Mausi Ko Chudai Dikhai
दोस्तों पिछले भाग में आपने जाना कि कैसे मेरे और मेरी सगी मां पायल के बीच सेक्स सम्बन्ध बने और मैं अपनी मां के साथ संभोग सुख प्राप्त करने लगा। कामुक माँ की योनी का स्वाद चखा 1 के पिछले भाग में मैंने आपसे कहा था. कि मेरी अगली कहानी मेरे और मेरी मौसी के बीच बने रिश्ते कि है जिसमे मेरी मां कि भी भूमिका थी तो चलिए कहानी पे आते है। Mausi Ko Chudai Dikhai
दोस्तो जब से मैंने अपनी मां कि चूत का पानी पिया था. तब से मैं उसका आदि हो गया था यानी मैं रोज़ ही अपनी मां को चोदता और हम दोनों अपने अपने जिस्म कि आग बुझाते। मेरा जब भी मन करता मैं अपनी मां कि टांगे चौड़ी कर देता और उन्हे जी भर कर चोदता. इसी के चलते मां भी मेरे लौड़े के बिना जी नहीं सकती थी. ऊपर से ठंडी का मौसम हम घंटो चुदाई का आनंद लेते थे.
लेकिन एक दिन जब मैं रात के समय उनके साथ हमबिस्तर होने जा रहा था. तो उन्होंने बोला बेटा सुन आज रात को और कल तुझे जितनी मर्ज़ी हो मेरे साथ सेक्स करले, क्यूंकि परसो तेरी अनामिका मौसी आने वाली है. और वो हमारे यहां करीब 10 से 15 दिन रुकेंगी. तो मैंने मां से पूछा क्यूं? तो उन्होंने बताया कि उनके पति इस समय बाहर है तो वो हमारे यहां आ रही है।
मैंने इस विषय पर ज्यादा नहीं सोचा और मां कि बात में सहमति जाता दी. फिर हम दोनो एक दूसरे से लिपट गए और कामक्रीड़ा में लिप्त हो गए. आज मैं मां को जी भर कर चोद लेना चाहता था क्यूंकि मौसी के आने के बाद मौका कहा मिलता. उस रात को और अगले दिन मैंने जी भर कर मां कि चूत मारी और खूब सेक्स किया. जिससे मां का शरीर टूट रहा था लेकिन वो बराबर मेरा लंड अपनी चूत मे ले रही थी.
क्यूंकि उनके लिए भी ज्यादा दिन तक मेरे लन्ड के बगैर रहना संभव नहीं था। उस रात मैं और मां एक दूसरे के साथ नग्न हो कर सो गए, क्यूंकि ना जाने फिर कब समय आएगा ऐसे रहने का। खैर मौसी के आने का दिन आ गया. मैं उठा और जल्दी से नहा धोकर तैयार हुआ और सही समय पर रेलवे स्टेशन पहुंच गया मौसी को लेने. मौसी मेरा ही इंतज़ार कर रही थी वो मुझे देखते ही काफी प्रसन्न हो गई.
