Mareej Ka Mota Lund Pakad Kar Khud Mareej Ban Gai
मेरा नाम दामिनी है, में 25 साल की बड़ी हीसुंदर लड़की हूँ, मेरे बड़े आकार के बूब्स और पतली कमर किसी को भी पागल कर देने केलिए बहुत है। दोस्तों मैंने एम.बी.बी.एस किया है और पिछले कुछ समय से मेरीपोस्टिंग राजस्थान के एक छोटे से कस्बे के सरकारी अस्पताल में हुई है और में यहाँके ओर्थोपेडिक वॉर्ड में काम कर रही हूँ। दोस्तों शुरू से ही मेरे ऊपर मेरीसुंदरता को देखकर मरने वालों की कोई कमी नहीं रही है, कॉलेज के दिनों मेंभी मेरे पीछे बहुत लड़के पड़े थे और अब यहाँ के अस्पताल के भी कई डॉक्टर भी मुझ परमरते है, लेकिन मेरी पसंद कुछ अलग किस्म की है। Mareej Ka Mota Lund Pakad Kar Khud Mareej Ban Gai Main.
दोस्तों में उन परिंदों पर अपना रस न्योछावर करने में विश्वास नहीं करती, जिनका काम ही हमेशा फूलों का रस पीकर उड़ जाना होता है। अब तक मुझे मेरी पसंद का मुझे कोई भी लड़का नहीं मिला, पता नहीं क्यों मुझे कोई भी पसंद ही नहीं आता है? मेरे घरवाले भी मुझसे हमेशा बड़ा ही परेशान थे, वो कई लड़को की तस्वीरें भी भेज चुके थे, लेकिन मैंने उनको हमेशा ना कर दिया। फिर एक बार एक डॉक्टर अंधेरी जगह पर मुझे पकड़कर जबरदस्ती करने लगा, वो मेरे बूब्स को कसकर मसलने लगा था।
फिर में उसको धक्का मारकर उसकीगिरफ़्त से निकल गयी और फिर उसके बाद तो मैंने उसकी वो ठुकाई कि उसने मेरी तरफदेखना भी छोड़ दिया, लेकिन इतनी मगरूर लड़की आख़िर किसी के प्रेम में पड़ गयी और उस परअपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था। फिर हुआ यह कि एक दिन में राउंड पर निकली थी, उस समय शाम के 6 बज रहे थे। अब मेरेसाथ एक नर्स भी थी, हम दोनों एक-एक मरीज के पास जाकर उसको देख रहे थे। अब एक बड़ा साहॉल था और कोने की तरफ हल्का सा अंधेरा था काम करते-करते में जब कोने की तरफ बढ़ी, तभी अचानक से किसीकाम से मेरे साथ वाली वो नर्स वापस लौट गयी, जिसकी वजह से अब में अकेली ही थी औरमेरे सामने बस एक आखरी मरीज ही था। “Mareej Ka Mota Lund”
दोस्तों उसके पैर में डिसलोकेशन था औरफिर में उसके पास पहुँचकर मुआयना करने लगी थी। फिर चार्ट को देखते हुए मैंने उसकीतरफ देखा, वो करीब 30-32 साल का एक तंदुरुस्त नौजवान था और वो उस समय बिस्तर पर अपनी पीठ केबल लेटा हुआ था और उसने चादर को अपनी छाती तक ओढ़ रखा था। फिर उसकी रिपोर्टदेखते-देखते मेरी नजर उसकी कमर पर पड़ी, उसकी कमर के नीचे के हिस्से में चादरटेंट की तरह उठी हुई थी और उसके हाथ अपने लंड पर चल रहे थे। “Mareej Ka Mota Lund”
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फिर में कुछ पल तक एकटक उसके लंड की हलचल को देखती रही, अब वो मेरी तरफ दिखाता हुआ अपने लंड पर लगातार अपना एक हाथ चला रहा था। अब में एकदम घबरा गयी थी और भागती हुई उस कमरे से बाहर निकल गयी, मेरा बदन पसीने से पूरा भीग चुका था। दोस्तों में वहीं पास के एक क्वॉर्टर में रहती थी और सीधी घर जाकर ठंडे पानी से नहाई, पता नहीं क्यों मेरे मन में एक गुदगुदी सी होने लगी थी? और अब बार-बार मेरा मन मुझे वहीं पर खींचकर ले जा रहा था। फिर किसी तरह से मैंने अपने जज्बातों पर अंकुश लगाया, लेकिन जैसे-जैसे रात बढ़ती गयी, मेरा अपने ऊपर से काबू हटने लगा था और फिर आख़िर में तड़पकर वापस अस्पताल की तरफ बढ़ चली। दोस्तों उस समय रात के करीब 11 बज रहे थे, देर रात की वजह से चहल पहल बहुत कम हो चुकी थी। फिर में स्टाफ की नजरों से बचती हुई ओर्थोपेडिक वॉर्ड में घुस गई। फिर मैंने देखा कि ज़्यादातर मरीज उस समय सो गये थे, में इधर उधर देखती हुई आखरी पलंग पर पहुँच गई और मेडिकल कार्ड देखने लगी, मैंने देखा कि उस पर इशान नाम लिखा था। फिर मैंने उसकी तरफ देखा, वो अब भी वापस उसी हालत में था, उसका लंड खड़ा था और वो उस पर अपना हाथ चला रहा था।
