Gadrai Aurat XXX
मेरा नाम अवधेश है और एक बार मुझे अपने काम के सिलसिले में बाराबंकी के करीब 15 किलोमीटर दूर एक गाँव में जाना पड़ा, वहां पर मुझे करीब 6 महीने का काम था और इसलिए में उन दिनों रुकने वाला था फिर वहाँ पर पहुँचते ही इस बार मुझे रहने के लायक कोई होटल नहीं मिला. Gadrai Aurat XXX
इसलिए मैंने वहाँ पर एक सराय में कुछ दिनों के लिए रहने का इंतजाम किया, वहाँ पर मेरे लिए सिर्फ़ सोने और नहाने का इंतज़ाम था उसके अलावा दोनों समय सुबह शाम को खाना मुझे बाहर किसी भी होटल में खाना पड़ता था. फिर मैंने सोचा कि चलो 6 महीने की ही तो बात है, में कैसे भी वो समय बिता लूँगा.
और फिर में नियमित रूम से अपने दफ़्तर में काम करने जाने लगा में उस सराय में केवल रात को 8:30 बजे के बाद ही जा सकता था, इसलिए में दफ़्तर में देर रात करीब 8 बजे तक रुककर काम करता था, वहां पर ज़्यादा कर्मचारी नहीं थे, मेरे लिए सिर्फ़ एक चपरासन थी, जिसका नाम विमला बाई था.
वो करीब 29 साल की और उसका गेंहुआ रंग शरीर में एकदम ठीकठाक ना ज़्यादा मोटी, ना ज़्यादा पतली, ना ज़्यादा पड़ी लिखी, वो एक विधवा महिला थी और उसकी हाल ही में हमारे इस दफ़्तर में नौकरी लगी थी, क्योंकि उसका पति भी इस दफ़्तर में चपड़ासी था, लेकिन कुछ समय पहले एक ट्रेन हादसे में उसकी मौत हो गई थी.
इसलिए उसके पति के स्थान पर उसको हमारे दफ्तर में नौकरी मिल गयी थी उसका एक ही 15 साल का लड़का था, जो अपनी पढ़ाई करता था और वो अपने बच्चे को बहुत आगे तक पढ़ाना चाहती थी और वो बहुत ही शांत स्वभाव वाली थी, लेकिन उसका शरीर बड़ा ही आकर्षक था, कोई भी उसको देखकर अपनी ललचाई नज़रों से देखता था.
लेकिन उसके विधवा रूप को देखकर लोग उससे हमेशा सहानुभूति जताते थे. दोस्तों वो मेरा दफ़्तर में बहुत ध्यान रखती थी और उसके इस तरह ध्यान रखने का मैंने एक बार अनुमान लगाया कि एक तो में हेड ऑफिस का उच्च वर्गीय कर्मचारी था और दूसरा यह कि वो मुझे खुश रखकर अपने अस्थाई पद को स्थाई करना चाहती होगी.
खेर जो भी बात रही हो, में अपने काम में हमेशा बहुत व्यस्त रहता था और जब जब मुझे पानी, चाय या किसी फाईल की ज़रूरत होती, तो में बेल मारकर उसको बुलाता था और वो मेरे सभी कामें का इंतज़ाम कर देती थी और सबसे बड़ी बात यह थी कि जब में रात को देर तक दफ़्तर में अपना काम करता रहता था.
तो वो भी रात को 8 बजे तक मेरे साथ वहीं पर रुकती थी, उस समय दफ़्तर में वहां का चौकीदार, में और विमला बाई ही होते थे और शाम को सभी कर्मचारीयों के चले जाने के बाद वो मेरे केबिन में आकर कुछ ना कुछ काम करती रहती थी और रोज रात को अपने सराय में जाते वक़्त में उसको उसके घर पर पहुँचाकर में सराय पर जाता था.
मस्त हिंदी सेक्स स्टोरी : पड़ोसन साथ उसकी दोनों ननद भी चुद गई
एक दिन बातों ही बातों में मैंने विमला से बोला विमला मुझे कई दिन हो गये हैं मटन खाए हुए, तो वो बोली कि साहब जी में आपको जरुर बनाकर खिला दूंगी, आप इस शनिवार को मेरे घर पर आ जाना, में आपको दोपहर में मटन बनाकर खिला दूँगी फिर मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन मेरी एक शर्त है, मटन के पैसे में दूँगा.
