Maa Ki Antarvasna Kahani
हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी चाहने वालों को अपनी एक बहुत अच्छी और बिल्कुल सच्ची चुदाई की घटना बताने जा रहा हूँ. जिसमें मैंने अपनी माँ के साथ उनकी चुदाई के बहुत मज़े लिए और उनको अपनी पहली चुदाई से ही संतुष्ट किया और यह घटना अभी कुछ समय पहले मेरे साथ घटित हुई है. Maa Ki Antarvasna Kahani
दोस्तों में एक बहुत खुले विचारों वाले परिवार से हूँ, मेरी माँ की उम्र 40 साल है. दोस्तों मेरी माँ दो बच्चे होने के बाद भी सुंदर दिखती थी, उनकी छाती पहले से ज्यादा उभरी हुई और गांड पहले से ज्यादा बाहर आने लगी थी. उनका धीरे धीरे पूरा शरीर भरने लगा था और कुछ सालों से वो बातों में भी बहुत खुल गयी थी.
अब में उनके बूब्स और चूतड़ देखकर वो मुझे किसी रसमलाई और बरफी जैसी लगने लगी थी. और फिर मुझे जब भी मौका मिलता तो में उसकी रसीले बूब्स और गोलमटोल चूतड़ों को जी भरकर देखता था और मौका मिलने पर में किसी बहाने उनको छू लेता था. और वो जब भी पास से गुजरती तो उनके बदन की खुशबू मुझे बहुत आकर्षित करती थी.
और में इस सोच में उनको मन ही मन सोचने लगा था. एक दिन मेरे पापा को उनके काम से बाहर जाना पड़ा और उस वक़्त माँ मुझे बहुत उदास लगी थी. क्योंकि मेरे पापा पूरे दो महीने के लिए बाहर जा रहे थे, लेकिन उनके जाने के बाद में माँ से बहुत घुलमिल सा गया था.
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में अब उनके साथ मस्ती करता तो कई बार में माँ से अकेले में डबल मिनिंग बातें करता और चुपके से उनको छुआ भी करता था. माँ भी अब मुझसे बहुत खुलकर बातें किया करती थी. फिर उस वक़्त मैंने भी मन ही मन सोच लिया था कि कैसे भी करके माँ को किसी भी तरह से पटा लिया जाए और उनके रस भरे जिस्म को उत्तेजित किया जाए, जिससे वो खुद भी मुझसे चुदने के लिए बैचेन हो जाए.
फिर वो एक दिन आ ही गया जब में माँ से बात कर रहा था तो मैंने सही मौका देखकर उस दिन उनकी सुंदरता की बहुत तारीफ की और उनसे उनके कॉलेज के दिनों के बारे में पूछा, उनके दोस्त बॉयफ्रेंड सभी के बारे में उनसे जाना. फिर वो भी बहुत खुश होकर मेरे हर एक सवाल का जवाब दे रही थी.
और मैंने उन्हें गौर से देखा कि बातें करते करते उनके चेहरे का रंग बिल्कुल बदल सा गया है. तभी उन्होंने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा तो में उनसे बोला कि आप जैसी अब तक मुझे नहीं मिली, मतलब कि मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है. तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर वो हंसने लगी और मेरे लंड की तरफ देखकर मुझसे बोली कि इस उम्र में गर्लफ्रेंड नहीं है तो तुम उसे कैसे सम्भालते हो?
दोस्तों में उनके मुहं से यह शब्द सुनकर थोड़ा दंग रह गया और फिर मैंने मन ही मन सोचा कि माँ को थोड़ा गरम गरम बातों से उत्तेजित किया जाए. और फिर मैंने उनसे बोला कि में ऐसे ही काम चला लेता हूँ, और मैंने उनको कुछ सेक्सी जोक्स सुनाए, जिस पर वो हंसी और मुझे छूने लगी. अब उनसे बातों ही बातों में मैंने पूछ लिया कि माँ कभी आपने शादी से पहले कभी कुछ किया था?
तो माँ ने थोड़ा गुस्सा दिखाया फिर थोड़ा मुस्कुराते हुए बोली कि यह काम मेरा गुप्त है और में तुम्हें यह सब क्यों बताऊँ? तो मैंने कहा कि में आपका कोई पराया थोड़ी ही हू. फिर मेरे मुहं से यह सुनकर वो थोड़ा सा शरमाई और वो मेरी बात को टालने लगी. लेकिन में अब उनका ऐसे कैसे पीछा छोड़ने वाला था.
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उसके बाद वो उठकर किचन में चली गयी और कॉफी बनाने लगी. मैं भी एकदम सही मौका देखकर उनके पीछे पीछे किचन में चला गया और अब में उनके पीछे ही पड़ गया और मैंने महसूस किया कि माँ शरम से बिल्कुल लाल हो गई थी. और अब मैंने उनसे बिना डरे पूछा कि आपने पहली बार सेक्स का अनुभव कब लिया था और वो आपको कैसा लगा था?