फिर में धीरे-धीरे आगे सरकती हुई उसकेपास पहुँच गई तभी अचानक से उसने चादर के नीचे से अपना एक हाथ निकला और उसने मेरीकलाई को सख्ती से पकड़ लिया। अब मैंने अपना हाथ छुड़ाने की बहुत कोशिश कि, लेकिन उसके हाथ नेतो लोहे की तरह मेरी कलाई को जकड़ा हुआ था। फिर मैंने अपनी नजर को आसपास डाला, सब या तो सो रहे थेया सोने की कोशिश कर रहे थे। अब किसी को भी कोई खबर नहीं थी कि कमरे के एक कोनेमें क्या ज़ोर मशक्कत हो रही थी? फिर उसने मेरे हाथ को चादर के अंदर खींच लिया, तभी मेरा एक हाथउसके तने हुए लंड से टकरा गया। अब मेरे पूरे शरीर में एक सिहरन सी दौड़ने लगी थी औरउसने जबरदस्ती मेरे हाथ को अपने लंड पर रख दिया था। “Mareej Ka Mota Lund”
फिर मैंने हिचकते हुए उसके लंड कोअपनी मुट्ठी में ले लिया, वो मेरे हाथ को ऊपर नीचे चलाने लगा था। अब मुझे ऐसा लग रहा था किमानो मैंने अपनी मुट्ठी में कोई गरम लोहा पकड़ लिया हो, उसका लंड बहुत मोटाथा, उसकी लंबाई कम से कम आठ इंच होगी। अब में उसके लंड पर अपना हाथचलाने लगी थी, उसने धीरे-धीरे मेरे हाथ को छोड़ दिया, लेकिन में उसी तरहउसके लंड को अपनी मुट्ठी में सख्ती से पकड़कर ऊपर नीचे अपना हाथ चला रही थी। “Mareej Ka Mota Lund”
अब कुछ देर के बाद उसका शरीर तन गया था और फिर थोड़ी देर के बाद उसने मेरे हाथों पर ढेर सारा चिपचिपा वीर्य निकाल दिया। तभी मैंने झट से उसका लंड छोड़ दिया और उस चादर से अपना हाथ बाहर निकाल लिया और देखा कि उस समय मेरा पूरा हाथ गाढ़े सफेद रंग के वीर्य से सना हुआ था। फिर उसने मेरा हाथ पकड़कर अपनी चादर से साफ कर दिया, उसके बाद में अपना हाथ छुड़ाकर भाग गयी और घर पहुँचकर ही मैंने राहत की सांस ली। अब मैंने महसूस किया कि मेरी जांघो के बीच मेरी पेंटी गीली हो चुकी थी। फिर मैंने अपने हाथ को नाक के पास ले जाकर सूँघा, तो उसके वीर्य की गंध अभी तक मेरे हाथों में बसी हुई थी।
अब मैंने एक उंगली को अपनी जीभ से छुआ, मुझे उसके वीर्य कास्वाद अच्छा लगा और अब तो में अपनी सभी उंगलियाँ ही चाट गयी। फिर में रातभर करवटेंबदलती रही और अब मुझे जब भी झपकी आती, तब मुझे उसका चेहरा मेरे सामने नजर आजाता था और फिर वो मेरे सपनो में मेरे शरीर को मसलता रहा। फिर रातभरबिना कुछ किए ही में कई बार गीली हो गयी, पता नहीं उसमें ऐसा क्या था? जो मेरा मन बेकाबूहो गया था, जिसे जीतने के लिए अच्छे-अच्छे लोग अपना सब कुछ दांव पर लगाने कोतैयार थे, वो खुद आज पागल हो गयी थी। “Mareej Ka Mota Lund”
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फिर जैसे तैसे सुबह हुई, मेरी आंखे नींद औरखुमारी से भारी हो रही थी, में जल्दी से तैयार होकर अस्पताल गयी और अपने काम पर निकली। अब मेंउसके पलंग तक नहीं जा सकी और फिर मैंने स्टाफ को बुलाकर उसके बारे में पूछा, तब मुझे पता लगा किवो एक गरीब इंसान है और शायद उसके घर में कोई नहीं है, क्योंकि उसको मिलनेकभी कोई नहीं आता था। फिर मैंने उसको डीलक्स वॉर्ड में शिफ्ट करने के ऑर्डर दिए औरउस वॉर्ड का खर्चा अपनी जेब से भर दिया। अब सभी लोगों के सामने उसके पास जाने मेंमुझे हिचक हो रही थी और में तबीयत खराब होने का झूठा बहाना करके घर चली गयी। “Mareej Ka Mota Lund”
