Village Jungle Aurat Sex
मैं शोभा, उम्र चालीस साल,कद लम्बा, रंग गेहुंआ भारी नितम्ब, कमर पतली, मोटे और गोल स्तन, लम्बे बाल, एक खूबसूरत और सेक्सी दिखने वाली औरत हूं। मैं एक शादीशुदा औरत हूं। मेरे पति नागपुर में काम करते हैं जो पांच छह महीने बाद ही घर आते हैं और एक महीना भर मुझे खूब चोदते हैं और फिर चले जाते हैं। Village Jungle Aurat Sex
मेरा एक बेटा भी है जो स्कूल में पढ़ता है। घर में हमारे सिवा मेरे सांस ससुर भी रहते हैं जो बहुत बजुर्ग हो गये हैं। इसलिए घर के सारे काम मुझे खुद ही करने पड़ते हैं। हम गांव वासी हैं और माल मवेशी भी पालते। पिछली बरसात को मैं रोज की तरह गई हुई थी मवेशी चराने पर अपनी चूत चुदवा बैठी।
बात उस दिन की है जिस दिन मुझे अपने पति के घर आने की पूरी उम्मीद थी और मैं अपनी चूत के बाद साफ़ करके पूरी तरह सजी संवरी हुई थी और मुझे पूरी आशा थी कि आज मैं अपने पति से रात भर चुदवाऊंगी। पर तभी उनका फोन आया कि वह अगले हफ्ते आने वाले हैं। तो मैं मायूस हो गई और अपने मवेशियों को लेकर जंगल की तरफ चराने चल पड़ी।
दोपहर को अचानक काले घने बादल छा गए और थोड़ी देर में ही ज़ोर की बारिश शुरू हो गई। मैं बारिश से बचने के लिए जंगल में बने एक कच्चे कोठे के अंदर भाग गयी। जिसमें दरबाजा भी नहीं लगा हुआ था और जो गडरियों ने बनवाया हुआ था।
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क्योंकि आमतौर पर पहाड़ी इलाकों में ही अपनी भेड़ बकरियां ले कर रहते हैं पर पहाड़ों में बर्फबारी से पहले इस जंगल में आकर सर्दियां गुजारते हैं। इसलिए यह कोठा गर्मियों में और बरसात में खाली ही रहता है।जब मैं उसके अन्दर घुसी तो वहां कोई नहीं था मेरे मवेशी थोड़ी दूर सामने ही घने पेड़ों के नीचे खड़े हो कर बारिश से बचने की कोशिश कर रहे थे।
तभी कुछ बकरियां दौड़ती हुई आ कर कोठे के अंदर घुस कर खड़ी हो गयीं। कुछ देर बाद हमारे ही गांव का एक लड़का जो यह बकरियां चराता था बिल्कुल भीगा हुआ दौड़ कर अन्दर आ गया। लड़के का नाम जल्लू है और वह बीस साल का है, रंग काला नैन नक्श तीखे पर बिल्कुल गूंगा है और थोड़ा भोला है पर हमेशा साफ सुथरा रहता है।
और उसे खुशबूदार पाउडर लगाना बहुत पसंद है।बह मुझे वहां देख कर बहुत खुश हुआ और मुझे इशारे कहने लगा कि बाहर तो बहुत बारिश है अब घर जाना मुश्किल है तो मैंने भी इशारे से हां मिला दी। मैंने इशारे से कहा कि वह अपने भीगे हुए कपड़े निचोड़ ले तो उसने पहले अपने सिर पर बंधा हुआ कपड़ा निचोड़ा.