तो वो शरम से बोली कि जब तुम्हारा वक़्त आएगा तब तुम्हें अपने आप पता चल जाएगा. दोस्तों उनका रुखा सुखा सा जवाब सुनकर मेरा तो मूड ही खराब हो गया. लेकिन माँ अब शायद कुछ कहना चाहती थी और यह बात तो पक्की थी. फिर थोड़ी देर बाद घर वाले भी आ गए.
फिर उसी दिन दोपहर को में माँ के बारे में सोच रहा था, उनकी मस्त मस्त गांड और बूब्स मेरे लंड को खड़ा कर रहे थे और में अपने लंड को धीरे धीरे सहला रहा था. तभी माँ मेरे रूम में आ गई और उन्होंने मेरे खड़े लंड को पेंट के ऊपर से ही टेंट बना हुआ देख लिया. में अभी भी अपने लंड को सहला रहा था तो उन्होंने मुझे आवाज़ लगाई और में अचानक से घबराकर उठ गया.
अब माँ ने मुझसे पूछा कि क्यों तुम ऐसा क्या सोच रहे हो? मुझे लगता है कि तुम्हें अब किसी गर्लफ्रेंड की बहुत ज़रूरत है? तो में डरकर घबराकर कुछ नहीं बोला. माँ मेरे पास आकर बैठ गई और फिर वो मुझसे बोली कि मुझे ऐसा लगता है कि तुम किसी के बारे में सोच रहे हो? अब मैंने थोड़ा उदास होकर उनसे कहा कि जी ऐसा कुछ नहीं है, में तो बस आपके बारे में ही सोच रहा था.
दोस्तों माँ को देखकर मेरा लंड अब और भी जोश में आ गया था, इसलिए मैंने थोड़ी हिम्मत करके माँ का एक हाथ पकड़ा और उनको बेड पर बैठा दिया और तुरंत उनकी गोद में अपना सर रख दिया. और फिर मैंने उनसे बोला कि माँ आपको देखकर मुझे कुछ कुछ होता है तो माँ थोड़ा मुस्कुराते हुए मुझसे पूछने लगी कि तुम्हें ऐसा क्या होता है?
अब मैंने झट से उनका एक हाथ उठाकर अपने लंड पर रख दिया. फिर मेरे लंड का अपने हाथ पर स्पर्श होते ही वो चकित हो गयी और अब उनकी सांसे धीरे धीरे फूलने लगी. लेकिन उन्होंने अपना हाथ मेरे लंड से नहीं हटाया और वो अब मुझसे पूछने लगी कि तुमको मुझमे ऐसा क्या अच्छा लगता है?
तो उनकी यह बात सुनकर मुझे लगा कि यही एकदम सही मौका है, में उनसे बोला कि आपकी आखें, आपकी बातें, आपके बूब्स और आपकी गांड का तो में बहुत दीवाना हो गया हूँ, जी करता है कि में उनको आईस्क्रीम की तरह चूस लूँ और खा जाऊँ. तभी मेरे मुहं से यह बात सुनकर उन्होंने मेरे लंड को मसल दिया. फिर वो मुझसे बोली कि मेरे साथ तुम्हें और क्या क्या करना है?
तो में उनकी तरफ से हरी झंडी देखकर तुरंत उठकर खड़ा हो गया और अब मैंने उनको अपनी बाहों में भर लिया. और उनके बूब्स को अपनी छाती से दबाया और साड़ी के ऊपर से उनकी गांड पर हाथ फेरा. माँ ने भी मेरा साथ दिया और उन्होंने अपना एक हाथ मेरी पेंट में डालकर वो मेरे लंड को मसलने लगी.
और वो मुझसे बोली कि में भी बहुत प्यासी हूँ और तुम्हारा लंड अब मुझे बहुत गरम कर चुका है, आज तुम मेरे और में बस तुम्हारी बनकर ही रहेंगे, लेकिन तुम यह बात किसी को बताना नहीं. दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर में खुश हो गया और मैंने उनके होंठो पर अपने होंठ रख दिए.
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तभी वो तुरंत पीछे हटकर मुझसे कहने लगी कि अभी नहीं अभी में सिर्फ़ तुम्हारे लंड को देखना चाहती हूँ और उसे छूकर महसूस करना चाहती हूँ. फिर मैंने तुरंत अपने बाथरूम का दरवाजा खोल दिया और उन्हें अंदर खींच लिया. वो अब मुझसे लिपटी हुई थी और उनकी सांसे बहुत तेज चलने लगी थी, उनकी इस अदा पर मुझे बहुत प्यार आया और में उनके होंठो को चूसने लगा.