और उससे यह बात कहते हुए उसको मैंने अपनी जेब से निकालकर 200/- रूपये दे दिए और उसने भी बिना कुछ कहे मुझसे वो पैसे ले लिए. दोस्तों शनिवार को मेरे दफ़्तर की छुट्टी रहती है, तो में सराय से नहाकर करीब 10 बजे वहां से निकाला हमें सुबह सुबह दस बजे अपने सराय से निकल जाना होता है और शाम को आठ बजे ही हमें अंदर जाने की अनुमति मिलती थी.
इसलिए सबसे पहले तो में बाजार घूमा और शराब की दुकान से मैंने एक बियर लेकर वहीं शराब की दुकान में मैंने वो बियर पी और फिर में वहां का काम खत्म करके, में अब विमला के घर की तरफ चल पड़ा और रास्ते से मैंने उसके बेटे के लिए कुछ फल और बिस्कुट खरीद लिए.
फिर जब में विमला के घर पर पहुँचा तो विमला मुझे देखकर बहुत खुश हुई और उसने मेरा बड़े शानदार तरीके से स्वागत किया और जब उसने मुझे अपने बेटे से मिलवाया तो वो कहने लगी कि बेटा यह हमारे बड़े साहब है और समझो कि यह तुम्हारे मामा जैसे ही है और जब मैंने उसके बेटे को फल और बिस्कुट दिए.
तो वो बहुत खुश होकर मुझसे कहने लगा मामा जी आप कितने अच्छे है और वो नाचता झूमता हुआ बाहर निकलकर खेलने चला गया दोस्तों विमला का मकान तो बड़ा था, लेकिन उसमें केवल दो कमरे थे, जिसमें से एक तो स्टोर रूम जैसा था और एक कमरा शायद बेडरूम होगा.
लेकिन उसका आँगन बहुत बड़ा था और बड़े आँगन के एक तरफ छोटा सा किचन बना हुआ था, उस पर छत थी, जिसकी वजह से खाना बनाते समय धूप और बारिश से बचे रहे, वहीं पर दूसरी तरफ एक छोटा सा बाथरूम और एक टॉयलेट बना हुआ था.
फिर मुझे विमला ने वहीं पर आँगन में एक खटिया डालकर बैठा दिया और वो बोली कि साहब जी खाने से पहले क्या आप कुछ पीना पसंद करोगे? क्योंकि मेरा भाई जब भी मिलने आता है, तब वो शराब पीता है और उसकी शराब की बोतल में कुछ शराब बची हुई है, अगर आप चाहे तो में ले आती हूँ फिर मैंने कहा कि चलो आप कहती हो तो में थोड़ी सी पी लेता हूँ.
और फिर वो शराब की बोतल, गिलास और पापड़ ले लाई और मुझसे कहा कि साहब कमरे में चलिए, वहाँ ठंडक रहेगी और उसने मुझे अपने कमरे में ले जाकर पलंग पर बैठा दिया और वो खुद मेरे सामने प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठ गयी और पीते पीते में उसके परिवार वालों के बारें में उससे बातें करता रहा.
फिर उसने मुझे बताया कि जब से उसका बेटा हुआ है, तब से उसका पारिवारिक जीवन दुखों से घिरा हुआ है और उसका पति रोज़ रोज़ शराब पीकर आता था और फिर वो खाना खाकर बिस्तर पर जाकर कुछ ही देर बाद खर्राटे मारने लगता था और वो गहरी नींद में सो जाता.
फिर दूसरे दिन सुबह में उन्हें हमेशा जबरदस्ती उठाया करती थी और उनको ज़बरदस्ती दफ़्तर में भेजती थी, वो तब अपने काम पर जाते, मेरे पति के हिस्से में जो भी ज़मीन जायदाद थी, इस मकान को छोड़कर वो सब मेरे देवरों ने हड़प लिया, बस एक खेत छोड़ा है.
इन बातों को अब तो मेरा केवल यही उदेश्य है कि में अपने बेटे को पड़ा लिखाकर एक बहुत बड़ा बनाना चाहती हूँ, बाकी फिर ईश्वर की मर्ज़ी, वैसे साहब आप रोज रोज इतनी रात को 8 बजे तक क्यों काम करते हो और सुबह भी आप जल्दी ही आ जाते हो?