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मैंने भी जल्दी से उनके पैर छू कर नमस्ते किया मौसी ने मुझे रोक कर गले से लगा लिया. और बोली अरे हर्ष कितना बड़ा हो गया है तू मैंने भी मुस्कुराकर कहा कि मौसी आप भी तो. वो हंसने लगी फिर हम घर पहुंचे. मां मौसी को देखकर बहुत खुश हो गई फिर चाय नाश्ता करके मां और मौसी बाते करने लगी और मैं अपने रूम मे रेस्ट करने लगा। दोस्तो आपको मेरी मौसी के बारे में कुछ जानकारी दे देता हूं।
मेरी मौसी अनामिका मेरी मां कि इकलौती बहन है उनकी उम्र 29 साल है और उनकी शादी 27 साल कि उम्र में हुई थी. उनकी शादी को अभी 2 साल हुआ है लेकिन अभी उनके कोई बच्चे नहीं है. मेरी मौसी मां कि तरह ही काफी सुंदर है और उनकी हाईट मां से हल्की सी ज्यादा है। उनके शरीर का माप 32 – 30 – 35 है जैसा उन्होंने बताया था। अब कहानी पे आते है तो जिस दिन मौसी आई थी उन्होंने बताया कि वो यहां 10 दिन रुकेंगी।
दोस्तो मेरी और मौसी कि उम्र में 9 साल का फर्क है लेकिन हम दोनों मे खूब बनती है. वो मेरी मौसी कम दोस्त ज्यादा है और वो काफी समय बाद घर आईं थी तो मैं काफी खुश था. मैंने उनसे ढेरों बातें कि और वो भी मुझसे काफी खुलकर बातें कर रही थी. फिर धीरे धीरे शाम हो गई तो मौसी छत पर आ गई तो मैं भी उन्हीं के साथ छत पर आ गया और हम बातें करने लगे. फिर मौसी ने पूछा अच्छा हर्ष तेरी पढ़ाई कैसे चल रही है.
मैंने कहा मौसी पढ़ाई अच्छी चल रही है तो फिर उन्होंने पूछा अच्छा कॉलेज में तेरी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैं शरमा गया और नहीं कहा. तो उन्होंने पूछा क्या तू सच बोल रहा है तो मैंने हां कहा तो वो हंसने लगी. और बोली तू इतना हैंडसम है फिर भी कोई नहीं पटी. तो मैंने कहा अब मैं क्या ही कर सकता हूं? तो वो और जोर से हंसने लगी फिर उन्होंने पूछा अच्छा मां कैसी है क्या वो अब भी पापा को याद करती है?
तो मैंने हां बोला तो फिर उन्होंने पूछा अच्छा क्या वो अब भी जीजू को याद करके रोती है. तो मैंने कहा हां कभी कभी लेकिन अब वो ज्यादा उदास नहीं रहती। मौसी ने मेरा हाथ पकड़ते हुए कहा बेटा अब तू ही उनका सब कुछ है तो मैंने हां मे सिर हिलाया। फिर मैंने उनसे पूछा अच्छा ये सब छोड़िए आप बताइए आप कब मुझे मेरा छोटा भाई दे रही है. ये सुनकर उनके गाल लाल हो गए तो मैंने उन्हें कहा मौसी बताइए ना.
तो उन्होंने कहा बेटा अभी तो नहीं लेकिन अगले साल पक्का तेरा भाई आ जाएगा. तो मैंने उन्हें कहा ठीक है लेकिन मुझे मेरा भाई जल्दी चाहिए. तो वो मुस्कुराने लगी और पूछा अच्छा तुझे भाई चाहिए या बहन? तो मैंने कहा दोनों तो वो हंसने लगी. फिर मैंने उनसे मौसा जी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा तेरे मौसा बहुत अच्छे है और मेरा बहुत ख्याल रखते है. लेकिन अपनी ड्यूटी कि वजह से वो मुझे ज्यादा समय नहीं दे पाते.
तो मैंने मजाक में कहा अच्छा तभी मेरा भाई अब तक नहीं आया. तो उन्होंने हंसते हुए मेरे कान खिचे और बोली क्या बोला ज़रा फिर बोलना. तो मैंने कहा मौसी कुछ नहीं और कहां छोड़ो ना मौसी दर्द कर रहा है. तो उन्होंने कहा तू ज्यादा ही बदमाश हो गया है और मेरे गालों पर हल्की से चपत लगाई. तो मैंने उन्हे कान पकड़ कर सॉरी बोला. तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ते हुए बोला अरे तू क्यूं सॉरी बोल रहा है और प्यार से मेरे गाल खींचे.