फिर शाम को अस्पताल जाकर पता लगा कि उसको डीलक्स वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया है। फिर में लोगों की नजर बचाकर शाम आठ बजे के आसपास उसके वॉर्ड में पहुँच गई। अब मैंने वहाँ पर मौजूद नर्स को मैंने बाहर भेज दिया और उसको बोली कि तुम खाना खाकर आओ, तब तक में यहीं हूँ। फिर वो खुशी-खुशी चली गयी, मैंने देखा कि मुझे अपने सामने देखकर इशान मुस्कुरा रहा था और फिर में भी उसकी तरफ मुस्कुराते हुए उसके पास पहुँच गई। फिर मैंने उसको पूछा कि कैसे हो? तब उसने कहा कि तुम्हें देख लिया बस मेरी तबीयत अच्छी हो गयी।
अब उसके मुहं से यह बात सुनकर मेराचेहरा शरम से लाल हो गया और फिर उसने मेरा एक हाथ पकड़कर मुझे अपनी तरफ खीच लिया।अब में भी जानबूझ कर उसकी छाती से जा लगी, तभी उसने मेरे होंठो को अपने होंठो सेछू लिया था। अब मेरा पूरा बदन थरथर काँप रहा था, मैंने भी अपने होंठ उसके होंठो से सटादिए और में उसके होंठो को अपने होंठो में दबाकर चूसने लगी थी। अब उसके हाथ मेरेबूब्स पर आ गये और तब मुझे ऐसा लगा जैसे इन्हीं हाथों का मुझे अब तक इंतज़ार था। “Mareej Ka Mota Lund”
फिर मैंने उसके हाथों पर अपने हाथरखकर अपने बूब्स को दबा दिया और अब वो भी मेरे बूब्स को दबाने लगा था। अब मेरे हाथचादर के अंदर उसकी पेंट की चैन से उलझे हुए थे और फिर मैंने उसकी चैन को खोलकरअपने एक हाथ को अंदर डाल दिया। अब उसका लंड मेरे हाथ के स्पर्श से फनफना उठा था, में उसको बाहरनिकालकर सहलाने लगी थी और फिर अपने हाथों से मैंने सहला सहलाकर उसका रस निकाल दियाथा। अब मेरे हाथ दोबारा से गीले हो गये थे, वो मेरे बूब्स से खेल रहा था और मेंअपना हाथ बाहर निकालकर उसके सामने ही अपनी जीभ से चाटने लगी थी और मेरे हाथ मेंलगे उसके सारे वीर्य को अपनी जीभ से चाटकर साफ कर दिया था। “Mareej Ka Mota Lund”
अब पूरा आधा घंटा हो चुका था, मैंने जल्दी से अपने कपड़े सही किए और फिर में नर्स के आते ही वहाँ से घर भाग आई। फिर अगले दिन नर्स को खाने पर भेजकर मैंने अंदर से कुण्डी बंद कर ली और जैसे ही में इशान के पास आई, तब उसने मेरे चेहरे को चूम चूमकर लाल कर दिया। अब में उसका लंड पेंट से बाहर निकाल चुकी थी, इस बार उसने मेरे सर को पकड़कर अपने लंड पर झुका दिया। फिर मैंने शरारत से अपने होंठ भीच लिए, वो अपने लंड को मेरे होंठो पर रगड़ने लगा था।
अब मेरे होंठ उसके वीर्य से गीले हो चुके थे, मैंने अपने होंठ खोलकर उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और फिर पहलेधीरे-धीरे और बाद में ज़ोर-ज़ोर से उसके लंड को में चूसने लगी थी। फिर बहुत देर तकमुख मैथुन करने के बाद उसने मेरे सर को पकड़कर अपने लंड पर दबा दिया। अब उसका लंडमेरे मुँह से होता हुआ मेरे गले के अंदर प्रवेश कर गया था, उसका लंड मेरे मुहंमें जाकर अंदर की गरमी को पाकर अपना आकार बदलने लगा था। अब में साँस लेने के लिएछटपटा रही थी, तभी कुछ देर बाद मुझे ऐसा लगा जैसे कि उसके लंड से गरम-गरम लावानिकलकर मेरे गले से होता हुआ मेरे पेट में प्रवेश कर रहा है। “Mareej Ka Mota Lund”
