुलवाए।
फिर मैं उन्हें थैंकयू बोल कर धीरे-धीरे घर पहुंचा। घर जाकर मैंने माँ को देखा, तो माँ मासी के घर गई थी और पापा ड्यूटी पर थे। फिर मैंने ड्रेस बाथरूम में उतार दी, छोटी दीदी को बैग दिया, कपड़े लिए, और नहाया। फिर मैंने खाना खाया। दीदी ने मुझे दर्द की दवाई लाकर दी, जिसे मैं खा कर सो गया।
प्रिया दीदी शाम को आई, तो उन्होनें देखा, कि मैं सो रहा था। रात को खाने का टाइम हो गया था, तो दीदी ने मुझे उठाया। छोटी दीदी ने उन्हें सब बता दिया था। खाना खाकर मैं फिर कमरे में आ गया और दीदी भी काम खत्म करके आ गई थी। फिर दीदी ने पूछा-
दीदी: ज़्यादा लगी है क्या?
मैंने सिर हिलाकर हां बोला।
फिर उन्होंने कहा: मुझे दिखा।
तो मैंने अपनी पैंट और कच्छा उतार कर रख दिया। दीदी के सामने मुझे शर्म नहीं आती थी, क्योंकि शुरू से उन्होंने ही मेरा सब काम करा था । दीदी ने देखा, तो मेरी लुल्ली सूजी पड़ी थी और पैर भी छिल गया था। फिर दीदी तेल लेकर आई और दीदी ने मेरी सभी जगह पर तेल लगाया। मुझे ये अजीब सा लगा।
जब दीदी मेरी लुल्ली पे तेल लगा रही थी, तो मेरी लुल्ली खड़ी हो गई। ये देखकर दीदी मुस्कुरा रही थी। फिर एक दो दिन उन्होंने ऐसा ही किया और सब ठीक हो गया। दो साल बाद मैं सब सीख चुका था। मैं 1st year में आ गया था। दीदी मेरे सामने अब पहले की तरह नंगी नही होती थी, लेकिन सोती पहले जैसे ही थी, बिना ब्रा पैंटी के।
मैं जवान हो चुका था, लेकिन मेरे लिए दीदी का वही प्यार था। मेरे साथ पढ़ने वाले लड़के, लड़कियों की गंदी बातें करते थे और गालियाँ देते थे। कुछ फोन लाते थे, जिसमें गंदी विडीओ होती थी। मेरे स्कूल में सिर्फ लड़के ही थे। मुझे ये भी पता नहीं था, कि लड़की और अपने घर की लड़की( बहन) में फर्क होता है।
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मैंने ब्लू फिल्म देखी, तो मैं सब सीख गया। फिर मैं घर गया और मैंने दीदी की ब्रा पैंटी बाथरूम में देखी। मैंने दीदी की पैंटी ली, और चूत वाली जगह पर मुठ मारी। मुझे बहुत मज़ा आया, क्योंकि पहली बार मैंने मुठ मारी थी। अब दीदी नहाने जाती, या कुछ काम करती, या कपड़े बदलती, तो मैं उसको देखता रहता था।
एक दिन दीदी को महीना आया, तो दीदी ने मुझे पैसे देकर कहा-
दीदी: व्हिस्पर लार्ज साइज़ ले आओ।
दीदी ने ये पेपर पे लिख कर दिया था। मैं मेडिकल पे गया, तो उसने वो पेपर में लपेट कर दिया। फिर मैंने वो दीदी को दिया। दीदी बाथरूम में गई और थोड़ी देर में आई। मुझे महीने के बारे में नहीं पता था। रात को जब प्रिया दीदी सोने आई, तो मैंने देखा, कि दीदी ने हल्की कॉटन टी-शर्ट और लोअर के नीचे पेंटी ( क्योंकि उसी से पैड लगता है) पहनी थी। दीदी कुछ परेशान लग रही थी। तो मैंने कहा-
मैं: दीदी क्या हुआ?
उसने बोला: कुछ नहीं, हल्का दर्द है पेट में।
फिर मैं बोला: दवाई लेलो।
दीदी बोली: ये अपने आप बंद हो जाएगा।
और ये बोल कर दीदी मुस्कुरा दी। तो मैंने दीदी से पूछा-
मैं: दीदी जो आपने मंगाया था, वो क्या था?