और फिर उसे अपनी कमर पे बांध कर अपना पजामा और कुर्ता ऊपर कर निचोड़ा और उन्हें कोठे के अंदर ही दिबार पर लगी हुई खूंटियों पर टांग दिया। हम दोनों कोठे के अंदर बैठने के लिए पत्थरों से बने हुए बैड पर बैठ गए। और इशारे से एक दूसरे से बातें करने लगे।
तभी उसकी बकरियों में जो सबसे बड़ा बकरा था बह अपनी गाजर जैसी लाल नूनी निकाल कर एक बकरी पर बार बार चढ़ रहा था और बह बकरी यहां से वहां भाग रही थी। पर बह उसका पीछा नहीं छोड़ रहा था। तभी मेरे दिल में एक शरारत सूझी और मैंने जल्लू को उनकी तरफ इशारा किया तो बह शरमाया और फिर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा।
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तभी मैंने इशारे से उसे बकरी को पकड़ कर रखने को कहा तो उसने उठ कर बकरी को पकड़ लिया और एक जगह पर थामें रक्खा। तभी बह बकरा बकरी पर चढ़ गया और धक्के लगाने लगा और मेरे देखते ही उसकी नूनी बकरी के अंदर घुस गई और फिर बह थोड़ी देर अपनी नूनी बकरी के अंदर फंसाए लगाओ फिर अपनी नूनी को बार निकल कर नीचे उतर गया।
तब जल्लू ने बकरी को छोड़ दिया और मेरे पास आ कर बैठ गया। थोड़ी देर बाद बकरा फिर बकरी पर चढ़ गया और बकरी आराम से खड़ी हो कर उससे चुदवाने लगी तो उन्हें देख कर मेरी चूत भी गीली होने लगी। तभी मैंने जल्लू की तरफ देखा तो बह भी उन्हीं की तरफ देख रहा था पर गीले कपड़े में उसका लंड खड़ा हो गया था जिसको उसने अपने हाथ से दबाये रक्खा था।
और बह आपने हाथ से उसे ऊपर से आहिस्ता आहिस्ता मसल रहा था । मैं भी एक हाथ से अपनी चूत को दबाये हुए थी। तभी अचानक मेरा दिल बहुत ख़राब होने लगा और मैंने जल्लू का हाथ उसके लंड से हटा दिया और अपना हाथ वहां रख दिया। जब मैंने जल्लू का लंड कपड़े के ऊपर से पकड़ा तो हैरान हो गई।
उसका लंड बहुत मोटा और सख्त था। तभी मैंने उसका कपड़ा उपर उठाया और उसके लंड को नंगा कर दिया। लंड लम्बा भी बहुत था पर बहुत ही काला था। ऐसा लंड मैंने जिंदगी में नहीं देखा था।पर मेरा दिल उससे चुदवाने को कर रहा था। मैं उसके लंड को आगे पीछे करने लगी तो लंड का सुपाड़ा बाहर निकाल आया।
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जब मैंने झुक कर उसे सूंघा तो उसमें से पाउडर की प्यारी खुशबू आने लगी। मैंने उसपर अपने होंठ रख दिए और उसे चूसने लगी।बह बहुत गर्म था। फिर मैं उठ कर जल्लू के आगे खड़ी हो गई और अपना कुर्ता ऊपर कर दिया और अपने दोनों स्तन नंगें कर दिये।
अब मैंने अपने एक हाथ से जल्लू के लंड को सहलाते हुए जल्लू का मुंह ऊपर उठाया और अपने एक स्तन पर रख दिया। जल्लू ने अपने मुंह से मेरे स्तन को चूसना शुरू कर दिया। तभी मैंने अपने एक हाथ से अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया और जल्लू का एक हाथ अपनी चूत पर रख दिया।
अब मुझ से रहा नहीं जा रहा था।अब मैंने उसे उठा कर उसका कपड़ा खोल कर उसे नंगा कर दिया और अपनी सलवार भी पैरों से निकाल दी। अब मैं पत्थरों के उसी बैड पर जल्लू के आगे झुक गई और अपनी दोनों टांगें चौड़ी करके जल्लू जो मेरे पीछे खड़ा था उसके तने हुए लंड को पकड़ कर अपनी गीली चूत के सुराख पर घिसने लगी।
फिर मैंने जल्लू के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के सुराख पर सैट कर के आगे को खींचा तो लंड का सुपाड़ा अन्दर नहीं जा सका तो मैंने सीधे खड़े हो कर जल्लू के सामने अपनी चूत में अपनी एक उंगली घुसा कर उसे इशारे से समझाया कि यहां लंड डालना है और फिर अपनी कमर का जोर का धक्का लगा कर समझाया कि ऐसे जोर का धक्का लगाना है और फिर मैं दोबारा झुक गई।