फिर मैंने अपने सर को थोड़ा बाहर कीतरफ खीचा और मेरा पूरा मुँह उसके वीर्य से भर गया था और मेरे होंठो के कोनो सेउसका वीर्य बाहर निकल रहा था। फिर मैंने प्यार से उसकी तरफ देखते हुए उसका सारावीर्य अंदर गटक लिया, लेकिन बहुत देर हो चुकी थी, इसलिए मैंने दौड़कर बाथरूम में जाकरअपना मुँह धोया और बाल और अपने कपड़े सही करके लौटी। फिर मैंने उसको कहा कि मुझेतो लगता है तुम मुझे मार ही दोगे और उसको यह बात कहकर मैंने उसको अपने से चिपकाकरउसके होंठो को चूम लिया। फिर थोड़ी देर के बाद नर्स भी आ गयी और अब इस तरह हर दिनजब भी मौका मिलता तब में लोगों की नजरों से बचकर अपने महबूब से मिलती रही। अब हमदोनों एक दूसरे को चूमते, सहलाने लगे थे और वो मेरे बूब्स को मसलता था, मेरे निप्पल सेखेलता। अब में हर दिन मुख मैथुन से उसका रस लंड से बाहर निकाल दिया करती थी और अबमुझे उसका वीर्य बहुत अच्छा लगने लगा था, लेकिन उससे ज़्यादा हम वहाँ कुछ करनहीं सकते थे, क्योंकि हमारे पकड़े जाने और बदनामी का डर भी था। फिर एक सप्ताह केबाद एक दिन में वहाँ पहुँची, तब मैंने देखा कि वो कमरा खाली था और तब पूछने पर मुझे पता लगा किउसको डिसचार्ज कर दिया गया है। “Mareej Ka Mota Lund”
फिर मैंने कमरे में उसकी हिस्ट्री शीट में सब जगह उसका पता जानने की कोशिश कि, लेकिन कुछ पता नहीं लगा। अब मेरी हालत पागलों जैसी हो गयी थी, जिससे मन लगाया वही आज मेरी बेवकूफी की वजह से मुझसे दूर हो गया था। फिर मैंने उसको हर जगह ढूँढा, लेकिन वो तो ऐसे गायब हुआ जैसे सुबह धुंध गायब हो जाती है। दोस्तों में अपने जीवन में पहली बार किसी लड़के के लिए रोई थी और मेरी सहेली मानसी जो मेरे साथ उस एक ही क्वॉर्टर में रहती थी, उसने भी मुझसे बहुत बार पूछने की कोशिश कि, लेकिन मैंने किसी को भी कुछ नहीं बताया था। दोस्तों मैंने अपने जीवन में पहली बार किसी से प्यार किया था, वो लड़का ग़रीब था, लेकिन उसमे कुछ बात थी, जो उसको सबसे अलग करती थी।
दोस्तों कुछ हो ना हो में तो अब उसकोअंदर ही अंदर प्यार करने लगी थी और मेरे घरवाले भी मुझे अब शादी के लिए परेशान कररहे थे, लेकिन मेरे घरवाले बड़े आज़ाद विचारों के थे और इसलिए उन्होंनेमुझसे कह दिया था कि में जिसको चाहूँ अपनी पसंद से में उसके साथ शादी कर लूँ। अबमें कभी-कभी सोचती थी कि क्या वो भी मुझे चाहता होगा? अगर हाँ तो फिर वोकभी मुझसे मिला क्यों नहीं? फिर धीरे-धीरे उस मुलाकात को 6 महीने गुजर गये और फिर अचानक से ही वोएक बार दोबारा मुझे मिला और दिन मुझे दीये तले अंधेरा वाली बात याद आई। “Mareej Ka Mota Lund”
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एक दिन में अस्पताल के लिए निकली तोअचानक से मुझे एक जाना पहचान चेहरा अस्पताल के सामने के बगीचे में काम करता हुआनजर आया। तब मैंने उसको कहा कि सुनो माली और अब उसके घूमते ही में एकदम चकित रहगयी थी, क्योंकि अब मेरे सामने इशान खड़ा था, मेरा पहला सच्चा प्यार, मेरा चैन। अब मेंएकटक बस उसको देख रही थी और तब उसने कहा कि मेडम और फिर इशान ने मुझे सोते से जगायाऔर बोला कि में यहाँ माली का काम करता हूँ, आप अपने आपको संभालो, नहीं तो कोई भीआदमी इसका गलत मतलब निकाल सकता है। अब मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ और फिर मैंनेउसको कहा कि तुम मुझे आज शाम को 6 बजे मेरे घर पर मिलना, मुझे तुमसे एक बहुत ज़रूरी काम है, क्यों आओगे ना? “Mareej Ka Mota Lund”
तुम्हें मेरी कसम है जरुर आना और फिर यह बात उसको कहकर में अपने आपको संभालती हुई तेज़ी से अस्पताल में चली गयी। अब मुझे पता था कि अगर मैंने पीछे मुड़कर देख लिया तो में अपनी रुलाई को नहीं रोक सकूँगी। फिर मेरा अस्पताल में मन नहीं लगा और में तबीयत खराब का बहाना बनाकर वहाँ से भाग निकली। अब आज मेरा किसी काम में मन नहीं लग रहा था, क्योंकि मुझसे मिलने शाम को इशान आने वाला था और मुझे उसकी तैयारी भी पूरी करनी थी, वापसी में मुझे इशान वहाँ नजर नहीं आया।
