Sister Friend Sex Kahani
चुत चुदाई के सभी खिलाड़ियों को मेरा फिर से प्रणाम। मैं रोहित 24साल का नौजवान लोंडा हूं। दोस्तो जैसा आप सभी ने कहानी के पिछले भाग दीदी की सहेली को जमकर बजाया 1 में पढ़ा होगा की मैं दीदी की सहेली निकिता को पटा लिया और उनकी चूत में लौड़ा डालने लगा. अब मैने दीदी की टांगें खोल उनकी चूत में लंड सेट कर दिया। अब मैं दीदी को बाहों में कसकर उन्हे बजाने लगा। दीदी टांगो को हवा में लहराकर चुद रही थी। Sister Friend Sex Kahani
“आहा आईईईई उन्ह्ह्ह सिस्सस्स आहा आहा।”
“ओह्ह्ह्ह मेरी जान। आहा बहुत मजा आ रहा है। आहा।”
“आहा आईईईई आईईईई उन्ह्ह्ह आईईईई।”
दीदी लंबी लंबी सिस्कारिया लेकर चूत में लण्ड ले रही थी। मैं झमाझम दीदी को चोद रहा था। मेरे लंड के झटकों से दीदी बेड पर हिल् रही थी। मै दीदी की जमकर ले रहा था।
“ओह्ह्ह् दीदी आह्हा बहुत अच्छा लग रहा है। आह्हा।”
“ओह्ह्ह् रोहित् तूने तो मेरी आग भड़का दी। अब बजाए जा मुझे।”
“हाँ दीदी।”
मै दीदी की जमकर खबर ले रहा था। दीदी अब मेरे लंड की दीवानी हो चुकी थी। मै उनकी बढ़िया तरीके से ठुकाई कर रहा था। मुझे भी निकिता दीदी को पेलने में गजब का मजा आ रहा था।
“ओह्ह्ह् रोहित् आह्हा ओह्ह्ह् आह्हा सिसस् आह्हा।”
“ओह्ह्ह् दीदी बहुत ही मस्त माल हो आप। आह्हा।”
मेरा लंड दीदी की चूत की गहराई को अच्छी तरह से नाप् रहा था। तभी मेरा लंड उफान पर आ गया और फिर मैंने लंड को दीदी की चूत मे ही रोक दिया और पूरा माल दीदी की चूत मे भर दिया। अब मैं दीदी के जिस्म से लिपट गया।
“ओह्ह्ह दीदी मजा आ गया।”
“हां रोहित तुने तो मेरी चूत की ऐसी तैसी कर दी।”
“क्या करूं दीदी मेरा लंड बहुत ही प्यासा था।”
“अब तो बुझ गई ना तेरी प्यास।बहुत ही पीछे पड़ा हुआ था तू मेरी चूत के।”
“अभी पूरी प्यास नही बुझी है दीदी।”
हम दोनो नंगे जिस्म एकदुसरे से लिपटे हुए थे। निकिता दीदी जेसी रैपचिक माल मेरी बाहों में फंसी हुई थी।अब मैं फिर से दीदी के होठों पर टूट पड़ा। अब मै फिर से दीदी के होंठो को भूखे शेर की तरह चूसने लगा। दीदी भी मेरा बराबर साथ दे रही थी। माहौल फिर से गरम हो चूका था।
ऑउच्च पुच्च आउच पुच्च आउच की आवाज़ों ने फिर से बैडरूम में शोर मचा दिया था। मेरा लण्ड फिर से दीदी की चूत फाडने के लिए तैयार हो रहा था। हम दो नंगे जिस्म फिर से लंड चूत का घमासान के लिए तैयार हो रहे थे। अब मैने दीदी के चूचो को मुँह मे भर लिया और दीदी के रसीले टाइट आमो को चूसने लगा। आहह्! दीदी के चुच्चो को पीने मे गजब का स्वाद आ रहा था। मै जमकर दीदी के आमो का स्वाद चख रहा था।
“ओह्ह्ह कुत्ते बहुत रस भरा है मेरे चुच्चो मे। अच्छे से रगड़कर चुस्। आह।”
ऐसा लग रहा था जैसे दीदी धुंआधार ठुकाई की बरसो से प्यासी हो। तभी मैं दीदी के चुच्चो को चुस्ता हुआ बाइट करने लगा। अब दीदी दर्द से तिलमिलाने लगी।
“ओह आईईईई सिससस्स आह्ह उन्ह ओह सिससस्स आह्ह मर्रर्रर्र गाईईई। धिरेरेरे धीरेरेरेरे आराम से चूस साले कुत्ते।”
दीदी बुरी तरह से मचल रही थी। मैं दीदी के चूचो का जमकर मज़ा ले रहा था। आज तो मुझे दीदी का खजाना मिल चुका था। मै दीदी के खजाने का जमकर मज़ा लूट रहा था।
“ओह मम्मी आह्ह उन्ह सिसस् आह्ह।”
मस्त हिंदी सेक्स स्टोरी : गरम बिहारी पड़ोसन को थूक लगा कर चोदा
मैं ज़ोर ज़ोर से झटके मार मारकर दीदी के चूचो को चूस रहा था। दीदी मेरे झटकों से बुरी तरह से हिल रही थी। वो बेड पर उछल उछलक्कर पड़ रही थी। फिर मैंने थोड़ी देर में ही दीदी की हालत खराब कर दी। अब मै नीचे आ गया और दीदी की गाँड़ के नीचे तकिया लगा दिया। अब मैने दीदी की गरमा गरम चूत पर हमला बोल दिया।
अब मैं दीदी की टांगो को खोलकर उनकी चूत को चाटने लगा। मुझे दीदी की मक्खन जैसी चूत चाटने मे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। दीदी की चूत की भिनी भीनी महक मुझे पागल कर रही थी। मै दीदी की चिकनी जांघो को पकडकर उनकी चूत सहला रहा था। दीदी कसमसा रही थी।