दीदी बोली: तू नहीं समझेगा।
फिर मेरे दोबारा पूछने पर उसने बताया-
दीदी: लड़कियों को हर महीने पीरियड्स आते है, जिसमे थोड़ा खून आता है। और पेट में और सिर में हल्का दर्द होता है।
मैंने पूछा: दीदी खून कहा से आता है?
तो दीदी बोली: तू बड़ा हो गया है। जब तेरी शादी हो जायेगी, तो तुझे पता लग जायेगा।
फिर एक हफ्ता निकल गया। मेरी परीक्षा होकर खत्म हुई और स्कूल की छुट्टियाँ हो गई। गर्मी का टाइम था। प्रिया दीदी, माँ और पापा किसी रिश्तेदार के यहां पास की ही शादी से आए थे। रात हो गई थी और दीदी साड़ी पहने हुए थी। सालीन ब्लाउज, ब्लैक बैक-लैस और पिंक साड़ी। और गोल्डन सैंडल्स के साथ हल्की रेड लिपस्टिक थी ।
जब दीदी आई, तो सीधे कमरे में जा कर अपनी साड़ी निकाली, फिर सैंडल निकाले, कुछ कपड़े लिए अलमारी से और बाथरूम में घुस गई। नहा कर दीदी, ब्लू हल्की नाइटी पहन कर निकली। उसके नीचे ब्रा नहीं थी और उसके नीचे उनकी चूचियों की नोक दिख रही थी। फिर दीदी सीधे सोने चली गई।
मैं भी कुछ टाइम के बाद सोने चला गया। दीदी मेरी तरफ पीठ करके सोई थी। मैं भी उनके पास लेट गया। दीदी काफी थकी हुई थी। मैंने देखा, कि दीदी की पैंटी दिख रही थी और वो सफेद पैंटी थी। मैं दीदी के कमर में हाथ डाल कर सो गया। फिर रात में 1 बजा होगा। दीदी सीधी हुई, तो उसके स्तन तन्ने हुए थे।
मैंने कांपते हुए दीदी के चूचों पे हाथ रखा और धीरे-धीरे सहलाने लगा। मेरा लंड खड़ा हुआ था। ऐसा लग रहा था, जैसे दीदी ने कुछ नहीं पहना हो। क्योंकि दीदी की नाइटी इतनी हल्की थी, कि महसूस ही नहीं हो रही थी। दीदी जब हिली, तो मैंने हाथ हटा लिया और सीधा लेट गया। दीदी ने करवट ली और मेरे ऊपर एक हाथ और टांग रख ली। “Didi Ki Sexy Jawani”
अब मैं दीदी की चूत वाली जगह महसूस कर रहा था। मैं एक हाथ से प्रिया दीदी की पीठ और 36″ साइज़ की गांड सहला रहा था। इसके आगे मैं कुछ कर नहीं सकता था, इसलिए मैंने दीदी को हटाया और बाथरूम में जाकर मुठ मारने लगा। जब मैं वापिस आया, तो दीदी जाग रही थी। दीदी मुस्कुराई और बोली-
दीदी: बाथरूम में क्या कर रहा था?
मैं डर गया।
फिर दीदी बोली: मैंने तुझे देखा है, मैं भी तब पेशाब करने गई थी, जब तू मेरी पैंटी को हाथ में लेकर खड़ा था।
मैंने बहाना बना कर बोला: दीदी मेरी मूतने वाली लुल्ली खड़ी हो गई थी और वो सही नहीं हो रही थी।
दीदी बोली: तो मेरी पैंटी में क्या कर रहा था?
दीदी गुस्से में बोली थी, तो मुझे सच बोलना पड़ा।
मैंने कहा: दीदी मैं आपको लाइक करता हूं। मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो।
दीदी बोली: मैं तेरी बहन हूं। कैसी बात कर रहा है तू?
फिर मैंने दीदी से माफी मांगी और सो गया। उसके बाद मैं डर की वजह से दीदी से दो दिन बोला नहीं। तीसरे दिन दीदी बोली-
दीदी: अरुण बाबू, मैंने तुझे डांट दिया, तो क्या मुझसे कभी बात नहीं करेगा?