चुदाई की गरम देसी कहानी : प्यासी औरत के साथ भीगी रात गुजारी
तब मैंने उसको मेरे सराय के नियमों के बारे में बताया कि में रात 8:30 बजे के बाद ही सराय में जा सकता हूँ और सुबह 8:30 बजे तक ही सराय में रुक सकता हूँ, इसलिए मुझे दफ़्तर जल्दी आना पड़ता है और देर तक रुकना पड़ता है और खाना भी मुझे बाहर बाज़ार से खाना पड़ता है, क्या यहाँ पर अच्छा सा कोई होटल नहीं है? जहाँ पर में रुक सकूँ खाना खा सकूं, खैर कुछ ही महीनों की बात है, में सहन कर लूंगा.
तब वो बोली कि साहब आप बुरा ना माने तो जब तक आप यहाँ पर हो, क्या आप हमारे ग़रीब खाने में रुक सकते है, अब मैंने उससे कहा कि यह तो बहुत अच्छी बात है, में कल से ही तुम्हारे घर आकर रहने आ जाऊंगा और खाना खाकर थोड़ा सा आराम करके रात 8 बजे में उसके घर से निकाला और अपने ठीक उसी समय पर में सराय में पहुँच गया.
रविवार को सुबह में अपना सभी सामान समेटकर उसके घर पर करीब 11 बजे पहुँच गया, उसने मेरे सभी सामान को अपने कमरे में रख दिया और वो मुझसे बोली कि साहब में कमरे के सामने आपके लिए सोने का इंतज़ाम कर दूँगी, तो आप रात को वहां सो जाना, वैसे यह मकान थोड़ा सा छोटा जरुर है, लेकिन मुझे आशा है कि उस सराय से तो यह अच्छा होगा.
फिर मैंने उससे कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो विमला, में यहाँ पर अच्छे से रह लूँगा और फिर में कुछ देर बाद बाज़ार गया और कुछ सब्जियां, ब्रेड बटर लेकर आ गया. फिर रात को खाना खाने के बाद हम सभी कमरे के सामने बिस्तर लगाकर सोने की तैयारी करने लगे और तभी मेरे साथ उसका बेटा सोने की ज़िद करने लगा.
फिर उसका बिस्तर भी विमला ने मेरे साथ लगा दिया और अपना बिस्तर कुछ ही दूरी पर लगाकर हम सभी करीब रात 10:30 बजे सो गये फिर सुबह विमला ने मुझे उठाया और में फ्रेश होकर उसके साथ नाश्ता किया और उससे कहा कि जब से में यहाँ पर आया था, तब से घर का खाना तो दूर की बात है, नाश्ता भी मुझे नसीब नहीं हुआ. “Gadrai Aurat XXX”
फिर पहले में दफ़्तर पहुँचा और करीब आधे घंटे बाद विमला भी अपने बेटे को स्कूल छोड़कर दफ़्तर पहुँच गयी और उस दिन मैंने दफ़्तर में सभी लोगों को बता दिया कि मेरी रहने की समस्या को देखकर विमला ने मेरे लिए उसके घर पर रहने का इंतज़ाम कर दिया है.
यह बात सुनकर सभी लोग बहुत खुश हुए और उनमें से एक ने कहा कि साहब जी यह तो बड़ी अच्छी बात है, इस बहाने से आप उसकी देखभाल भी करोगे और बेचारी को आपके दिए हुए किराए से उसकी कमाई भी होगी फिर में रोज 6:30 बजे अपने दफ़्तर से निकल जाता, विमला और कभी कभी मेरे साथ घर लौटती थी या वो कभी कभी 6 बजे दफ़्तर से निकल जाती थी.
दोस्तों हम लोग रात को कमरे के बाहर ही सोते थे, मेरे साथ में विमला का बेटा सोता था और उसके पास में विमला सोती थी, विमला अक्सर मेरे सामने ऐसे बैठती थी कि उसकी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा हुआ होता था, जिसकी वजह से उसके बूब्स का उभार मुझे हमेशा साफ साफ नज़र आता था.