फिर में उनसे कहने लगा कि माँ तुम एक कामुक परी हो और मैंने उनके बूब्स दबाए और वो अहहहहाह उह्ह्हह्ह्ह्ह आईईईइ हाँ थोड़ा और ज़ोर से. फिर में अपना एक हाथ साड़ी के ऊपर से उनकी चूत को लगाने लगा और चूत को सहलाने लगा और मेरी इस हरकत से वो और भी पागल हो गयी.
तभी बाहर से किसी की आवाज़ आई और उनकी सांसे अचानक से एक ही जगह पर रुक सी गई, थोड़ी देर बाद वो मुझसे बोली कि अभी तुम बस ऊपर से ही करो, रात को हम पूरा मज़ा लेंगे. फिर मैंने कहा कि ठीक है और अब मैंने उनको पकड़कर दीवार से चिपका दिया और मैंने माँ के दोनों पैर फैलाए और उनकी साड़ी, पेटीकोट को थोड़ा ऊपर उठाया.
और तभी मैंने थोड़ा झुककर देखा तो माँ ने लाल कलर की पेंटी पहनी हुई थी, जो उनकी चूत के आसपास वाले हिस्से से थोड़ी गीली हुई थी और उससे मदहोश कर देने वाली खुशबू आ रही थी. फिर में अब पेंटी के ऊपर से उनकी चूत को चाटने लगा, जिसकी वजह से वो भी और गरम होकर अपनी चूत को मेरे मुहं पर दबाने लगी.
और कहने लगी कि हाँ ऐसे ही उफ्फ्फ वाह मज़ा आ गया और अंदर तेज तेज आहहाहा उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह. वो अब मेरे सर को पकड़कर अंदर दबा रही थी और धीरे धीरे मोन कर रही थी और तभी मुझे अहसास हुआ कि माँ अब झड़ने वाली है और वो आवाज़ करते हुए झड़ गई. उनकी गीली पेंटी को में और चाटने लगा, वो कुछ शांत हो गई. “Maa Ki Antarvasna Kahani”
अब उन्होंने मुझे अपने ऊपर से हटाया और वो अपनी साड़ी को ठीक करके मुझसे बोली कि तुम अपनी बाकी की मुराद आज रात को पूरी कर लेना. लेकिन मेरा अभी तक कुछ हुआ ही नहीं था, लेकिन फिर भी में उनकी बात को मान गया और अब हम दोनों बाथरूम से बाहर आ गए.
फिर माँ घर का कुछ काम निपटाने के लिए मेरे कमरे से बाहर चली गयी और में रात होने का बहुत बेसब्री से इंतज़ार करने लगा. और कुछ घंटो के बाद रात को डाइनिंग पर बैठे हम सब लोग खाना खाने लगे. तब मैंने गौर किया कि मेरी माँ मेरे शरीर से अपना शरीर अचानक से कुछ बहाने से छू देती थी और एक बार तो उन्होंने उनका हाथ मेरे लण्ड रगड़ दिया और वो मुस्कुराने लगी.
मैंने सबके साथ खाना खाया और बाद में कुछ देर उनके साथ टी.वी. देखने लगा और माँ भी कुछ देर बाद खाना खाकर आई और मेरे पास बैठकर टी.वी. देखने लगी. थोड़ी देर में सबको को नींद आने लगी. फिर अब में भी अपने बेडरूम में चला गया और माँ का इंतजार करने लगा. सभी जब गहरी नींद में सो गए तो उसके बाद माँ ने मेरे रूम का दरवाजा खोला और वो अंदर आई.
उन्होंने उस समय गुलाबी कलर की मेक्सी पहनी हुई थी और वो बहुत गजब लग रही थी. अंदर आते ही उसने दरवाजा अंदर से बंद किया और फिर मेरे पास आकर बैठ गई, लेकिन में जानबूझ कर नाराज़ होने का नाटक करने लगा. अब वो मुझे मनाने लगी, माँ ने मुझे अपने सीने से लगा लिया और वो मुझसे बोली कि मेरे बेटे इतना क्यों नाराज हो? “Maa Ki Antarvasna Kahani”
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और उन्होंने मेरे होंठो पर अपने होंठ रख दिए और में भी उनका साथ देने लगा. मैंने उनको खड़ा किया और गौर से देखने लगा. फिर वो मुझसे बोली कि मुझे यूँ क्या देख रहे हो क्या आज मुझे पूरा ही खा जाओगे? तो मैंने उनसे बोला कि में इस दिन का कब से इंतजार कर रहा था?