मैं सोच रहा था, कि तीर सही लग गया। चलो गलती से ही सही, काम तो बन गया। दीदी की आंखों में आंसू थे।
दीदी बोली: तू गलत सोचता है। ये सब ठीक नहीं है।
तो मैं बोला: दीदी मैंने आपको कुछ बोला ही नहीं।
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दीदी बोली: तू बात क्यों नही करता?
आगे हमने बात खत्म कर ली और सोने लगे।
फिर दीदी बोली: तेरी गर्लफ्रेंड नहीं है कोई?
मैं बोला: आपके जैसी नहीं मिलती।
इसपर दीदी बोली: मुझमें क्या अच्छा लगता है तुझे?
मैंने बोला: शर्म आ रही है।
दीदी बोली: मेरी पैंटी में जो कर रहा था, उसमे शर्म नहीं लगी? बोल ना क्या अच्छा लगता है?
फिर मैं बोला: आपके होंठ, आपके दूध और कमर।
दीदी शर्मा कर बोली: बड़ा हो गया मेरा भाई।
ये बात करते हुए दीदी समझ गई, कि मैं उसके चूचे देख रहा था।
फिर दीदी बोली: मैं तेरा एक काम कर सकती हूं। तू मेरे साथ कोई एक काम कर ले। या तो किस कर ले, या मेरे बूब्स पी सकता है।
मैंने फट से हां बोला और दीदी को बोला-
मैं : मैं आपका दूध पियूंगा।
तो दीदी बोली: पहले तू भी नंगा हो।
फिर मैंने सारे कपड़े निकाले और नंगा हो गया। दीदी मेरा लंड देख कर हसने लगी। मेरा लंड तन्न कर 6.3 इंच का हो गया था। फिर दीदी ने अपनी नाइटी निकली। नीचे दीदी ने जाली वाली गुलाबी पैंटी पहनी थी। मैं दीदी के ऊपर चढ़ गया और एक हाथ से दीदी की चूची मसलनी और दबानी शुरू की। “Didi Ki Sexy Jawani”
फिर मैं एक चूची को मुंह में डाल कर चूसने लगा। 10 मिनट के बाद दीदी की चूची तन गई थी और चूसने, मसलने और काटने की वजह से सफेद से लाल पड़ गई थी। दीदी की हालत खराब हो रही थी और दीदी बहुत गर्म हो गई थी।
फिर दीदी ने कहा: चोद दे! अब नही रहा जाता।
मैंने दीदी की पैंटी फ़ाड़ दी और दीदी की चूत देख कर पागल हो गया। एक दम गुलाबी चूत और उस पर घुंघराले सुनहरे बाल थे। मैंने दीदी की चूत में जीभ डाल कर दीदी को तड़पाया। दीदी मेरे सिर को अपनी चूत में दबा रही थी। 5 मिनट के बाद दीदी ने मेरे मुंह में पानी छोड़ दिया। फिर मैंने दीदी के मुंह में लंड डाल कर चुसवाया और मैंने प्रिया दीदी के मुंह में 2 मिनट में पानी छोड़ दिया। उसके बाद हम दोनों बैठ गए। मैंने दीदी से बोला-
मैं: दीदी मैं आपको दुल्हन की तरह चोदना चाहता हूं।
दीदी ने बोला: मुझे 10 मिनट दे।
फिर मैं नंगा बैठा रहा बेड पर। दीदी पार्लर का काम जानती थी, तो वो तैयार होकर आ गई। रात के 2 बज रहे थे। दीदी ने पिंक ब्लाउज, गोल्डन साड़ी और साथ में लाल चुनरी ओढ़ी थी। गहरे लाल होंठ किए थे दीदी ने।
फिर वो आकर बेड पर बैठ गई। मैंने दीदी की चुनरी हटा कर फेंक दी और दीदी की साड़ी धीरे-धीरे से उसके बदन से अलग कर दी। दीदी शर्मा रही थी। मैंने साड़ी के बाद उसका ब्लाउज उतारा और उसको चूमने भी लगा। दीदी की तेज़ सांसों के साथ, उसके 36″ के चूचे भी ऊपर-नीचे हो रहे थे। “Didi Ki Sexy Jawani”
फिर मैंने दीदी का पेटीकोर्ट उतारा। दीदी ने नीचे काली ब्रा पैंटी पहनी थी। मैंने दीदी की ब्रा पैंटी उतार दी और उसको 10 मिनट की किस की। फिर जब चूत के मुंह पे लंड लगा कर धीरे से धक्का लगाया, तो लंड का सुपाड़ा दीदी के छेद में घुस गया। थोड़ा जोर लगाया, तो लंड आधा चूत में चला गया। दीदी की आंख से आंसू निकल आए, तो मैं बोला-
मैं: क्या हुआ दीदी?