“उन्ह ओह.. आहहहह अहा आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स उन्ह आह्ह आह्ह ओह उन्ह आहहह।”
मै दीदी की गरमा गर्म चूत मे जमकर हमला कर रहा था। दीदी उनकी चूत रगडाई से बौखला रही थी। दीदी की चूत में आग लग रही थी। दीदी आतुर होकर बेड की चादर को मुट्ठियों में कस रही थी।
“ओह साले कुत्ते। सिससस्स उँह ओह आह्ह। आराम से… आहाह।”
तभी दीदी ने उनकी चिकनी टांगो को मेरे कंधो पर रख दिया और मुझे उनकी टांगों के घेरे मे फंसा लिया। मै दीदी की चूत मे लगातार खलबली मचा रहा था। तभी दीदी का उतार आ गया और उन्होंने ने जोर से मेरे मुँह को चूत पर दबा दिया।
“ओह्ह्ह कुत्ते गई मैं तो।”
फिर कुछ ही पलो मे दीदी की चूत से पिचकारी फुट पड़ी। अब मैं दीदी के रस् के बाद उनका पानी चाटने लगा। दीदी आराम से उनकी चूत का पानी मुझे पिला रही थी।
“सिसस् ओह्ह्ह हरामी।”
फिर मैंने बहुत देर तक दीदी की चूत का टेस्टी पानी पिया। अब चूत रगड़ाई से दीदी बुरी तरह से बौखला गई थी। तभी मैने दीदी की टांगो को फैला दिया और फिर से दीदी की चूत में लंड डाल दिया। अब मै दीदी की टाँगे पकड़कर उन्हें फिर से झमाझम चोदने लगा।
“आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आईईईईई ओह मम्मी। आह्ह आह्ह सिसस्। फक्ककक मी। आह्ह।”
“ओह दीदी आई फक्कक यू। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है आपको बजाने में। आह्ह।”
“आह्ह आह्ह आहा सिससस्स बसस्ससस्स ऐसे ही बजा मुझे। मेरी चूत की अच्छे से सर्विस कर दे।”
“हां मेरी रानी।”
मै निकिता दीदी को उनके ही बैडरूम में पुरी नंगी करके धमा धम पेल रहा था।दीदी भी मेरे लंड से जमकर चुद रही थी।मेरा मोटा तगड़ा लंड दीदी के जिस्म के पुर्जे पुर्जे को हिला रहा था।
“आहा आईईईई ऊंह आईईईई ओह्ह्ह्ह।”
फिर मैंने दीदी की खूब देर तक ऐसे ही जमकर सर्विस की।अब दीदी ने मुझे धक्का देकर नीचे पटक दिया और वो मेरे ऊपर चढ़ गई। अब दीदी मेरे होठों पर टूट पड़ी और जोरदार किस करने लगी। दीदी बहुत प्यासी लग रही थी। वो जमकर मेरे होठों को खा रही थी।
मै भी दीदी की गांड को सहलाता हुआ उनके होठों को मेरे होठों में जकड़े हुआ था। दीदी जेसी पक्की खिलाड़ी के साथ खेलने में मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। फिर दीदी मेरी छाती को किस करने लगी। दीदी के बिखरे हुए बाल मेरी चेस्ट को पूरा ढक रहे थे। दीदी बार बार बालो को सही कर रही थी।
“ओह्ह्ह्ह मेरी जान। आहा बहुत अच्छा लग रहा है। आहा उन्ह्ह्ह।”
दीदी जमकर मेरे चेस्ट पर किस कर रही थी। वो बीच बीच में मेरी चेस्ट को बाइट भी कर रही थी। फिर दीदी मेरी चेस्ट को किस करती हुई सीधे मेरे लंड पर आ गई और मेरे लन्ड को पकड़कर मसलने लगी। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
“ओह रोहित सच में तेरा लंड कमाल का है।”
“आपका ही है दीदी, जितना चाहो इतनी देर चूस लो।”
अब दीदी ने मेरे लन्ड के सुपाड़े को मुंह में भरा और भूखी शेरनी की तरह मेरे लन्ड को खाने लगी। मुझे दीदी को लंड चुसवाने में मज़ा आने लगा। दीदी बार बार मेरे लन्ड को मुंह में अन्दर बाहर कर रही थी।
“ओह दीदी,आज मेरे लन्ड को पूरा खा जाओ,आह आह ओह बहुत अच्छा लग रहा है दीदी, आह आह।”
दीदी मेरे लन्ड को लगातार चूसती जा रही थी। उनके बड़े बड़े बूब्स ज़ोर ज़ोर से हिल रहे थे।
“आह दीदी आप एकदम मस्त आइटम हो। बस मेरे लन्ड को ऐसे ही मज़े देती रहो।”
फिर थोड़ी देर में ही दीदी मेरे लन्ड को चूस चूसकर घायल कर चुकी थी। अब दीदी जी मेरे लण्ड पर बैठ गई और फिर उन्होंने चूत में लण्ड सेट कर लिया। अब दीदी जी झटके दे देकर चुदने लगी।
“आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आहः ओह रोहित बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह।”
“मिटा लो दीदी आपकी चूत की आग। आप भी तो बहुत प्यासी हो।”
“हां रोहित आज तो खूब चुदूंगी मैं। आह बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है तुमसे चुदाने में। आहा आह्ह।”
“हां दीदी जमकर चुदो। जितनी मर्ज़ी हो उतनी। मुझे कोई दिक्कत नहीं।”.