विमला का बाथरूम एक कोने में था और बाथरूम का दरवाजा नीचे से करीब दो फुट उँचा था और अक्सर जब वो नहाकार पेशाब करती थी, तब मुझे उसके बड़े बड़े कुल्हे दिखाई देते थे और हमेशा उसकी गांड को देखकर मेरा लंड राजा फड़कने लगता था, लेकिन उसके शांत स्वाभाव की वजह से मेरी हिम्मत नहीं होती थी. “Gadrai Aurat XXX”
एक बार हम लोगों की शुक्रवार से लेकर सोमवार तक दफ़्तर की छुट्टी थी और चार दिन तक हमारी छुट्टियाँ होने की वजह से में बहुत मूड में था और उसकी वजह यह थी कि गुरुवार को हम दोनों ने साथ में बैठकर खाना खाकर बातें करते करते हम हमेशा की तरह कमरे के बाहर सो गये.
तभी अचानक रात के करीब एक बजे मेरी नींद खुली तो मुझे सिसकियों की आवाज़े सुनाई दी, जिसकी वजह से मेरी नींद खुल गई और मैंने थोड़ा सा उठकर उस आवाज़ की तरफ देखा तो विमला सिसकियाँ भर रही थी और चाँद की रोशनी में मुझे उसका खुला हुआ ब्लाउज दिखा और उसकी साड़ी और पेटीकोट कमर तक उँचा उठा हुआ था.
और वो अपने एक हाथ से ककड़ी (खीरा) को अपनी चूत के अंदर बाहर कर रही थी और वो अपने दूसरे हाथ से अपने एक बूब्स को मसल मसलकर दबाते हुए उूउउफफफफ्फ़ आह्ह्ह्हह्ह उूउउइईईई हुउऊुउउंम्म करती जा रही थी यह नज़ारा देखकर तो में एकदम दंग रह गया.
क्योंकि मैंने अब तक उसको बहुत अच्छी औरत समझा था और फिर कुछ ही मिनट में वो अब हांफने लगी और में तुरंत समझ गया कि वो झड़ चुकी थी. फिर उसने अपने ब्लाउज और साड़ी को ठीक किया और उसके बाद सो गयी, लेकिन अब मेरी आँखों में बिल्कुल भी नींद नहीं थी और बार बार मेरे मन में विचार आ रहे थे कि में तो उसको इज्जतदार औरत समझकर उसका इतना सम्मान करता था, लेकिन वो तो बहुत आगे निकल गयी. “Gadrai Aurat XXX”
मस्तराम की गन्दी चुदाई की कहानी : भाई के सामने अपने नंगे जिस्म की नुमाइश की
खैर मैंने मेरे मन को मनाकर सोचा कि आख़िर वो भी तो एक औरत है, उसकी भी तो कोई चाहत होगी, जैसे हर एक मर्द की होती है? हम मर्द तो हमेशा बड़े ही बेशरम होते है, लेकिन एक औरत जात कैसे अपने को इस समाज में बेशरम बनाकर एक मर्द की तरह किसी से भी अपनी चुदाई करवा सकती है? दोस्तों यह सभी बातें सोचते सोचते ना जाने कब मुझे नींद आ गई?
फिर सुबह जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि विमला उस समय बाथरूम में नहा रही थी और तभी सुबह सुबह मुझे उसकी मस्त गोलमटोल गांड के दर्शन हो गये तभी मैंने मन ही मन में सोच लिया था कि अवधेश बेटा छोड़ यह लाज शर्म बहुत हुई और कब तक ऐसा करता रहेगा अब तो यह अच्छा मौका समझकर बजा दे विमला का बाजा, इसकी जमकर चुदाई कर.
फिर उठकर मैंने उसके बेटे तो उठाया और में चाय बनाने लगा और जब वो नहाकर वापस आई तो उसने उस समय केवल अपने पेटीकोट को ऊपर उठाकर अपने बूब्स पर बांध रखा था और उसने अपने भीगे बालों को टावल से लपेटा हुआ था, मुझे देखकर वो चौंक गयी और वो कहने लगी कि साहब आज तो छुट्टी है, आप इतनी जल्दी उठ गए, आप क्यों चाय बनाने लगे, आप मुझे ही आवाज़ दे लेते.