और फिर में उनसे लिपट गया और उनको चूमने लगा, कभी गर्दन पर, कभी गालों पर, उनके बालों पर हाथ फेरने लगा और वो बिल्कुल मदहोश होकर मोन करने लगी, हाँ उह्ह्ह्ह आह्ह्हह्ह. अब में साड़ी के ऊपर से ही उनके बूब्स को दबाने लगा, उनके होंठो को चूमता, होंठो से होंठ रगड़ता हुआ उनकी पीठ को सहलाता रहा.
और अब हमारी सांसे धीरे धीरे तेज होने लगी और में मानो उस पर टूट पड़ा और चुम्मो की बौछार करने लगा. वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और पीठ से होकर में अब उसकी गांड पर आता गांड के गोलो को सहलाता और माँ को पूरी तरह जोश में भर दिया.
अब ऐसे ही मैंने उनको दीवार से चिपकाया और एक पैर से उनकी चूत को रगड़ने लगा और एक हाथ से बूब्स को दबाता तो दूसरे हाथ से उनकी गांड को दबाता रहा और उनको चूमते चूमते में नीचे आ गया. फिर मैंने बूब्स को चूमा, पेट को काटा, जांघ पर अपनी जीभ चलाने लगा और अब में उनकी मेक्सी को धीरे से ऊपर उठाकर कमर तक ले आया.
मैंने उसके नीचे उनकी वो सेक्सी लाल कलर की बिकनी देखी जो चूत के रस से गीली थी और बहुत महक रही थी. मैंने अपने दोनों हाथों से उनकी गांड को दबाई और चूत को बिकनी के ऊपर से रगड़ने लगा और वो मेरा सर दबाकर मोन करने लगी. फिर मैंने उनकी बिकनी को उतार दिया और अब में उस प्यासी चूत को चूसने लगा. “Maa Ki Antarvasna Kahani”
और उनकी चूत के दाने को अपनी जीभ से छूकर सहलाने लगा, वो और भी अब ज़ोर ज़ोर से मोन करने लगी और मेरे सर को अपने दोनों हाथों से अपनी चूत पर दबाने लगी. अब में उन्हें उठाकर बिस्तर पर ले आया और मैंने उनकी मेक्सी को उतार दिया. फिर उन्होंने भी मेरे सारे कपड़े तुरंत उतार दिए.
और अब हम नंगे बिस्तर पर एक दूसरे की बाहों में थे और वो मेरे लंड को सहला रही थी. फिर मैंने उनके दोनों पैरों को पूरा फैलाया और चूत को चाटने लगा, वो भी अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी, हाँ ऐसे ही चाटो उफ्फ्फ्फफ्फ आह्ह्ह्हह्ह मेरी चूत को मुझे. मुझे और भी जोश चढ़ गया और में उनकी चूत को खाने लगा.
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और वो चिल्लाने लगी, आह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ हाँ खा जाओ मेरी चूत को तुम कितने अच्छे हो, हाँ थोड़ा अंदर तक चाटो मेरी प्यासी चूत को आईईईई तुम्हारे पापा मेरे साथ कभी ऐसा नहीं करते. अब में अपने एक हाथ से उनकी गांड को दबाने लगा और गांड के कुल्हो को दूर करके गांड के छेद को सहलाने लगा.
कूल्हों को दबाते ही उसके शरीर में मानो बिजली टूट पड़ी. फिर में अपनी जीभ को नीचे ले आया और उसकी जांघो को चूमने लगा, कूल्हों को चूमने लगा, गांड के छेद को सूंघने लगा, वाह क्या खुशबू थी? मैंने अब उसके कूल्हों को दूर करके छेद पर अपनी जीभ को रखकर चाटने लगा और वो मानो सातवें आसमान पर पहुंच गई और मुझसे कहने लगी हाँ और ज़ोर से चाटो मेरी चूत और गांड को. “Maa Ki Antarvasna Kahani”
में अपनी ज़बान से गांड के छेद को खोलने लगा और नहीं खुली तो अपनी एक ऊँगली को गीला करके गांड के छेद में डालने की कोशिश करने लगा. तो वो उस दर्द से कसमसाई, लेकिन मैंने महसूस किया कि उसकी गांड बहुत टाईट थी, मेरी ऊँगली अपना पूरा ज़ोर लगाने पर अंदर जा नहीं रही थी और अब उसे दर्द होने लगा.
में गांड को छोड़कर अब उसकी चूत को चाटने लगा. फिर हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गए. मैंने उसकी चूत को बहुत देर तक चाटा और वो मेरा लंड को अपने मुहं में अंदर तक लेने लगी. में जैसे ही उसकी चूत रगड़ता तो वो मेरे लंड को काट खाती और वो अब बहुत कामुक होने लगी थी और कुछ देर बाद वो अपना पूरा ज़ोर लगाकर अपनी चूत का पानी छोड़ने लगी और मैंने उसका पूरा रस पी लिया.
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