दीदी ज़ोर ज़ोर से झटके मार रही थी। हर झटके से दीदी के मोटे मोटे बोबे बुरी तरह से हिल रहे थे। अब धीरे धीरे दीदी पसीने में भीगने लगी थी।
“आह्ह आहा सिससस्स आह्ह ओह रोहित उन्ह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह।”
“बससस्स लेती रहो लंड दीदी।”
दीदी झमाझम चुद रही थी। दीदी रुकने का नाम नहीं ले रही थी। दीदी ज़ोर ज़ोर से मेरे लण्ड के ऊपर कूद रही थी। फिर दीदी का पानी निकल गया और वो थक हारकर मुझसे लिपट गई।
“ओह्ह्ह्ह मम्मी मर गई।”
“खूब चूदी हो दीदी आप तो।”
“हां। यार रोहित। जब से मेरा ब्रेकअप हुआ है तब से मैं लंड के लिए तड़प रही थी।आज जाकर मुझे मेरी चूत की आग बुझाने का मौक़ा मिला है।”
“अब तो मैं आपकी चूत को प्यासी नही रहने दूंगा।”
“हां रोहित मत रहने देना।”
अब मैंने दीदी को वापस मेरे नीचे ला दिया और हम 69 पोजिसन मे आ गए। अब मै दीदी की चूत चाट रहा था और दीदी मेरे लंड के साथ खेल रही थी। हम दोनो को बहुत मज़ा आ रहा था। बेड पर हम दोनो एक दूसरे के साथ खेल रहे थे। मै दीदी चूत मे जीभ डालकर हमला कर रहा था। दीदी की चूत की गहराई मे हमला होने की वजह से कसमसाने लगी।
लेकिन मैंने उनके मुंह मे लंड दबाए रखा। अब दीदी के पास लंड चूसने के अलावा और कोई रास्ता नही था। वो मेरा लंड चुस् रही थी। मै दीदी की चूत का पूरा मज़ा ले रहा था। फिर मैंने थोड़ी देर तक ऐसे ही दीदी का मज़ा लिया। अब मैने दीदी से घोड़ी बनने के लिए कहा। तभी दीदी बिना कोई नखरे किये बेड पर ही घोड़ी बन गई।
“चोद ले तेरी घोड़ी को।”
“हां भेन की लोड़ी।”
अब मैंने दीदी की चूत के खाँचे मे लंड सेट कर दिया और फिर दीदी की चूत मे लंड पेल दिया। अब मैं दीदी की कमर पकड़कर उन्हे झमाझम चोदने लगा।
“ओह्ह्ह सिसस् आहा फक्क मी ओह्ह् आईई।”
“ऐस् मेरी जान। आई फकिंग यू।”
मै घोड़ी बनाकर दीदी को धमाधम चोद रहा था। दीदी घोड़ी बनकर बुरी तरह से चुद रही थी। दीदी की दर्द भरी चीखे मुझे और ज्यादा उकसा रही थी।
“आईईईईई आईईईई बहुत दर्द हो रहा है साले हरामी.. आईईईई मम्मी गईईई मैं तो।”
“ओह्ह्ह मेरी घोड़ी बहुत मज़ा आ रहा है।”
“उँह ओह सिससस्स ओह आईईईई आईएईई बससस्स कुते।”
“अभी तो बजाने दे मेरी रानी।”
“ओह्ह्ह कमीने अहहा ओह्ह्ह सिसस् अहाहा।”
“ओह्ह्ह मेरी जान बहुत मस्त है तू।”
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तभी धुंआधार ठुकाई से दीदी की चूत से गरमा गरम नमकीन पानी नीचे बहने लगा। एकबार फिर से दीदी का पानी निकल चुका था। अब भाभी थककर बेड पड़ गई। तभी मै दीदी के कातिल जिस्म पर चढ़ गया। अब मैं दीदी के सेक्सी जिस्म पर ताबड़तोड़ किस करने लगा। दीदी के गजराये जिस्म पर किस करने मे मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। दीदी चुपचाप मुझे उनकी जवानी लूटा रही थी।