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इतनी देर में मां ने हमे शाम के नाश्ते के लिए बुला लिया और हम नीचे आ गए। इसी तरह दिन बीत गया और हम सब खा पीकर सो गए. मौसी मां के साथ उनके कमरे में और मैं अपने कमरे में वैसे तो मैं मां के साथ ही सोता था. लेकिन अब से अपने कमरे में सोने आ गया। मुझे नींद ही नहीं आ रही थी क्यूंकि मुझे अपनी मां कि बाहों में सोने कि आदत है लेकिन मैं मजबूर था. पर मैंने आंखें बंद कि और मां के साथ बिताए पलो को याद करने लगा और एक हाथ अपने पैंट मे डाल सो गया।
सुबह मेरी नींद खुली उस समय 6 बज रहे थे. मैंने मां के कमरे में झांका तो देखा मां वहां नहीं थी और मौसी सो रही थी. फिर मैं किचन मे गया तो देखा मां वहां पानी पी रही थी. मैं किचन में गया और उनके पीछे से जकड़ लिया मां हड़बड़ा गई लेकिन मुझे जानकर शांत हो गई. मैंने उन्हे मेरे कमरे में आने बोला और दबे पांव कमरे में उनका इंतज़ार करने लगा. जैसे ही मां कमरे में आईं मैंने उन्हे गले लगा लिया और उनके चूतड़ मसलने लगा.
और उनसे बोला मां तू नहीं जानती कि कैसे आज तेरे बिना मैंने रात काटी है. तो उन्होंने ने भी मुझे गले लगाते हुए बोला बेटा मेरा भी यही हाल था लेकिन तू रुक जा कुछ ही दिनों कि बात है. बोलकर नीचे बैठ गई और मुझे इशारा किया तो मैंने जल्दी से अपना लन्ड निकाल दिया. मां उसे जल्दी जल्दी चूसने लगी फिर कुछ ही समय में मेरा वीर्य उनके मुंह में छूट गया. तो मुझे थोड़ी राहत मिली और मां जल्दी से अपने कमरे में चली गई।
मैं बिस्तर पर आ गया और सोचने लगा कि कैसे मां कि चूत मारूं. तभी मेरे दिमाग में एक खयाल आया मैंने सोचा क्यूं ना अपनी मौसी कि जवानी का थोड़ा रस पी लूं. क्यूंकि मेरी मौसी भी मां कि तरह ही कड़क माल थी. और वो मां से 7 साल छोटी भी थी तो उनकी चूत मारने मे और भी मज़ा आता और मुझे किसी बात का खतरा भी नहीं था. क्यूंकि मां तो मेरी तरफ ही थी और मौसी ने भी कहा था कि मौसा उन्हे ठीक से वक्त नहीं दे पाते.
और सबसे बड़ी बात वो मुझसे दोस्ताना व्यवहार रखती थी तो मुझे लगा शायद वो मेरी पेशकश मान जाए. मैंने आंखें बंद कि और मौसी के शरीर कि कल्पना करने लगा और मेरी आंख लग गई। जब मैं सुबह उठा तो 8 बज रहे थे. मैं तैयार होकर नाश्ते के लिए आ गया. नाश्ता करते हुए मौसी ने मुझसे बोला बेटा नाश्ता करने के बाद ज़रा मुझे लेकर मॉल चलना मुझे कुछ कपड़े वगेरह लेने है.
तो मैंने जल्दी से नाश्ता किया और मौसी को बाइक पे बैठा कर पास के मॉल के लिए निकल गया. मौसी ने एक काले रंग का कुर्ता और मैचिंग लैगिंग्स पहनी थी. जिसमे वो बेहद सुंदर और सेक्सी दिख रही थी. बाइक पे बैठते हुए मैंने मौसी से कहा मौसी आज तो आप बड़ी सुंदर लगी रही है क्या बात है. तो उन्होंने पूछा सच मे तो मैंने हां में सिर हिला दिया। फिर हम मॉल के लिए निकाल गए घर से 4 कि०मी० कि दूरी पर एक बड़ा मॉल था.