फिर मैंने उससे कहा कि आप नहा रही थी, इसलिए मैंने सोचा कि चलो आज में ही चाय बना देता हूँ और दो कप में चाय डालने लगा, जब उसको ध्यान आया कि वो तो केवल पेटिकोट में है, तो शरमाते हुए वो कमरे में चली गयी और में भी चाय का कप लेकर उसके कमरे में चला गया और बोला कि लो विमला चाय लो, तुम हमेशा मेरे लिए चाय पानी लाकर देती हो, आज में तुम्हें चाय दे रहा हूँ. “Gadrai Aurat XXX”
तब उसने कहा कि साहब जी आप चाय टेबल पर रख दीजिए, में पी लूँगी और में टेबल पर चाय रखकर नहा धोकर फ्रेश होकर आँगन में बैठ गया, वो नाश्ता लेकर आई और हम तीनों माँ बेटा और में नाश्ता करने लगे. फिर मैंने आज महसूस किया कि विमला अलग अंदाज़ में मुझसे बतिया रही थी और आज तो वो बहुत सुंदर भी लग रही थी.
फिर मैंने विमला से कहा कि चलो आज हम मटन खाएँगे, में बेटे को स्कूल छोड़कर आ जाऊंगा और वहां से आते समय में अपने साथ मटन भी लेकर आ जाऊंगा, तब तक तुम मटन की तैयारी कर लो और फिर मैंने उसके बेटे को स्कूल छोड़ा और विस्की की दो बोटल और मटन लेकर आया.
विमला मटन बनाने लगी और में आँगन में बैठकर विस्की को पीने लगा, उसको पीते पीते में विमला को भी देख रहा था और वो खाना बनाते समय मुझसे बातें भी कर रही थी और वो मुझे बार बार उसकी गांड जो आज सुबह सुबह देखी थी, वो अब भी मेरी आखों के सामने घूम रही थी.
दोस्तों में केवल लूंगी और बनियान पहने हुए था उसने उस समय सफेद रंग का पतला सा ब्लाउज और साड़ी पहनी हुई थी फिर उसका सारा काम जब खत्म हुआ तो हम लोगों ने साथ में बैठकर खाना खाया और में कमरे के बाहर थोड़ी देर के लिए लेट गया और वो खुद कमरे के अंदर जाकर सो गयी. “Gadrai Aurat XXX”
फिर शाम को उसने मुझे करीब 5:30 बजे उठाकर चाय बनाकर दे दी और फिर कुछ देर हम लोग इधर उधर की बातें करने लगे, तब तक उसका बेटा भी स्कूल से आ चुका था तब मैंने विमला से कहा कि चलो आज हम बाज़ार घूमकर आते है. फिर वो मेरी बात को सुनकर बहुत खुश होकर तुरंत तैयार हो गयी और उसने अपने बेटे को भी तैयार कर लिया.
जिसके बाद हम लोग बाज़ार पहुँच गये और बाज़ार में मैंने उसके बेटे को एक जोड़ी ड्रेस दिलाई और उसको एक मेक्सी दिलवाई और फिर हम कुछ सब्जियाँ लेकर करीब 8 बजे घर पर पहुंचे और घर पर पहुँचकर उसने वो मेक्सी पहन ली और मुझे दिखाई, वो बड़ी खुश होकर मुझसे कहने लगी कि साहब जी यह मुझ पर कितनी जच रही है.
उसको पहली बार उस मेक्सी में देखकर में बिल्कुल दंग रह गया, क्योंकि वो पतले कपड़े की गुलाबी रंग की थी, जिसमें से उसके बूब्स के निप्पल झलक रहे थे फिर मैंने उससे कहा कि वाह तुम इसमें क्या मस्त लग रही हो, अब तुम ज़रा पीछे घूमकर भी तो मुझे दिखाओ.
अब वो मेरे कहने पर पीछे घूम गई तो मुझे रोशनी में मेक्सी के अंदर से उसकी गांड भी दिखाई दे गई, क्योंकि उसने शायद उसके अंदर ब्रा या पेंटी भी नहीं पहनी थी, इसलिए मेरी आखें फटी रह गई और मैंने उससे कहा कि विमला जी इससे तो आप पहले से बहुत ही ज्यादा सुंदर दिखाई दे रही हो अब वो मेरे शब्दों को सुनकर शरम के मारे लाल लाल हो गई और फिर वो अपना काम करने लगी और में विस्की पीने लगा.
अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरीज : सगे बेटे का वीर्य मेरी चूत में भर गया
फिर रात के करीब 11 बजे हम खाना खाकर अपने अपने बिस्तर पर लेट गये और मुझे कब नींद आई इस बात पता ही नहीं चला और जब मेरी नींद खुली तो में देखकर एकदम हैरान हो गया, क्योंकि अब उसका बेटा मेरे पास से उठकर उसके पास में सोया हुआ था और विमला मेरे एकदम पास में ही लेटी हुई थी.