“ओह्ह्ह दीदी बहुत मस्त हो तुम।”
मै दीदी के कंधो, कानों को बुरी तरह से चुम् रहा था। दीदी पिघल कर पानी हो रही थी। मैं दीदी की चमचमाती पीठ को बुरी तरह से रगड़ रहा था। मै दीदी के जिस्म का पूरा मज़ा ले रहा था। दीदी की रसमलाई सी पीठ पर किस करने में मुझे बहुत ही मजा आ रहा था।
“ओह्ह्ह मेरी रानी। बहुत कातिल जिस्म है तेरा।”
अब मैं किस करता हुआ दीदी की गांड़ पर आ पहुंचा। अब मैं दीदी की कसी हुई गांड पर बरस पड़ा और उनके गौरे चिकने चुतडो को बजाने लगा। तभी दीदी दर्द से तिलमिलाने लगी।
“उन्ह आईई ओह्ह्ह आई मम्मी। मर्र गईई। ओह्ह्ह कुत्ते धीरे,,,, धीरे,,,।
“ओह्ह्ह दीदी बहुत सेक्सी गांड है तेरी। आहाहा।”
“ओह्ह्ह रोहित आराम से ऊंह आईईईई आईईईई ओह्ह्ह्ह सिस्सस्स।”
“आहा क्या मस्त गांड़ है साली आहा।मजा आ गया।”
“आहा आईईईई मम्मी सिस्सस्स आहा।”
तभी मैंने दीदी की गांड पर चपेड मारकर लाल कर दिया। अब मैं दीदी के मस्त शानदार चूतड पर किस करने लगा। दीदी बिन पानी की मछली तरह मचल रही थी। मै तो दीदी के चूतड पर किस करने मे पागल सा हो रहा था। “Sister Friend Sex Kahani”
“ओह्ह्ह दीदी। मज़ा आ रहा है।”
दीदी चुपचाप उनकी गांड का मज़ा दे रही थी। अब मै दीदी के चुतडो को किस कर करकर बाईट करने लगा। अब दीदी दर्द से सिहरने लगी।
“आहाहा सिसस् उन्ह आईई आह्ह ओह्ह्ह हरामी।”
मै दीदी की गांड पर ताबड़तोड़ किस कर रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक दीदी की गांड पर किस किये। मेरे थूक से दीदी की गांड और उनका कातिल जिस्म गीला हो चुका था। अब मेरा लंड दीदी की गांड के किले को भेदने के लिए लालायित होने लगा। अब मैं दीदी की गांड मे ऊँगली करने लगा। तभी दीदी समझ गई कि आज उनकी गांड का किला ध्वस्त होकर रहेगा।
“ओह्ह्ह् सिस आहाहा ओह्ह्ह् कुत्ते। गांड मे कुछ मत कर।”
“ओह्ह् कमीनी आज तो तेरी गांड भी मारूंगा।”
“नही कुत्ते गांड नही।चूत ही मार ले।”
“चूत तो खुब मार ली तेरी।अब तो तेरी गांड़ का नंबर लेने दे।”
मै दीदी की गांड मे उंगली करके पूरा मज़ा ले रहा था। दीदी दर्द से सिरसिरा रही थी।
“उँह आहह सिसस ओह्ह्ह् उन्ह।”
“ओह्ह्ह दीदी बहुत छोटा से छेद है आपका। लगता है अब तक किसी ने आपकी गांड का ढक्कन नही खोला है।”
“हाँ कुत्ते। मैंने मेरी गांड मे किसी को लंड नही डालने दिया।”
“अब मैं खोलुंगा तेरी गांड का ढक्कन।”
अब मैं दीदी की गांड में मेरा लन्ड सेट करने लगा तभी दीदी उछल पड़ी।
“नही यार। मै गांड नही मारने दूंगी।”
“क्यों? गांड़ मारने में क्या दिक्कत है तूझे?”