और वहां डिस्काउंट्स भी थे सो मैं वहीं के लिए निकल गया. रास्ते में मैंने कहा मौसी आगे गड्ढे है तो मुझे कस कर पकड़ कर बैठिएगा. तो उन्होंने एक हाथ मेरी बाजू मे डाला और मेरे कंधे को कस कर पकड़ लिया और सट कर बैठ गई. आगे कई बड़े गड्ढे थे जिनकी वजह से मुझे तेजी से ब्रेक लगाना पड़ता था. जिसके कारण बार बार मौसी के स्तन मेरी पीठ से स्पर्श करते थे जिससे मुझे बड़ा आनंद आता था. “Mausi Ko Chudai Dikhai”
मौसी भी मुझसे एकदम चिपक कर बैठी थी तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. फिर जब सही रोड आईं तो मौसी मुझसे थोड़ा दूरी बना कर बैठ गई. फिर कुछ समय मे हम मॉल पहुंच गए सेल की वज़ह से आज जबरदस्त भीड़ थी. लोग भेड़ बकरी कि तरह भरे पड़े थे और ज्यादातर महिलाए थी. हो भी क्यूं ना क्यूंकि 50% सेल थी और महिलाओं कि दूसरी सबसे प्रिय वस्तु सेल है पहली लंड है।
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तो मौसी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और अंदर आईं फिर वो वहां अपने कपड़े देखने लगी. और मैं भी अपने कुछ समान देखने लगा मैंने अपने लिए एक ब्लैक कलर की सेक्सी सी अंडरवियर ली. और कुछ अन्य कपड़े वगेरह लिए फिर मैं मौसी को खोजने लगा. कुछ दूरी से मुझे मौसी दिखी वो शॉप पर ब्रा पैंटी देख रही थी. मैंने वही खड़े होकर देखा मौसी रेड कलर की एक नेट वाली पैंटी और मैचिंग ब्रा के कुछ सेट्स खरीद रही थी.
जैसे ही वो मुड़ने को हुई मैं थोड़ा पीछे हो गया और विपरीत दिशा में मुड़ गया और जाने लगा. तो मौसी ने मुझे आवाज़ लगाई और पूछ हर्ष कहां थे तुम कब से खोज रही थी तुम्हे. तो मैंने अनजान बनते हुए कहा मौसी मैं भी आपको ही खोज रहा था. तो फिर मैंने उनसे कहा अच्छा आपकी शॉपिंग हो गई तो वो अपना बैग देखते हुए बोली हां सब तो ले लिया है. तो फिर उन्होंने मुझसे पूछा तुमने भी अपना सब ले लिया ना?
तो मैंने हां में सिर हिलाया फिर मैंने उनसे कहा अच्छा चलिए ऊपर रेस्तरां है कुछ खा लेते है. तो हम दोनों ऊपर गए और कुछ खा कर और मां के लिए पैक कराके हम निकाल पड़े वापस। मैंने रास्ते मे मौसी से पूछा मौसी आपने तो काफी शॉपिंग कि है. तो उन्होंने कहा नहीं ऐसी बात नहीं है दीदी के लिए भी कुछ सामन चाहिए था। फिर हम घर आ गए और मौसी मां को उनका सामान देने चली गईं और दोनों बातें करने लगी। “Mausi Ko Chudai Dikhai”
मैंने भी मां से पूछकर कुछ सामान वगेरह जो कम था लेने चला गया. जाते वक्त मैं सोच रहा था कि कैसे मौसी को मनाऊं क्यूंकि मैं कुछ खास नहीं कर पाया था. और मुझे ये काम अपने मां के बिना असंभव भी लग रहा था तो मैंने कोई रास्ता सोचने लगा। फिर मैं घर वापस आ कर मां को सामान देकर उन्हे इशारे से अपने पास बुलाया. क्यूंकि मैंने इस बारे में मां को कुछ नहीं बुलाया था मौसी अभी मौसा से बात कर रही थी.