तो उसने सिर हिला दिया। मैं समझ गया, कि दीदी चूत से खून आ रहा था। फिर मैं दीदी से बोला-
मैं: दीदी अपने मुझे स्वर्ग दे दिया। आपनें अपनी सील अपने भाई से तुड़वाई है।
दीदी बोली: मैं तेरे लिए जान दे दूं, तो जिस्म क्या है।
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दीदी की आंखों से आंसू निकल रहे थे। मैंने दीदी के ऊपर लेटे हुए ही दीदी को चूची पर किस किया। फिर मैंने दम लगा कर लंड दीदी की चूत में धकेल दिया। लंड छेद में पूरा चला गया और खून निकल रहा था। फिर मैंने दीदी को चोदना शुरू कर दिया। मेरा लंड अब अंदर-बाहर हो रहा था। “Didi Ki Sexy Jawani”
दीदी 10 मिनट के बाद झड़ चुकी थी, लेकिन मैं अभी तक झड़ा नहीं था। मैंने दीदी की चूत का भोंसडा बना दिया था। फिर जब मैंने चूत से लंड निकाला, तो पूरा लंड खून और प्रिया दीदी की चूत के पानी से सना हुआ था। दीदी ने देखा तो दीदी बोली-
दीदी: मेरी चूत फाड़ कर अब तो खुश है।
और ये बोल कर दीदी मुस्कुराई। मैंने दीदी को बोला-
मैं : दीदी मैं अभी नहीं झड़ा हूं ।
दीदी ने कहा: चूत तो दे ही दी है तुझे, तो और चोद ले नहीं झड़ा तो।
मैंने दीदी को लिप किस करते हुए कहा-
मैं: दीदी मुझे आपकी गांड भी मारनी है।
दीदी बोली: तू पागल है? सब चूत चोदते हैं, और तुझे गांड चाहिए।
मैंने दीदी की चूचियों को मसलने लगा और दीदी की गर्दन पे काटने लगा। दीदी फिर से गर्म होने लगी। मैंने दीदी को बोला-
मैं: दीदी एक बार ही करूंगा। प्लीज गांड मारने दो।
बहन बोली: तू मानेगा नहीं, चल कर ले।
फिर मैंने दीदी के मेकप वाले सामान से क्रीम निकाली और दीदी को दी। मैंने अपना लंड दीदी की ब्रा से साफ किया और दीदी ने मेरे लंड पर क्रीम लगाई। फिर मैंने प्रिया दीदी को घोड़ी बनने को कहा और दीदी ने वैसे ही किया। दीदी घोड़ी बन गई और मैंने दीदी के हाथ से क्रीम लेकर दीदी की गांड में ठीक से भर दी। मैंने छेद के अंदर तक उंगली डाल कर क्रीम लगाई। “Didi Ki Sexy Jawani”
फिर मैंने दीदी की चुनरी लेकर दीदी की और अपनी जांघें बांध ली, ताकि जब दीदी की गांड में लंड घुसे, तो दीदी गांड हटाए नही। फिर मैंने दीदी की गांड के छेद पर लंड सेट किया और ज़ोर का झटका दिया। पहली बार में दीदी की गांड में लंड ठीक से घुसा नहीं। फिर मैंने ज़ोर लगा कर झटका मारा, तो आधा लंड दीदी की गांड में घुस गया। दीदी की चीख निकल गई और दीदी रोती हुई बोली-
दीदी: अरुण साले कुत्ते! इतना तो चूत फटने पर भी दर्द नहीं हुआ। ऐसा लग रहा है, जैसे गांड फट गई हो।
पर सच बताऊं दोस्तो, तो मेरे लंड में भी लग गई थी, क्योंकि गांड बहुत टाइट थी।