फिर में बाज़ार जाकर कुछ सामान खरीदकरले आई सामान में एक पतला सा रेशमी गाउन और खाने पीने का सामान और एक बोतल बियर कीथी। दोस्तों एक लड़की के लिए बियर खरीदना कितना मुश्किल काम है आज मुझे पहली बारपता लगा था। फिर मैंने बड़ी मुश्किल से किसी को पैसे देकर एक बोतल बियर मंगाई थी, आज में उसका पूरीतरह से स्वागत करना चाहती थी। फिर में शाम चार बजे से ही अपने सच्चे प्यार के लिएतैयार होकर बैठ गयी और फिर मैंने हल्का सा श्रंगार करके पर्फ्यूम लगाया और फिर एकपारदर्शी ब्रा-पेंटी के ऊपर नया रेशमी गाउन पहन लिया, उस गुलाबी पतलेगाउन को पहनना और नहीं पहनना बराबर था।
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अब बाहर से मेरा एक-एक अंग साफ नजर आरहा था और बिस्तर पर सफेद रेशमी चादर बिछा दिया और पूरे कमरे में स्प्रे चारों तरफकर दिया और कुछ रजनीगंधा की अगरबत्ती को पलंग के सिरहाने पर रख दिया। फिर करीब छेबजे तक तो में एकदम बेताब पागल हो चुकी थी और बार-बार घड़ी को देखती हुई मेंचहलकदमी कर रही थी। फिर छे बजकर दस मिनट पर दरवाजे की घंटी बजी, तब में दौड़करदरवाजे पर चली गयी। अब में चाबी के छेद से देखकर ही दरवाजा खोलना चाहती थी, क्योंकि कोई और हुआतो मुझे इस रूप में देखकर पता नहीं वो क्या सोचे? अब उसको देखकर मैंने दरवाजा खोलकरतुरंत उसका एक हाथ पकड़कर उसको अंदर खींच लिया।
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अब में झट से दरवाज़ा बंद करके उसके साथ अच्छे से लिपट गयी थी और उसको चूमते हुए मैंने उसका पूरा मुँह भर दिया था और उसको बोली कि कहाँ चले गये थे? क्या तुम्हे मेरी एक बार भी याद नहीं आई? तब उसने कहा कि में यहीं था, लेकिन में जानबूझ कर ही आपसे मिलना नहीं चाहता था, कहाँ आप और कहाँ में? चाँद और सियार की जोड़ी कभी अच्छी नहीं लगती। तभी मैंने उसके मुँह पर हाथ रख दिया और उसको बोली कि खबरदार जो मुझसे दूर जाने की भी बात तुमने सोची, अगर जाना ही था तो मेरे जीवन में तुम आए ही क्यों? हलचल पैदा करके भागने की सोच रहे थे और अब मुझे यह आप-आप कहना छोड़ो, तुम्हारे मुँह से तुम और तू अच्छा लगेगा।
अब उसने कहा, लेकिन मेरी बात तोसुनिए, तब मैंने उसको कहा कि बैठ जाओ और यह बात कहकर मैंने उसको धक्कादेकर सोफे पर बैठा दिया। अब मैंने मन ही मन निर्णय कर लिया था कि इतना सब होने केबाद अब में इशान से कोई शरम नहीं करूँगी और में निर्लज होकर अपनी बात मनवा लूँगी।फिर में उठी और मैंने फ्रिज से बियर की बोतल को निकालकर उसका ढक्कन खोल लिया औरफिर एक काँच के गिलास में निकालकर उसके पास आ गई। दोस्तों उस गिलास में उफनता हुआझाग मेरे जज्बातों का उदाहरण पेश कर रहा था। “Mareej Ka Mota Lund”
अब में उसको सटकर बैठ गयी और गिलास कोमैंने उसके होंठो से लगा दिया, तब उसने मेरी तरफ देखते हुए मेरे हाथों से एक घूँट पी लिया। अब मेंउस गिलास को उसके हाथों में पकड़ाकर खड़ी हो गयी और उसको बोली कि तुम्हें मेरे यहबहुत अच्छे लगते थे ना? और मैंने अपने बूब्स की तरफ इशारा किया और उसके होंठो के बिल्कुलपास आकर पूछा कि खोलकर नहीं देखना चाहोगे? अब इससे पहले कि वो कुछ कहे मैंनेखड़े होकर एक झटके में अपने गाउन को शरीर से अलग कर दिया। अब वो एकटक मेरे बूब्सकी तरफ देख रहा था, में उसके पास आकर अपने दोनों पैरों को फैलाकर उसकी गोद में बैठ गयीऔर उसके सर को पकड़कर मैंने अपने एक बूब्स पर दबा दिया था। “Mareej Ka Mota Lund”