तो मैंने मां को छत पर जाने का इशारा किया और उनके पीछे आ गया। ऊपर पहुंच कर मां ने पूछा हां जल्दी बोल क्या काम है? तो मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपने पास खींचते हुए कहा मां मुझे एक काम मे तेरी मदद चाहिए. तो उन्होंने कहा कैसा काम फिर मैंने उन्हे अपना प्लान बताया. तो मां ने कहा बेटा तू जो कह रहा है वो इंपॉसिबल है क्यूंकि अनामिका कभी नहीं मानेगी. तो मैंने कहा मां वो सब मेरे जिम्मे है बस आपको मेरा साथ देना है मां थोड़ा मनाने के बाद मान गईं।
फिर धीरे धीरे दिन बीता और रात आयी मैंने मां को अच्छे से सब समझा दिया था. फिर हम तीनो खाना खाने के बाद अपने कमरे में आ गए। प्लान के मुताबिक मैंने मां को रात 2 बजे अपने कमरे में बुलाया था. मेरा प्लान काफी सिंपल था मुझे अपनी मौसी को बस मां कि चुदाई दिखानी थी ताकि उनके शरीर में भी आग लग जाए और सेक्स कि भूखी वो थी ही। ये चुदाई देखने के बाद वो बिना किसी ना नुकुर के मेरे नीचे होती।
मैं तैयार हो गया और ठीक 1.30 बजे वायग्रा ले लिया ताकि मैं जल्दी टिका रहूं. फिर मैं मां का इंतज़ार करने लगा मां ने मुझे बताया था कि मौसी हल्की आवाज़ से भी जाग जाती है. इसीलिए मैंने उनके आने के बाद दरवाज़ा थोड़े आवाज़ के साथ बंद किया ताकि वो जाग जाए वरना मां कि तेज आहें तो उन्हे वैसे भी जगा देती. और आज मैंने मां को एक ऐसे बिस्तर पर सेक्स के लिए बुलाया था जिसमें एक पैर थोड़ा ढीला है तो वो बिस्तर काफी आवाज़ करता। “Mausi Ko Chudai Dikhai”
जैसे ही मां आईं मैंने दरवाजा बन्द करके बगल वाली खिड़की हल्की से खुली रख दी ताकि मौसी को सब साफ साफ दिखे. फिर मैं मां के पास आया और उन्हे खींच कर अपने पास सीने से लगा लिया और कस कर उनके चूतड़ों को मसलने लगा. एक तो वायग्रा का खुमार और दूसरा मां कि चूत 2 दिन ना मिलने से आज मैं पूरे फॉर्म में था. मैंने मां को दीवार से सटा दिया और उनके होंठो को चूमने लगा.
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साथ साथ मैं उनकी दोनों चूचियों को ब्लाउस के ऊपर से ज़ोर से मसलने लगा मां दर्द से मचलने लगी. लेकिन मैंने उनके स्तन नहीं छोड़े फिर मैंने उनका ब्लाउस खोला और उनकी ब्रा खींच कर फेक दी. और उनके दोनों स्तनों को अपने हाथ में ले ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा मां कसमसाने लगी. इतनी ही देर में मुझे किसी कि आहत आईं जैसे कि कोई दरवाज़े के पास आया हो. मैंने सोचा शायद मौसी जाग गई है.
और इसी खयाल से और ज़ोर से मां के स्तनों को मसलने लगा उनके दूध सफेद से लाल हो गए थे. फिर मैंने बारी बारी उनके दाएं और बाएं स्तनों को मुंह में लेकर चूसने लगा. फिर मैंने उनकी साड़ी उतार दी और उनका पेटीकोट भी खोल दिया. अब मां सिर्फ पैंटी में थी मैंने दांत से खीच के उसे भी निकाल दिया. अब मां नग्न खड़ी थी मैंने उन्हे फिर से दीवाल से सटाया और उनकी एक टांग फैला कर उनके चूत के मुहाने पर अपनी जीभ रखी.