फिर दीदी बोली: तू लंड निकाल ले। तू चाहे तो पूरा दिन और पूरी रात तेरे साथ नंगी रहूंगी, तू चोदते रहना मुझे। लंड बाहर निकल ले बस। मैं मर जाऊंगी।
मैंने चार-पांच शॉट मारे और दीदी को बहुत तकलीफ हो रही थी। फिर मैंने लंड बाहर निकाल लिया दीदी की गांड में से। इससे दीदी को थोड़ी शांति मिली और वो मेरे गले लग गई। मैं थोड़ी देर दीदी को बाहों में लेकर बेड पर लेट गया। जब दीदी पूरी तरह शांत हो गई, तो मैंने प्रिया दीदी से पूछा-
मैं: दीदी मेरा लंड तो झाड़ दो।
दीदी बोली: मारेगा क्या अपनी दीदी को? अब आखिरी बार करना।
फिर मैंने दीदी को कुतिया बना कर चोदा। दीदी को पीछे से चोदते हुए जब मैं झड़ने पे आ गया, तो मैंने दीदी से पूछा-
मैं: माल़ कहा निकालूं?
तो दीदी बोली: अंदर ही डाल दे।
फिर मैंने तीन-चार शॉट मारे और दीदी की चूत में मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी। इससे दीदी भी शांत पड़ गई और दीदी उल्टी ही बिस्तर पे पड़ गई। मैं भी दीदी के चूतड़ पे गिर गया। फिर 5 मिनट बाद दीदी ने मुझे हटाया। फिर उन्होंने साड़ी और बाकी कपड़े अलमारी में डाले।
उन्होंने बेड शीट हटाई, जिसपे बहुत सारा मज़ा और खून गिरा था। फिर चादर से ही दीदी ने चूत साफ करी और बाथरूम में धोने के लिए डाल दी। दीदी नंगी ही बाथरूम से बाहर आई। प्रिया दीदी से चला नहीं जा रहा था। फिर मैंने उनसे पूछा-
मैं: दीदी ज़्यादा परेशानी हो रही है क्या?
तो दीदी बोली: साले सारी चूत फाड़ दी, अब पूछ रहा है! कोई बात नहीं, फर्स्ट टाइम में प्रोब्लम होती है मेरे राजा।
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फिर हम दोनों रात के 3 बजे नंगे ही सो गए। सुबह 7 बजे उठे, तो सब उठ चुके थे। दीदी उठी और फिर मुझे उठाया। हमने मार्निंग किस की और उसके दीदी नंगी ही फ्रेश होने चली गई। फिर मैं निक्कर पहन कर बाहर आ गया। कुछ दिन बाद दीदी को कुछ प्रॉब्लम हो रही थी, तो दीदी ने प्रेगा न्यूज किट मंगाई। मैंने किट लाकर दी और दीदी ने चेक किया, तो पॉजिटिव आया। “Didi Ki Sexy Jawani”
मुझे इन चीजों की जानकारी नहीं थी, तो दीदी ने मुझे बताया-
दीदी: तू बाप बनने बाला है।
मेरी ये खबर सुन कर गांड फट गई। फिर प्रिया दीदी ने मुझे किस करते हुए बोला-
दीदी: तू परेशान ना हो, मैं दवाई लाकर खा लूंगी।
कुछ दिन ऐसे ही दीदी के साथ चुदाई का खेल चलता रहा। फिर हम सेफ्टी इस्तेमाल करने लगे, तांकि हम दोनों को कोई परेशानी ना झेलनी पड़े। आप लोग भी सेफ्टी यूज किया करें। कुछ दिन बाद प्रिया दीदी की शादी हो गई। मैं फिर उनके नाम की मुठ मरता था। दीदी की शादी के बाद भी, दीदी जब कभी आती है, तो कम से कम एक बार चुदवाती ज़रूर है और पैसे भी देती है।
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