अब मैंने झुक कर अपनी गांड़ को थोड़ा ऊपर उठाया और लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर फिट कर के जल्लू के दोनों हाथ अपने नितम्बों पर रखे तो उसने उनको पकड़ कर मुझे अपनी ओर खींचते हुए जब ज़ोर से धक्का लगाया तो मेरे मुंह में से चीख निकल गई और उसका काला मोटा तना हुआ लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ आधे से ज्यादा मेरे अंदर घुस गया।
फिर उसने एक धक्का और लगाया और अपना पूरा लंड मेरी बच्चेदानी तक पहुंचा दिया। मेरी आंखों में से आंसू निकल आए। अब मैं थोड़ी देर ऐसे ही रुकी रही। फिर मैं अपनी गांड़ को आगे पीछे कर के उसका लंड अंदर बाहर करने लगी। मुझे बहुत मजा आने लगा। “Village Jungle Aurat Sex”
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अब उसको भी मज़ा आने लगा होगा तभी तो बह भी धक्के लगा लगा कर अपना लंड आगे पीछे कर रहा था। उसने मेरी कमर को जोर से पकड़ लिया और जोर जोर से धक्के लगाने लगा। मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगी और मैं थोड़ी देर बाद झड़ गई पर वह कस कस कर धक्के लगाता रहा।
फिर उसके लंड से मेरे अंदर गर्म गर्म पिचकारी छूट गई और बह मेरी चूत में लंड घुसाए हुए मेरी पीठ पर लुढ़क गया। थोड़ी देर बाद मैंने उसे अपने ऊपर से हटाया। और उसका लंड अपनी चूत में से बाहर निकाल दिया। फिर मैंने उसीके कपड़े से उसके लंड को साफ़ किया जिसमें से अभी तक वीर्य निकल रहा था।
फिर मैंने एक साईड में बैठ कर पैशाव किया और जोर लगा कर उसका वीर्य बाहर निकालने की कोशिश की। मेरी चूत में से बहुत देर तक उसका वीर्य निकलता रहा। फिर मैंने बाहर देखा तो बारिश बहुत ही ज़ोर से बरस रही थी। पर मेरी चूत की आग ठंडी हो गई थी।
फिर जब मैं आ कर अपनी सलवार पहनने लगी तो देखा कि जल्लू बैड पर बैठा हुआ था और उसके हाथ में उसका लंड था जो फिर से खड़ा हो गया था। जल्लू ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया तो मैंने भी जल्लू के गाल को चूम लिया और उससे लिपट गई। “Village Jungle Aurat Sex”
थोड़ी देर में मैं भी गर्म हो गई और मैंने अपना कुर्ता भी उतार दिया और बिल्कुल नंगी हो गई और कपड़े नीचे बिछा कर पीठ के बल लेट गई और अपनी दोनों टांगें चौड़ी करके जल्लू को अपने ऊपर खींच लिया और उसका लंड अपनी चूत पर रख कर उसे चोदने का इशारा किया।
अब जल्लू मेरे मम्मों को चूसते हुए मेरी गालों को चाटते हुए मेरी चूत को गपागप चोदने लगा। मैं दो बार और झड़ गई फिर आधे घंटे तक चोदने के बाद बह मेरे ऊपर ही ढेर हो गया। थोड़ी देर बाद हम उठे और नंगें ही बाहर बारिश में नहाने लगे तो जल्लू का लंड फिर खड़ा हो गया और उसे देख कर मेरे मुंह में फिर से पानी आ गया.
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तो मैं जल्लू से फिर लिपट गई और उसके गले में बांह डाल कर अपनी एक टांग उसकी कमर पर चढ़ा कर उसका लंड फिर अपनी चूत में घुसा दिया और खड़े खड़े ही एक बार और चुदवा लिया। फिर हम ने अपने अपने कपड़े पहने और बारिश के रुकने का इंतजार करने लगे।
तब तक मैंने जल्लू को इशारे से सब समझा दिया था कि बह इसके बारे में कभी किसी को न बताएगा तो मैं फिर भी कभी कभी उसके लंड को मज़ा देती रहूंगी। अब जब भी मैं अपने पति से चुदवाती हूं तो मुझे जल्लू के लंड की याद बहुत आती है।
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