और पूरी ताकत से जीभ उनकी चूत में अन्दर घुसा कर चाटने लगा. बीच बीच में मैं उनके चूत के दानों को काट भी लेता इससे मां सिहर उठती. मैं लगातार मां कि चूत में अपनी जीभ फिरा रहा था इससे मां ज़ोर ज़ोर से आहें भरने लगी और उनकी सांसें तेज होने लगी. फिर मैंने अपनी पैंट उतार दी वायग्रा का असर शुरू हो गया था और मेरा लिंग अब एकदम कड़क हो गया था. मैंने मां को घुटने के बल बैठाया. “Mausi Ko Chudai Dikhai”
और अपना लन्ड बेरहमी से उनके मुंह मे भर कर तेजी से अन्दर बाहर करने लगा था. मैंने तिरछी नजरों से खिड़की कि तरफ निगाह डाली तो मुझे वहां कोई खड़ा मालूम हुआ. तो मैंने अपना प्लान सफल जान और ज़ोर से मां के बाल पकड़ उनके मुंह में धक्के मारने लगा. मां कि सांसें फूल रही थी और वो जमीन पर गिर कर खांसने लगी. मैंने उन्हे उठाया और अपनी गोद में उठा बिस्तर पर लिटा दिया.
मैंने बिस्तर ऐसे सेट किया था कि मौसी को सब साफ दिखाई दे. फिर मैं मां के ऊपर चढ़ गया और उनका मुंह पकड़ कर लिपलॉक करने लगा. इस फोरप्ले के बाद मैंने उनकी टांगे फैलाई और अपना लंड उनके चूत पर घिसने. तो मां ने कहा बेटा जल्दी कर वरना अनामिका जाग जाएगी तो मैंने कहा चिंता मत करो पायल वो नहीं जागेगी. जबकि मैं जान रहा था कि मौसी हम मां बेटे कि चुदाई देख रही थी.
फिर मैंने मां कि आंखो मे आंखें डाल लंड चूत पे सेट किया और एक ज़ोरदार धक्का मारा. मेरा लन्ड मां कि योनि चीरते हुए उनकी बच्चेदानी से टकराया. फिर मैंने उनके दोनों स्तनों को पकड़ और लगातार उनकी चूत में धक्के लगाता रहा. वायग्रा के प्रभाव से आज मेरा लौड़ा कुछ ज्यादा ही सख्त था. जिससे मां मेरे धक्के सह नहीं पा रही थी और ज़ोर ज़ोर से आहें भर रही थी.
मां लगातार आह ह ह उफ्फ बेटा धीरे आह अह ह हर्ष आज तूने क्या खा लिया बेटा आह अह ऐसे ही करता रह आह कि आवाज़ें ज़ोर ज़ोर से निकाल रही थी. पूरे कमर में बिस्तर के चरमराने घपाघप कि आवाज़ें आ रही थी। मैं भी उन्हे तेज धक्के मारे जा रहा था फिर मैंने हल्का सा ऊपर सिर उठा के देखा मौसी बड़े ध्यान से हमारी चुदाई देख रही थी. लेकिन शायद उन्हे इसका अहसास नहीं था कि मैं उन्हे ही देख रहा था। “Mausi Ko Chudai Dikhai”
मैं मां को धक्के मार रहा था कि अचानक से मां का शरीर अकड़ने लगा और उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया. थोड़ी देर उन्हे और चोदने के बाद मेरे लंड ने भी अपना गरम लावा मां कि योनि छोड़ दिया. और मैं उनके बगल लेट गया और उनके स्तनों से खेलने लगा. मैंने घड़ी देखी तो उस वक्त रात के 2:40 हो चुके थे. फिर मैंने मां से कहा मां मेरा लौड़ा खड़ा करो तो वो मेरा लौड़ा अपने नर्म हाथो मे पकड़ कर ऊपर नीचे करने लगी.