फिर मैंने उसके कान में फुसफुसाते हुए कहा कि ब्रा भी खोल दो, लेकिन उसको कोई हरकत करता नहीं देखकर मैंने खुद ही अपनी ब्रा को अपने शरीर से अलग कर दिया था। अब में आज इतनी उत्तेजित थी की जरूरत पड़ने पर इशान का रेप भी करने को तैयार थी। फिर मैंने उसको कहा कि देखो ये तुम्हारे होंठो के लिए कितने बेताब है और यह कहकर मैंने उसके होंठो से अपने निप्पल सटा दिए। अब पहले तो वो थोड़ा सा झिझक गया और फिर धीरे से उसके होंठ खुले और अब मेरा एक निप्पल उसके मुँह में प्रवेश कर गया।
अब वो अपनी जीभ से मेरे निप्पल के आगेके हिस्से को अपनी जीभ से गुदगुदाने लगा था। अब उसके यह सब करने की वजह से मेरेमुँह से आहह्ह्ह ऊह्ह्ह्हह प्लीज जैसी आवाजे निकलने लगी थी। फिर में उसी समय जोशमें आकर उसके बालों में अपना हाथ फैरते हुए बड़बड़ाने लगी थी और में अब उसके दूसरेहाथ को अपने दूसरे बूब्स पर रखकर बूब्स को दबाने भी लगी थी। फिर कुछ देर के बादउसने मेरे दूसरे निप्पल को अपने मुहं में भरकर उसको चूसना शुरू कर दिया। अब उसकेहाथ मेरे पूरे बदन पर लगातार घूम रहे थे और उसका वो स्पर्श इतना हल्का था मानोशरीर पर कोई रुई फैर रहा हो। “Mareej Ka Mota Lund”
फिर कुछ देर के बाद उसने अपना मुँहउठाते हुए कहा कि मेडम अब भी सम्भल जाइए, अब भी वक्त है, मुझमे और आपमेजमीन-आसमान का फर्क है। अब में उसके मुहं से यह बात सुनकर तुरंत ही एक झटके से उठीऔर अपने शरीर से मैंने आखरी कपड़ा भी उतार दिया और में उसको कहने लगी कि देखो इसकीएक झलक पाने के लिए कई लोग बैचेन रहते है और आज में खुद तुम्हारे सामने बिल्कुलबेशरम होकर नंगी खड़ी हूँ और तुम मुझसे दूर भागे जा रहे हो। फिर मैंने उसका एक हाथपकड़कर उसको उठा दिया और खीचते हुए अपने बेडरूम में ले गयी। अब में उसको पलंग केपास खड़ा करके उसके कपड़ों पर टूट पड़ी थी, कुछ ही देर में वो भी मेरी ही हालतमें आ गया था। “Mareej Ka Mota Lund”
फिर में उसको धीरे से धक्का देकरबिस्तर पर लेटाकर उसके ऊपर चढ़कर बैठ गयी। अब में उसके शरीर के एक-एक अंग को चूमने, चाटने लगी थी औरमैंने उसके निप्पल को अपने दाँतों से हल्के से काट भी दिया था। अब मैंने उसकेहोंठो से अपने होंठ रगड़ते हुए अपनी जीभ को उसके मुँह में डाल दिया और वो भी मेरीजीभ को चूसने लगा था। अब मेरे हाथ उसके लंड पर घूम रहे थे, मैंने अपना पूराध्यान उसके लंड की तरफ कर दिया था और फिर सबसे पहले मैंने उसके लंड को चूमा और फिरउसको अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थी। अब उसके लंड का आकार पहले से ज्यादा बढ़करलंबा और मोटा हो गया था। उसका आकार देखकर एक बार तो में सिहर गयी थी कि यह दानव तोआज मेरी चूत को फाड़कर ही रख देगा और यह बहुत ही शैतान है, क्योंकि इसने मुझेऐसा रोग लगाया है कि अब यह मेरा नशा बन गया है। फिर बहुत देर तक हम दोनों एक दूसरेके बदन से खेलते रहे, में उसकी तरफ देखकर बोली कि आज में अपना कौमार्या तुम्हें भेंट कररही हूँ, मेरे पास इससे महँगी चीज कोई नहीं है, प्लीज़ आज मुझे एकलड़की से पूरी औरत बना दो।
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फिर मैंने उसको सीधा लेटाकर उसका खड़ालंड अपनी चूत के मुँह पर रखकर थोड़ा सा ज़ोर लगाया, लेकिन अनाड़ी होने की वजह से और मेरीचूत का आकार छोटा होने की वजह से उसका लंड अंदर नहीं जा सका था। अब मैंने दोबारासे अपनी कमर को उठाकर उसके लंड को अपने हाथों से पकड़कर अपनी चूत के खुले मुहं परसेट किया और अपने शरीर को ज़ोर से नीचे किया, लेकिन दोबारा से उसका लंड फिसल गया।अब मैंने झुंझलाकर उसकी तरफ देखा और बोली कि कैसे आदमी हो? तब से में कोशिश कररही हूँ और तुम चुपचाप पड़े हुए हो, क्या हो गया है तुम्हें?