फिर मैंने देखा कि उसकी मेक्सी का बटन खुला हुआ था, जिसमें से उसका एक बूब्स बाहर निकला हुआ था और उसकी वो मेक्सी नीचे सरकी हुई थी और उसका एक हाथ मेरी छाती पर था और एक पैर जो कि बिल्कुल नंगा था और मेरे पैरों पर रखा हुआ था. “Gadrai Aurat XXX”
अब यह सब देखकर तो मेरा लंड फनफनाता हुआ खड़ा हो गया फिर मैंने धीरे से अपने लंड को बाहर निकालकर में अब सोने का नाटक करते हुए उसके और भी पास सरक गया और मेरा मुहं उसकी छाती पर था और मेरा लंड उसकी जाँघो के बीच से उसकी चूत के मुहं पर था और में इस पोज़िशन में कुछ देर तक बिना हिले पड़ा रहा.
जिसकी वजह से मेरे लंड पर उसकी चूत की गर्मी महसूस हो रही थी कि तभी अचानक से मैंने देखा कि उसका पैर मेरे पैर से हट चुका था और वो उठकर शायद बाथरूम के लिए जाने लगी, तो में डर के मारे ऐसे ही लंड को बाहर निकाले सोने का नाटक करता रहा.
फिर कुछ देर बाद जब वो वापस आई तो मैंने धीरे से अपनी एक आँख को खोलकर देखा कि वो मेरे लंड पर तेल की शीशी से तेल डाल रही थी उसके बाद उसने अपनी चूत पर ढेर सारा तेल लगाकर जैसे वो पहले लेटी थी और उसी अवस्था में वो मेरे पैरों के ऊपर अपने एक पैर को रखकर अपनी मेक्सी को नीचे तक सरकाकर लंड को अपनी जांघो के बीच से अपनी चूत के मुहं पर रखा और वो धीरे से मुझसे चिपक गयी.
जिस वजह से मेरे लंड का आधा टोपा उसकी चूत में समा गया. दोस्तों उसकी इस हरकत से मेरी हिम्मत बढ़ गई और में भी उससे लिपट गया और मैंने अपनी गांड को हिलाकर एक ज़ोर से झटका मारा तो मेरे लंड का टोपा उसकी चूत में घुस गया और अब वो अच्छी तरह से समझ गई थी कि में जाग गया हूँ. “Gadrai Aurat XXX”
अब वो मेरे कान में फुसफुसाते हुए बोली कि चलो कमरे के अंदर चलते है, यहाँ पर मेरा बेटा उठ जाएगा तो गजब हो जाएगा और फिर हम दोनों उठकर उसके कमरे के अंदर चले गए और अब हम दोनों तुरंत ही पूरे नंगे हो गये फिर मैंने उसको पीठ के बल लेटाकर में उसके पैरों के बीच में आ गया और अब मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया.
जिसकी वजह से उसकी चूत ऊपर उठकर पूरी तरह से खुलकर मेरे सामने अपनी चुदाई का मुझे आमन्त्रण दे रही थी, में उसको देखकर अपने होश खो बैठा और मैंने तुरंत उसके दोनों पैरों को ऊपर उठाकर अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखकर एक जोरदार धक्का दे मारा, जिसकी वजह से मेरे लंड का टोपा उसकी गरम, चिकनी कामुक चूत में समा गया.
उसके बाद मैंने एक बार फिर से कसकर धक्का मार दिया तो मेरा लंड सरसराता हुआ आधा उसकी चूत में घुस गया अब वो बोली उफफफफ्फ़ आईईईईई साहबजी आपका लंड तो बहुत बड़ा है, मुझे इसकी वजह से बहुत दर्द हो रहा है प्लीज आप ज़रा धीरे धीरे डालना अब में उसके कहने पर धीरे धीरे अपनी कमर को हिलाकर लंड को चूत के अंदर बाहर करने लगा.
और में थोड़ी देर तक ऐसे ही करता रहा फिर कुछ देर बाद में जोश में आकर अब कस कसकर धक्के मारने लगा और अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत को चीरता, फाड़ता हुआ सीधा उसकी बच्चेदानी से जाकर टकरा गया और उसके मुहं से उऊऊइईईईईईईईईई माँ में मर गई रे प्लीज थोड़ा धीरे धीरे डालो मुझे उह्ह्हह्ह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है.