“तू तो गांड में कुछ भी कर कर यार। बस।”
“यार दीदी आप भी गजब हो। मैने तो सोचा था कि आप गांड़ मारने दोगी लेकिन आप तो बहुत डर रही हो।”
तभी दीदी ने कुछ नहीं कहा। अब मैंने दीदी को वापस बेड पर पटक दिया और उनकी चूत में लंड डाल दिया। अब मैं दीदी की टांगों को पकड़ कर उन्हे फिर से चोदने लगा। दीदी मेरे लंड की ठुकाई से फिर से पस्त होने लगी। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
“आहा आईईईई उन्ह्ह्ह आहा ओह्ह्ह।”
“ओह्ह्ह्ह मेरी जान। आहा बहुत मजा आ रहा है। आहा।”
“ओह्ह्ह मम्मी। आहा आईईईई उन्ह्ह्ह आह्ह आहा।”
मै दीदी की चूत में जमकर लंड पेल रहा था।मेरे लंड की दमदार ठुकाई से दीदी बुरी तरह से हिल रही थी। वैशाली दीदी की सहेली को चोदना मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात थी।
“आहा आईईईई उन्ह्ह्ह ओह्ह्ह आहा।”
फिर दीदी को थोड़ी देर बजाने के बाद मैंने दीदी को उठाया और उन्हे मेरी गोद में बैठा लिया। अब दीदी ने समझदारी दिखाते हुए चूत में लंड सेट कर लिया और मुझे बाहों मे कसकर चुदने लगी।
“आहा आईईईई उन्ह्ह्ह सिस्स्स आहा।”
“ओह्ह्ह मेरी जान आहा इस ही झटके मार।आहा बहुत मजा आ रहा है।”
“आहा आईईईई आईईईई उन्ह्ह्ह सिस्सस्स।”
“उह्ह्ह्ह दीदी। आहा आह।”
दीदी जोर जोर से झटके मार रही थी। दीदी की चुदास को देखकर लग रहा था कि दीदी की चूत में तूफान मचा हुआ है। आज दीदी मेरे साथ पूरी खुल चुकी थी। वो फूल स्पीड में चूत में लंड ले रही थी। दीदी की सहेली से लंड की सवारी करवाने मे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। “Sister Friend Sex Kahani”
“आहा सिससस्स आह्ह ओह मम्मी। आह्ह सिससस्स आह्ह। ओह।”
“ओह मेरी रानी। बहुत मज़ा आ रहा है। आहा।”
मै दीदी की कमर पकड़े हुआ था। दीदी के बूब्स मेरी चेस्ट से टकरा रहे थे। अब धीरे धीरे दीदी पसीने में नहा रही थी। वो जोर जोर से उछल रही थी।
“आहा आईईईई उन्ह्ह्ह सिस्स्स आहा।”
“खूब चुद मेरी जान। आहा।”
“हां चुद रही हूं साले कुत्ते।”
दीदी धमाधाम चुद रही थी। फिर थोड़ी देर के बाद दीदी हांफने लगी और उनका का पानी निकल गया। अब दीदी मुझसे लिपट गई। दीदी बुरी तरह से थक चुकी थी।।
“उह्ह्ह्ह् रोहित जान निकल गई मेरी तो।”
“चूदाई का मजा तो ऐसे ही लेना चाहिए।”
“हां रोहित। लगता है तुने भी खूब सारी चूत बजा रखी है।”
“ज्यादा तो नही। बस एक दो ही बजाई है।”
“चल फिर तो अच्छा है।वैशाली को नही बजाया क्या?”
तभी मैंने दीदी से झूठ बोल दिया” नही यार। वो नही बजाने देती।”
“पागल है वैशाली तो। तेरा इतना मस्त लंड नही लिया उसने।”
“हां यार दीदी। मैने तो कोशिश की थी लेकिन वो ही नही मान रही है।”
“चल कोई बात नहीं। मै दिलवा दूंगी उसकी चूत।”
“हां दीदी। दिलवा देना यार।”
अब मैने दीदी को मेरी गोद में से नीचे उतारा और मै बेड से नीचे उतर आया। अब मैनें टांगे दीदी की टांगें पकड़ कर बेड के किनारे खीच लिया। अब मैने फिर से दीदी चूत मे लंड फीट कर दिया और दीदी को फिर से बजाने लगा। दीदी फिर से मेरे लंड के तूफ़ान मे उड़ने लगी। “Sister Friend Sex Kahani”
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“आह्ह आह्ह ओह्ह्ह मम्मी आहह आह्ह।”
“ओह्ह्ह दीदी आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह बहुत ही मस्त चूत है आपकी।”
“ओह्ह्ह रोहित तेरा लंड भी बहुत ही कमाल का है। बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह खूब पेले जाओ। आह्ह आह्ह ओह्ह्ह मम्मी।”
“हाँ दीदी खूब बजाऊंगा आपको। मेरा लंड बहुत ही प्यासा है।”
“बजा लो रोहित। आहह आहह मुझे तो तुमसे ठुकवाने मे बहुत ही मज़ा आ रहा है। आहह आहह बहुत सुकून मिल रहा है। आहह। आहह ओह्ह्ह मम्मी।”