“Mareej Ka Mota Lund”
अब आख़िर उसने अपनी झिझक को ख़त्मकरके मुझे बिस्तर पर पटक दिया था और फिर मेरे दोनों पैरों को चौड़ा करके उसने सबसेपहले मेरी चूत को चूम लिया। फिर मैंने खुश होकर उसको कहा कि हाँ यह हुआ ना मेरेशेर, मसल दो आज तुम मुझे मेरी पूरी गरमी को निकाल दो। फिर बड़ी देर तकमेरी गीली चूत पर अपनी जीभ को फैरने अच्छी तरह से चूत को चूसने चाटने के बाद वो उठगया। दोस्तों में तो उसकी जीभ से ही एक बार झड़ चुकी थी, उसने उसी समय मेरेदोनों पैरों को उठाकर अपने कंधे पर रख लिया और अपने लंड को मेरी टपकती रसभरी चूतके मुहं पर रखकर एक ज़ोरदार धक्का लगा दिया। “Mareej Ka Mota Lund”
दोस्तों अब तो मेरे मुँह से उस दर्द की वजह से आह्ह्हह्ह्ह्ह ऊऊईईईई माँ की बड़ी तेज आवाज निकल गयी और में दर्द की वजह से छटपटाने लगी थी। अब उसका लंड अपना अंदर जाने का रास्ता बनाते हुए आगे बढ़कर मेरी चूत के आखरी हिस्से पर जाकर रुक गया था। फिर उसने बिना देर किए एक और ज़ोरदार धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से उसका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर चूत को फाड़ता हुआ समा गया। अब मेरे मुँह से निकल गया ऊऊफ्फ्फ्फ़ क्या तुम आज मुझे मार ही डालोगे? ऊईईई माँ में मर गयी। अब में बुरी तरह से दर्द की वजह से तड़पने लगी थी, वो अपने लंड को पूरा अंदर डालकर कुछ देर वैसे ही रुक गया और फिर धीरे-धीरे मेरा दर्द गायब हो गया। फिर उसने अपने लंड को थोड़ा बाहर निकालकर वापस से अंदर डाल दिया और फिर तो उसने बहुत ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाए। अब में भी पूरे ज़ोर से नीचे से अपने कूल्हों को उठाकर उसका पूरा साथ देने लगी थी। अब उसका लंड अंदर बाहर, अंदर बाहर जबरदस्त धक्कों के साथ मेरी चूत में आने जाने लगा था। फिर करीब बीस मिनट के बाद उसने मेरी चूत के अंदर अपना ढेर सारा वीर्य निकाल दिया।
दोस्तों में तो अब तक तीन बार अपनापानी निकाल चुकी थी, वो उसी समय थककर मेरे बदन पर लेट गया और में तो उसकी मर्दानगी कीकायल हो चुकी थी। फिर वो कुछ देर बाद मेरे पास में लेट गया और में उस हालत मेंउसकी छाती के ऊपर अपना सर रखकर उसकी छाती के बालों से खेलने लगी थी और अब वो भीमेरे सर के बालों से खेल रहा था। फिर मैंने उसको कहा कि तुम्हारा बहुत बहुतधन्यवाद में आज बहुत खुश हूँ, मुझे चोदने वाला एक जबरदस्त लंड है जिसके धक्के खाकर तो मेरी हालतपतली हो गयी, लेकिन खुश मत होना में आज सारी रात तुम्हारी बराबरी करूँगी। अब वो मेरे मुहं सेयह बात सुनकर मंद मंद मुस्कुरा रहा था, मैंने उसकी आँखों में देखते हुए पूछाकि अब बोलो क्या तुम मुझसे प्यार करते हो? देखो यह चादर हम दोनों के मिलन कीगवाह है, मैंने चादर पर लगे खून के धब्बों की तरफ इशारा किया था। फिर उसनेअपना सर हाँ में हिलाया और फिर मैंने उसको पूछा क्या तुम मुझसे शादी करोगे? धत में भी कैसीपगली हूँ? आज तक मैंने तो तुमसे पूछा भी नहीं कि तुम शादीशुदा हो कि नहीं औरअपना सब कुछ मैंने तुम्हें दे दिया। “Mareej Ka Mota Lund”
फिर उसने अपने होंठो पर एक कातिलमुस्कान लाते हुए पूछा कहा कि अगर में कहूँ कि में शादीशुदा हूँ तो? तब मैंने उसको कहाकि तो क्या? वो मेरी किस्मत है, अब तो तुम ही मेरे सब कुछ हो, चाहे जिस रूप मेंमुझे स्वीकार करो मुझे उस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। अब उसको यह सभी बातें कहतेहुए मेरी आंखे नम हो चुकी थी। फिर उसने हंसते हुए कहा कि जब तुमने सब कुछ सोच हीलिया तो फिर तुम जब चाहो फैरो का बंदोबस्त कर लो, में अपने घर भी खबर कर देता हूँ। अबमैंने खुश होकर उसको कहा कि हाँ जरुर और फिर मैंने अपने दोनों हाथ हवा में ऊँचे करदिए और फिर उस पर में किसी भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ी थी। अब इस बार उसने भी मुझेअपने ऊपर खीच लिया था और दोबारा से हमारे बीच एक और जोरदार चुदाई का दौर शुरू होगया।
“Mareej Ka Mota Lund”