फिर में थोड़ी देर उसकी चूत में लंड डाले ही बिना धक्के दिए और उसको चूमने लगा और दोनों बूब्स को बारी बारी से सहलाने दबाने और उनका रस पीने लगा और जब वो कुछ देर बाद शांत हुई उनकी चूत का दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने अब दोबारा लगातार धक्के देकर उसकी चुदाई करना शुरू कर दिया. “Gadrai Aurat XXX”
जिसकी वजह से अब उसको बड़ा मज़ा आने लगा था और मेरे हर एक धक्के में वो अपनी गांड को उँची उठा उठाकर मेरे लंड राजा को अपनी चूत रानी में पूरा अंदर तक लेने लगी और हाथ में वो सिसकियाँ भरते हुए मुझसे बोले जा रही थी उूउउफ्फ आह्हह्ह् हाँ साहबजी आप मुझे बस ऐसे ही चोदो ऊउईईईईइ आज मुझे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदो.
क्योंकि पिछले कई सालों से इस मेरी भूखी चूत ने कोई भी लंड नहीं खाया है आज आप इसको फाड़ डालो आज अह्हह्ह्ह्ह आज इस मेरी प्यासी चूत को अपने इस मोटे दमदार लंड से इतना चोदो कि आज इसकी प्यास बुझ जाए, आज आप इसको पूरी तरह से संतुष्ट कर दो साहब, प्लीज लगाते रहो और ज़ोर से मेरे राजा और ज़ोर से चोद.
कामुकता हिंदी सेक्स स्टोरी : बाप बेटे ने माँ की घोड़ी बनाया
अब में उसकी वो जोश भरी बातें सुनकर अपनी कमर को हिलाकर उसकी चूत में अपने लंड को लगातार अंदर बाहर कर रहा था हमारी उस चुदाई की फ़चफ़च की आवाज़े गूंजने लगी, वो अब तक इस चुदाई के बीच में करीब दो बार झड़ चुकी थी और थोड़ी ही देर के बाद में भी उसकी चूत में झड़ गया. “Gadrai Aurat XXX”
फिर मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत की गहराईयों में डाल दिया और अब हम दोनों पसीने से एकदम लथपथ थे और हम हाँफ भी रहे थे, हम कुछ देर ऐसे ही एक दूसरे से चिपके पड़े रहे. फिर कुछ देर बाद हम दोनों उठकर कपड़े पहनकर अपनी अपनी जगह पर आकर सो गये और में अब मन ही मन बहुत खुश था और मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना ना था.
में उसकी चुदाई के बारे में सोचता हुआ ना जाने कब सो गया दोस्तों अब में हर रात को उसकी चुदाई करता हूँ और वो भी मुझसे मज़े ले लेकर चुदवाती, लेकिन विमला ने कभी भी मुझे उसकी गांड मारने का मौका नहीं दिया था और में हर बार उसकी चूत की चुदाई करता रहा.
फिर मैंने महसूस किया कि वो उसमें ही हमेशा संतुष्ट खुश रहने लगी और धीरे धीरे उसकी जवानी वापस लौट आई दोस्तों यह थी मेरी चुदाई अपनी प्यासी तरसती हुई उस चपरासन के साथ जिसको मेरे लंड की बहुत ज्यादा जरूरत थी और मैंने उसकी उस जरूरत को समझकर उसको पूरा भी किया, जिसमें उसने हर बार मेरा पूरा पूरा साथ दिया.
Rohit says
Maharashtra me kisi girl, bhabhi, aunty, badi ourat ya kisi vidhava ko maze karni ho to connect my whatsapp number 7058939556
Rajveer says
Kisi lady ko baat krni ho to msg kre number profile ke about me hai
Delhi ncr Delhi lucknow Gorakhpur
9793176950
Ajay says
Call boy job k liye contact kare
8683035025
Ajay says
Call boy job k liye contact kare
8683035025
Callboys says
Beautiful stry
To All Sexy anyone wants to Full body massage with long dick ride and Etc. Servc…the. dm me 9717063053
All types chats available (like dirty and personal chats with Ladies problem)
Vaibhav says
Me wardhase hu 9511201182 kese aante bhabe koye ladke ke full body massage or kuch Krna heto kontyar keje keseko kuch nhi pta chlega hom sarvesh bhe he