मै खड़े खड़े दीदी को जमकर बजा रहा था। मेरे लंड के तूफान से बेड फिर से चुड चुड करने लगा था।दीदी अब सारी शर्म लाज को ताक् पर रखकर लपककर लंड ले रही थी। मै भी दीदी चूत मे लपककर लंड पेल रहा था।दीदी आधी बेड पर और आधी नीचे लटकी हुई थी। मेरे लंड के तूफान दीदी के बोबे बहुत उछल रहे थे। “Sister Friend Sex Kahani”
“दीदी आपके आमो को सम्हालो। बहुत उछल रहे है।”
“उछलने दो रोहित। इनको को भी तो उछलने का मौका बड़ी मुश्किल से मिलता है।”
“हाँ दीदी।”
मै दीदी को धुंआधार तरीके से चोद रहा था। मेरा लंड उनकी चूत के अंतिम छोर तक घुस रहा था। आज मिले मौके का मैं जमकर फायदा उठा रहा था। दीदी की मादक आवाजे मेरे लंड को सुकुन पहुंचा रही थी।
“आहह आहह सिसस् आहह ओह्ह्ह मम्मी।”
तभी ताबड़तोड़ ठुकाई से दीदी का पानी निकल आया।अब मेरे लंड की ठुकाई से दीदी का पानी नीचे गिर रहा था।मै दीदी को बजाए जा रहा था।दीदी मेरे लंड की ठुकाई से बुरी तरह से हिल रही थी।
“आईईईई आईईईई ऊंह सिस्सस्स आहा।”
“ओह्ह्ह्ह्ह भाभी। मजा आ गया।”
“आहा आईईईई आईईईई ऊंह आईईईई आईईईई।”
फिर मैंने दीदी को बहुत देर तक ऐसे ही बजाया। अब मैंने दीदी को बेड से नीचे उतार लिया। अब मैने दीदी के होंठो में मेरे होंठ रख दिए।अब मैं दीदी के मस्त टाइट बूब्स को मसलते हुए उनके होठों को चूस रहा था। अब दीदी के नखमले नंगे जिस्म से खेलने में मुझे बहुत मजा आ रहा था।
बेडरूम में अब फिर से आउच पुच्छ पुच्छ पुच्छ आउच की आवाजे आ रही थी।दीदी को मैनें कसकर मुझसे चिपका रखा था। दीदी मेरे होठों को चूस रही थी। अब मैं दीदी के चूतड़ों को सहला रहा था। दीदी के चूतड़ों को सहलाते हुए मै दीदी के जिस्म को रगड़ रहा था। “Sister Friend Sex Kahani”
दीदी का ध्यान मेरे होठों को चूसने ने लगा हुआ था और मेरा ध्यान अब दीदी की मदमस्त गांड़ पर था। मै दीदी के चूतड़ों को सहला रहा था। तभी मैंने मौके की नजाकत को समझते हुए दीदी को बेड पर झुका दिया और उन्हे घोड़ी बना दिया। अब मैं दीदी की गांड में लंड सेट करने लगा।
“रोहित यार गांड में नही।”
ये कहते हुए दीदी खड़ी होने लगी लेकिन मैंने दीदी को वापस झुका दिया।
“दीदी यार अब ज्यादा नखरे मत दिखाओ।”
“यार रोहित रहने दे।तू अभी मेरी गांड़ फाड़ देगा।”
“तो दीदी फाड़ने दो ना। आप क्यों नहीं फड़वाना चाहती गांड को।”
“यार बहुत दर्द होगा।”
“कुछ नही होगा। आप फालतू मे नखरे कर रही हो।”
तभी दीदी चुप हो गई। अब दीदी गांड फड़वाने के लिए तैयार थी। फिर मैंने दीदी की गाँड़ के छेद में बहुत सारा थुक लगाकर उनकी गाँड़ को तैयार कर लिया।
“यार प्लीज गाँड़ मत मार। मैं मर जाऊँगी।”
“अरे दीदी आप भी क्या बच्चो की तरह कर रही हो। पहले एकबार लण्ड तो डालने दो।”
“मत डाल यार।”
दीदी बहुत कोशिश कर रही थी कि गाँड़ बच जाए लेकिन आज मेरा लण्ड दीदी की गाँड़ छोड़ने के मूड में नहीं था। अब मेने दीदी की गाँड़ में लण्ड सेट कर ज़ोर से धक्का दिया। एक ही झटके में मेरा लंड दीदी की गाँड़ को फाड़ता हुआ सीधा अंदर घुस गया। “Sister Friend Sex Kahani”
तभी दीदी ज़ोर से चीख पड़ी।
“आईएईई मम्मी मरर्रर्र गईईई आईईईई ओह रोहित बहुत दर्द हो रहा है। प्लीज लण्ड बाहर निकाल।”
तभी मैंने लण्ड बाहर निकाल लिया और फिर से दीदी की गाँड़ में लण्ड ठोक दिया। दीदी फिर से दर्द से झल्ला पड़ी।
“आईईईई मम्मी। आहा सिसस्ससस्स आह्ह।”
“अब दीदी थोड़ा दर्द तो होगा ही। सालो से आपकी गाँड़ का उद्घाटन नहीं हुआ है।”
तभी दीदी चुप हो गई। अब मै दीदी की कमर पकड़कर उनकी गाँड़ मारने लगा। दीदी की टाइट गाँड़ मारने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरा लण्ड दीदी क़ी गांड के हॉल को चौड़ा कर रहा था।
“आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह बहुत ही मस्त गाँड़ है दीदी है आपकी। आह्ह।”
“आराम आराम से डाल यार। बहुत दर्द हो रहा है। बहुत भारी लण्ड है तेरा।”
“आराम से गाँड़ मारने में मज़ा नहीं आता है दीदी। आप तो ज़ोर ज़ोर से ही लण्ड पेलने दो।”
मेरा लण्ड दीदी की गांड के परखच्चे उडा रहा था। दीदी दर्द को झेलते हुए गांड मरवा रही थी। मै दीदी की कमर पकड़कर उनकी गाँड़ में दे दना दन लण्ड ठोक रहा था। दीदी दर्द से तिलमिला रही थी।
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“आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स।”
“ओह्ह्ह्ह मेरी जान।आहा बहुत ही मस्त गांड़ है तेरी।”
“आहा आईईईई मम्मी आहा आईईईई तू इस मस्त गांड़ की ऐसी तैसी कर रहा है।”
“चीज कितनी भी मस्त क्यों नही हो? काम में तो लेनी ही पड़ती हैं दीदी।”
“आहा आईईईई उन्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह सिस्सस्स आहा आईईईई आईईईई आहा आह ओह्ह्ह्ह मम्मी।”
“आहा बहुत मजा आ रहा है जान।”
मै ताबड़तोड़ दीदी की गांड में लंड पेल रहा था। दीदी घोड़ी बनकर जमकर लंड ठुकवाए जा रही थी। तभी थोड़ी देर बाद दीदी बुरी तरह से कांप उठी और उनकी चूत से गरमा गरम माल झरने लगा।
“ओह्ह्ह्ह मम्मी। आहा आईईईई उन्ह्ह्ह सिस्सस्स आह्ह्ह्ह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह।”
“उह्ह्ह्ह्ह मेरी रानी।”
पानी निकलते ही दीदी पसीने में भीग चुकी थी। अब दीदी का हाल बेहाल हो चूका था। मै झमाझम दीदी की गांड में लण्ड पेल रहा था। मेरा लंड दीदी को बहुत बुरी तरह से बजा रहा था। “Sister Friend Sex Kahani”
“उन्ह आह्ह आह्ह आईईईई आह्ह अहा बससस्स । आह्ह रहने दे अब्ब्ब्ब्ब।
“ऐसे कैसे रहने दू, मेरी रानी। अभी तो तेरी गांड को खूब बजाना है।”
दीदी गांड मरवाकर थक चुकी थी। मेरे लण्ड का कहर दीदी को बहुत बुरी तरह से पेल रहा था। तभी थोडी देर बाद दीदी फिर से पानी पानी हो गई। आज पहली बार में ही मेरा लंड दीदी की गांड का गोदाम बना चुका था। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
“ओह्ह्ह्ह रोहित तुने तो फाड़ दी मेरी गांड़।”
“वो तो फाडनी ही थी दीदी।”
अब मैने दीदी को गोद में उठाया और उन्हे गोद में लेकर बैठ गया। अब मैं दीदी के बूब्स को चूसने लगा। गोद में बैठाकर दीदी के बूब्स चुसने में मुझे बहुत मजा आ रहा था। दीदी भी मेरी गोद में बैठकर मस्ती से उनके बूब्स चुस्सा रही थी।
“ओह्ह्ह रोहित ऊंह सिस्सस्स खूब चूस मेरे बूब्स को। उन्ह्ह्ह्ह।
मै दीदी की पीठ को सहलाता हुआ उनके बूब्स चूस रहा था।दीदी उनके बूब्स का रस पिलाने में बहुत आतुर हो रही थी। मै दीदी के टाइट बूब्स को आम की तरह चूस रहा था।
“ओह्ह्ह मम्मी। उन्ह्ह्ह सिस्सस्स।”
दीदी मुंह बाहों में कस रही थी।वो बार बार मेरे बालो को सहला रही थी। मुझे दीदी के रसदार बूब्स चुसने में बहुत मजा आ रहा था। फिर मैने थोड़ी देर में दीदी के बूब्स चूस डाले। अब मैने दीदी को बेड पर पटक दिया और मैने फिर से दीदी की चूत ने लंड फंसा दिया। अब मैं फिर से दीदी को बजाने लगा। तभी दीदी फिर से मेरे लंड की ठुकाई से पिघलने लगी। “Sister Friend Sex Kahani”
“आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह उन्ह ओह सिसस्ससस्स आह्ह।”
मैं दीदी को ताबड़तोड़ चोद रहा था। मेरा लण्ड अभी दीदी की चूत में तगड़ा घमासान मचा रहा था। दीदी का चुद चुदकर हाल बेहाल हो रहा था। मै जमकर दीदी की चूत में लंड पेल रहा था।
“आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह ओह आह्ह आहा आह्ह।”
“ओह्ह्ह जान बहुत मजा आ रहा है। आहा उन्ह्ह्ह।”