दोस्तों इस बार में उसके ऊपर चढ़कर उसके लंड पर चढ़ाई कर रही थी, क्योंकि अब शरम किस लिए? वो तो अब मेरा होने वाला पति था। फिर कुछ देर तक मज़े करने के बाद वो मुझे घोड़ी बनाकर पीछे से अपना लंड डालकर धक्के मारने लगा था। अब मेरी नजर अचानक से सिरहाने की तरफ ड्रेसिंग टेबल पर लगे कांच पर गयी और मैंने देखा कि उस समय हमारी बड़ी ही शानदार जोड़ी लग रही थी।
अब वो खुश होकर पीछे से लगातार धक्केलगा रहा था और उन तेज धक्कों की वजह से मेरे बड़े आकार के बूब्स लगातार आगे पीछेहोकर उछल रहे थे। फिर में कुछ देर बाद आसन को बदलकर कांच के सामने आ गयी थी औरमैंने देखा कि उसका मोटा काला लंड मेरी चूत में जाता हुआ बहुत मस्त लग रहा था। अबमें एक के बाद एक कई बार लगातार अपना पानी छोड़ रही थी, उसके बाद भी वोबहुत देर तक मेरी चुदाई करता रहा। फिर थोड़ी देर के बाद उसने अपना ढेर सारा वीर्यमेरी चूत में डाल दिया और उसका वीर्य मेरी चूत से उफनकर बिस्तर पर गिर रहा था। अबवो थककर मेरे ऊपर गिर पड़ा था और हम दोनों ही पसीने से लथपथ हो चुके थे, हमारी सांसे बड़ीतेजी से चल रही थी। फिर कुछ देर तक हम दोनों एक दूसरे को चूमते हुए ऐसे ही लेटेरहे, मैंने उसको पूछा कि तुम खुश तो हो ना? तब इशान ने कहा कितुम जैसा साथी पाकर कौन खुश नहीं होगा? हर बच्चा परी के सपने देखता है, लेकिन मुझे तो आजसच में परी मिल गयी है। फिर हम दोनों साथ-साथ नहाए और तैयार होकर फिर मैंने खानाबनाकर उसको अपने हाथों से खिलाया और उसने भी मुझे खिलाया। “Mareej Ka Mota Lund”
फिर हम वापस बेडरूम में आ गये और फिररातभर हमारा प्यार वैसे ही चलता रहा और सुबह होने तक तो उसने मेरा बड़ा बुरा हाल करदिया था। अब मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो मुझे चक्की में डालकर पीस दिया हो और मेरीचूत का हाल तो बहुत ही बुरा था, पहले ही मिलन में इतनी घिसाई तो उसकी हिम्मत तोड़ने के लिए बहुतथी। अब मेरी चूत लगातार उस ताबड़तोड़ चुदाई की वजह से लाल होकर सूज गयी थी और अबमुझे वहाँ पर फोड़े की तरह बड़ा तेज दर्द हो रहा था।
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फिर सुबह तक तो मेरे शरीर में उठकर खड़े होने की ताकत भी नहीं बची थी और सुबह के करीब छे बजे वो उठा और तैयार होकर मेरे घर से बाहर निकल गया, लेकिन जाने से पहले उसने मेरे होंठो पर एक चुंबन देकर मुझे उठाया था। फिर उस समय मैंने उसके सामने विनती करते हुए कहा कि अब तुम मुझे अकेला छोड़कर मत जाओ और तब उसने मुझसे कहा कि पागल लड़की है, पहले हमारी एक बार शादी हो जाने दे उसके बाद तू मुझे हमेशा के लिए बाँध लेना। फिर मैंने कहा कि अच्छा ठीक है, लेकिन अभी तुम मुझे सहारा देकर उठा तो सकते हो और तब उसने मुझे सहारा देकर उठाया।
फिर उसके जाने के बाद में सोफे पर ढेरहो गयी और बस उसी के साथ बिताई पूरी रात हर एक पल के बारे में सोचती रही, मेरी आँखों केसामने से उसका चेहरा जाने को तैयार ही नहीं था। फिर सुबह मुझसे मिलने मेरी एकमात्रसहेली मानसी आ गई और उसने मेरी हालत को देखकर बड़े ही शरारती अंदाज में मुझसे पूछाकि क्या हुआ मेरी बन्नो रानी? तब मैंने सब सच सच उसको अपना पूरा हाल वो सभी बातें बताना शुरूकिया और वो भी उन बातों को सुनकर बहुत खुश हुई। फिर एक ही महीनेभर के बाद हम दोनोंने एक सादे समारोह में एक मंदिर में जाकर शादी कर ली और तब मेरे घरवालों ने मुझेसमझाने की बहुत कोशिश कि, लेकिन वो मेरा निश्चय देखकर शांत हो गये थे।
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फिर मैंने अपने तबादले के लिए भी बातचलाई जो कि बड़ी ही जल्दी मंजूर भी हो गया था। फिर नई जगह पहुंच जाने के बाद मैंनेअपनी शादी की बात को सभी को बता दिया, लेकिन तब तक में पहले से ही तीन महीनेकी गर्भवती थी। फिर मेरी पक्की सहेली मानसी ने भी मेरे साथ ही उसी जगह के लिएतबादला ले लिए जो कि मंजूर भी हो गया था। अब इशान ने एक छोटी मोटी सी नर्सरी खोलली है और अब हम दोनों अपने इस जीवन में बहुत खुश है। “Mareej Ka Mota Lund”