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थोड़ी देर में ही मेरा लिंग खड़ा हो गया फिर मैं और मां 69 कि पोजीशन मे आ गए. दोस्तो मेरी मां समय के साथ और जवान होती जा रही थी. आज उनकी चूत कुछ ज्यादा ही नर्म और मुलायम थी जिससे मुझे उनकी चूत चाटने मे बड़ा आनंद आ रहा था. मां भी पूरी तन्मयता से मेरा लन्ड मुंह में भर कर चूस रही थी. फिर करीब 20 मिनट बाद मां ने फिर से पानी छोड़ दिया मैंने भी उनका पूरा पानी पी गया और उनकी चूत चाट कर साफ कर दी।
अब मैंने मां को घोड़ी बनाया और पीछे जा कर उनके चूतड़ों पर कई तमाचे मारे जिससे उनके चूतड़ लाल हो गए. फिर मैंने उनकी चूत मे अपना लन्ड सेट किया और उनकी कमर पकड़ कर एक शॉट मारा. मेरा लन्ड फिसलते हुए मां कि चूत मे घुस गया फिर मैं आराम से मां को धक्के मारने लगा. और उनके बाल खींच कर उनकी चूतड़ों पर हाथ फेर रहा था. थोड़ी देर में मां ने मुझे तेज धक्के लगाने को बोला.
तो मैंने धक्कों कि गति बढ़ा दी हमारे सेक्स करने से बिस्तर से चरचर कि तेज आवाजें आ रही थी. साथ ही मां के घोड़ी बने होने के कारण जब भी में मां कि चूत मे लंड डालता हमारे पैर एक दूसरे से मिलते जिससे पट पट की आवाजें आ रही थी. फिर मैंने अपना लन्ड निकाला और एक बार और सेट करके मां कि चूत मे धक्का मारा. और इस बार मैं अपना लन्ड थोड़ा तिरछा करके मां कि चूत मार रहा था. “Mausi Ko Chudai Dikhai”
जिससे मां दर्द से तेज तेज आहें भर रही थी तकरीबन आधे घंटे चुदाई के बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था. मैंने अपने धक्कों कि गति बढ़ा दी और तेज तेज आहें भरने लगा. फिर मैंने मां कि कमर कस के पकड़ ली और वायग्रा के कारण 3 से 4 धक्कों बाद वीर्य कि तेज पिचकारी मां कि चूत में छोड़ने लगा. मैंने ढेर सारा वीर्य मां कि चूत मे भर दिया था और वो टपक कर बाहर चू रहा था.
मैंने एक उंगली मां कि चूत में डाली जिससे काफी वीर्य मेरी उंगली मे लग गया. फिर मैंने वो उंगली मां के मुंह में डाल दी मां ने मेरी उंगली चाट कर साफ़ कर दी. फिर में मां को अपने बाहों में फंसा लेट गया क्यूंकि आज दोनों काफी थक गए थे. फिर मां जल्दी से उठी और कपड़े पहनने लगी मैं भी उठा और अपना लिंग साफ करके कपड़े पहने. फिर मां ने कहा अच्छा अब मैं चलती हूं वरना अनामिका जाग गई तो दिक्कत हो जाएगी.
मैंने मां को खींचते हुए बोला पायल तुम तो वक्त के साथ और जवान होती जा रही है जितना भी तुम्हारी चूत मारूं मन ही नहीं भरता. तो मां ने कहा हां हर्ष मुझे भी तेरे लन्ड कि आदत पड़ गई है तेरे पापा के बाद तू ही है जो मेरी ऐसी चुदाई करता है कि सारा शरीर तोड़ देता है. फिर मैंने उन्हे अपने और करीब खींचा और उनके होंठो पर चुम्बन करने लगा.
फिर उन्होंने मुझे हटाते हुए बोला अच्छा अब छोड़ मुझे जाने से अनु के जागने से पहले मुझे कमरे में पहुंचना होगा. और वो दरवाज़े के तरफ बढ़ने लगी तो मुझे किसी के कदमों कि आहट आईं जैसे कोई बगल वाले कमरे में घुसा हो. फिर मां दरवाज़ा खोलकर बगल वाले कमरे में चली गईं मैं समझ गया कि मौसी ने हमारी चुदाई देख ली है अब मुझे सुबह का इंतज़ार था। दोस्तो ये कहानी अगले भाग में खत्म होगी तो मिलते है अगले भाग में अलविदा। “Mausi Ko Chudai Dikhai”
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