“आहा आईईईई उन्ह्ह्ह आहा आईईईई सिस्सस्स।”
“ओह्ह्ह्ह मेरी जान। आहा।”
तभी जोरदार ठुकाई से दीदी का पानी निकल आया। मेरा लन्ड फिर से दीदी की चूत में नहाने लगा।
“आहा आईईईई उन्ह्ह्ह सिस्सस्स आहा।”
अब ताबड़तोड़ ठुकाई के बाद मेरा लण्ड पिघलने वाला था। तभी मेने दीदी को दबाकर उनकी चूत को लण्ड के पानी से भर दिया। अब मै दीदी से चिपक गया।
“ओह्ह्ह दीदी मजा आ गया।”
“हां रोहित। बहुत ही मस्त तरीके से बजाया है तुने तो। मैं तो तुझसे चुदाकर निहाल हो गई।”
“सच में आप बहुत ही गजब की माल हो दीदी।”
“अब तो लूट लिया ना तुने इस माल को।”
“वो तो लूटना ही था दीदी।”
“चल इस बहाने से मेरी चूत की आग भी बुझ गई।”
“हां और मेरे लंड को भी ठंडक मिल गई।”
अब दीदी और मैं हम दोनो बहुत देर तक नंगे ही पड़े रहे। आज मैं निकिता दीदी को चोदकर बहुत खुश था। दीदी भी मेरा लंड लेकर मस्त नज़र आ रही थी।
“रोहित यार ये बात वैशाली को मत बताना।”
“नही बताऊंगा दीदी। आप चिंता मत करो।”
अब मैं मन ही मन में सोचने लगा कि दीदी जिस से आप डर रही हो ना। उनको तो सब पता है और आपसे पहले वो मेरा लंड ले चुकी है। फिर बहुत देर बाद हम दोनो उठे। पूरी बेडशीट पर दीदी के पानी के धब्बे लग चुके थे। नीचे फर्श पर भी दीदी का पानी जम चुका था। अब दीदी ने कपड़े इकट्ठे करके बेड पर डाल दिए। फिर दीदी ने लोवर और टीशर्ट पहन ली। “Sister Friend Sex Kahani”
“रोहित अब तू भी कपड़े पहन ले।”
“हां दीदी।”
अब मैं उठा और मैंने भी कपड़े पहन लिए। अब दीदी ने कॉफी बनाई। फिर दीदी ने फटाफट से बेडशीट को साफ किया और फर्श पर लगे धब्बों को मिटा दिया। फिर दीदी ने हम दोनों के लिए चाय बनाई। फिर हम दोनों ने साथ में चाय पीने लगे। दीदी मेरी तरफ मुस्कुरा रही थी।
“रोहित बहुत ही चालाक निकला तू।एक ही दिन मुझे सेट करके बजा भी लिया।”
“मै तो इस मामले में ठंडा नही रहता दीदी। अगर कोई सेट हो रही हो तो फिर उसको पूरी ही सेट कर लेता हु।”
“हां अच्छा है।”
तभी दीदी से बाते करते हुए मेरा मूड फिर से बनने लगा।
“दीदी अभी तो आपके मम्मी पापा नही आए हैं तो एकबार फिर हो जाए ।”
“नही यार रोहित अब नही। तुने मुझे पहले ही रगड़ कर चोद दिया है।”
“तो फिर से चुद जाओ ना दीदी।”
“नही यार अब रहने दे।”
दीदी मना कर रही थी लेकिन मेरा दीदी को चोदने का मूड बन चुका था। तभी चाय खत्म होते ही मैने दीदी की मेरी तरफ खींचा और उनके चाय लगे होंठो को पीने लग गया। अब दीदी के होठों को चूसते हुए मै टीशर्ट के ऊपर से ही दीदी के बूब्स मसलने लगा। अब दीदी फिर से गर्म होने लगी थी। अब मेरा लंड भी दीदी की चूत की सैर करने के लिए मचलने लगा था। तभी मैंने दीदी की टीशर्ट ऊपर खिसका दी और उनके बूब्स चूसने लगा।
“ओह्ह्ह्ह रोहित उन्ह्ह्ह सिस्सस्स।”
तभी दीदी दीवार से जा चिपकी। मै लबालब दीदी के बूब्स चूस रहा था। दीदी आतुर हो रही थी। फिर थोड़ी देर में ही दीदी के बूब्स चूस डाले। अब दीदी ने टीशर्ट पहन ली। “Sister Friend Sex Kahani”
कामुकता हिंदी सेक्स स्टोरी : पापा मुझे चोद कर बेटीचोद बन गए 1
“मजा आ गया दीदी।
“बहुत कमीना है तू।”
अब मैं दीदी को चोदकर घर आ गया। अब मेरे चेहरे की खुशी देखते ही वैशाली दीदी सब समझ गई थी।
“ले ली क्या निकिता की!”
“हां दीदी। तभी तो मुझे इतना टाइम लग गया।”
“हां वो तो मै समझ गई थी। प्यार से दे दी या फिर तुझे ज्यादा कोशिश करनी पड़ी?”
“ज्यादा तो नही लेकिन बस थोड़ी सी कोशिश में दे दी।”
“चल फिर तो अच्छा है।”
आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताए –ajaywriter22@gmail.Com
Hot says
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